लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आज पहुंचे झारखंड, एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत, बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

रांची : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर आज रांची पहुंचे। रांची पहुंचने के साथ ही बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भव्य रूप से स्वागत किया गया। उनके स्वागत मे रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, हटिया विधायक नवीन जायसवाल समेत बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ताओं बड़ी संख्या में मौजूद थे।

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक गाजे - बाजे के साथ लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद उन्होंने बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया जा भाजपा के महिला मंडल ने उनका जोरदार स्वागत किया। वहीं उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की धरती को वह नमन करते हैं। उन्होंने बिरसा मुंडा के कार्यों को याद करते हुए कहा कि उनका संघर्ष हम सभी को प्रेरणा देता है।

लोकसभा स्पीकर अध्यक्ष अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आज विभिन्न समारोहों में शामिल होने के बाद राजभवन में ही रात्रि विश्राम करेंगे।

यह उनकी लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार झारखंड यात्रा है। रांची में, वे नागरिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जबकि जमशेदपुर में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्लेटिनम जुबली समारोह में शिरकत करेंगे।

रिपोर्टर जयंत कुमार

*25 मई को झारखंड आ रहे है खास मेहमान, रांची और जमशेदपुर के इन कार्यक्रमों में होंगे शरीक

रांची : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 25 मई को पहली झारखंड आ रहे हैं। वह रांची और जमशेदपुर के कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। जमशेदपुर में जहां वे सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्लेटिनम जुबली समारोह में शामिल होंगे, वहीं रांची में विभिन्न समूहों द्वारा नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

25 में को रांची के बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। उसके बाद दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 2 बजे तक जमशेदपुर के लोयोला स्कूल के फैसी (Fasy) सभागार में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्लेटिनम जुबली समारोह में शामिल होंगे। वही रांची में शाम 5:45 बजे से 7:40 बजे तक डंगराटोली के स्वर्णभूमि सभागार में विभिन्न समूहों द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

रिपोर्टर जयंत कुमार

झारखंड TAC बैठक: आदिवासी हितों और विकास पर महत्वपूर्ण निर्णय

रांची,: झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ समिति (TAC) की हालिया बैठक में राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, अवैध शराब पर नियंत्रण, विस्थापितों के पुनर्वास और वन अधिकार सुनिश्चित करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्री, विधायक और मनोनीत सदस्य उपस्थित थे।

उत्पाद नियमावली, 2025 में संशोधन: पर्यटन और राजस्व हित में नई पहल

बैठक का एक प्रमुख एजेंडा झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 के गठन से संबंधित प्रस्तावित अधिसूचना प्रारूप के नियम 20 (iii) पर चर्चा था। गहन विचार-विमर्श के बाद यह सहमति बनी कि राज्य के भीतर उन आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायतों में, जहाँ 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी है और जो झारखंड सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राजकीय या स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थल (धार्मिक मान्यता के स्थलों को छोड़कर) घोषित हैं, वहाँ ऑफ प्रकृति की खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती की जा सकेगी। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, राजस्व हित सुनिश्चित करना और अवैध मदिरा पर नियंत्रण स्थापित करना है।

इसी क्रम में, झारखंड उत्पाद होटल, रेस्तराँ, बार एवं क्लब (अनुज्ञापन एवं संचालन) (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन संबंधी संलेख और प्रस्तावित अधिसूचना प्रारूप की कंडिका-2 के नियम 21 पर भी सहमति दी गई। यह प्रावधान करता है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के वैसे ग्राम पंचायत जहाँ 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी है और जो अधिसूचित पर्यटन स्थल हैं (धार्मिक स्थलों को छोड़कर), वहाँ उत्पाद प्रपत्र 8, 9 एवं 10/9 एवं 10/7 'क' में क्रमशः होटल, रेस्तरां एवं बार/रेस्तरां एवं बार/क्लब की अनुज्ञप्ति स्वीकृत की जा सकेगी। यह कदम भी पर्यटन संवर्धन, राजस्व प्राप्ति और अवैध शराब के व्यापार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना: ईचागढ़ बांध पर पुनर्विचार और जांच

बैठक में सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के तहत पश्चिमी सिंहभूम जिला में खरकई नदी में प्रस्तावित ईचा बांध के निर्माण कार्य को पुनर्बहाल करने पर विस्तृत चर्चा हुई। झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ समिति ने इस पर गहन विचार-विमर्श किया और ईचा खरकई बांध से प्रभावित होने वाले विस्थापित जनजाति समुदाय सहित अन्य व्यक्तियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने का निर्णय लिया। सहमति बनी कि प्रभावित ग्रामों की वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापन करते हुए फोटो और वीडियो के साथ एक जांच प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। यह प्रतिवेदन पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके आलोक में आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार विस्थापन से प्रभावित लोगों के हितों की रक्षा के प्रति गंभीर है।

वन अधिकार योजना: "अबुआ बीर दिशोम" अभियान का सतत क्रियान्वयन

वन अधिकार योजना अंतर्गत "अबुआ बीर दिशोम" अभियान के क्रियान्वयन पर चर्चा के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि यह अभियान व्यापक रूप से लगातार जारी रहेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर 2 माह में वनपट्टा का वितरण अनिवार्य रूप से हो। वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए स्वीकृति प्रक्रिया अविलंब पूरी किए जाने पर भी सहमति बनी। यह निर्णय आदिवासी समुदायों को उनके वन अधिकारों से सशक्त करने और उन्हें भूमि का कानूनी हक प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46: थाना क्षेत्र की परिभाषा में स्पष्टता

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के अंतर्गत थाना क्षेत्र की परिभाषा में स्पष्टता लाने हेतु प्रस्ताव पर बिंदुवार चर्चा हुई। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 1938 के निर्धारित थाना क्षेत्र के आधार पर छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु एक प्रस्ताव तैयार कर उपस्थापित किया जाए। इसके अतिरिक्त, इस संबंध में एक आयोग गठन करने पर भी सहमति बनी। यह आयोग 6 महीने के भीतर सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए एक प्रतिवेदन समिति को समर्पित करेगी। यह कदम अधिनियम के कार्यान्वयन में आने वाली विसंगतियों को दूर करने और आदिवासी भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होगा।

अन्य महत्वपूर्ण चर्चाएं:

बैठक में कुछ अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई:

बोकारो जिला के ललपनिया में आदिवासी धार्मिक स्थल लगुबुरु में डीवीसी (DVC) द्वारा पनबिजली परियोजना पर कार्य किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। माननीय सदस्यों को अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी धर्म स्थल लगुबुरु को संरक्षित रखने की मंशा से डीवीसी एवं भारत सरकार को अवगत कराया जा चुका है। राज्य सरकार ने पूर्व में ही डीवीसी के इस परियोजना को स्थगित किए जाने का निर्णय लिया है, जो आदिवासी धार्मिक स्थलों के संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वनपट्टा आच्छादित परिवारों के विद्यार्थियों एवं बच्चे-बच्चियों के आवासीय एवं जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने में आ रही कठिनाइयों के समाधान पर भी चर्चा हुई। यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया कि इन आवश्यक प्रमाण पत्रों को जारी करने में उत्पन्न होने वाली बाधाओं को दूर किया जाए, ताकि आदिवासी बच्चों को शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कोई परेशानी न हो।

बैठक में उपस्थित सदस्य:

बैठक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री-सह-उपाध्यक्ष टीएसी श्री चमरा लिंडा, विधायक-सह-सदस्य टीएसी प्रो० स्टीफन मरांडी, श्रीमती लुईस मरांडी, श्री सोनाराम सिंकू, श्री दशरथ गागराई, श्री राजेश कच्छप, श्री नमन विक्सल कोनगाड़ी, श्री जिगा सुसारन होरो, श्री संजीव सरदार, श्री आलोक कुमार सोरेन, श्री सुदीप गुड़िया, श्री जगत मांझी, श्री राम सूर्या मुण्डा, श्री रामचन्द्र सिंह तथा टीएसी के मनोनीत सदस्य श्री नारायण उराँव एवं श्री जोसाई मार्डी उपस्थित रहे।

यह बैठक झारखंड में आदिवासी समुदायों के उत्थान और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। लिए गए निर्णय राज्य के समग्र विकास और आदिवासी हितों को संतुलित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होंगे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का कड़ा एक्शन: नकली दवाइयों और नशीली कफ सिरप के खिलाफ सख्त कदम

राज्य सरकार ने झारखंड में नकली दवाइयों के कारोबार पर अब कड़ा एक्शन लिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट कर दिया है जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो दवा माफिया हो या भ्रष्ट अधिकारी।

QR कोड के बिना नहीं बिकेगी दवा – नकली दवाइयों पर लगेगी लगाम

डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि अब QR कोड ही नकली और असली दवा के बीच की दीवार बनेगा।सरकार ने बड़ी पहल करते हुए 300 महत्वपूर्ण दवाओं के लिए QR कोड अनिवार्य कर दिया है। अब पेनकिलर, बुखार की दवा, प्लेटलेट बढ़ाने वाली दवाएं, शुगर व थायरॉयड की दवाएं, गर्भनिरोधक व विटामिन सप्लीमेंट्स जैसी प्रमुख दवाएं QR कोड के बिना बाजार में नहीं बिकेंगी। यह कोड हर दवा की असली पहचान, निर्माता, बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरी तारीख की जानकारी देगा – जिससे नकली दवा की पहचान तुरंत हो सके।

दवा दुकानों को अंतिम चेतावनी – बिना रजिस्ट्रेशन की दवा मिली, तो दुकान सील

सभी मेडिकल दुकानों को साफ निर्देश दिया गया है अगर बिना रजिस्ट्रेशन वाली कोई दवा पाई गई, तो दुकान का लाइसेंस तुरंत रद्द होगा।

कफ सिरप का दुरुपयोग युवा पीढ़ी को कर रहा है नष्ट

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बाजार में बिक रहे कई कफ सिरप में पाया जाने वाला कोडीन और अल्कोहल युवाओं को नशे की लत में धकेल रहा है। यह कफ सिरप दवा के नाम पर ज़हर बन चुका है, जो ब्रेन और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। मंत्री ने कहा कि कफ सिरप का दुरुपयोग कर युवा पीढ़ी को नष्ट किया जा रहा है, जिसे हर हाल में रोका जाएगा। सभी मेडिकल दुकानों को निर्देश दिया गया है कि बिना वैध डॉक्टर की पर्ची के यह सिरप बेचना अपराध होगा, और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग इंस्पेक्टर हों सतर्क – वर्ना कार्रवाई तय

राज्य के सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जांच करें। नकली दवा बरामद होने पर सीधी कार्रवाई होगी।

जमे-जमाए अफसरों पर गिरेगी गाज – 3 साल से एक ही पोस्टिंग वालों का तबादला तय

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो अधिकारी एक ही जगह पर वर्षों से जमे हैं, वे व्यवस्था को सड़ा रहे हैं। अब उनका तबादला होगा। मिलीभगत और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं।

राज्य को मिलेंगे टेस्टिंग लैब – फूड और मेडिसिन की होगी त्वरित जांच

जल्द ही दुमका, रांची, जमशेदपुर और पलामू में अत्याधुनिक फूड एवं मेडिसिन टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएंगे। अब दवाओं और खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट राज्य में ही उपलब्ध होगी – बिना देरी के, बिना गड़बड़ी के।

खाना की गुणवत्ता से समझौता नहीं

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी बड़े मॉल, होटल और रेस्टोरेंट में बिक रहे फूड प्रोडक्ट्स की जांच होगी।खाद्य पदार्थों में मिलावट, एक्सपायरी और गुणवत्ता की अनदेखी करने वालों पर तत्काल छापेमारी और कानूनी कार्रवाई होगी।

झारखंड शराब घोटाले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। श्री मरांडी आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। मरांडी ने कहा शराब घोटाले की परत जिस प्रकार से रोज खुल रही रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि झारखंड में दिल्ली से भी बड़ा शराब घोटाला हुआ है।

कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके द्वारा पत्र लिखकर आगाह किए जाने के बावजूद कार्रवाई से बचते रहे उससे यह स्पष्ट हो रहा कि यह घोटाला हुआ नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से कराया गया है जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं शामिल हैं ।

उन्होंने कहा कि 19अप्रैल 2022 को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों द्वारा झारखंड राज्य विवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की निविदा जेसीबीसीएल /02 दिनांक 01 अप्रैल 2022 में अंकित बिंदुओं की अवहेलना कर एक साजिश के तहत छत्तीसगढ़ की कंपनी विशेष को टेंडर देने एवं उससे होने वाली भारी राजस्व की क्षति की ओर ध्यान आकर्षित कराया था।

कहा कि पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि उपर्युक्त वर्णित निविदा की कंडिका 9.3 में 3.90% अधिकतम लाभांश को बदलकर निविदा डालने वाली इकाइयों से न्यूनतम मार्जिन दर्शाने की बात अंकित है।जिसके फलस्वरूप AtoZ इंफ्रा सर्विस लि, प्राइम वन वर्कफोर प्राइवेट लिमिटेड, सुमित फैसिलेशन लि और ईगर हंटर सॉल्यूशन लि जो पूर्व मे उनके मनोनुकूल शर्तें नहीं होने के कारण टेंडर नहीं डाल सके थे टेंडर में भाग ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार पत्र लिखने के बावजूद सरकार ने संज्ञान नहीं लिया।उन्हें पता था गड़बड़ हो रहा लेकिन गड़बड़ी रोकने के बजाय उसमें साथ दिया और उससे होने वाले उपार्जन का लाभ लिया।कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की जिन कंपनियों का नाम पत्र में लिखा था उन्हें निविदा मंजूर की गई,काम मिला।

कहा कि सवाल उठता है कि 2022 में पत्र लिखकर आगाह करने के बाद भी 2025 तक मुख्यमंत्री ने क्यों लूट होने दी,क्यों कार्रवाई नहीं की।?

कहा कि मुख्यमंत्री की नींद तब खुली जब 27 सितंबर 2024 को अखबार में खबर छपी कि शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ में झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय चौबे और मुकदमा दर्ज हुआ है। तब झारखंड सरकार में बैठे लोगों के कान खड़े हुए।जांच का भय सताने लगा ।इसलिए आनन फानन में अक्टूबर 2024 में PE प्राइमरी इन्क्वायरी सेटअप की गई। लेकिन इस समय भी एफआइआर दर्ज नहीं हुआ। इससे स्पष्ट है कि घोटाले पर पर्दा डालने और बड़ी मछलियों को बचाने केलिए छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई के बाद हड़बड़ी ने जांच प्रारंभ हुई।जो पूरी तरह से सोची समझी साजिश है। यह ध्यान देने वाली बात है कि कल ही एसीबी ने विनय चौबे पर एफआईआर दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया।

अवैध डीजीपी रखना भी साजिश का हिस्सा

श्री मरांडी ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो रहा कि अवैध तरीके से क्यों डीजीपी को रखा गया है। कहा कि संवैधानिक रूप में विगत 21 दिनों से झारखंड डीजीपी विहीन है। लेकिन एक योजना के तहत अवैध डीजीपी से अवैध काम लिया जा रहा है।

कहा कि इस घोटाले के पहले भी राज्य के दो अंचलाधिकारी मनोज कुमार और शैलेश एक घोटाले में ईडी के गवाह हैं। एसीबी ने मुकदमा दर्ज किया छापेमारी की ताकि मामले को लटकाया जा सके ।और अब गवाहों को धमकी दी जा रही कि गवाही से मुकर जाओ नहीं तो कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में एक जमीन से जुड़ा बड़ा मामला है जिसमें तीन लोग उमेश टोप्पो,राज लकड़ा ,प्रवीण जायसवाल प्रमुख गवाह हैं। इनपर भी बयानों से मुकरने केलिए दबाव डाला गया ।और ऐसा नहीं करने पर इन्हें जेल भेज दिया गया। इससे स्पष्ट है कि ये लोग बोल दें तो कई बड़ी मछलियां फंस जाएंगी।

उन्होंने कहा कि शराब घोटाले से जुड़ा एक और मामला है जिसमें दो प्लेसमेंट एजेंसियों ने फर्जी बैंक गारंटी जमा किया ।कोर्ट में भी फर्जी ही जमा किया।लेकिन अभी तक विभाग ने न तो एफआईआर दर्ज किया न कोई कार्रवाई की। कंपनी ने बिना टेंडर के दुकानें बांट दिए।इससे स्पष्ट है कि सभी मिले हुए हैं।

उन्होंने कहा कि विनय चौबे को गिरफ्तार कर सरकार यह भ्रम फैलाना चाहती है कि वह घोटाले में शामिल नहीं है जबकि घोटाले के तार मुख्यमंत्री तक जुड़े हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया कि शराब घोटाला दो राज्यों से जुड़ा हुआ है इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराने की अविलंब अनुशंसा करें।

श्री मरांडी ने विनय चौबे की अस्वस्थता पर भी चिंता व्यक्त की तथा सरकार से उनकी चिकित्सा एवं सुरक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की।

JPSC 11वीं मेन्स परीक्षा का आयोग ने जारी किया रिजल्ट, अभ्यर्थियों ने जताया आभार, साथ ही दे डाली चेतावनी

रांची : जेपीएससी सिविल सेवा 11वीं मेन्स परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम लंबे समय से प्रतीक्षित था और इसे लेकर अभ्यर्थियों द्वारा लगातार आंदोलन चलाया जा रहा था। हालांकि अब उनका इंतजार खत्म हो गया है। मेन्स परीक्षा में 864 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। गौरतलब है कि यह परीक्षा जून 2023 में विभिन्न सेवाओं के कुल 342 पदों के लिए आयोजित किया गया था। 864 सफल अभ्यर्थियों का 342 पदों के लिए होगा साक्षात्कार। अब सफल अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा, जिसकी तारीख आयोग की ओर से बाद में घोषित की जाएगी।

ज्ञात हो कि अभ्यर्थी पिछले 11 महीनों से इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। रिजल्ट जारी करने को लेकर जेपीएससी कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों ने लगातार आंदोलन कर रहे थे। भूख हड़ताल भी किया। आंदोलन को समर्थन देते हुए डुमरी विधायक जयराम महतो ने अभ्यर्थियों का अनशन तुड़वाया था और आंदोलनकारियों के साथ मिलकर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से बातचीत की थी। राज्यपाल ने आयोग के अध्यक्ष से मामले में बातचीत की थी और अध्यक्ष ने जल्द रिजल्ट देने को लेकर राज्यपाल को आश्वस्त किया था।

आयोग के द्वारा रिजल्ट जारी करने के बाद अभ्यर्थियों में खुशी देखी गई। उन्होंने आयोग का आभार भी प्रकट किया और साथ ही साथ साक्षात्कार के लिए जल्द नोटिफिकेशन देने को कहा। वही बचे हुए जेपीएससी एग्जाम जल्द से जल्द करने के लिए आयोग से आग्रह भी किया और चेतावनी दे डाली।

रिपोर्टर जयंत कुमार

बोकारो विधायक श्वेता सिंह के नाम दो PAN कार्ड, वोटर आईडी पर उठे सवाल, बीजेपी ने राज्यपाल सौंपा ज्ञापन


रांची : बोकारो विधायक और कांग्रेस नेता श्वेता सिंह सवालों के घेरे में हैं। उनके नाम पर दो पैन कार्ड हैं। जानकारी के अनुसार, दोनों ही पैन कार्ड (C92A और C1SE) में पिता का नाम अलग-अलग दिया हुआ है। इनमें से एक पैन कार्ड रामगढ़ और दूसरा गुरुग्राम से बना है। गुरुग्राम से बने पैन कार्ड में श्वेता के पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह लिखा है। जबकि 2010 में रामगढ़ से बने पैन कार्ड में उनके पिता का नाम संग्राम सिंह दर्ज है। अब इस मामले को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

भाजपा विधायक सी पी सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा चुनाव आयोग में जो हलफनामा दाखिल किया गया उसमें जो उल्लेख है वह गलत है। एक आदमी आखिर दो पैन कार्ड कैसे बना सकता है। इसमें गौर करने वाली बात है यह कि अपने चुनावी हलफनामे में विधायक ने पति के कॉलम के नाम के सामने संग्राम सिंह लिखा है। लेकिन चुनावी शपथ पत्र में दिया गया उनका पैन कार्ड रामगढ़ से बना है, जिसमें उनके पिता का नाम वही है, जो पति का नाम है।

वही बोकारो के पूर्व विधायक बीरांची नारायण भी इस मामले में कहा कि एक पैन कार्ड पर नाम SHWETA SINGH लिखा है। जबकि दूसरे कार्ड में SHWETTAA SINGH लिखा है। मालूम हो कि आयकर अधिनियम के तहत पैन कार्ड में पति का नाम दर्ज करने का प्रावधान नहीं है। पैन कार्ड में हमेशा धारक को अपने पिता का नाम लिखना होता है। पैन कार्ड बनवाने से पहले भरे जानेवाले फॉर्म में भी कहीं भी पति के नाम का कॉलम नहीं होता है। ऐसे में बोकारो विधायक के दो पैन कार्ड वाला मामला कई सवाल खड़े कर रहा हैं।

रिपोर्टर जयंत कुमार

रांची में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद 800 घरों की बिजली काटी गई

रांची में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली विभाग ने 800 घरों की बिजली काट दी। इसका मुख्य कारण यह था कि इन घरों के उपभोक्ताओं ने नए स्मार्ट मीटरों के अनुसार बिजली बिल का भुगतान नहीं किया था।

विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे समय पर अपने बिजली बिल का भुगतान करें ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो। इस घटना से शहर के कई इलाकों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

राज्य के 16 नगर निगमों की पेयजल समस्या दूर करने के लिए 2038 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे


झारखंड सरकार ने राज्य के 16 नगर निगमों में रहने वाले हजारों परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने और बेहतर सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 

इस दिशा में सरकार 2038 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इन निकायों में रामगढ़, सिमडेगा, बड़की-सरैया, जामताड़ा, महागामा, डोमचांच, रेहला-विश्रामपुर, धनवार, बंशीधर नगर, छतरपुर एवं हरिहरगंज, बरहवा, चास (फेज-टू), गिरिडीह (फेज-टू), कपाली, गुमला, लोहरदगा शामिल हैं। इसमें अंतिम तीन शहरी निकायों में जलापूर्ति योजना पर काम विश्व बैंक से सहायता प्राप्त कर जेएमडीपी और अमृत योजना.2 के तहत किया जाएगा। वहीं, शेष योजनाएं अमृत 2.0 योजना के तहत पूरी होगी।

इस पहल से इन नगर निगमों में पेयजल की कमी दूर होगी और लोगों को स्वच्छ पानी मिल सकेगा। शहरी विकास एवं आवास विभाग इस योजना को कार्यान्वित करेगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।

पीवीयूएनएल पतरातू में श्रम कानूनों पर ज्ञानवर्धक कार्यशाला


पतरातू विद्युत उत्पादक निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) ने अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की कानूनी जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए रशियन हॉस्टल सभागार में एक दिवसीय श्रम कानून कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य ध्येय कार्यस्थल पर सुचारू संचालन, बेहतर समन्वय और पारदर्शिता को बढ़ावा देना था, जिसके लिए श्रमिकों और संबंधित अधिकारियों को श्रम कानूनों की व्यापक जानकारी प्रदान की गई।

इस ज्ञानवर्धक कार्यशाला में श्रम कानून के विशेषज्ञ डॉ. तनमय पटनायक ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी विशेषज्ञता साझा की। डॉ. पटनायक, जो श्रम कानून में पीएचडी, कॉर्पोरेट लॉ में एलएलएम और एलएलबी की उपाधियाँ रखते हैं, ने भारतीय संविदा अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण श्रम कानूनों की बारीकियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ जीवंत संवाद स्थापित करते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया और कानूनों की जटिलताओं को सरल भाषा में समझाया।

कार्यशाला का शुभारंभ पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आर.के. सिंह, प्रतिष्ठित परियोजना प्रमुख श्री अनुपम मुखर्जी और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख श्री जियाउर रहमान की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। इन उच्चाधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यशाला के महत्व को और बढ़ाया तथा प्रतिभागियों को प्रेरित किया।

अपने संबोधन में, श्री आर.के. सिंह ने कर्मचारियों के लिए श्रम कानूनों की जानकारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधानों की सही समझ से न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा होती है, बल्कि कंपनी के भीतर एक स्वस्थ और न्यायपूर्ण कार्य वातावरण भी निर्मित होता है। श्री मुखर्जी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगी। श्री रहमान ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पीवीयूएनएल अपने सभी कर्मचारियों के हितों के प्रति सजग है और उनकी कानूनी शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. पटनायक ने अपने सत्र में विभिन्न श्रम कानूनों के महत्वपूर्ण पहलुओं को उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया। उन्होंने कर्मचारियों के भर्ती प्रक्रिया से लेकर सेवा शर्तों, वेतन और भत्तों के भुगतान, औद्योगिक विवादों के समाधान और अन्य संबंधित कानूनी प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने ठेका श्रमिकों के अधिकारों और उनसे जुड़े नियमों की भी जानकारी दी, जो कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी रही।

इस कार्यशाला में पीवीयूएनएल के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रतिभागियों ने डॉ. पटनायक के ज्ञान और प्रस्तुति शैली की प्रशंसा की और इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने महसूस किया कि इस कार्यशाला से उन्हें श्रम कानूनों की बेहतर समझ मिली है, जिससे वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को अधिक प्रभावी ढंग से जान पाएंगे।

कार्यशाला के अंत में, प्रतिभागियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में खुलकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

 डॉ. पटनायक ने धैर्यपूर्वक सभी प्रश्नों के उत्तर दिए और कानूनी प्रावधानों से संबंधित उनकी उलझनों को दूर किया। इस इंटरैक्टिव सत्र ने कार्यशाला को और भी अधिक उपयोगी और प्रभावी बना दिया।

पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित यह एक दिवसीय श्रम कानून कार्यशाला निश्चित रूप से कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगी। कानूनी जानकारी के सशक्तिकरण से कार्यस्थल पर अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और सौहार्दपूर्ण माहौल बनेगा, जिससे अंततः संगठन के विकास और उत्पादकता में सकारात्मक योगदान मिलेगा। इस सफल आयोजन से पीवीयूएनएल ने अपने कर्मचारियों के व्यावसायिक विकास और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित किया है।