उप्र : आरटीई के तहत प्रवेश में स्कूलों की लापरवाही उजागर, 6 लाख में सिर्फ 1.30 लाख बच्चों को मिला दाखिला
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लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत वंचित वर्ग के बच्चों को दाखिला देने में निजी स्कूलों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। सत्र 2025-26 के लिए आए 6 लाख से अधिक आवेदन में से अब तक केवल 1.30 लाख बच्चों को ही प्रवेश मिल पाया है। यह आंकड़ा कुल सीटों का महज 22 प्रतिशत है, जो चिंता का विषय बन गया है।
राज्य के 26 जिलों में 30 प्रतिशत से अधिक सीटें अभी भी खाली हैं। खासतौर पर मुरादाबाद में 67 प्रतिशत, कानपुर में 52 प्रतिशत, मेरठ में 47 प्रतिशत, गाजियाबाद में 48 प्रतिशत, कन्नौज में 41 प्रतिशत, गोरखपुर में 38 प्रतिशत, नोएडा में 37 प्रतिशत, कानपुर देहात व वाराणसी में 35 प्रतिशत और अयोध्या व बलिया में 34 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। इन जिलों के बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) से सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है। इसके विपरीत, कुछ जिलों ने बेहतर प्रदर्शन भी किया है। गोंडा में 94 प्रतिशत, फिरोजाबाद में 93 प्रतिशत, प्रतापगढ़ और ललितपुर में 92 प्रतिशत, श्रावस्ती और हरदोई में 91प्रतिशत बच्चों को सफलतापूर्वक प्रवेश दिया गया है।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें वंचित वर्गों के लिए आरक्षित होती हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि कई स्कूल इस कानून का पालन करने से बच रहे हैं। सरकार अब जिलों से स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट मांग रही है और लापरवाह स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है।
Jun 22 2025, 13:18