कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेष पांडे को मिली धमकी, कॉलर ने कहा- मंजू पांडेय को समझा देना 20 लाख दे दे, वरना बेटी को कर लूंगा अगवा

बिलासपुर- कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेष पांडे को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर धमकी देते हुए 20 लाख रुपये की मांग की है। फोन करने वाले ने शैलेष पांडे से कहा कि सहकारिता की उप पंजीयक मंजू पांडेय को समझा दो रकम दे दे, नहीं तो मंजू पांडेय की बेटी को अगवा कर लेगा। साथ ही उसने अश्लील गाली-गलौज भी की। इस मामले की शिकायत शैलेष पांडे ने सकरी थाना में दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक शैलेष पांडे ने सकरी पुलिस को दिए लिखित आवेदन में बताया कि 25 जून 2025 दोपहर करीब 11:40 बजे, उन्हें उनके मोबाइल नंबर 9425564330 पर अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को “बच्चु, बिहार से” बताते हुए कहा कि “मंजू पांडेय को समझा देना कि वह मुझे 20 लाख रुपये दे दे, वरना उसकी बेटी जो दिल्ली में पढ़ाई कर रही है, उसे मैं अगवा कर लूंगा।” इसके बाद उसने अश्लील गालियां दीं और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया।

शैलेष पांडे की शिकायत पर आरोपी मोबाइल धारक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 296 और 351(2) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

इस मामले को लेकर पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि सहकारिता की उप पंजीयक मंजू पांडेय से रकम मांगने और उसकी बेटी को उठाने की बात आरोपी में उनसे क्यों की।

वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने वाले 6 ग्रामीण गिरफ्तार, पुलिस की जांच जारी

बालोद- डौंडी परिक्षेत्र के पेवारी गांव में परकुलेसन टैंक का निरीक्षण करने गए डिप्टी रेंजर, वन पाल, दो फॉरेस्ट गार्ड पर हमला मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस की जांच जारी है. घटना में शामिल अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

बालोद एसपी योगेश पटेल ने बताया, ग्रामीणों के हमले से डिप्टी रेंजर समेत 4 वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डौंडी में इलाज कराया गया, जिसके बाद वन विभाग के आला अधिकारी थाने पहुंचे और 6 नामजद के साथ अन्य ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. मामले की गंभीरता को देखते हुए डौंडी पुलिस ने मामला दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में सोमनाथ, बेदूराम, अर्जुन, तुलसीराम, तुलाराम और भोलाराम शामिल हैं. साथ ही अन्य लोगों की जांच के बाद गिरफ्तारी की बात कही जा रही है.

बता दें कि डौंडी परिक्षेत्र के ग्राम पेवारी में वन विभाग भू-जल स्तर बढ़ाने शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत परकुलेसन टैंक का निर्माण कराया जा रहा था. जिस जगह कार्य कराया जा रहा वह जमीन वन विभाग की है, जिस पर ग्रामीणों ने कब्जा किया हुआ था. इस जमीन को कब्जा मुक्त कराकर वन विभाग काम करा रहा था.

कुछ लोगों को गांव में वन अधिकारी पट्टे का वितरण भी किया जा चुका है. इसी वजह से ग्रामीण चाहते थे कि जिस जमीन पर उन्होंने कब्जा किया है उसका पट्टा मिल जाए, लेकिन वन विभाग के काम कराने से भविष्य में उनको पट्टा नहीं मिल पाएगा. इसी डर से ग्रामीणों ने वन विभाग के सरकारी काम में बाधा डालते हुए वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था और बंधक भी बना लिया था.

मंत्रिमंडलीय उप समिति द्वारा बैठक में धान के त्वरित निराकरण हेतु लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर- खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक महानदी भवन, मंत्रालय, नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित की गई। बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है, जो राज्य गठन के पश्चात अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।उपार्जित धान का कस्टम मिलिंग के माध्यम से त्वरित निराकरण किया जा रहा है। भारत सरकार एवं नागरिक आपूर्ति निगम से प्राप्त चावल उपार्जन लक्ष्य के अतिरिक्त लगभग 35.00 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के निराकरण हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा ई-नीलामी (ई-ऑक्शन) के माध्यम से विक्रय का निर्णय लिया गया है। इस हेतु एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म पर नीलामी की प्रक्रिया संपादित की गई। प्रथम चरण की निविदा में प्राप्त दरों को मंत्रिमंडलीय उप समिति द्वारा 29 अप्रैल 2025 को अनुमोदित किया गया था। उक्त दरों पर लगभग 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया है। शेष स्टेकों के निराकरण हेतु उच्चतम बोली लगाने वाले निविदाकारों (H-1) एवं अन्य निविदाकारों को अनुमोदित दर पर प्राइस मेचिंग का अवसर प्रदान किया गया है, जिससे शासन द्वारा पारदर्शिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हुए अतिशेष धान का निराकरण अविलंब हो सके।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 78 संग्रहण केन्द्रों में कुल 31.48 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण किया गया है, जिसमें से लगभग 18.91 लाख मीट्रिक टन का निराकरण प्राइस मेचिंग एवं ऑक्शन के माध्यम से किया जा चुका है। वर्तमान में लगभग 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष है। त्वरित उठाव सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला विपणन अधिकारियों एवं संग्रहण केन्द्र प्रभारियों को आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए हैं। संग्रहण केन्द्रों में वाहनों की आवाजाही सुगम करने एवं हमालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे धान का उठाव तेजी से हो और क्रेताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

बैठक में जानकारी दी गई कि निविदाकारों को एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म पर पंजीयन उपरांत अमानत राशि जमा करने पर प्राइस मेचिंग करने का विकल्प उपलब्ध है। प्राइस मेचिंग करने की तिथि से 7 दिवस के भीतर निविदाकारों को सुरक्षा निधि के रूप में क्रय किए गए धान के कुल मूल्य की 3 प्रतिशत राशि जमा करनी होती है। तत्पश्चात निर्धारित अवधि के भीतर क्रेता को स्टेक का वास्तविक मूल्य ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म में जमा करना होता है। राशि विपणन संघ को प्राप्त होते ही क्रेता को लिफ्ट ऑर्डर जारी किया जा रहा है। उक्त अनुक्रम में आज आयोजित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे निविदाकार जिनके द्वारा ईआक्शन प्लेटफॉर्म में प्राइस मेचिंग के दौरान निर्धारित समय-सीमा में सुरक्षा निधि जमा नहीं किया जा सका है, अथवा धान का क्रय मूल्य (MVP) समय सीमा में जमा नहीं किया गया है अथवा विलंब से जमा किया गया है, उन्हें अब 15 जुलाई 2025 तक की अंतिम समय-सीमा प्रदान की गई है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा हेतु शेष मात्रा के जमा करने हेतु अवधि को बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 कर दिया गया है। प्रदेश के राइस मिलरों में शासन द्वारा लिए गए इन निर्णयों के प्रति उत्साह देखा गया है। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को धन्यवाद ज्ञापन भी सौंपा है।


प्राइस मेचिंग के दौरान मिलरों एवं क्रेताओं को आ रही तकनीकी समस्याओं के निराकरण एवं आवश्यक मार्गदर्शन हेतु महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन भी किया गया है, जिससे समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित हो सके।

बैठक में बताया गया कि इसी अनुक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में से केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। इस पर भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के हित में सकारात्मक विचार करने का आश्वासन प्रदान किया गया है।

बैठक में खाद्य सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले, वित्त सचिव मुकेश बंसल, उद्योग सचिव रजत कुमार, संचालक खाद्य, प्रबंध संचालक मार्कफेड तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

सरगुजा में जुटेंगे देशभर के वैज्ञानिक, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय में होगा 20वें छत्तीसगढ़ यंग सांइटिस्ट कांग्रेस-2025 का आयोजन

अम्बिकापुर- सरगुजा को शोध और अनुसंधान का सहगामी बनना है। विज्ञान के लिए संसाधन जुटाना और समाज के लिए लक्ष्य प्राप्त करना उद्देश्य है। यह बातें संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय में दो दिवसीय 20वें छत्तीसगढ़ यंग सांइटिस्ट कांग्रेस-2025 की पत्रवार्ता के दौरान कुलसचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कही। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में उन्होंने कहा कि आयोजन की तैयारियां पूरी हैं, इसमें शोध करने वाले और अनुसंधान के प्रति जिज्ञासा रखने वाले दोनों शामिल रहेंगे। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि प्रयोगशाला के शोध को समाज में और प्रकृति के रोचक-रोमांचक कार्य जो बहुजन हिताय समाज में लाना है। उन्होंने कहा कि सरगुजा में शोध को अगली पीढ़ी के बीच पहुंचाना है। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि हमे धन्वंतरि जयंती, चरक जयंती को अनुसंधान के स्तर पर मनाना चाहिए।

संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने सभी को दो दिनों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कन्वीनर एच.एस.पी.टोंडे ने बताया कि विज्ञान की 20 विधाओं में शोध पत्र आमंत्रित थे जिसमें बुधवार तक 187 पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि 89 शोध पत्रों को मानक के अनुसार चयन किया गया है।

छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नोलॉजी के डायरेेक्टर जनरल के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. वसीम रजा ने बताया कि प्रत्येक विधा से एक यंग साइंटिस्ट का चयन प्रजेंटेशन और शोध पत्र के माध्यम से होगा, जिसे 21.000 का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा। उन्होंनेे बताया कि विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ दो वर्ष का शोध अनुभव होना चाहिए तथा उसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे शोधार्थी को देश के एंडवांस्ट शोध केन्द्र में शोध कार्य का अवसर मिलेगा, जिसका खर्च सीजी कॉस्ट द्वारा प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम महान गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक रामानुजन के सन्दर्भ में 28 फरवरी कोे आयोजित होने वाला था, किन्हीं कारणों से आज आयोजित है।

विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी आनन्द कुमार ने बताया कि 27.06.2025 और 28.06.205 को राजमोहिनी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र अजिरमा में दो दिवसीय यंग साईंटिस्ट कार्यक्रम आयोजित है। उद्घाटन सत्र और समापन सत्र के अतिरिक्त प्रत्येक दिन 10-10 विधाओं के शोध पत्रों का वाचन होगा। उन्होंनेे बताया कि प्रथम दिन उद्घाटन सत्र दिन में 11 बजे प्रारम्भ होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री राम विचार नेताम, विशिष्ट अतिथि सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कार्यक्रम के संरक्षक सह अध्यक्ष प्रेम प्रकाश सिंह, छत्तीसगढ़ कौंसिल के डायरेक्टर जनरल एवं कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. एस. कर्मकार और मुख्य वक्ता आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर राजीव प्रकाश उपस्थित रहेंगे।

सह आयोजक, कन्वीनर सीजी कॉस्ट के यंग साईंटिस्ट कांग्रेस के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. जॉयस राय ने बताया कि यह खुशी का पल है कि सरगुजा में शोध-अनुसंधान का एक नया आयाम शुरू होगा। कार्यक्रम के सह कन्वीनर डॉ. धीरज कुमार यादव एवं डॉ. जुनैद खान आदि उपस्थित रहे।

लोकतंत्र सेनानियों का संघर्ष हम सबके लिए प्रेरणास्रोत - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। आज हम लोकतंत्र की फिजा में जिस आज़ादी का अनुभव कर रहे हैं, उसकी कीमत आपातकाल के दौरान कुछ लोगों ने यातना, अपमान और जेलों में समय काटकर चुकाई थी। इन लोकतंत्र सेनानियों की पीड़ा और संघर्ष को हर पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित आपातकाल स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोकतंत्र विरोधी ताकतों से सावधान रहने और लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को बेड़ियों में जकड़कर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। यह सब स्वतंत्र भारत में हुआ, लेकिन उस अमानवीयता ने अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की याद दिला दी। आपातकाल के दौरान असहनीय कष्ट सहने वाले लोकतंत्र सेनानी आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उन्होंने सच्चिदानंद उपासने द्वारा लिखित पुस्तक ‘वो 21 महीने: आपातकाल’ का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 25 जून 1975 को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। आपातकाल में हजारों लोगों को बिना अपराध के जेलों में ठूंस दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए और लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उन्होंने इस त्रासदी को बहुत करीब से देखा है। उनके स्वर्गीय बड़े पिताजी नरहरि प्रसाद साय भी उस दौर में 19 महीने तक जेल में बंद रहे थे। उनके द्वारा सुनाए गए किस्से आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार लोकतंत्र सेनानियों को बेड़ियों में जकड़कर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह सब स्वतंत्र भारत में हुआ, लेकिन उस अमानवीयता ने अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पुनः याद दिला दी। उन्होंने कहा कि आपातकाल में कलाकारों की स्वतंत्रता तक छीनी गई। पार्श्व गायक किशोर कुमार द्वारा सरकारी प्रचार गीत गाने से इनकार करने पर उनके गीतों पर आकाशवाणी में प्रतिबंध लगा दिया गया था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी, जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया। हमारी सरकार ने न केवल यह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की, बल्कि पूर्व सरकार द्वारा रोकी गई पिछले पाँच वर्षों की बकाया राशि का भी भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी और उनके परिजनों को ₹25,000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, विधानसभा में एक अधिनियम पारित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में कोई भी सरकार इस सम्मान योजना को समाप्त न कर सके।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में आपातकाल की भयावहता और लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आपातकाल के 21 महीनों की प्रताड़ना और लोकतंत्र पर हुए आघात को देश के हर नागरिक तक पहुँचाना आज की पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है। डॉ. सिंह ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि आज मीसाबंदी आंदोलन के सहभागी और उनके परिजन हमारे बीच हैं। उन्होंने आपातकाल को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि उस समय पूरे देश को एक विशाल जेल में बदल दिया गया था। लोकतंत्र के स्तंभ—न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया—को निष्क्रिय कर दिया गया था। प्रेस पर सेंसरशिप थोप दी गई थी और सच्चाई बोलने वालों को जेलों में डाल दिया गया था। उन्होंने बताया कि देश उस समय गहरे आर्थिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा था—मंहगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार चरम पर थे। जनता के भीतर आक्रोश पनप रहा था और उसी को कुचलने के लिए आपातकाल थोपा गया। उन्होंने कहा कि यदि आज लोकतंत्र जीवित और मजबूत है, तो इसका श्रेय उन सेनानियों को जाता है जिन्होंने अपार कष्ट सहकर भी संविधान और देश की आत्मा की रक्षा की।

इस अवसर पर पवन साय और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक मोतीलाल साहू, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नन्द कुमार साहू, लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी एवं उनके परिजन उपस्थित थे।

दो मासूमों की तालाब में डूबने से मौत

सरगुजा-  लसरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम केरजू में दो मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चे साइकिल धोने तालाब पहुंचे थे, जहां फिसलने के कारण वे गहरे पानी में चले गए और डूब गए। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।

जानकारी के अनुसार, नवीन अग्रवाल का 9 वर्षीय पुत्र आरव अग्रवाल और संजय अग्रवाल का 7 वर्षीय पुत्र अंश अग्रवाल, जो आपस में पड़ोसी भी थे, अपने अन्य दोस्तों के साथ साइकिल लेकर खेलने निकले थे। खेल-खेल में सभी बच्चे घर के पास स्थित तालाब पर साइकिल धोने चले गए।

साइकिल धोते समय अचानक आरव और अंश का पैर फिसल गया और दोनों गहरे पानी में डूबने लगे। साथ में मौजूद अन्य बच्चों ने शोर मचाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने दौड़कर दोनों को बाहर निकाला। उस वक्त तक दोनों बेहोश हो चुके थे।

ग्रामीणों ने बच्चों को तत्काल कांसाबेल अस्पताल पहुंचाया, जहां से स्थिति गंभीर होने पर अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया।

आरव और अंश न सिर्फ पड़ोसी थे बल्कि गहरे दोस्त भी थे। दोनों अक्सर एकसाथ खेलते, घूमते और हर वक्त साथ दिखाई देते थे। अब दोनों का एकसाथ इस तरह चले जाना दोनों परिवारों के लिए बेहद पीड़ादायक है। इस हादसे से गांव में गहरा मातम छा गया है और हर कोई इन मासूमों को नम आंखों से याद कर रहा है।

1500 करोड़ी की ठगी मामले में शिक्षक सहित दो गिरफ्तार

बलौदाबाजार- “रकम दोगुनी” करने के नाम पर ग्रामीणों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले शासकीय शिक्षक रामनारायण साहू और उसके भाई हेमंत साहू को पुलिस ने महासमुंद जिले से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी लंबे समय से भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर फर्जी निवेश और त्वरित मुनाफे का लालच देकर ठगी कर रहे थे।

फिलहाल पुलिस ने दो पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ 22 लाख 82 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि यह घोटाला 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, क्योंकि और भी कई पीड़ित सामने आने लगे हैं।

ठगी की साजिश में परिवार भी शामिल

जांच में सामने आया है कि आरोपी शिक्षक रामनारायण साहू ने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य साथियों के साथ मिलकर यह ठगी का पूरा नेटवर्क खड़ा किया था। ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया गया कि उनका पैसा कुछ ही महीनों में दोगुना हो जाएगा।पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी शिक्षक के खिलाफ पहले से ही रायपुर के मंदिर हसौद थाना में भी ठगी का मामला दर्ज है।

कैसे देते थे ठगी को अंजाम?

  • ग्रामीणों को फर्जी योजनाओं में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था।
  • त्वरित मुनाफा, सुरक्षित निवेश और “सरकारी व्यक्ति” का नाम सामने रखकर भरोसा जीता जाता था।
  • कुछ लोगों को शुरुआती भुगतान कर विश्वास दिलाया गया, फिर रकम लेकर फरार हो गए।

पुलिस अब अन्य शामिल आरोपियों की तलाश में जुट गई है। प्रारंभिक पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, और यह संभावना जताई जा रही है कि राज्य के अन्य जिलों में भी इस गिरोह का नेटवर्क फैला हुआ है।

पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया कि “यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि जनविश्वास को तोड़ने की संगठित साजिश है। जल्द ही पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जाएगा।

अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, दो महिला माओवादी ढेर

नारायणपुर- छत्तीसगढ़ के घने और संवेदनशील अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के तहत बीती रात डीआरजी नारायणपुर, डीआरजी कोंडागांव और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने माड़ डिवीजन के बड़े नक्सली कैडर की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन चलाया।

मुठभेड़ में दो महिला नक्सली ढेर

ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में दो महिला माओवादी मारी गईं, जिनके शव घटनास्थल से बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ देर रात से सुबह तक चली, जिसमें सुरक्षाबलों ने रणनीतिक बढ़त हासिल की और इलाके को सुरक्षित किया।

हथियार और सामग्री बरामद

घटनास्थल की सर्चिंग के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में नक्सली हथियार और सामग्री हाथ लगे:

  • एक इंसास राइफल
  • एक .315 बोर देसी हथियार
  • मेडिकल सप्लाई
  • नक्सली दस्तावेज और अन्य सामग्री

यह बरामदगी माओवादी संगठन की गतिविधियों और तैयारी के संकेत देती है। सुरक्षाबलों ने फिलहाल पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान तेज कर दिया है।

विस्तृत जानकारी शीघ्र

वरिष्ठ पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी। इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी प्रकार की नक्सली जवाबी कार्रवाई से निपटा जा सके।

1000 करोड़ के राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान घोटाले पर उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी, सुरक्षित रखा गया फैसला

बिलासपुर- राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में इस बहुचर्चित घोटाले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बहस पूरी हो गई है, जिसमें याचिकाकर्ता, आरोपित अधिकारियों और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से पक्ष रखा गया। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मामले में तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री की रिपोर्ट के बाद डिवीजन बेंच ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए घोटाले की सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जबलपुर ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच भी शुरू कर दी थी। इसी बीच घोटाले के आरोप में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सीबीआई जांच पर रोक की मांग की थी। प्रकरण की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए प्रकरण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को वापस भेज दिया था। इसके बाद यहां सुनवाई चल रही थी।

बता दें कि रायपुर के कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के कुछ वर्तमान और रिटायर्ड आईएएस अफसरों पर एनजीओ के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका लगाई। जिसमें बताया गया कि खुद याचिकाकर्ता को एक शासकीय अस्पताल राज्य स्त्रोत निशक्त जन संस्थान में कार्यरत बताते हुए वेतन देने की जानकारी पहले मिली। इसके बाद उन्होंने आरटीआई के तहत जानकारी ली तो पता चला कि नया रायपुर स्थित इस कथित अस्पताल को एक एनजीओ चला रहा है। जिसमें करोड़ों की मशीनें खरीदी गईं हैं। इनके रख रखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया।

इस मामले में 2017 में एक याचिका दायर की गई। 2018 में जनहित याचिका के रूप में इसकी सुनवाई शुरू की गई। सुनवाई के दौरान पता चला कि राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान नाम की संस्था ही नहीं है। सिर्फ कागजों में संस्था का गठन किया गया था।

राज्य को संस्था के माध्यम से 1000 करोड़ का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा, जो कि 2004 से 2018 के बीच में 10 साल से ज्यादा समय तक किया गया। इस मामले में राज्य के 6 आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा पर आरोप लगाया गया। याचिका में कहा गया कि स्टेट रिसोर्स सेंटर का कार्यालय माना रायपुर में बताया गया, जो समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत है।

याचिका में यह भी बताया गया कि एसआरसी ने बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट और एसबीआई मोतीबाग के तीन एकाउंट से संस्थान में कार्यरत अलग-अलग लोगों के नाम पर फर्जी आधार कार्ड से खाते खुलवाकर रुपये निकाले गए। सुनवाई के दौरान राज्य के तात्कालीन मुख्य सचिव अजय सिंह ने शपथ-पत्र दिया। इसमें उन्होंने 150-200 करोड़ की गलतियां सामने आने की बात कही। हाईकोर्ट ने कहा कि जिसे राज्य के मुख्य सचिव गलतियां और त्रुटि बता रहे हैं, वह एक संगठित और सुनियोजित अपराध है। कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए निर्देश दिए थे। साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश पर घोटाले में फंसे आधा दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों ने भी अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

27 जून के बाद मानसून पकड़ेगा रफ्तार, बिलासपुर-सरगुजा संभाग में पिछले 24 घंटे में जोरदार बारिश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है और आने वाले सप्ताहभर तक इसी तरह की स्थिति बने रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 27 जून से प्रदेश में व्यापक स्तर पर अच्छी बारिश हो सकती है, जिससे जून में बनी सूखे की स्थिति में काफी हद तक राहत मिल सकती है।

पिछले 24 घंटों में सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई है, वहीं राजधानी रायपुर में सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आज भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो सकती है।

जून में अब तक सामान्य से 40% कम बारिश

इस साल जून में अब तक सिर्फ 68.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य औसत 115.6 मिमी होता है। यानी अब तक 40 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई है। इससे जल संकट गहराता जा रहा है।प्रदेश के 46 प्रमुख जलाशयों में औसतन सिर्फ 23% जल संग्रहण है, जो कि चिंताजनक स्थिति है। लेकिन अब उम्मीद है कि मानसून की सक्रियता से जलाशयों में भी पानी की आवक बढ़ेगी और किसानों के साथ-साथ आमजन को भी राहत मिलेगी।