*गांव की गोद में खिलती ‘शिक्षा की बगिया‘-शिक्षिका मीना दुबे बनीं प्रेरणा की मिसाल*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जनपद के सिधौली विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय गंगापुर में कार्यरत शिक्षिका मीना दुबे आज एक ऐसे शिक्षण मॉडल की प्रतिमूर्ति बन चुकी हैं, जहाँ शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों, व्यवहारिकता और संस्कारों का समग्र समावेश है।

ग्रामीण परिवेश में स्थित इस विद्यालय में शिक्षिका मीना दुबे जिस लगन, सृजनात्मकता और करुणा के साथ बच्चों को शिक्षित कर रही हैं, वह प्रशंसनीय ही नहीं, अनुकरणीय भी है। वे बच्चों को न केवल पाठ्यक्रम की जानकारी देती हैं, बल्कि उनकी गतिविधियों में खेल, योग, नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय चेतना और पारिवारिक संस्कारों का ऐसा समावेश करती हैं, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

अनूठी शिक्षण शैली-‘खेल में शिक्षा, प्रेम में अनुशासन‘

मीना दुबे की शिक्षण पद्धति में एक खास बात यह है कि वे पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि आनंद का माध्यम बनाती हैं। बच्चे उनके साथ कहानी, कविता, चित्रकला, समूह चर्चा और नाट्य रूपांतरण जैसी सृजनात्मक गतिविधियों में भाग लेते हैं। उनका मानना है कि “बच्चों को पाठ रटवाने से बेहतर है कि उन्हें अनुभवों से जोड़कर सिखाया जाए।

एक ग्रामीण स्कूल में कार्यरत होते हुए भी श्रीमती दुबे की सोच और दृष्टिकोण अत्यंत प्रगतिशील है। वे विद्यालय को केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की प्रयोगशाला मानती हैं। विद्यालय में पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, बाल सभा जैसी गतिविधियां उनके प्रयासों से नियमित रूप से संचालित होती हैं। इन प्रयासों से बच्चों में जिम्मेदारी, नेतृत्व और सामाजिक सहभागिता की भावना विकसित हो रही है।

मीना दुबे को स्थानीय समुदाय, अभिभावकों और शिक्षा अधिकारियों से भरपूर सराहना मिली है। उनके कार्यों को ब्लॉक स्तर की बैठकों और शिक्षक प्रशिक्षणों में ‘‘बेस्ट प्रैक्टिसेज़‘‘ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वे न केवल एक आदर्श शिक्षिका हैं, बल्कि एक प्रेरक नेतृत्वकर्ता भी हैं।

ऐसे समय में जब शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और नवाचार की आवश्यकता बार-बार रेखांकित की जा रही है, श्रीमती मीना दुबे जैसी शिक्षिका समाज के लिए उम्मीद की किरण हैं। वे सिद्ध कर रही हैं कि अगर नीयत सच्ची हो और दृष्टि व्यापक, तो एक शिक्षक अकेले भी बदलाव की शुरुआत कर सकता है।

मीना दुबे वास्तव में शिक्षा के क्षेत्र में एक जीवंत प्रेरणा हैं, जिनसे आने वाली पीढ़ियाँ न केवल ज्ञान, बल्कि संस्कार और जागरूकता भी पाएंगी।

अनियमित विद्युत आपूर्ति से डीएम चिंतित, उच्चस्तरीय बैठक कर दिए कड़े निर्देश

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जनपद में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अभिषेक आनंद द्वारा विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों, विशेष रूप से खैराबाद, सीतापुर नगर, महोली एवं मिश्रित कस्बों में हो रही अनियमित विद्युत आपूर्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आंधी-तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हुए विद्युत पोलों एवं लाइनों की तत्काल मरम्मत कराने हेतु अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी दशा में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए सभी फीडरों की नियमित निगरानी, आवश्यकतानुसार उपकरणों की मरम्मत, तकनीकी कर्मचारियों की पर्याप्त तैनाती एवं सतर्कता बनाए रखना अनिवार्य है। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्देशित किया कि जनसामान्य की शिकायतों एवं समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर तत्परता से समाधान किया जाए, जिससे आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जो भी विद्युतकर्मी हड़ताल पर गए हैं उनके द्वारा विद्युत आपूर्ति को बाधित करने की नीयत से विद्युत पोलों, तारांे, फीडरों आदि में किसी भी तरह की छेड़खानी की जाएगी या छेड़खानी करते हुए पकड़ा जाएगा तो उन पर मुकदमा पंजीकृत कराते हुए कड़ी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

बैठक में अधिशासी अभियंता सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से अपेक्षा व्यक्त की कि गर्मी के इस मौसम में विद्युत आपूर्ति की निरंतरता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाए।

निराश्रित बच्चों के जीवन में बदलाव लाएगा ‘साथी अभियान' जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने उठाया सराहनीय कदम

सीके सिंह(रूपम,सीतापुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद में एक अभूतपूर्व एवं सराहनीय पहल करते हुए ‘साथी अभियान‘ का शुभारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन निराश्रित, अनाथ, परित्यक्त तथा सामाजिक-सुरक्षा से वंचित बच्चों की पहचान करना है, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित हैं और किसी भी प्रकार की सरकारी योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या पुनर्वास कार्यक्रम का लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा, उनकी डिजिटल मैपिंग की जाएगी तथा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आश्रय और संरक्षण जैसे आवश्यक अधिकारों से युक्त करने हेतु विभिन्न विभागों के समन्वय से तत्कालिक और दीर्घकालिक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।

इस अभियान की जानकारी देते हुए कुलदीप सक्सेना जिला जज एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि यह प्रयास राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की गाइडलाइनों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के वंचित बच्चों तक न्याय, सुरक्षा एवं विकास की रोशनी पहुँचाना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु जनपद स्तर पर एक सशक्त एवं बहुविभागीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता अपर जिला जज नरेंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा की जा रही है। समिति में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल अधिकारी (अपर पुलिस अधीक्षक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, समस्त तहसीलदार, पैनल लॉयर एवं पैरा लीगल वालंटियर्स (पी.एल.वी.) को शामिल किया गया है। इस समिति के अलावा, अभियान को अधिक प्रभावशाली एवं व्यावहारिक बनाने हेतु मुख्य विकास अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष, जिला सूचना अधिकारी, सहायक श्रम आयुक्त तथा समस्त नगर पालिका व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नामित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा व्यवस्था से वंचित न रहे।

‘साथी अभियान’ न केवल न्यायिक पहल है, बल्कि यह एक सामाजिक उत्तरदायित्व का संकल्प भी है, जो उन बच्चों के जीवन में आशा, अवसर और अधिकारों की पुनर्स्थापना करेगा जिन्हें समाज ने उपेक्षित कर दिया है। यह अभियान बच्चों को गुणवत्तापूर्ण निरूशुल्क शिक्षा दिलवाने, उन्हें अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलाने, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने, तथा आवश्यकता पड़ने पर संरक्षण गृहों में रखने जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से उन्हें एक सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर करेगा।

अध्यक्ष कुलदीप सक्सेना ने सभी विभागीय अधिकारियों, नागरिक संगठनों एवं जागरूक नागरिकों से आह्वान किया है कि वे इस अभियान में सहभागी बनें, किसी भी निराश्रित या सहायता की ज़रूरत वाले बच्चे की सूचना संबंधित विभाग को दें तथा इस पुनीत कार्य को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करें। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है कि जनपद का कोई भी बच्चा शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, संरक्षण अथवा न्याय से वंचित न रहे।

राजकीय बालिका महाविद्यालय का भवन विभागीय उदासीनता के चलते विगत 8 वर्षों से सफेद हाथी की तरह शो पीस बना

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। नगर क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर बालिका शिक्षा के लिए बनाए गए राजकीय बालिका महाविद्यालय का भवन विभागीय उदासीनता के चलते विगत 8 वर्षों से सफेद हाथी की तरह शो पीस बन कर खड़ा है। जिसमें कोई भी शिक्षण कार्य न होने के चलते क्षेत्र की छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और या तो शहर से बाहर उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ रहा है या फिर प्राइवेट कॉलेजों की भारी भरकम फीस के कारण मध्यमवर्गीय व निर्धन परिवार अपनी बच्चियों को उच्च शिक्षा नहीं दिला पा रहा है।

जिससे प्रदेश सरकार की बेटी पढ़ाओ के सपनों को पंख नहीं लग पा रहे हैं। बालिका शिक्षा व बंद पड़े राजकीय महाविद्यालय में शिक्षण कार्य प्रारंभ कराने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद हसीन अंसारी ने सोमवार को प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को एक प्रार्थना पत्र देकर महाविद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू कराने की मांग की उन्होंने पालिका क्षेत्र में पालिका परिषद द्वारा बनवाए गए बालिका इंटर कॉलेज में भी शिक्षण कार्य प्रारंभ कराए जाने की मांग की जिससे क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए समस्याओं का सामना न करना पड़े और प्रदेश की सरकार का सपना बेटी पढ़ाओ को भी पूरा किया जा सके। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता हसीन अंसारी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने बालिका शिक्षा संबंधी समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया है।

बड़े मंगल पर सुख-शांति की कामना के साथ डीएम ने किया भंडारे का शुभारंभ

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। कलेक्ट्रेट परिसर में आज बड़े मंगल के पावन अवसर पर विशेष भंडारे का आयोजन किया गया। इस पुण्य अवसर पर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने विधिवत पूजन-अर्चन कर भंडारे का शुभारंभ किया। उन्होंने भगवान महावीर हनुमान जी से जनपदवासियों के सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना किया। 

पूजन के उपरांत जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने श्रद्धालुओं के बीच स्वयं प्रसाद वितरण किया, जिससे वहां उपस्थित जनमानस में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। उन्होंने कहा कि बड़े मंगल जैसे आयोजनों से समाज में भाईचारा, सौहार्द और सेवा की भावना का प्रसार होता है। यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग की मिसाल भी प्रस्तुत करती है। 

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) खालिद अंजुम, नगर मजिस्ट्रेट कृष्णा नंद तिवारी सहित कलेक्ट्रेट के अन्य अधिकारी, कर्मचारीगण एवं भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने भंडारे में प्रतिभाग कर प्रसाद ग्रहण किया तथा आयोजन की सराहना की। 

कार्यक्रम को सुव्यवस्थित और सफल बनाने में कलेक्ट्रेट प्रशासन एवं संबंधित विभागों की भूमिका सराहनीय रही।

परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की एक दिवसीय कार्यशाला

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर(सीतापुर)। स्थानीय ब्लाक संसाधन केंद्र पर परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की एक दिवसीय कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक खण्डशिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र नाथ प्रजापति की अध्यक्षता में आहूत की गई।ए आर पी ऋषिकेश बाजपेई तथा अंकुर शुक्ला ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए अपनी प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर खण्डशिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र नाथ प्रजापति ने शिक्षकों का आवाहन किया कि वह विभागीय कार्यों और दायित्वों का निर्वाहन पूरी क्षमता से करें,जिससे न सिर्फ विद्यालय बेहतर होगा बल्कि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य समय से प्राप्त करने में भी सरलता होगी, उन्होंने नवीन शैक्षिक सत्र में छात्रों की उपस्थित, नामांकन, पुस्तक वितरण, शिक्षक डायरी का प्रयोग,साक्षर भारत मिशन, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा, साप्ताहिक आकलन, संचारी रोग नियंत्रण अभियान और वृक्षारोपण अभियान आदि विंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में शिक्षक सरोज कुमार वर्मा, जैनुल हसन, रामचन्द्र वर्मा, अमिता वर्मा, अल्पना, रेखा देवी मुशीर अहमद सहित काफी संख्या में शिक्षक शक्षिकाएं उपस्थित थे।

बच्चों ने जो योग प्रदर्शन किया है, वह इस उम्र में अद्भुत है : राज्यपाल

सीके सिंह(रूपम)सीतापुर। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आज जनपद के खैराबाद स्थित भूमिजा बहुउद्देश्यीय हॉल पहुंचीं। इस अवसर पर आंगनबाड़ी के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने गुलाब पुष्प भेंटकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा उनका आत्मीय स्वागत किया। बच्चों द्वारा किये गये प्रस्तुत किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रम से प्रभावित होकर राज्यपाल ने उपहार भी वितरित किये। राज्यपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “इन प्यारे-प्यारे बच्चों ने जो योग प्रदर्शन किया है, वह इस उम्र में अद्भुत है। यह कार्य हम बड़ों के लिए भी आसान नहीं होता। बच्चों को संस्कार देना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि जैसा वातावरण घर और परिवार में होगा, वैसे ही संस्कार बच्चों में विकसित होंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों की नींव मजबूत करने वाला एक सशक्त मंच बताया।” उन्होंने कहा कि हमारी बेटियों को भी हर क्षेत्र में भागीदारी लेनी चाहिये, वह जमाना चला गया जब बेटियों को पराया समझा जाता था। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों की नीव का मजबूत बनाना होगा, यदि बच्चों की नीव मजबूत होगी तभी हमारा देश विकसित हो पायेगा, क्योंकि इन्हीं बच्चों के ऊपर हमारे देश की जिम्मेदारी है और आगे चलकर यही बच्चे भविष्य में देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिये, जिससे बच्चों सीखनें का अवसर मिलता है और उनका उत्साहवर्धन भी होता हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार एक माली छोटे पौधे की देखभाल करता है और उसे बड़ा करता है और उसी प्रकार छोटे बच्चों का भी लालन-पालन होना चाहिये, यह माता-पिता की ही जिम्मेदारी होती है, की वह अपने बच्चों को अच्छे सस्कार दें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की निरंतर निगरानी आवश्यक है, तभी शिक्षा पूर्ण मानी जा सकती है। राज्यपाल ने युवाओं से देश के विकास में नीति व नियमों के अनुरूप काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी किट वितरित की जा रही है, जिससे उनकी प्रारम्भिक शिक्षा और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके। सभी से संकल्पबद्ध होकर कार्य करने हेतु प्रेरित किया और कहा कि बच्चों की शिक्षा और संस्कारों को मजबूत करने के लिये हमें अपने आचरण और व्यवहार को शुद्ध रखना होगा। उन्होंने कहा कि इन प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है ताकि वह प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने में योगदान दे सकें। इसके लिये जरूरी है कि हर बच्चा आंगनबाड़ी और विद्यालय से जुड़कर शिक्षा प्राप्त करे।

आंगनबाड़ी केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुये कहा कि यह केवल शिक्षा का ही माध्यम नही है बल्कि गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों के पोषण और समग्र विकास का केन्द्र भी है। उन्होंने प्री-स्कूल किट के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बतायी। साथ ही उन्होंने बाल मनोविज्ञान को बढ़ाना देने पर बल दिया, जिससे बच्चों को अनकूल शैक्षिक वातावरण मिल सके और उनका समग्र व्यक्तित्व विकास सुनिश्चित हो।

कार्यक्रम स्थल पर जल निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार, कृषि, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, बेसिक शिक्षा, कारागार, ओ.डी.ओ.पी., राष्ट्रीय आजीविका मिशन आदि विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया गया। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक अवश्य पहुँचे।

स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों एवं नवाचारों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने ग्रामीण उद्यमिता को आत्मनिर्भरता का आधार बताया।

नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरु द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया गया एवं जनपद में स्वास्थ्य, स्वच्छता और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुई प्रगति से अवगत कराया गया।

जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने राज्यपाल को जनपद में संचालित योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्तिकरण एवं स्वरोजगार की दिशा में हो रहे कार्यों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने ‘योग, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य‘ पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्हें सभी ने सराहा। डीएलएड प्रशिक्षुओं ने बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के माध्यम से भारत की वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डाला।

राज्यपाल द्वारा विभिन्न लाभार्थियों को योजनाओं के अंतर्गत सामग्री एवं प्रमाण-पत्र वितरित किए गए, जिनमें शामिल थे

राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्री-स्कूल किट एवं हाईजिन 10 किट का मंच से वितरण तथा कुल 200 किट वितरण किये गये। पोषण अभियान अन्तर्गत 05 पोषण पोटली मंच से वितरित की गयी तथा कुल 100 पोटली का वितरण हुआ। 05 आयुष्मान कार्ड वितरित मंच से किये गये एवं कुल 100 कार्डों का वितरण किया गया। समूह की महिलाओं को ई-रिक्शा की 04 चाभी का वितरण मंच से एवं कुल 20 चाभी का वितरण किया गया। स्वामित्व योजनान्तर्गत 02 घरौनी का वितरण मंच से तथा कुल 50 वितरण किये गये। 02 टी0बी0 किट का वितरण मंच से तथा कुल 100 किटों का वितरण किया गया। एनआरएलएम के 02 प्रमाण-पत्र का वितरण मंच से तथा कुल 100 प्रमाण-पत्रों का वितरण किया गया। मुद्रा योजना अन्तर्गत 02 ऋण स्वीकृत पत्र का वितरण मंच से तथा कुल 10 का वितरण किया गया। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्ययन योजनान्तर्गत 02 ऋण स्वीकृति का वितरण मंच से तथा कुल 50 का वितरण किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 02 प्रमाण-पत्र का वितरण मंच से तथा कुल 100 प्रमाण-पत्रों का वितरण किया गया।

उज्जवला योजनान्तर्गत 02 अनुदान चेक का वितरण मंच से तथा कुल 100 का वितरण किया गया। वृद्धावस्था पेंशन योजना के 02 स्वीकृत पत्र मंच से तथा कुल 100 स्वीकृत पत्र वितरित किये गये। स्पान्सरशिप योजनान्तर्गत 02 स्वीकृत पत्र मंच से तथा कुल 50 स्वीकृत पत्र वितरित किये गये। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 02 किट का वितरण मंच से तथा कुल 50 किटों का वितरण किया गया।

इस अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू, विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव, विधायक महमूदाबाद आशा मौर्य, विधायक बिसवां निर्मल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रद्धा सागर, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल, अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

मेधावी छात्र-छात्राओं के प्रतिभा सम्मान समारोह का किया गया आयोजन

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। क्षेत्र के ग्राम लालपुर बाजार स्थित ओमकमल पब्लिक इंटर कॉलेज में सोमवार को हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के मेधावी छात्र-छात्राओं के प्रतिभा सम्मान समारोह का किया गया आयोजन। कार्यक्रम में इंटरमीडिएट में सर्वाधिक अंक लाने वाले छात्रों में श्रेया तिवारी, कशिश वर्मा, विवेक शुक्ला, शिवानी सुधा,अंशी वर्मा,हिमांशु तथा दीपिका सिंह व हाई स्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वाले प्रथम पांच विद्यार्थियों में आशीष कुमार, पुष्कर अवस्थी, सुधाकर, अभिचल वर्मा, तथा अंश द्विवेदी को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमेश्वर भार्गव पूर्व ब्लॉक प्रमुख थे। कार्यक्रम में उत्तम वर्मा, गरुण ध्वज मिश्रा, सच्चिदानंद मिश्रा की उपस्थिति में विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश मिश्र तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य दिव्यकृष्ण मिश्र के द्वारा मेधावी छात्र छात्राओं को प्रसास्ति पत्र, मेडल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की व मेधावी छात्र-छात्राओं को आश्वस्त किया गया कि भविष्य में भी इंटर की पढ़ाई के बाद भी विद्यालय परिवार उनके साथ है । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ललित,अवधेश,सुनील ,गोविंद,आदर्श, शिवम्जी ,संजय, शेखर, पीयूष शुक्ला, सोनू शुक्ला,विनय यादव, प्रदीप , असलम,सरिता मिश्रा,निशी दीक्षित, शालिनी,रुचि , शीला, शिवांगी,आयुषी, श्वेता सहित शिक्षक एवं अभिभावक उपस्थित रहे ।

बुद्ध जयंती भारी श्रद्धा व उल्लास पूर्वक मनाई गइ

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। नगर क्षेत्र के मोहल्ला छावनी प्रहलादपुर में प्रजापति गौतमी बुद्ध विहार में सोमवार को बुद्ध जयंती भारी श्रद्धा व उल्लास पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ भंते धम्म रतन व भंते धम्म दर्सी ने तथागत भगवान बुद्ध की त्रिशरण वंदना, पंचशील एवं उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर दिया गया।

इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दु:ख क्या है, अगर दुख है तो उसका निवारण क्या है पंचशील क्या है इस पर प्रकाश डाला। इस मौके पर मास्टर बाराती ने कहा कि तथागत के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही जीवन में सुख और शांत प्राप्त होगी। इस मौके पर रामपाल ने तथागत बुद्ध भगवान के जीवन वृत पर प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रमुख रूप से मास्टर अमर सिंह, डॉ लालजी प्रसाद, शिवशंकर लाल, सुशील कुमार, उर्मिला देवी, अंजली देवी, श्रीकृष्ण भारती, जगजीवन लाल, संदीप कुमार, लवलेश कुमार, प्रसान्त कुमार, राधेश्याम सहित भारी संख्या में महिलाएं बच्चे उपस्थित थे।

*प्राइवेट अस्पतालों पर सीएमओ का चला चाबुक, एक पैथोलॉजी सील, कई अस्पतालों को चेतावनी*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर- मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व एवं गठित निरीक्षण टीम द्वारा जनपद में संचालित निजी चिकित्सा एवं नैदानिक संस्थानों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य अस्पतालों में चिकित्सा मानकों, स्वच्छता व्यवस्था एवं बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की स्थिति का वास्तविक आकलन करना था।

निरीक्षण के दौरान प्रगति नर्सिंग होम एवं रेखा आई दृष्टि हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। परंतु सिटी फैक्चर हॉस्पिटल में स्वच्छता व्यवस्था खराब पाई गई और बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन नियमानुसार नहीं किया जा रहा था। इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कड़ी फटकार लगाते हुए तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए। शुभी पैथोलॉजी सेंटर में न तो कोई योग्य टेक्नीशियन मौजूद था और न ही पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट, साथ ही नवीनीकरण भी नहीं कराया गया था। ऐसी स्थिति में मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया गया। इसी क्रम में रीजेंसी हॉस्पिटल, सीतापुर हेल्थ केयर हॉस्पिटल तथा स्वर्णलता मेमोरियल हॉस्पिटल में भी मानकों के उल्लंघन पाए गए। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चेतावनी देते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए कि यदि निर्धारित समयसीमा में कमियों को दूर नहीं किया गया तो विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जनपद में संचालित सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी मानकों का अक्षरशः पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा, अन्यथा लाइसेंस निलंबन, आर्थिक दंड अथवा संस्थान बंद करने तक की कार्यवाही की जाएगी।