निराश्रित बच्चों के जीवन में बदलाव लाएगा ‘साथी अभियान' जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने उठाया सराहनीय कदम
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सीके सिंह(रूपम,सीतापुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद में एक अभूतपूर्व एवं सराहनीय पहल करते हुए ‘साथी अभियान‘ का शुभारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन निराश्रित, अनाथ, परित्यक्त तथा सामाजिक-सुरक्षा से वंचित बच्चों की पहचान करना है, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित हैं और किसी भी प्रकार की सरकारी योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या पुनर्वास कार्यक्रम का लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा, उनकी डिजिटल मैपिंग की जाएगी तथा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आश्रय और संरक्षण जैसे आवश्यक अधिकारों से युक्त करने हेतु विभिन्न विभागों के समन्वय से तत्कालिक और दीर्घकालिक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अभियान की जानकारी देते हुए कुलदीप सक्सेना जिला जज एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि यह प्रयास राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की गाइडलाइनों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के वंचित बच्चों तक न्याय, सुरक्षा एवं विकास की रोशनी पहुँचाना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु जनपद स्तर पर एक सशक्त एवं बहुविभागीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता अपर जिला जज नरेंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा की जा रही है। समिति में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल अधिकारी (अपर पुलिस अधीक्षक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, समस्त तहसीलदार, पैनल लॉयर एवं पैरा लीगल वालंटियर्स (पी.एल.वी.) को शामिल किया गया है। इस समिति के अलावा, अभियान को अधिक प्रभावशाली एवं व्यावहारिक बनाने हेतु मुख्य विकास अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष, जिला सूचना अधिकारी, सहायक श्रम आयुक्त तथा समस्त नगर पालिका व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नामित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा व्यवस्था से वंचित न रहे।
‘साथी अभियान’ न केवल न्यायिक पहल है, बल्कि यह एक सामाजिक उत्तरदायित्व का संकल्प भी है, जो उन बच्चों के जीवन में आशा, अवसर और अधिकारों की पुनर्स्थापना करेगा जिन्हें समाज ने उपेक्षित कर दिया है। यह अभियान बच्चों को गुणवत्तापूर्ण निरूशुल्क शिक्षा दिलवाने, उन्हें अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलाने, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने, तथा आवश्यकता पड़ने पर संरक्षण गृहों में रखने जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से उन्हें एक सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर करेगा।
अध्यक्ष कुलदीप सक्सेना ने सभी विभागीय अधिकारियों, नागरिक संगठनों एवं जागरूक नागरिकों से आह्वान किया है कि वे इस अभियान में सहभागी बनें, किसी भी निराश्रित या सहायता की ज़रूरत वाले बच्चे की सूचना संबंधित विभाग को दें तथा इस पुनीत कार्य को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करें। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है कि जनपद का कोई भी बच्चा शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, संरक्षण अथवा न्याय से वंचित न रहे।
May 22 2025, 14:17