संत परंपरा से जुड़ना ही भारत की आत्मा से जुड़ना है: सीएम योगी
शुकतीर्थ में संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास जी की 65वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री योगी ने संत समागम में किया सहभाग
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मुजफ्फरनगर स्थित शुकतीर्थ में आयोजित विशाल संत समागम और सत्संग कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास जी महाराज की 65वीं पुण्यतिथि एवं सतगुरु समनदास जी महाराज की पुण्य स्मृति को समर्पित था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, सत्संग सभागार और क्षेत्र के सुंदरीकरण का आश्वासन देते हुए कहा कि "जब सरकारों को संतों का मार्गदर्शन मिलता है तो समाज में समरसता और विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों की राह वह है, जो कैराना और कांधला जैसी घटनाएं नहीं होने देतीं। उन्होंने स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास को दिव्य संत बताते हुए कहा कि उन्होंने संत रविदास जी की प्रेरणा को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
योगी ने कहा कि मध्यकाल में जब भारत विदेशी आक्रांताओं की गुलामी झेल रहा था, तब संत रविदास ने कर्म-साधना के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक सुधार की ज्योति जलाई। “मन चंगा तो कठौती में गंगा” जैसे उनके कथन आंतरिक निर्मलता और पवित्रता का प्रतीक हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास के विचारों को 'गरीब अन्न कल्याण योजना' के रूप में जमीन पर उतारा है, जिससे आज 81 करोड़ लोगों को खाद्यान्न मिल रहा है।
बाबा साहेब को भी मिली ऐतिहासिक पहचान
सीएम योगी ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पंचतीर्थ और संविधान दिवस का आयोजन कर पीएम मोदी ने ऐतिहासिक न्याय किया। इससे पहले 1949 से 2015 तक किसी सरकार ने बाबा साहेब को वो सम्मान नहीं दिया, जिसके वे अधिकारी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संतों ने समाज को जोड़ने और दलित-वंचित वर्ग के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनके कार्यों से प्रेरणा लेकर सरकार गरीब कल्याण की योजनाएं चला रही है।
- इनकी उपस्थिति रही प्रमुख
इस कार्यक्रम में महंत गोवर्धन दास जी महाराज, स्वामी ओमानंद जी, निर्मल दास जी, गुरुदीप गिरि जी, सांसद चंदन चौहान, मंत्री अनिल कुमार, कपिलदेव अग्रवाल, विधायक राजपाल बालियान, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


Jun 12 2025, 12:37