*किराने की दुकान पर उर्वरक खाद मिलने पर लाइसेंस निरस्त*
सुल्तानपुर,जिले में यूरिया,डीएपी सहित अन्य उर्वरकों की किल्लत को लेकर कृषि विभाग अधिकारी ने अभियान चलाया। इस दौरान एक किराने की दुकान में उर्वरक बिकता पाया गया, जिसके बाद उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। इसके साथ ही दो अन्य दुकानों का भी लाइसेंस निलंबित किया गया,कई को नोटिस जारी किया गया है। खाद व डीएपी की किल्लत के बाद हरकत में आए कृषि विभाग अधिकारी ने दुकानों का किया निरीक्षण। जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने टीम के साथ ओवर रेटिंग और टैगिंग निरीक्षण के दौरान कुड़वार बाजार मे अशोक खाद भंडार पर फर्म का बोर्ड नहीं व स्टॉक/रेट बोर्ड नहीं भरा नहीं पाया गया। किराना की दुकान पर उर्वरक की बिक्री करते पाए जाने पर लाइसेंस निलंबित कर दिया गयाl
*अवैध आरा मशीन संचालन में दो के खिलाफ मुकदमा*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज के इटकौली गांव में अवैध आरा मशीन संचालन के मामले में वन कर्मी की तहरीर पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। उप क्षेत्रीय वनाधिकारी बृजेश यादव के मुताबिक, शुक्रवार देररात पता चला कि इटकौली निवासी रफीक एक अन्य अवैध आरा मशीन का संचालन कर रहे हैं। ये लोग पहले भी अवैध ढंग से आरा मशीन चलाते थे,जिसे ध्वस्त करा दिया गया था।
उप क्षेत्रीय वनाधिकारी अपने बीट प्रभारी देवनाथ यादव के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर आरामशीन का ढांचा दिखा,लेकिन मशीन का कोई पार्ट नहीं मिला। गोसाईगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक राम आशीष उपाध्याय ने बताया कि बीट प्रभारी देवनाथ यादव की तहरीर पर दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
*लग्ज़री कार से स्टंटबाज़ी करते युवकों का वीडियो हुआ वायरल*

सुल्तानपुर लग्ज़री कार से स्टंटबाज़ी करते युवकों का वीडियो हुआ वायरल।

कार की खिड़कियों से बाहर झूलते और छत पर खड़े होकर स्टंट करते नज़र आए कार सवार।

सुल्तानपुर लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग स्तिथ अमहट चौराहे से असरोगा टोल प्लाजा के बीच का मामला।
*अगईपुर में युवक की हत्या मामले में गांव वाले हुए उग्र*
प्रतापगंज बाजार के अगईपुर में युवक की हत्या मामले में गांव वाले हुए उग्र

भारी तादाद में पुलिस मौके पर मौजूद अधिकारी समझाने बुझाने का कर रहे प्रयास

बीते शनिवार को प्रतापगंज नहर में मिली थी सुमित नाम के युवक की लाश,

परिवारीजनों ने लगाया है हत्या का आरोप,संदिग्ध में दर्ज हुई है एफ आई आर।

कोतवाली देहात के प्रतापगंज उगईपुर(बिसापुर) में भारी तादाद में पुलिस तैनात,आसपास के थानों की फोर्स बुलाई गई।
*50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों में आक्रोश,शिक्षक संघ की वर्चुअल बैठक में बना रणनीति का खाका*
*जनपद में 30 जून को ग्राम स्तर पर होगी संयुक्त बैठक, अभिभावकों की चिंता और सुझावों पर बनेगा प्रस्ताव*

सुलतानपुर, प्रदेश सरकार की ‘पेयरिंग नीति’ के तहत 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किए जाने की प्रक्रिया को लेकर जनपद में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की जनपदीय संयुक्त कार्य समिति की एक वर्चुअल बैठक रविवार को आयोजित की गई, जिसमें आगामी रणनीति और अभिभावक-शिक्षक संवाद पर निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मांडलिक संगठन मंत्री एवं जनपदीय अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने की। बैठक में जिला प्रवक्ता निजाम खान ने बताया कि पेयरिंग नीति को लेकर प्रदेश नेतृत्व को लगातार शिक्षक एवं अभिभावकों से फोन पर आक्रोशपूर्ण संदेश प्राप्त हो रहे हैं। कई अभिभावकों ने बच्चों के भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। इसी पृष्ठभूमि में शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने निर्देश जारी किया है कि 30 जून को सभी ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंधन समिति एवं अभिभावकों की एक संयुक्त बैठक आयोजित कर जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाए। जनपदीय कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में यह तय किया गया कि जनपद के सभी ब्लॉक अध्यक्ष 30 जून को अपने-अपने क्षेत्र में उक्त बैठकें आयोजित करेंगे। बैठक में अभिभावकों की राय, बच्चों की उपस्थिति, विद्यालय की भौगोलिक स्थिति आदि पहलुओं पर चर्चा कर एक प्रस्ताव तैयार कर प्रांतीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। इसी प्रस्ताव के आधार पर आगे संगठन यह तय करेगा कि पेयरिंग व्यवस्था का समर्थन किया जाए अथवा विरोध। वर्चुअल बैठक में जनपद के तमाम पदाधिकारी एवं ब्लॉक अध्यक्ष शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से – संयुक्त मंत्री प्रशांत पाण्डेय, जिला उपाध्यक्ष विनोद कुमार यादव, दूबेपुर अध्यक्ष राम बहादुर मिश्र, भदैया से अंजनी शर्मा, कादीपुर से अनिल यादव, बल्दीराय से राज बख्श मौर्य, कुड़वार से निजाम खान, करौंदी कलां से अखिलेश सिंह, दोस्तपुर से गोमती मिश्र, मोतिगरपुर से अखिलेश उपाध्याय, लंभुआ से केदारनाथ दूबे, बल्दीराय मंत्री शिव नारायण वर्मा, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष धीरेंद्र राव, बिमलेश कुमार, रवि यादव आदि मौजूद रहे।
सुल्तानपुर
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खैराबाद मदरसा जामिया इस्लामिया व अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा की वैनर तले प्रांगण में जलसा शुहादा-ए-इस्लाम का का दूसरा सत्र संपन्न*

सुल्तानपुर,खैराबाद स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया व अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा की वैनर तले मदरसा जामिया इस्लामिया खैराबाद के प्रांगण में जलसा शुहादा-ए-इस्लाम का दूसरा सत्र संपन्न हो हुआ। जामिया इस्लामिया सुल्तानपुर में देर रात दस दिवसीय शहीदे इस्लाम के जलसे का दूसरा सत्र आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता जामिया के नाज़िम-ए-आला हज़रत मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी ने की और संचालन की ज़िम्मेदारी हज़रत मौलाना मुहम्मद उसामा साहब सुल्तानपुरी ने निभाई। समारोह की शुरुआत जामिया के छात्र मुहम्मद आबिद के कुरआन के पाठ से की और मुहम्मद अजमल सलमा ने मनकबत की कविताएं सुनाईं। बीवियां मस्जिद के इमाम मौलाना मुहम्मद कसीम साहब ने अपना मुख्य भाषण देते हुए कहा कि सहाबा सच्चाई और ईमानदारी का मानक हैं, सहाबा सच्चाई की कसौटी हैं। उनके बाद हजरत मौलाना ने हजरत अब्दुल रहमान बिन औफ की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला, यहां तक कि मौलाना ने कहा कि हजरत अब्दुल रहमान बिन औफ ने खुदा की राह में बहुत पैसा खर्च किया। यहां तक कि तबूक की लड़ाई के अवसर पर उन्होंने खुदा के पैगंबर को दो सौ औंस सोना भेंट किया, जिसकी मात्रा आधुनिक समय में दो किलोग्राम से कुछ अधिक होगी। इसी तरह मौलाना ने उपरोक्त सहाबा का जिक्र करते हुए कहा कि एक अवसर पर उन्होंने अपनी एक जमीन 40,000 दीनार में बेची और सारा पैसा मदीना के गरीबों और जरूरतमंदों में बांट दिया। इसी तरह एक बार उनके सात सौ ऊंट व्यापार के लिए मदीना आए और सारा व्यापार का सामान मदीना के लोगों और पैगंबर की पत्नियों में बांट दिया गया। संक्षेप में, हज़रत अब्दुर रहमान बिन औफ़ ने हर महत्वपूर्ण मोड़ पर अपनी आत्मा से इस्लाम धर्म को पोषित किया है, और उनके कार्य प्रमुख रहेंगे! मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ से आए हजरत मौलाना अब्दुल अली फारूकी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि सुल्तानपुर के लोगों से मुझे जो प्यार मिलता है, उसे शब्दों में बयां करना संभव नहीं है, लेकिन हां, यह हजरत इमाम अहल-ए-सुन्नत के रिश्ते से है, अन्यथा हमारे पास यह फूल कहां और कहां होता? मौलाना ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि यह इस्लाम के शहीदों की दुआओं का फल है, जो कई वर्षों से यहां और हमारे लखनऊ में और देश के विभिन्न और असंख्य हिस्सों में आयोजित किए जाते हैं। मौलाना ने कहा कि इस्लाम के शहीदों की कुर्बानी के ऐसे जलसा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि लोगों ने यह समझ लिया है कि मुहर्रम का यह महीना केवल हजरत इमाम हुसैन रजी.की शहादत के लिए ही जाना जाता है, बल्कि इसकी पवित्रता और उत्कृष्टता पहले दिन से ही है और यह महीना गम का महीना नहीं है, बल्कि आम महीनों की तरह एक महीना है जिसमें गम मनाने की कोई वजह नहीं है। इसी तरह इस्लाम के दूसरे खलीफा हज़रत उमर फारूक रजी. द्वारा इस्लाम धर्म के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया और बताया कि कैसे हज़रत उमर के इस्लाम धर्म अपनाने से इस्लाम धर्म की उन्नति में योगदान मिला। सभी साथी पैगंबर (PBUH) के अनुयायी थे, लेकिन हजरत उमर पैगंबर (PBUH) के दूत थे। मौलाना ने कहा कि हज़रत हुसैन की शहादत के कारण इस महीने को ग़म का महीना कहना न तो शाब्दिक है और न ही तर्कसंगत। शहादत एक सम्मान है, शहादत एक सम्मान है और शहादत एक लक्ष्य है और मोमिन की चाहत है। मौलाना ने एक अजीब बात कही कि जिसे जिंदगी और लंबी उम्र प्यारी न हो, फिर साथियों की शहादत की चाहत का क्या मतलब? अगर हम कुरान पर गौर करें तो पाएंगे कि शहीद जिंदा होते हैं, इसीलिए साथियों ने भी शहादत की दुआ की और कहा कि जब शहादत ही जिंदगी है तो फिर हजरत हुसैन की शहादत पर मातम मनाना और छाती पीटना कैसे जायज हो सकता है!? मौलाना ने धार्मिक जोश और देशभक्ति के आधार पर मुसलमानों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों का नाम हजरत उमर के हत्यारे अबू लुलु फिरोज नामक मगियान और पैगम्बर (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) के मुबारक खत को अपने पैरों तले कुचलने वाले खुसरो परवेज नामक बादशाह के नाम पर न रखें! अंत में मौलाना द्वारा स्वयं एक छोटी सी प्रार्थना के साथ जलसा का समापन किया। कार्यक्रम में शहर और आस-पास के क्षेत्रों के बुजुर्ग,विश्वविद्यालय के प्रोफेसर,विश्वविद्यालय के छात्र और बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। जामिया इस्लामिया के नाज़िम-ए-आला हज़रत मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी ने सभी श्रोताओं अतिथियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया! 28-6-2025

*गोमती मित्र भी बोल पड़े वाह भई वाह,देश प्रेमी हो तो हो जैसे थे भामाशाह*
सुल्तानपुर,गोमती मित्र मंडल का हर रविवार होने वाला साप्ताहिक श्रमदान 29 जून को भी तपती धूप में प्रातः 6:00 बजे से शुरू होकर 9:00 तक चलता रहा,जैसे-जैसे सूरज ऊपर चढ़ता गया गोमती मित्रों को श्रमदान की थकान महसूस होने लगी और पूरा जिस्म पसीने से लथपथ हो गया। लेकिन फिर भी क्योंकि पूरा परिसर साफ करना था साफ करके ही रुकना था। इसलिए ना जल्दबाजी थी ना धूप की परवाह और 3 घंटे की अथक मेहनत के बाद पूरा परिसर साफ हो गया तब गोमती मित्रों ने श्रमदान से विश्राम लिया,मेवाड़ नरेश महाराणा प्रताप के विश्वस्त सहयोगी व्यवसायी भामाशाह की जयंती पर गोमती मित्रों ने मां गोमती के तट पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया,प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने जब गोमती मित्रों को भामाशाह के देश प्रेम एवं दानवीरता के किस्से बताये तो गोमती मित्र भावुक हो गये,सभी ने एक स्वर में कहा देश प्रेमी हो तो भामाशाह जैसा। श्रमदान कार्यक्रम में संरक्षक रतन कसौधन, प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन,प्रबंधक राजेंद्र शर्मा,मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,आलोक तिवारी,मुन्ना सोनी मुन्ना,पाठक,राकेश सिंह दद्दू,विपिन सोनी, राम क्विंचल मौर्य,अजय प्रताप सिंह,सुजीत कसौधन,अमित पांडा,आयुष,अर्पित,यश,अर्जुन आदि उपस्थित रहे।
*अनियंत्रित ट्रैक्टर ने ई-रिक्शे में मारी टक्कर तीन घायल*
सुलतानपुर,लम्भुआ कोतवाली क्षेत्र के लम्भुआ अर्जुनपुर मार्ग पर जनवारी नाथ धाम ई-रिक्शे UP 44 BT 4005 से दर्शन करने जा रहे हैं लोगों को अनियंत्रित ट्रैक्टर UP 72 Y 3278 ने जोरदार टक्कर मार दी जिसमें हरेन्द्र पुत्र राम कुमार यादव उम्र लगभग 30 साल प्रतिभा पत्नी हरेन्द्र उम्र लगभग 28 साल निवासी अहिरौली मोतिगरपुर अंजलि पुत्री लाल जी यादव निवासी कामतागंज उम्र लगभग 14 साल के पैर में फैक्चर हो गया जिन्हें एम्बुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लम्भुआ ले जाया गया अंजलि हरेन्द्र की स्थिति को गम्भीर देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया।
*पहली मुहर्रम को इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अबू बक्र सिद्दीक पर व्याख्यान प्रस्तुत किया मुफ्ती अब्दुर रहमान*
*मदरसा जामिया इस्लामिया में शोहदा ए इस्लाम जलसा का आयोजन*

सुल्तानपुर जिले के खैराबाद स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया में नए इस्लामिक साल के महीने की पहली मोहर्रम को शोहदा -ए -इस्लाम जलसा का आयोजन किया गया। यह सिलसिला दस मुहर्रम तक जारी रहेगा। जिसमें दूर-दराज से देश के कोने-कोने से इस्लाम भाष्यकार और टीकाकार के विद्वान इस्लाम के अनुसार चलने और उसके उद्देश्य क्या है,इस्लाम में मुसलमानों का  सदाचरण, सद्व्यवहार कैसा होना चाहिए। इस्लाम के लिए अपनी जान माल सब कुछ कुर्बान करने वाले तमाम ऐसे शहीद  है जिनको मुसलमान जानते ही नहीं है ऐसे शहीदों के बारे में सत्य और तर्क संगत और  तथ्यात्मक रूप से जानकारी देना इस्लाम के बारे कुरआन और हदीश  की विभिन्न सूक्ष्म से सूक्ष्म विषयों पर विस्तार से व्याख्यान प्रस्तुत करते है। जिसकी सदारत अध्यक्षता मदरसा जामिया इस्लामिया के नाजिम ए आला मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी ने किया जलसा,शोहदा ए इस्लाम जलसा को मदरसे के एक छात्र ने कुरआन पाक की तिलावत करके शुरुआत किया। जलसा शोहदा ए इस्लाम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता (मुकर्ररि) मुफ्ती अब्दुर रहमान मुरादाबादी ने इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अबू बक्र सिद्दीक के बारे में विस्तृत रूप से रोशनी डाली इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्लललाहु अलैहि वसल्लम के पर्दा फ़रमाने के बाद इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अबू बक्र सिद्दीक रजी. बने जिन्होंने अल्लाह और इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम  से बेइंतेहा मुहब्बत करते रहे। और उन्होंने हर जगह रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथ खड़े रहे अपनी जान - माल सब कुछ कुर्बान करने को तैयार कर दिया ।उनके खिलाफत के दौर में इस्लाम के खिलाफ बहुत से फ़ितने खड़े किए गए जिसका हजरत ने बहादुरी से मुकाबला किया और कड़े फैसले लिए तथा तमाम  फ़ितनों का खात्मा किया। उन्होंने इस्लाम की बुनियाद को मजबूत किया।

जलसा का नियामत (संचालन) मौलाना मुहम्मद ओसामा कासमी ने किया।हजारों की संख्या में लोग इस्लामिक इतिहास और इस्लाम के शहीदों के बारे में जो भ्रांतियां थी उसकी जानकारी से लाभान्वित हुए।इस मौके पर ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के तमाम संभ्रांत लोग मौजूद रहे।