राजस्व परिषद बनाएगा खतौनी और नक्शे की प्रक्रिया को आसान
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मानचित्रों को शुद्धता के साथ गूगल मानचित्र की तरह उपलब्ध कराने की देगा सुविधा
राजस्व परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में प्रांतीय सिविल सेवा के प्रशासनिक अधिकारियों (प्रशिक्षु) को दिया गया प्रशिक्षण
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के किसानों को जल्द ही भूमि से संबंधित दस्तावेजों और नक्शों में तकनीकी क्रांति का लाभ मिलने वाला है। अब खतौनी, बैनामे के बाद म्यूटेशन, गाटों की पैमाइश और भू-नक्शों की उपलब्धता को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित, सरल और त्रुटिरहित बनाया जाएगा।
यह जानकारी अध्यक्ष, राजस्व परिषद, अनिल कुमार द्वारा राजस्व परिषद कार्यालय स्थित डा भीमराव अम्बेडकर सभागार में प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के वर्ष 2023 बैच के लगभग 50 प्रशासनिक अधिकारियों (प्रशिक्षु) को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दी गयी। राजस्व परिषद के अध्यक्ष द्वारा अपने सम्बोधन में इन प्रशिक्षु प्रशासनिक अधिकारियों को खतौनी, पैमाइश, नक्शों के महत्व को समझाते हुए इनमें आधुनिक तकनीक को अंगीकृत करने की सलाह के साथ इनका उपयोग किस प्रकार किया जाये, इस पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व परिषद के अध्यक्ष द्वारा स्पष्ट किया गया कि आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए रोवर उपकरण तथा सेटेलॉइट इमेज को स्कैन व डिजिटाइज्ड मानचित्रों पर सुपर इम्पोज कर मौके की स्थिति एवं खतौनी से मिलान करने की प्रक्रिया को अपना कर सरल एवं त्रुटिहीन बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षु अधिकारियों ने अध्यक्ष द्वारा दिये गये इन महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
Jun 18 2025, 18:23