इंदिरा नगर में भीषण आग: टीन शेड की 16 दुकानें जलकर राख, कई दमकल की गाड़ियों ने पाया काबू

लखनऊ । राजधानी के इंदिरा नगर में आज सुबह तड़क टीन शेड से निर्मित दुकानों में भीषण आग लगने से चारों तरफ हड़कंप मच गया। आग की लपटों को देखकर लोग जैसे-तैसे अपने घरों से बाहर निकल कर भागे। सूचना पर दमकल कर्मी भी पहुंच गए और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आग से कोई जनहानि तो नहीं हुई लेकिन दुकानों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। आग बुझने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली और अपने घरों को लौटे ।

सूचना मिलते ही पहुंची कई दमकल की गाड़ियां

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि आज फायर स्टेशन इंदिरा नगर के कंट्रोल रूम पर समय लगभग 3:20 बजे सूचना प्राप्त हुई कि आदिल नगर कुर्सी रोड टेढ़ी पुलिया नियर एम.डी. पैलेस लखनऊ के बगल टीन शेड से निर्मित दुकानों में आग लग गई है । जिसकी सूचना पर तुरंत फायर स्टेशन इंदिरा नगर व बीकेटी से 2-2 मोटर फायर इंजन मय यूनिट तथा FSSO बीकेटी के सहित घटना स्थल के लिए प्रस्थान हुई। घटना स्थल पहुंच कर देखा कि आग़ टीन शेड से निर्मित दुकानों में भयानक रूप से जल रही थी, बिना देर किए हौज पाइप फैलाकर M.F.E.द्वारा पंपिंग कर आग को बुझाना प्रारंभ किया गया साथ ही फायर स्टेशन इंदिरा नगर कंट्रोल रूम को अन्य स्टेशनों से भी गाड़ियां भेजने के लिए सूचित किया गया।

आग इतना ज्यादा थी कि दमकल गाड़ियों को दोबारा भरने जाना पड़ा पानी

कुछ ही समय बाद फायर स्टेशन हजरतगंज से वाटर वाउजर व फायर स्टेशन गोमती नगर से वाटर टेंडर व FSO गोमती नगर भी घटनास्थल पर पहुंचे। चूंकि आग बहुत बड़ी थी जिसकी चपेट में लगभग 16 दुकान आ गई थी जिसको FSO गोमती नगर व FSSO बीकेटी के कुशल मार्गदर्शन में फायर स्टेशनों की यूनिटों द्वारा बंद दुकानों के ताले को कटर से काटकर व चारों तरफ से आग को घेरकर बुझाना जारी रखा गया साथ ही आग को अन्य दुकानों में फैलाने से रोका गया। गाड़ियों का पानी खत्म होने पर नजदीकी जल स्रोतों से गाड़ियों में पानी भरकर वापस घटना स्थल पर आकर अग्निशमन कार्य में सहयोग किया गया।

दुकान में रखे जूता, चप्पल, कपड़े व बैंग जलकर पूरी तरह से नष्ट

आग कंट्रोल होने पर टीन शेड को हटाकर कुरेद कुरेद कर यूनिटों द्वारा अथक परिश्रम व सूझबूझ का परिचय देते हुए आग को पूर्ण रूप से बुझाया गया।आग से किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई।आग से क्षतिग्रस्त हुई टीन शेड से निर्मित दुकानों में जूता,चप्पल,कपड़े,बैग,पॉलिथीन, ताले इत्यादि की दुकानें संचालित थी जो पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई थीं।आग को पूर्ण रूप से बुझाने के पश्चात दुकान मालिकों व उपस्थित लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर सभी फायर यूनिटें वापस अपने-अपने स्टेशन के लिए रवाना हुईं।

ट्रांसजेंडर्स के सशक्तिकरण की मिसाल बनेगा गोरखपुर गरिमा गृह: असीम अरुण

लखनऊ। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने शुक्रवार को गोरखपुर में संचालित गरिमा गृह की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत और ध्वजवाहक मॉडल बताया। जूम मीटिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि गरिमा गृह का उद्देश्य केवल भरण-पोषण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ट्रांसजेंडर्स के सपनों के अनुसार उन्हें रोजगार दिलाने और मुख्यधारा से जोड़ने की एक प्रभावी पहल है।

मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद में कम से कम दो ट्रांसजेंडर्स को उनके कौशल और योग्यता के आधार पर रोजगार मिलना चाहिए। इस दिशा में समाज कल्याण विभाग से ही शुरुआत करते हुए 20 से 22 ट्रांसजेंडर्स को शिक्षक, रसोईया, सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर जैसे कार्यों में समायोजित करने की बात कही गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस कार्य में शीघ्रता लाकर समाज के सामने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि गरिमा गृह में सीसीटीवी निगरानी और बायोमैट्रिक/फेस अटेंडेंस सिस्टम जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि सुरक्षा और पारदर्शिता बनी रहे।

मंत्री असीम अरुण ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत दक्ष ट्रांसजेंडर्स को लोन दिलाकर स्वावलंबी और सम्मानजनक जीवन की दिशा में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। बैठक में मौजूद गरिमा गृह की निदेशक एकता माहेश्वरी ने बताया कि अब तक आठ ट्रांसजेंडर्स को विभिन्न प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा गया है। यह पहल न केवल ट्रांसजेंडर्स समुदाय के आत्मसम्मान को बढ़ाएगी, बल्कि समावेशी और संवेदनशील समाज के निर्माण में भी मील का पत्थर साबित होगी।

किसानों से उच्च जीएसवीए वाली फसलों को अपनाने का आग्रह, कृषि निदेशक ने की समीक्षा बैठक

* उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृषि क्षेत्र की निर्णायक भूमिका है

लखनऊ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और खरीफ सीजन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुक्रवार को कृषि निदेशक की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी मंडलों के संयुक्त कृषि निदेशक, जनपदीय उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी और मृदा परीक्षण अधिकारी शामिल हुए।

बैठक का मुख्य फोकस किसानों को उच्च ग्रॉस स्टेट वैल्यू एडेड (जीएसवीए) वाली फसलों की ओर प्रेरित करना था। निदेशक ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने और उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृषि क्षेत्र की निर्णायक भूमिका है। प्रदेश की 65% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में 20% का योगदान करता है, जिसमें से 9.3% योगदान केवल फसल उत्पादन का है।

धान और गेहूं जैसी पारंपरिक खाद्यान्न फसलें भले ही ज्यादा बोई जाती हैं, लेकिन उनका प्रति इकाई जीएसवीए कम है। इसके विपरीत, गन्ना, मक्का, दालें (अरहर, उड़द, मूंग) और तिलहनें (मूंगफली, तिल) जैसी फसलें न केवल अधिक जीएसवीए देती हैं, बल्कि प्रसंस्करण व विपणन में भी ज्यादा लाभदायक हैं। सरकार इन फसलों को बढ़ावा देने के लिए त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम, नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन मिशन ऑन एडिबल ऑइल, और नेचुरल फार्मिंग मिशन जैसी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, अनुदान, प्रसंस्करण और विपणन से जुड़ी सुविधाएं दी जा रही हैं। कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अधिक जीएसवीए वाली फसलें अपनाकर उच्च उत्पादकता और लाभ अर्जित करें और प्रदेश के आर्थिक विकास में भागीदार बनें।

‘हुनर हाथ’ योजना से युवाओं को मिलेगा रोजगार

घरों को मिलेंगी भरोसेमंद सेवाएं, यूपी सरकार की अभिनव पहल

उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होगी शुरुआत

* आवासीय एवं अनावासीय दोनों रूपों में होगा युवाओं का प्रशिक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अभिनव कदम उठाते हुए ‘हुनर हाथ’ नामक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग द्वारा तैयार इस योजना का उद्देश्य युवाओं को घरेलू सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ना है।

प्रारंभिक चरण में यह योजना पांच जिलों में लागू होगी, जहां चयनित युवाओं को खाना बनाना, सफाई, देखभाल, घरेलू उपकरणों का सामान्य रख-रखाव जैसी सेवाओं में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण आवासीय और अनावासीय दोनों प्रकार से उपलब्ध होगा।

योजना के क्रियान्वयन में सरकारी और निजी प्रशिक्षण संस्थानों की भागीदारी होगी, साथ ही डिजिटल पोर्टल के माध्यम से नागरिक इन प्रशिक्षित युवाओं की सेवाएं ले सकेंगे। मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि यह योजना न केवल रोजगार उपलब्ध कराएगी, बल्कि समाज को गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद घरेलू सेवाएं भी उपलब्ध कराएगी।

अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम को योजना का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि ‘हुनर हाथ’ से एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार होगा, जिससे आम नागरिक स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित सेवा प्रदाताओं को आसानी से खोज सकेंगे।

प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने निर्देश दिए कि योजना में शामिल युवाओं का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाए और सेवाओं को स्पष्ट रूप से वर्गीकृत कर यूज़र फ्रेंडली पोर्टल बनाया जाए। उन्होंने गुणवत्ता, सुरक्षा और सेवा मानकों के पालन पर विशेष जोर देते हुए इसे राज्य की मॉडल योजना बनाने का लक्ष्य रखा।

लखनऊ में शहीदों को समर्पित लेजर लाइट एंड साउंड शो, युवाओं में जगाएगा देशभक्ति का जज्बा

लखनऊ। देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की गाथा अब अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से राजधानी लखनऊ के कैन्टोनमेंट क्षेत्र स्थित स्मृतिका वॉर मेमोरियल से जन-जन तक पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश सरकार स्मृतिका में जल्द ही लेजर लाइट एंड साउंड शो की शुरुआत करने जा रही है। इस परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड को दी गई है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस शो के माध्यम से भारत के वीर सपूतों के साहस, शौर्य और बलिदान को एक भावनात्मक और विज़ुअल अनुभव में बदला जाएगा। यह शो युवाओं में देशभक्ति और सैन्य इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेगा, साथ ही राज्य के सांस्कृतिक पर्यटन को भी नई दिशा देगा।

मंत्री ने कहा, "यह शो न केवल श्रद्धांजलि है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हमारे गौरवशाली सैन्य इतिहास से जोड़ने का एक नवाचारी माध्यम भी है। स्मृतिका वॉर मेमोरियल देश की वीरता और त्याग का प्रतीक है, जिसे अब आधुनिक तकनीक के साथ जीवंत किया जाएगा।"

परियोजना के पूर्ण होने पर यह कार्यक्रम लखनऊ को देश के सैन्य इतिहास के स्थलों में विशिष्ट पहचान दिलाएगा और पर्यटकों के लिए एक भावनात्मक और शैक्षिक अनुभव का केंद्र बनेगा।

आजमगढ़ को विकास की नई उड़ान: सीएम योगी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का किया लोकार्पण, सपा पर बोला हमला

आजमगढ़/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण समारोह के दौरान समाजवादी पार्टी और उसके नेतृत्व पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब आजमगढ़ ने सपा को मुख्यमंत्री और सांसद दिया, तब न तो विश्वविद्यालय बना और न ही कोई एक्सप्रेसवे।

सीएम योगी ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने विकास के नाम पर केवल दिखावा किया और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। उन्होंने दावा किया कि 2016 में समाजवादी सरकार ने एक्सप्रेसवे के लिए जो योजना बनाई थी, उसमें लूट और डकैती की पूरी व्यवस्था थी। योगी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने एक "गैर-सैफई वासी को सांसद बनाकर" आजमगढ़ को असली विकास की राह पर डाला है। उन्होंने सपा के कुछ नेताओं पर मुंबई की कुख्यात डी कंपनी और अंडरवर्ल्ड से सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “जो आज खुद को ईमानदार कहते हैं, वे कभी अपराधियों के साथ खड़े थे। उन्होंने यूपी को अराजकता की आग में झोंक दिया था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल को नई औद्योगिक और आर्थिक दिशा देगा। आजमगढ़ अब बाहुबलियों की नहीं, विकास की पहचान से पहचाना जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लोग आजमगढ़ या मऊ से लखनऊ जाकर एक ही दिन में काम निपटा सकते हैं। योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सिर्फ “डेढ़ एक्सप्रेसवे” थे, लेकिन अब यूपी “बीमारू राज्य” से “एक्सप्रेसवे प्रदेश” बन चुका है। दिल्ली-मेरठ, प्रयागराज-मेरठ और लखनऊ-पटना तक की कनेक्टिविटी तेजी से तैयार हो रही है।

एलडीए में कैंसर पीड़ित की गुहार, बोले– जिंदगी से नहीं, सिस्टम से हार गया हूं

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में आयोजित प्राधिकरण दिवस के दौरान शुक्रवार को एक कैंसर और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति ने खुले मंच से अपनी पीड़ा सुनाई। पीड़ित ने बताया कि वह अक्टूबर 2024 से एलडीए के चक्कर काट रहा है, लेकिन आज तक उसका नक्शा पास नहीं हो सका।

पीड़ित का कहना है कि उसने कई विभागों से जरूरी एनओसी प्राप्त कर ली है, फिर भी एलडीए में नक्शा पास नहीं हो रहा। भावुक होकर उसने कहा, "मैं कैंसर का मरीज हूं, हार्ट का पेशेंट भी हूं। अब थक चुका हूं... हार चुका हूं। जिंदगी से नहीं, सिस्टम से हार गया हूं।"

उसने इशारों में यह भी आरोप लगाया कि बिना ‘चढ़ावा’ दिए यहां कोई काम नहीं होता। "जितना कहा गया, उतना दे रहा हूं... बस काम हो जाए," उसने कहा। यह बयान एलडीए की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि एलडीए उपाध्यक्ष ने बीते समय में कई प्रक्रियाओं को सरल बनाने के संशोधन किए हैं, लेकिन पीड़ित की व्यथा से स्पष्ट है कि जमीनी स्तर पर आमजन को अब भी राहत नहीं मिल रही है।

बात करते हुए पीड़ित की टूटती आवाज और आंखों से छलकते आंसू यह बयां करते हैं कि एक बीमार व्यक्ति ने शायद जीवन की जंग से नहीं, लेकिन सरकारी व्यवस्था से हार मान ली है।

यह एक कड़ा संकेत है कि सुधार की घोषणाओं से कहीं ज्यादा जरूरी है–उनके प्रभाव की निगरानी।

उर्वरक नीति के खिलाफ उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उठाई मांग

लखनऊ । भारतीय किसान यूनियन (बी आर एस एस) भारत राष्ट्रीय सेवक संघ द्वारा युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में कार्यकतार्ओं ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी संभल विकास चन्द्र को सौंपा।

जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने कहा कि संयुक्त कृषि निदेशक उर्वरक ने बीते 3 जून को उर्वरक वितरण को लेकर किसान को मात्र तीन बैग उर्वरक देने की बात कही गई है यह किसान के साथ अन्याय है ! क्योंकि बड़ी जोत के किसान को इस आदेश से हानि है साथ ही इससे अधिक उर्वरक लेने पर क्रेता एवं विक्रेता पर के विरुद्ध कार्रवाई की बात की गई है जो कि सरासर गलत है । संगठन मांग करता है कि व्यावहारिक नीति अपनाते हुए उचित कार्रवाई कर समाधान कराया जाए ! जिला उपाध्यक्ष संभल मिंकू चौधरी ने कहा कि जनपद संभल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है ! किसान व आम जनमानस का आर्थिक शोषण किया जा रहा है जिसको लेकर संगठन में आक्रोश है ।

मुख्य रूप से युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी, जिला संरक्षक शिवनारायण सैनी, जिला महासचिव अनमोल कुमार, युवा मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौधरी, ब्लॉक महासचिव धीरेन्द्र त्यागी, तहसील अध्यक्ष संभल मेहंदी हसन, युवा ब्लॉक उपाध्यक्ष सुफियान, अमनजीत चौधरी, मुनसाद, हिलाल, एवं महिला कार्यकर्ता ब्लॉक महासचिव संभल ननीहा देवी, नगर महासचिव आयशा राजपूत, भूरी देवी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह का समापन, 2027 तक बाल श्रम मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प

राम आशीष गोस्वामी

लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस (19 जून 2025) के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ के मार्स ऑडिटोरियम में बाल श्रम निषेध सप्ताह (12-17 जून) का भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह कठिन चुनौती है, लेकिन हम सबके साझा प्रयासों से यह संभव है।

राज्य सरकार, यूनिसेफ और अन्य साझेदार संगठनों ने बाल श्रम के खिलाफ अभियान को जमीनी स्तर पर तेज़ी से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा ने कहा, "बाल श्रम बच्चे के शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के अधिकार का हनन है।" वहीं, प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शनमुगा सुन्दरम ने कहा कि यह केवल सामाजिक नहीं, बल्कि वैश्विक चुनौती है, जिसमें उत्तर प्रदेश उदाहरण बन सकता है।

श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही ने बताया कि पिछले वर्ष 11,000 से अधिक बाल श्रमिकों का पुनर्वास किया गया है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। पंचायत स्तर तक निगरानी, पुनर्वास कोष और समन्वित रणनीति के तहत प्रयास किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में बाल श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित बच्चों और परिवारों को सम्मानित किया गया। साथ ही, गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, मेरठ सहित 10 जनपदों को बाल श्रम उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। लगभग 1,000 प्रतिभागियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का समापन हुआ, जिसमें सभी ने बाल श्रम उन्मूलन की शपथ ली।

संकिसा को संवराने में जुटी योगी सरकार, 7 करोड़ से होंगे विकास कार्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को लेकर सरकार का विशेष फोकस जारी है। अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज जैसे परंपरागत धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अब बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेज़ी से इजाफा हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने फर्रुखाबाद जिले के संकिसा स्थित बौद्ध मठों के सौंदर्यीकरण और अवस्थापना विकास के लिए 7 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना शुरू की है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि संकिसा को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से मठ परिसर में सड़कों का सुधार, शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल, सूचना पट्ट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

संकिसा फर्रुखाबाद जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां कंबोडिया, श्रीलंका, म्यांमार और जापान जैसे देशों की शैली में बने भव्य बौद्ध मठ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ठहरने के लिए होटल, आवास गृह और गेस्ट हाउस की भी सुविधा मौजूद है।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य में कुल 61,47,826 बौद्ध पर्यटक आए, जो सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर बौद्ध पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

* पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का तीन दिवसीय दौरा आज से

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह 20 जून से आगरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के दौरे पर रहेंगे। शुक्रवार को वे कानपुर में एक होटल का उद्घाटन करेंगे और उमरन ढाबा पर स्वागत समारोह में शामिल होंगे। 21 जून को आगरा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और जन समस्याएं भी सुनेंगे। मैनपुरी में सड़क लोकार्पण करेंगे। 22 जून को फिरोजाबाद के सिरसागंज में जनसुनवाई करेंगे और 23 जून को लखनऊ लौटेंगे।