झारखंड के कामगारों की वतन वापसी: मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार की कार्रवाई
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद दुबई में फंसे गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद के 15 कामगारों के वतन वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कामगारों ने वीडियो जारी कर राज्य सरकार से वतन वापसी में सहयोग की अपील की थी।
कामगारों के लिए सरकार की कार्रवाई
- वतन वापसी की प्रक्रिया: मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा कामगारों को भोजन, पानी एवं आवश्यक दैनिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराने, Masai Contracting L.L.C. कंपनी से बकाया वेतन दिलवाने एवं कामगारों के शीघ्र वतन वापसी के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय दूतावास, अबूधाबी / दूतावास, दुबई से अनुरोध किया गया।
- बकाया पारिश्रमिक का भुगतान: कंपनी द्वारा अप्रैल 2025 का वेतन कुल ₹5,55,242.07 भुगतान किया गया।
- वतन वापसी की व्यवस्था: कंपनी द्वारा भारत वापसी की व्यवस्था का आश्वाशन दिया गया है।
कामगारों की समस्या और सरकार की कार्रवाई
- वेतन का भुगतान नहीं: कामगारों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है।
- वित्तीय सहायता की कमी: कंपनी द्वारा किसी प्रकार का वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
- मकान का किराया नहीं देने पर पानी की आपूर्ति बंद: जिन मकानों में वे रह रहे हैं, वहाँ मकान का किराया नहीं देने पर पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार की कार्रवाई से कामगारों की वतन वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने कामगारों के बकाया पारिश्रमिक का भुगतान कराने और उनकी वतन वापसी की व्यवस्था करने के लिए कदम उठाए हैं।
Jul 04 2025, 17:53