ईरान-इजरायल युद्ध के बीच 40 फीसदी बढ़ गया ट्रांसपोर्टेशन खर्च
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नितेश श्रीवास्तव,भदोही । विश्व में फैले अस्थिरता के माहौल के बीच कालीन उद्योग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। अभी अमेरिकी टैरिफ से राहत मिली नहीं कि ईरान-इजराइल युद्ध ने निर्यातकों की परेशानी बढ़ा दी है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण जहाजों को घूमकर अमेरिका और यूरोप जाना पड़ रहा है। इससे 40 फीसदी तक ट्रांसपोर्टेशन कास्ट बढ़ा है। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक परिस्थतियों के कारण पहले से ही करीब एक हजार करोड़ के माल डंप है।
अब नई चुनौतियों ने निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के आंकड़ों के मुताबिक भारत का कुल निर्यात लगभग 15 हजार करोड़ है। इसमें 50 फीसदी निर्यात अमेरिका में होता है। इसके बाद यूरोप का नंबर आता है, जो लगभग 35 प्रतिशत है। बाकी 15 प्रतिशत निर्यात अन्य देशों को होता है। बीते साल से ही वैश्विक अस्थिरता के माहौल ने भारतीय कालीन उद्योग को प्रभावित किया है। पहले रूस-यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच परेशानियां बढ़ी। उसके बाद इजरायल और फिलीस्तीन के बीच युद्ध छिड़ गया। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नए टैरिफ की घोषणा कर भारतीय उद्यमियों को सकते में डाल दिया।
नए टारिफ की घोषणा होते ही अमेरिकियों ने अपने पुराने आर्डर धड़ाधड़ रोक दिए। इससे स्थिति विषम हो गई।
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