ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

ईरान-इजरायल-अमेरिका युद्ध का भारत पर क्या होगा असर?

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ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष न केवल मध्य पूर्व को, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इस टकराव का असर वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों, व्यापारिक मार्गों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तक महसूस किया जा रहा है। अमेरिका इस संघर्ष में स्पष्ट रूप से इजराइल का समर्थन कर रहा है। हालांकि, अब अमेरिका भी आधिकारिक तौर पर जंग मे कूद चुका है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए हैं। जिसके बाद युद्ध के विकराल होने के पूरे आसार हैं। इस बीच सवाल उठ रहा है कि इस युद्ध का भारत पर क्या असर होगा?

बीते कुछ सालों में भारत और इजरायल करीब आए हैं। सेक्योरिटी और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत और इजरायल के बीच गहरा सहयोग देखने को मिला है। साल 2023 के अक्तूबर महीने में हमास के हमले को लेकर भारत ने सख्त शब्दों में प्रतिक्रिया दी थी और साथ ही गाजा में सीजफायर से जुड़े यूएन प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा भी किया था। वहीं पहलगाम हमले के बाद इजरायल उन देशों में था जो भारत की आत्मरक्षा के अधिकार के साथ खुलकर सामने आया।

वहीं दूसरी ओर, भारत और ईरान के बीच लंबे समय से मजबूत और सभ्यतागत स्तर के संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जुड़ाव गहरे हैं। ऐसे में भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह बिना अपने दीर्घकालिक हितों को नुकसान पहुंचाए इस संघर्ष में किसके साथ खुलकर खड़ा हो सकता है।

चाबहार पोर्ट पर संकट मंडरा रहा

ऐसे में हालिया युद्ध के मद्देनजर भारत का बहुत कुछ दांव पर लगा है। चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट भारत को अफगानिस्तान, सेंट्रल एशिया और ईरान तक सीधी पहुंच देता है। भारत ने इस प्रोजेक्ट में अच्छा खासा निवेश किया है। चीन की बीआरआई परियोजना के मद्देनजर रूचि और पाकिस्तान की छुपी प्रतिद्वंद्विता की वजह से ये भारत के लिए अहम रणनीतिक प्रोजेक्ट है । सेंट्रल एशिया ना सिर्फ एनर्जी बल्कि रेयर अर्थ मिनरल्स के कारण भी बहुत अहम है। ऐसे में युद्ध कनेक्टिविटी को लेकर भारत की योजना को आघात पहुंचा सकता है।

अपने लोगों के जान और माल की सुरक्षा की चिंता

इजरायल और ईरान, दोनों देशों में अच्छी खासी तादाद में भारतीय नागरिक मौजूद हैं। अगर हालात बिगड़ते हैं तो भारत को तात्कालिक तौर पर इन लोगों की जान और माल की सुरक्षा की चिंता करनी होगी। भारत ने ऑपरेशन सिंधु के चलते इन देशों से अपने नागरिक निकाले भी हैं। लेकिन अभी भी तादाद बहुत बड़ी है। एक आंकड़े के मुताबिक इजरायल में करीब 18 हजार और ईरान में करीब 10000 भारतीय मौजूद हैं।

कई देशों से व्यापार होगा प्रभावित

भारत के मध्य एशिया में कई अहम हित जुड़े हुए हैं। तेल की कीमतों में वृद्धि देश में ऊर्जा सुरक्षा की चुनौती व महंगाई बढ़ा सकती है। अब, ईरान-इजरायल युद्ध के कारण, एक और प्रमुख व्यापारिक मार्ग - होर्मुज जलडमरूमध्य प्रभावित हो रहा है। युद्ध ने पहले ही ईरान और इजरायल को भारत के निर्यात को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। युद्ध के और बढ़ने से इराक, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और यमन सहित पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा

क्या इसलिए ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की थी? ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद गरजे ओवैसी

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उन्हें नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश करने वाले पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।ओवैसी ने कहा, अमेरिका ने जो ईरान पर अटैक किया है, उसकी न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है।

अब कई अरब देश परमाणु क्षमता की जरूरत पर सोचेंगे-ओवैसी

ईरान पर अमेरिकी हमलों पर एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। ऐसा करके मुझे यकीन है कि आने वाले पांच साल में ईरान एक परमाणु राज्य बन जाएगा। हमले से पहले ईरान ने अपने भंडार को स्थानांतरित कर दिया होगा। यह एक निवारक नहीं होगा। अब कई अरब देश सोचेंगे कि उन्हें परमाणु क्षमता की जरूरत है।

कोई नहीं पूछ इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं-ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका की ओर से किए गए इस हमले से नेतन्याहू को मदद मिली है, जो फिलिस्तीनियों का कत्लेआम करने वाला है। गाजा में नरसंहार हो रहा है और अमेरिका को इसकी कोई चिंता नहीं है। अमेरिका की नीति केवल इजराइली सरकार के अपराधों को छिपाने की है। गाजा में जो हो रहा है, वह नरसंहार है और कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है। कोई यह क्यों नहीं पूछ रहा है कि इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं?

उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिकी हमले की निंदा करेगी-ओवैसी

एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि ईरान में इन तीन या चार जगहों पर अमेरिकी बमबारी करने से वे नहीं रुकेंगे। मेरे शब्दों पर ध्यान दें, ईरान भी अगले 5 से 10 वर्षों में ऐसा करेगा, दूसरे देश भी ऐसा करेंगे क्योंकि अब उन्हें एहसास हो गया है कि परमाणु बम और परमाणु हथियार होना ही इजराइल के वर्चस्व के खिलाफ एकमात्र निवारक है। मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिका की इस एकतरफा बमबारी की निंदा करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। मुझे उम्मीद है कि सरकार ईरान के परमाणु संयंत्रों पर बमबारी की निंदा करेगी, जो आज हुई है।

बता दें कि अमेरिका शुरू से ही ईरान की परमाणु शक्ति बनने के खिलाफ है। वो हमेशा से कहता आया है कि वो ईरान को परमाणु ताकत बनने से रोकेगा। इसी के चलते अमेरिका ने ईरान की 3 न्यूक्लियर साइट फार्डो, नतांज, इस्फहान पर अटैक किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने तीनों साइट को नष्ट कर दिया।

अमेरिकी हमले के बाद ईरान का पलटवार, इजराइल पर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें

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इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है। संघर्ष विराम के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ईरान और यूरोपीय देशों के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है। अब दोनों पक्षों में लगातार जारी हमलों के बीच अमेरिका भी खुलकर युद्ध में कूद गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सफल हमले का दावा किया। जिसके बाद ईरान ने पलटवार किया है।

ईरान ने इजराइल पर दागीं मिसाइलें

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी हैं। इजराइल में धमाकों की आवाज सुनाई दी है। जगह-जगह सायरन बज रहे हैं। ईरान से प्रक्षेपित एक बैलिस्टिक मिसाइल ने हाइफा पर हमला किया। ईरानी मिसाइल हमले के चलते तेल अवीव, हाइफा, नेस जियोना, रिशोन लेजियन समेत मध्य और उत्तरी इजरायल के हिस्सों में सायरन बजने लगे और विस्फोट की आवाजें सुनी गईं। ईरान की फार्स समाचार एजेंसी ने ईरानी सशस्त्र बलों का बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि मिसाइल हमले के लक्ष्यों में में हवाई अड्डा, एक 'बॉयोलॉजिकल रिसर्च सेंटर', रसद अड्डे और कमांड और नियंत्रण केंद्रों की विभिन्न लेयर्स शामिल थीं।

हमले में कई घायल

आईडीएफ ने कहा कि ईरान की ओर से लगभग 20-30 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इजराइल सेना ने कहा है कि उसने ईरान से दागी गई मिसाइलों की पहचान कर ली है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां खतरे को रोकने के लिए काम कर रही हैं। जनता से आश्रय स्थलों और संरक्षित क्षेत्रों में जाने तथा अगले आदेश तक वहीं रहने को कहा गया है। हमलों में 11 लोग घायल हुए हैं।

ईरान ने दागीं 30 मिसाइलें

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईरान की ओर से इजरायल पर 30 मिसाइलें दागी गई हैं। हमले को ईरान के सरकारी टीवी पर दिखाया गया। ईरान के सरकारी टीवी पर इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले की जानकारी देते हुए एंकर ने कहा, 'आप जो लाइव तस्वीरें देख रहे हैं, वे कब्जे वाले क्षेत्रों पर दागी गई ईरानी मिसाइलों की नई बौछार की हैं।' ईरान इजरायल को कब्जे वाला क्षेत्र कहता है।

इजराइल के साथ जंग के बीच ईरान से और 290 भारतीय नागरिक लौटे, अब तक 1117 की स्वदेश वापसी

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ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। अब को इस जंग में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। तेज होते तनाव के बाद बिगड़ते हालात के बीच भारत सरकार अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है। भारत सरकार ने "ऑपरेशन सिंधु" चलाकर 1117 से ज़्यादा फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाया है। इस ऑपरेशन के तहत कई चरणों में लोग भारत लाए गए हैं। सरकार ने ईरान से सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाया है।

इजराइल-ईरान जंग के बिच भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा रहा है। इसी क्रम में देर रात एक विशेष उड़ान के जरिये 290 भारतीय नागरिक ईरान के मशहद शहर से भारत लौटे। सुरक्षित वतन वापसी पर भारतीय नागरिकों ने भारत सरकार का आभार जताया।

अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंचे

ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत के बाद अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे पहले 110 मेडिकल छात्रों को वापस लाया गया था। 20 जून को रात 2 बैच में 407 भारतीय लौटे थे, इसके बाद रात 10:30 बजे की फ्लाइट में 190 कश्मीरी छात्रों समेत 290 लोगों की वापसी हुई थी। वहीं अब शनिवार रात को 290 नागरिकों को वापस लाया गया है। इनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से भी लोग थे। इससे पहले शुक्रवार देर रात 3 बजे की फ्लाइट में 117 लोग थे।

ऑपरेशन सिंधु को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ऑपरेशन सिंधु ने गति पकड़ ली है। 290 भारतीय नागरिक ईरान से मशहद से एक विशेष उड़ान द्वारा सुरक्षित रूप से स्वदेश लौट आए हैं, जो 21 जून 2025 को 11:30 बजे नई दिल्ली में उतरी है। इसके साथ ही, 1,117 भारती।

श्रीलंकाई लोगों की भी मदद कर रहा भारत

भारत सरकार ने ना केवल अपने लोगो को खतरे से बाहर निकाला बल्कि पड़ोसी देश की भी मदद की है। भारत ने शनिवार को श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि वह ईरान में फंसे हुए श्रीलंकाई नागरिकों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करेगा। श्रीलंका ने भारत को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दोनों देशों की मजबूत दोस्ती और सहयोग का उदाहरण है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, 'हम ईरान में फंसे श्रीलंकाई नागरिकों की मदद करने के लिए भारत सरकार का दिल से धन्यवाद करते हैं।' इससे पहले, ईरान में भारतीय दूतावास ने कहा था कि वह नेपाल और श्रीलंका के निवासियों को भी निकालने में मदद करेगा, क्योंकि दोनों देशों ने भारत से यह अनुरोध किया था।

ईरान के साथ जंग में अब अमेरिका की एंट्री, तीन परमाणु केंद्रों पर किया हमला, ट्रंप बोले-ये शांति का समय है

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ईरान-इजराइल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। जिसके बाद मध्य पूर्व में इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष और विकराल होता दिख रहा है। अमेरिका ने ईरान के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए उसके तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। यह कदम अमेरिका द्वारा गुआम में कई बी-2 स्टील्थ बॉम्बर जेट भेजने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है।

ट्रंप ने पढ़ाया शांति का पाठ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत सफल हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। प्राथमिक स्थल फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।'

ट्रंप दे रहे थे ईरान पर हमले की चेतावनी

अमेरिका जंग की शुरुआत से ही ईरान पर हमले की चेतावनी दे रहा था। इसके साथ ही खुले तौर पर इजराइल का साथ दे रहा था। पिछले दिनों ट्रंप ने साफ किया था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता है। हम जल्द ही फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है।

पहले भेजे बी-2 बॉम्बर विमान

इस हमले से कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने अपने बी-2 बॉम्बर विमान गुआम भेजे थे। जिसके बाद माना जा रहा था कि किसी भी वक्त ईरान इजराइल युद्ध विकराल रूप ले सकता है। इसके कुछ ही घंटों पर अमेरिका ने ईरान के 3 न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने का दावा किया है।

बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

एक्सिओम-4: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन एक बार फिर टला, 22 जून को नहीं होगी लॉन्चिंग

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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक ले जाने वाला एक्सिओम-4 मिशन एक बार फिर टाल दिया गया है। अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए शुभांशु शुक्ला लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन तकीनी खराबी के चलते बार-बार मिशन की तारीख को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब 22 जून को शुभांशु शुक्ला उड़ान भरने वाले थे, लेकिन तकीनी खराबी के चलते एक बार फिर इस लॉन्च को आगे बढ़ा दिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के आधिकारिक एक्स हैंडल से जानकारी दी गई कि नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेस-X अब मिशन के लिए नई तारीख पर विचार करेंगे। नासा ने यह फैसला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लॉन्च अपॉर्चुनिटीज की समीक्षा के बाद लिया है। नासा इसकी लगातार समीक्षा जारी रखे हुए है। जिसके बाद रविवार, 22 जून को प्रक्षेपण से पीछे हटने का फैसला लिया गया है। आने वाले दिनों में लॉन्च की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा। हालांकि अब तक यह तय नहीं है।

क्यों हो रही देरी?

नासा ने बताया कि ISS के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में हाल ही में हुई मरम्मत के बाद संचालन की जांच जारी है। स्टेशन की प्रणालियां एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी होती हैं, ऐसे में किसी भी संभावित दिक्कत से बचने के लिए नासा कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्टेशन को नए यात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार करना जरूरी है, इसलिए लॉन्च को कुछ समय के लिए टालना पड़ा है।

छठी बार टाली गई तारीख

एक्सिओम-4 मिशन को पहले भी कई बार टाला जा चुका है। एक्सिोम मिशन 4 की लॉन्चिंग डेट को सातवीं बार टाला गया है। इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को 29 मई को उड़ान भरनी थी। जिसे बाद में 8 जून, 10 जून और 11 जून, 19 जून को टाल दिया गया था। हालांकि, अब 22 जून को लॉन्चिंग होने वाली थी, लेकिन इसको एक बार फिर टाल दिया गया है। लगातार रुकावटों के बावजूद, रॉकेट और ड्रैगन यान लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A में अच्छी स्थिति में मौजूद हैं और नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी।

अंतरिक्ष मिशन में शामिल होंगे 4 यात्री

नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान के डायरेक्टर पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगे। इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे, जिससे वो 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के इतिहास रचने के लगभग चार दशक बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।

दो मिशन विशेषज्ञ ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) प्रोजेक्ट के अंतरिक्ष यात्री पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नानस्की-विस्निवस्की और हंगरी के टिबोर कापू भी इस मिशन का हिस्सा हैं।

कनाडा में एक और भारतीय छात्रा की संदिग्ध मौत, दिल्ली की तान्या त्यागी की गई जान

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कनाडा में एक और भारतीय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की खबर है। कनाडा में पढ़ाई करने गई एक भारतीय छात्रा की आकस्मिक मौत हो गई है। छात्रा का नाम तान्या त्यागी है, जो दिल्ली की रहने वाली है। वह कैलगरी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थी। उसकी मौत की जानकारी वैंकूवर स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गुरुवार को दी।

वैंकूवर में भारत के कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वह भारतीय छात्रा तान्या त्यागी के ‘‘अचानक हुए निधन से दुखी है।’’ इसने कहा, वाणिज्य दूतावास अधिकारियों के संपर्क में है और शोकसंतप्त परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि भारतीय छात्रा की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई। वाणिज्य दूतावास अधिकारियों के संपर्क में है और शोक संतप्त परिवार को सभी जरूरी हेल्प मुहैया कराएगा। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं।

तान्या त्यागी की अचानक कनाडा में हुई मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह ही है कि छात्रा की मौत कैसी हुई? किन हालातों में हुई? इन सभी सवालों का जवाब ढूंढने के लिए जांच की जा रही है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक तान्या त्यागी की मौत की वजह या किन हालातों में मौत हुई इसके बारे में डिटेल नहीं बताई है।

दिल का दौरा पड़ने से मौत का दावा

हालांकि, सोशल मीडिया पर एक अनवेरिफाइड पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि तान्या की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। इस पोस्ट में पीएमओ को टैग किया गया है और मदद की गुहार लगाई गई है। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि परिवार पीएम मोदी से उनकी बेटी की बॉडी को देश वापस लाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं।

कनाडा इस साल 5 भारतीय छात्रों की मौत

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस साल कनाडा में अलग-अलग जगह 5 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है, जिसमें गोलीबारी, दुर्घटना और रहस्यमयी मौत शामिल है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 से 2023 के बीच कम से कम 90 भारतीय छात्रों की मौत हुई है। हालांकि, इनके आधिकारिक आंकड़े नहीं है, जिससे पुष्टि करना मुश्किल है।

चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

#pmmodicomingtosiwanbihartoday

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।