ट्रांसजेंडर्स के सशक्तिकरण की मिसाल बनेगा गोरखपुर गरिमा गृह: असीम अरुण
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लखनऊ। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने शुक्रवार को गोरखपुर में संचालित गरिमा गृह की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत और ध्वजवाहक मॉडल बताया। जूम मीटिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि गरिमा गृह का उद्देश्य केवल भरण-पोषण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ट्रांसजेंडर्स के सपनों के अनुसार उन्हें रोजगार दिलाने और मुख्यधारा से जोड़ने की एक प्रभावी पहल है।
मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद में कम से कम दो ट्रांसजेंडर्स को उनके कौशल और योग्यता के आधार पर रोजगार मिलना चाहिए। इस दिशा में समाज कल्याण विभाग से ही शुरुआत करते हुए 20 से 22 ट्रांसजेंडर्स को शिक्षक, रसोईया, सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर जैसे कार्यों में समायोजित करने की बात कही गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस कार्य में शीघ्रता लाकर समाज के सामने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि गरिमा गृह में सीसीटीवी निगरानी और बायोमैट्रिक/फेस अटेंडेंस सिस्टम जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि सुरक्षा और पारदर्शिता बनी रहे।
मंत्री असीम अरुण ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत दक्ष ट्रांसजेंडर्स को लोन दिलाकर स्वावलंबी और सम्मानजनक जीवन की दिशा में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। बैठक में मौजूद गरिमा गृह की निदेशक एकता माहेश्वरी ने बताया कि अब तक आठ ट्रांसजेंडर्स को विभिन्न प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा गया है। यह पहल न केवल ट्रांसजेंडर्स समुदाय के आत्मसम्मान को बढ़ाएगी, बल्कि समावेशी और संवेदनशील समाज के निर्माण में भी मील का पत्थर साबित होगी।
Jun 21 2025, 09:52