गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबियाँ हितग्राहियों को सौंपी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान को खेतों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान में केंद्र सरकार के वैज्ञानिक राज्य के वैज्ञानिकों के साथ दल बनाकर कार्य करेंगे तथा आने वाले दिनों में राज्य के 13 लाख से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रयोगशाला से निकलकर खेतों तक जाकर किसानों को उन्नत और संतुलित कृषि की जानकारी देंगे और किसानों से सुझाव भी लेंगे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश के हर गरीब के पास पक्का मकान होना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ने अब तक 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष निर्माणाधीन हैं। "आवास प्लस प्लस" योजना में भी पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की 70 लाख से अधिक बहनों के खातों में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 अंतरित किए जा रहे हैं। जिनके नाम अब तक नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी शीघ्र जोड़ा जाएगा।

हितग्राहियों से लिया फीडबैक

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में उपस्थित हितग्राहियों से योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक लिया। हितग्राही चमार सिंह पटेल ने जल स्तर में गिरावट को देखते हुए धान के स्थान पर उद्यानिकी और कम जल-आवश्यकता वाली फसलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। श्रीमती चंदन ने महतारी वंदन योजना के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं में करती हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में क्षेत्र के विकास के लिए लगभग ₹3.5 करोड़ के विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इनमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु ₹75 लाख, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए ₹75.23 लाख, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹55 लाख, हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए ₹50 लाख, अहाता एवं शेड निर्माण के लिए ₹20 लाख, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹42 लाख और हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ₹24 लाख की स्वीकृति दी गई। उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कृषि पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

शिविर में हितग्राहियों को कृषि उपकरण हेतु अनुदान चेक, दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने किसानों को कृषि संकल्प अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि रिसर्च सिर्फ प्रयोगशालाओं में न रहे, बल्कि गाँव-गाँव तक पहुँचे। केंद्र सरकार के 100 वैज्ञानिक इस अभियान में भाग लेंगे, जो स्थानीय वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिदिन दो-दो कैंप लगाएंगे और किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत के किसान जितने सशक्त होंगे, देश उतना ही मजबूत होगा।

कार्यक्रम में स्थानीय विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लिए अनेक विकास कार्यों की माँग रखी।

समाधान शिविर में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि जिले में प्रथम चरण में कुल 2,98,635 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,89,968 आवेदन माँग संबंधित थे और 8641 शिकायतें थीं। इनमें से सभी का समाधान कर लिया गया है, केवल 26 शिकायतें लंबित हैं। उन्होंने बताया कि शिविरों में 5000 से अधिक लर्निंग लाइसेंस भी बनाए गए हैं।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव शाहला निगार, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, एसएसपी लाल उमेद सिंह, जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार विश्वरंजन और नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।

दुधावा जलाशय की मछलियों ने अमेरिका में बनाई पहचान, ‘लोकल टू ग्लोबल’ से खुले रोजगार के नए अवसर…

कांकेर- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले स्थित दुधावा जलाशय की मछलियों ने अब अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली है. हाल ही में यहां की मछली पहली बार अमेरिका निर्यात की गई, जिससे स्थानीय मछुआरों और मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों में उत्साह की लहर है.

जल संसाधन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दुधावा जलाशय की मछलियों की गुणवत्ता और स्वाद के कारण उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ी है. निर्यात के लिए विशेष रूप से तैयार की गई पंगेसियस एवं तिलापिया प्रजाति की मछलियों की पहली खेप अमेरिका भेजी गई, जहां इसकी काफी सराहना हो रही है.

इस सफलता से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. मत्स्य सहकारी समितियों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और आने वाले समय में अन्य देशों में भी दुधावा जलाशय की मछलियों का निर्यात किया जा सकेगा.

जिला प्रशासन ने इस उपलब्धि को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ पहल के तहत एक बड़ी कामयाबी बताया है. वहीं, मछुआरों को अब उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जा रही है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन कर सकें.

दुधावा जलाशय में मत्स्योत्पादन को बढ़ावा देने हेतु नील क्रांति तथा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत 240 केज कल्चर की स्थापना की गई है. सहायक संचालक मछलीपालन समरसिंह कंवर ने बताया कि वर्तमान में केज में पंगेसियस एवं तिलापिया पालन कर 4 मेट्रिक टन प्रति केज का उत्पादन लिया जा रहा है. केज में उत्पादित मछली को स्थानीय स्तर पर जिले के फुटकर मत्स्य विक्रेताओं को विक्रय करने के साथ-साथ अन्य जिले के मत्स्य विक्रेताओं को भी मछली विक्रय किया जाता है. 

उन्होंने बताया कि तिलापिया मछली पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अत्यंत लोकप्रिय है. इसकी खपत अमेरिका जैसे देशों में भी हो रही है. इस वर्ष दुधावा जलाशय के केज में उत्पादित अतिरिक्त मछली 140 टन को इन्सुलेटेड वाहन से कोलकाता ले जाकर एवं कोलकाता में मछली का प्रोसेसिंग कर फिलेट बनाने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात किया गया है.

यह मील का पत्थर न केवल कांकेर जिले के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव का विषय बन गया है.

जिला अस्पताल के मरीजों के लिए मुसीबत बना नया अपॉइंटमेंट सिस्टम: ‘आभा ऐप’ से रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कत, ग्रामीण हो रहें परेशान

कोंडागांव- जिला अस्पताल में अब इलाज के लिए ‘आभा ऐप’ के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेने का नया सिस्टम लागू कर दिया गया है। हालांकि, यह नई व्यवस्था खासकर ग्रामीण मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है।

जिला अस्पताल पहुंंचे मरीजों का कहना है कि अस्पताल परिसर में नेटवर्क कनेक्शन सही से उपलब्ध नहीं है और उन्हें ऐप इस्तेमाल करने में भी समस्या हो रही है। फरसगांव के मरीज राजेश साहू ने बताया, “हम दूर से इलाज के लिए आए हैं, लेकिन नेटवर्क की वजह से ऐप से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। पर्ची नहीं मिल पाने की वजह से हमें बिना इलाज वापस लौटना पड़ रहा है।”

ऑपरेटर धर्मलाल कुंजाम ने कहा, “यह एक नई प्रक्रिया है, शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें होंगी, लेकिन समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।” डॉ. सौरभ कोचर, जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि यह योजना पूरे छत्तीसगढ़ में लागू की गई है। इससे हर मरीज की डिजिटल पहचान बनेगी, जिससे भविष्य में इलाज की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।

गौरतलब है कि यह नई तकनीक ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए जरूरी है कि ग्रामीणों को नेटवर्क की दिक्कतों और ऐप के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त सहायता और मार्गदर्शन दिया जाए।

खतरे में ‘स्वास्थ्य मितान’ की नौकरी, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दिया आश्वासन, कहा- अनुभव के आधार पर दी जाएगी प्राथमिकता

रायपुर- कंपनी का टेंडर समाप्त होने के बाद से स्वास्थ्य मितानों की नौकरी खतरे में है. यही नहीं तीन महीने से तनख्वाह भी नहीं मिली है. स्थिति से परेशान सैकड़ों स्वास्थ्य मितान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात करने उनके बंगले पहुंचे. स्टेट नोडल एजेंसी में कलेक्टर दर पर समायोजन करने की उनकी मांग पर मंत्री ने अनुभव को ध्यान में रखते हुए नौकरी पर रखने का भरोसा दिलाया.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास ज्ञापन सौंपने पहुंचे कर्मचारियों ने कहा कि देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सहायता योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले हम लगभग 750 स्वास्थ्य मितान को राज्य सरकार ने एक झटके में बेरोजगार कर दिया है. हम स्वास्थ्य मितान के थर्ड पार्टी FHPL कंपनी का टेडर 30 अप्रैल को समाप्त कर दिया गया, और उसे बिना किसी विस्तार या विकल्प के रद्द कर दिया गया है.

बता दें कि स्वास्थ्य मितान को पहले कियोस्क ऑपरेटर के रूप में जाना जाता था. राज्य के सभी 33 जिलों में पिछले 10 से 12 वर्षों लगातार सेवाए दे रहे थे. ये कर्मचारी थर्ड पार्टी कंपनियों के माध्यम से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य जैसे आयुष्मान कार्ड, व्यय वंदना कार्ड, आभा कार्ड, एवं साथ-साथ मरीजों के उपचार में क्लेम प्रोसेसिंग, वेरिफिकेशन ऑडिट व अपलोडिंग के अलावा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों के मरीजों को विभिन्न शिविरों के माध्यम से लाभ दिलाने जैसे अहम दायित्व निभा रहे थे.

स्वास्थ्य मितानों से मुलाकात के बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के कर्मचारी हैं, इनको यह काफी लंबे समय से काम का अनुभव है. उनकी समयावधि पूर्ण हो चुकी है. विभाग में इसका ऑडिट करेंगे. स्वास्थ्य विभाग में उनकी समायोजित करने की मांग का नियमानुसार परीक्षण कराएंगे. इनको काम का लंबा अनुभव है, जिसे ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से हम इनको रखेंगे. यदि विभागीय करना होगा, तो उसमें भी उनके अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि जब से मैं स्वास्थ्य मंत्री बना हूं, हर बार तीन-चार महीने की सैलरी नहीं मिलने की शिकायत रहती ही है. हम बराबर पेमेंट कर रहे हैं. एजेंसी के माध्यम से इन लोग को पेमेंट मिलेगा. आने वाले समय में या तो कोई अन्य पार्टी ऑडिट के लिए ठेका लेगी, उसके माध्यम से करेंगे. और अगर हम ठेका नहीं देंगे तो निश्चित रूप से भारत सरकार के मैनेजर की गाइडलाइन में जो है या जो कलेक्टर दर है, उसके आधार पर इनको काम दिया जाएगा.

कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी अंतरिम जमानत

रायपुर- कोयला लेवी घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के लिए राहत भरी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है.

कोयला लेवी मामले में आरोपियों की याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बैंच ने सुनवाई करने के बाद शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है. हालांकि, इन आरोपियों को ईओडब्ल्यू में कई अन्य मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा.

क्या है कोयला लेवी मामला

ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की. जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपए की अवैध लेवी वसूली गई.

15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था. यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से लिया जाता है. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया.

इसमें व्यापारी जो पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी. इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई.

कहां खर्च की अवैध कमाई

जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया. साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्‍तेमाल किया गया. आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा.

भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़, आगजनी मामले में 7 कार्यकर्ता पार्टी से निष्कासित, निकाय चुनाव में पैसे लेकर टिकट वितरण का लगाया था आरोप

धमतरी- भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी मामले में 7 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है. बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान टिकट वितरण को लेकर असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पैसा लेकर टिकट देने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यालय में प्रदर्शन किया था. इस दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ की गई थी. सामानों को आग के हवाले किया गया था.

इस घटना में निखिल साहू, शैलेन्द्र धेनुसेवक, भोला शर्मा, गज्जू शर्मा, रवेन्द्र साहू, संत कोठारी, सुनील निर्मलकर की संलिप्तता पाई गई है. यह पार्टी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किया गया गया हैं।


ये कार्यकर्ता पार्टी से हुए निष्कासित

  1. निखिल साहू, सदस्य युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति
  2. शैलेन्द्र धेनुसेवक, अध्यक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा मंडल नगरी
  3. भोला शर्मा, कार्यकर्ता
  4. गज्जु शर्मा, युवा मोर्चा कार्यकर्ता
  5. रवेन्द्र साहू
  6. संत कोठारी
  7. सुनील निर्मलकर, अध्यक्ष युवा मोर्चा मंडल नगरी

ऑपरेशन सिंदूर में शामिल BSF जवान की सड़क दुर्घटना में मौत, पत्नी से मिलने जा रहा था ससुराल

जशपुर- देश की सेवा कर लौटे बीएसएफ जवान की दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक जवान की पहचान कुलवंत पन्ना के रूप में हुई है, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लेकर घर लौटा था। हादसा कुनकुरी थाना क्षेत्र के गिनाबहार में हुआ, जहां स्कूटी अनियंत्रित होकर पुलिया से टकरा गई।

जानकारी के अनुसार, जवान कुलवंत पन्ना राजस्थान के जैसलमेर डाबला में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात था, जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। दो दिन पहले ही वह छुट्टी पर अपने घर लौटा था। मंगलवार को बीएसएफ जवान कुलवंत स्कूटी में सवार होकर अपनी ससुराल पत्नी से मिलने जा रहा था, तभी गाड़ी पुलिया से टकरा गई। इस हादसे में जवान को गंभीर चोटें आईं। घायल आस्था में उसे इलाज के लिए तत्काल कुनकुरी होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलते ही कुनकुरी पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। इस घटना से इलाके में शोक की लहर है।

कोरोना के नए वैरियंट को लेकर चिंता को स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने किया दूर, कहा- यह असरकारक नहीं, इमरजेंसी के लिए प्रदेश में पर्याप्त व्यवस्था…

रायपुर- कोरोना के नए वैरियंट को लेकर देश-दुनिया में मची हलचल के बीच स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह (वैरियंट) असरकारक नहीं है. प्रदेश में कोरोना के अब तक 3 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनकी हालत सामान्य है. प्रदेश में इमरजेंसी के लिए बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है, वैसे ऐसी स्थिति की उम्मीद नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से चर्चा में बीपीएल राशन कार्डधारकों को 3 माह का चावल एक साथ दिए जाने को लेकर कहा कि भारत सरकार के बीपीएल कार्डधारकों को शामिल करेंगे. APL कोटे का चावल कम लोग उठाते हैं.

दीपक बैज की न्याय यात्रा में कांग्रेस के बड़े नेता के शामिल नहीं होने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस को अन्य यात्राएं छोड़ देनी चाहिए. अब कांग्रेस बचाओ यात्रा निकालनी चाहिए.

वहीं MSP बढ़ने से छत्तीसगढ़ किसानों की धान खरीदी राशि पर पड़ने वाले असर पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि 31 सौ रुपए क्विंटल किसानों को मिलता है. दो साल से सरकार किसानों को राशि दे रही है. आगे भी किसानों को 31 सौ के दाम से देते रहेंगे.

वहीं केंद्र सरकार के MSP बढ़ने की घोषणा पर श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने धान की MSP में 70 रुपए की बढ़ोतरी की है. मोटे और पतले अनाज में 70 रुपए बढ़ाया है. 2370 और 2390 रुपए कर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ को बड़ा तोहफा दिया है.

छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधार की नई पहल : मुख्यमंत्री ने कहा- शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण ठोस कदम

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट स्वरूप प्रदान करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता से लागू करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे शिक्षा विभाग की वह समीक्षा रिपोर्ट है, जिसमें राज्यभर के सरकारी स्कूलों में संसाधनों के असमान वितरण की गंभीर स्थिति सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी छात्र दर्ज नहीं है, फिर भी वहां नियमित शिक्षक पदस्थ हैं। इससे न केवल शैक्षणिक संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि आवश्यकता वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

उदाहरण के लिए, सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की प्राथमिक शाला साजाभवना में कोई छात्र नहीं है, जबकि एक सहायक शिक्षक वहां कार्यरत हैं। इसी तरह हर्राटिकरा स्कूल में भी छात्र संख्या शून्य है, लेकिन वहां एक प्रधान पाठक और दो सहायक शिक्षक पदस्थ हैं।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है, और अब वहां से शिक्षकों को तत्काल उन स्कूलों में नियोजित किया जाएगा जहां उनकी आवश्यकता है।

दूसरी ओर राज्य के अनेक दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षक संकट की स्थिति बनी हुई है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षक न होने के कारण वर्ष 2024-25 में कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम महज 40.68 प्रतिशत रहा, जो राज्य औसत से बहुत कम है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जब कुंवारपुर प्रवास पर थे, तब ग्रामीणों ने उनके समक्ष शिक्षक नियुक्तियों की मांग पुरज़ोर ढंग से रखी। ग्रामीणों ने कहा कि गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों के लिए वर्षों से शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि जहां शिक्षक अनुपयोगी रूप से पदस्थ हैं, वहां से उन्हें शीघ्रता से जरूरतमंद स्कूलों में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक वहीं तैनात हों जहां छात्र हैं – यही सुशासन की प्राथमिक शर्त है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि हम उस व्यवस्था की नींव रख रहे हैं, जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों अपनी सही जगह पर हों। युक्तियुक्तकरण इस परिवर्तन की वह कुंजी है, जो वर्षों की उलझनों को सुलझाएगी और शिक्षा को नई ऊँचाई देगी।

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय समय की माँग है। यदि इसे निष्पक्षता और डेटा-आधारित पद्धति से लागू किया जाए, तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली देश में एक आदर्श मॉडल बन सकती है।

मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने तुरंत युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को सक्रिय किया है, जिसमें पारदर्शिता, मानवीय दृष्टिकोण और स्कूलों की जरूरत को प्राथमिक आधार बनाया गया है। इस कदम से एक ओर शिक्षकविहीन स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे, वहीं दूसरी ओर छात्रविहीन विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना को रोका जा सकेगा। यह पुनर्संरचना शिक्षा प्रणाली को संतुलित, कुशल और परिणामोन्मुखी बनाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का युक्तियुक्तकरण का निर्णय महज़ व्यवस्थागत सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा को सार्थक और समावेशी बनाने की ऐतिहासिक पहल है। यह उस सोच का प्रतिबिंब है जो कहती है – शिक्षा वहां शुरू होती है, जहां शिक्षक और छात्र दोनों उपस्थित हों – एक उत्तम उद्देश्य के साथ स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर होते हुए, इस प्रेरणा के साथ कि हर पाठशाला देश की अगली पीढ़ी का निर्माण स्थल है।

छत्तीसगढ़ कैडर के दो IAS सेंट्रल डेपुटेशन पर, अन्बलगन पी और अलरमेलमंगई डी को मिली ये जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के आईएएस दंपती को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. आईएएस अन्बलगन पी को कृषि विभाग में संयुक्त सचिव और IAS अलरमेलमंगई डी को आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है.

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 41 आईएएस अफसरों की संयुक्त सचिव पद पर नियुक्तियों को मंजूरी दी है. आईएएस योगिता राणा के स्थान पर छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अन्बलगन पी को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है. वहीं आईपीएस भावना सक्सेना के स्थान पर छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अलरमेलमंगई डी को आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई हैं।


पति-पत्नी दोनों 2004 बैच के हैं IAS अधिकारी

अन्बलगन पी यूपीएससी 2003 निकालकर 2004 बैच के आईएएस बने. उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ. उन्होंने 6 सितंबर 2004 को आईएएस की सेवा ज्वाइन की. अंबलगन पी दंतेवाड़ा, कोरिया और बिलासपुर जिला पंचायत के सीईओ रहे. उसके बाद जांजगीर, जगदलपुर और बिलासपुर के कलेक्टर रहे. माइनिंग डायरेक्टर के साथ ही वे स्टेट माईनिंग कारपोरेशन के एमडी रहे. इसके बाद हेल्थ डायरेक्टर, डायरेक्टर जनसपंर्क, एमडी मार्कफेड रहे. वे 2019 में सचिव प्रमोट हुए. फिर खनिज सचिव, पीएचई सचिव के अलावा जल संसाधन विभाग के सचिव रहें. वे सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के सचिव भी रहे. वर्तमान में वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.

वहीं अलरमेलमंगई डी ने यूपीएससी 2003 निकाला था. उन्हें 2004 बैच व छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ. उन्होंने 6 सितंबर 2004 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की. अलरमेलमंगई डी कांकेर, महासमुंद, रायगढ़ जिलों की कलेक्टर रहीं. वे संचालक संचालनालय भौमिकी व खनिकर्म भी रहीं. सचिव नगरीय प्रशासन विभाग व संचालक नगरीय प्रशासन विकास विभाग, सचिव उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व रोजगार विभाग रहीं. छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पूर्णकालिक वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी ही बनीं. वे श्रमायुक्त व श्रम सचिव के पद पर भी रहीं. वर्तमान में वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.

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