गुमशुदा पति को खोज लायी पुलिस, बुज़ुर्ग महिला की आंखों में खुशी के आंसू

लखनऊ । यूपी की राजधानी के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एक सराहनीय मानवीय पहल करते हुए पुलिस ने एक बुज़ुर्ग महिला को उसके बिछड़े पति से मिलाकर न सिर्फ उसकी चिंता दूर की, बल्कि उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटा दी। चलने-फिरने में असमर्थ इस बुज़ुर्ग महिला का 4 मई को पति लापता हो गया था। महिला के पास न कोई संतान है और न ही कोई दूसरा सहारा।

महिला की शिकायत पर सक्रिय हुई पुलिस 

महिला की शिकायत पर ठाकुरगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक श्रीकांत राय ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत गुमशुदगी दर्ज कराई और तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की। क्षेत्र में लगे CCTV कैमरों की जांच, चश्मदीदों से पूछताछ और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर खोजबीन शुरू की गई।

काफी तलाश के बाद बुजुर्ग को पुलिस ने किया बरामद 

जानकारी के लिए बता दें कि टीम में शामिल उप निरीक्षक मारूफ आलम, बसंत लाल यादव और सिपाही तारा सिंह बघेल की मेहनत रंग लाई और आखिरकार पुलिस को बुजुर्ग व्यक्ति का सुराग मिल गया। पुलिस ने उन्हें सकुशल बरामद कर लिया और सीधे बुजुर्ग महिला के घर पहुंचकर उन्हें सौंपा। चूंकि महिला पति के चले जाने के बाद काफी परेशान थी, उसका और कोई सहारा नहीं था। पुलिस ने उसका सराहा मिलाकर सराहनीय कार्य किया। 

पति को सही-सलामत देखकर महिला की आंखें भर आईं 

पति को सही-सलामत देखकर महिला की आंखें भर आईं और उन्होंने ठाकुरगंज पुलिस की इस संवेदनशील कार्रवाई के लिए आभार जताया। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस टीम की तत्परता और संवेदनशीलता की खुले दिल से सराहना की।यह घटना न सिर्फ पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि मानवीय संवेदना के साथ किया गया हर प्रयास समाज में विश्वास और उम्मीद की किरण जगाता है। पुलिस के इस सराहनीय कदम के बारे में जो भी जाना वह सराहना करना नहीं भूला।

प्राणी उद्यानों में बर्ड फ्लू से सुरक्षा के लिए उच्चतम सतर्कता बरती जाए : योगी

मुख्यमंत्री का निर्देश: कर्मचारियों को पीपीई किट और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया और बाड़ों की ड्यूटी रिस्क के अनुसार तय हो

लखनऊ। प्रदेश में H5 एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण की आशंका को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज संबंधित अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के समस्त प्राणी उद्यानों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों, वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुरूप सभी आवश्यक कदम तत्परता से उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्राणी उद्यान परिसरों को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाए और आवश्यकतानुसार ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया भी अपनाई जाए। सभी वन्य जीवों एवं पक्षियों की जांच की जाए, और उनके आहार की गहन जांच के उपरांत ही उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाए तथा उन्हें पीपीई किट सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। बाड़ों में नियुक्त कर्मचारियों की ड्यूटी इस जोखिम के स्तर को ध्यान में रखते हुए तय की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप विशेष निगरानी की जाए और पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर सतत नियंत्रण रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि H5 एवियन इंफ्लुएंजा के मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गहन समीक्षा की जाए ताकि संक्रमण की कोई भी कड़ी मानव समाज तक न पहुंच पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) आदि से लगातार संपर्क बनाकर सुझाव लिए जाएं और आवश्यकतानुसार क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के बीच समन्वय को सशक्त बनाया जाए ताकि सभी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो सके।

उप्र: शारदा बैराज और चंदन चौकी को वेलनेस और वाइल्डलाइफ टूरिज्म हब बनाने की योजना

-- ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल पर करेगा विकास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में स्थित शारदा बैराज और चंदन चौकी को एक प्रमुख एकोमोडेशन और वेलनेस पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, यहां व्यावसायिक आवासीय सुविधाएं, वेलनेस सेंटर, और अन्य टूरिज्म से जुड़ी गतिविधियां शुरू की जाएंगी, ताकि यह स्थान वाइल्डलाइफ और वेलनेस टूरिज्म का केंद्र बन सके। यह जानकारी पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। योजना के तहत बनने वाला आवास कम से कम थ्री स्टार श्रेणी के होटल के समकक्ष होगा, जो आगंतुकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित होगी, जहां सरकार उपलब्धता के आधार पर भूमि उपलब्ध कराएगी।

उन्होंने यह भी कहा, "हम लखीमपुर खीरी के पर्यटन क्षमता को पूरी तरह से सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शारदा बैराज को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के इस कदम से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को वैश्विक वेलनेस टूरिज्म मानचित्र पर भी स्थापित करेगा।"

योजना का उद्देश्य:

शारदा बैराज को एक शांत और सुरम्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना, जो वाइल्डलाइफ और वेलनेस का अद्वितीय मिश्रण होगा।

देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करना।

स्थानीय संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना।

रोजगार के अवसर सृजित करना और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना।

यह परियोजना राज्य सरकार की रणनीतिक पहल को दर्शाती है, जिसमें स्थानीय सहभागिता और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार और वृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में EWS को नहीं मिलेगा आरक्षण

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण देने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि EWS को इस भर्ती में आरक्षण नहीं मिलेगा, हालांकि, उसने माना कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के समय उत्तर प्रदेश में EWS आरक्षण लागू था।

कोर्ट का फैसला:

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, "यूपी में EWS आरक्षण लागू होने के बावजूद, इस भर्ती प्रक्रिया में इसे लागू करना व्यावहारिक और न्यायसंगत नहीं होगा।" कोर्ट ने यह भी माना कि सभी 69 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है और चयनित उम्मीदवार वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में यदि EWS आरक्षण के तहत नई सूची बनाकर भर्ती की जाती, तो यह प्रक्रिया न केवल व्यावहारिक बल्कि न्यायसंगत भी नहीं होती।

न्यायिक स्थिति:

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती के बाद चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति को चुनौती नहीं दी गई। इसका मतलब है कि पहले से नियुक्त अभ्यर्थियों को हटाकर नई सूची तैयार करना उचित नहीं होगा, क्योंकि उनकी नियुक्ति पहले से ही सुनिश्चित हो चुकी है।

सहकारिता विभाग में बंपर घोटाला: PCF मुख्यालय तक पहुंची जांच


बस्ती मंडल में धान खरीद के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट, EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत धान खरीद घोटाले ने बड़ा रूप ले लिया है। बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर ज़िलों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत हुए करोड़ों के गबन का दायरा अब जिला स्तर से बढ़कर मुख्यालय तक पहुंच चुका है।

क्या है घोटाले का मॉडल ?

जांच में सामने आया है कि धान खरीदा ही नहीं गया, लेकिन कागजों में पूरी प्रक्रिया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान दर्शा दिया गया। किसानों के नाम पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के भुगतान किया गया। ढुलाई, मजदूरी और अन्य खर्चों के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाए गए।

4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया। 37 क्रय केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज पाया गया। जांच में कई लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, और SDM, ADM स्तर के अधिकारी लापरवाही के घेरे में आए हैं।

कई अफसरों पर गिरी गाज, मुख्यालय भी चपेट में

सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

SIT और EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

एसआईटी और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की जांच में यह घोटाला महज एक वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध और सिस्टम फेलियर के रूप में सामने आया है। इसमें सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। अब जांच की आंच PCF मुख्यालय के अफसरों तक पहुंच चुकी है। अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने स्पष्ट किया है कि-

"कार्रवाई किसी भी स्तर पर रोकी नहीं जाएगी।" PCF मुख्यालय के कई अधिकारियों पर शासन स्तर से कठोर कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।

ज्येष्ठ मास के बड़े मंगल पर्व पर Lucknow में विशेष ट्रैफिक प्लान लागू, जानिए किन मार्गों पर रहेगा डायवर्जन

लखनऊ।राजधानी में ज्येष्ठ मास के बड़े मंगल पर्व को लेकर विशेष सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की गई है। 13 मई, 20 मई, 27 मई, 6 जून और 10 जून 2025 को यह पर्व बड़े श्रद्धा-भाव से मनाया जाएगा। इन दिनों नया एवं पुराना हनुमान मंदिर अलीगंज, हनुमान सेतु मंदिर सहित शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और भंडारे में शामिल होने पहुंचते हैं। भीड़-भाड़ और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने 12 मई 2025 की रात 12 बजे से विशेष डायवर्जन योजना लागू की है।

डायवर्जन व्यवस्था इस प्रकार रहेगी

-सीतापुर रोड से आने वाले भारी वाहन (रोडवेज/सिटी बस आदि) पुरनिया रेलवे क्रॉसिंग या डालीगंज क्रॉसिंग से कपूरथला या IT चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगे। यह वाहन मड़ियाँव ओवरब्रिज, पुरनिया रेलवे क्रॉसिंग, डालीगंज ओवरब्रिज, पक्का पुल, शाहमीना, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, टेढ़ी पुलिया, विकास नगर, महानगर, बादशाहनगर, संकल्प वाटिका, सिकंदरबाग के मार्ग से भेजे जाएंगे।

-कैसरबाग/हजरतगंज से आने वाले भारी वाहन सुभाष चौराहा से IT चौराहा या कपूरथला की ओर नहीं जा सकेंगे। इन्हें क्लार्क अवध, शहीद स्मारक, डालीगंज पुल, पक्का पुल, डालीगंज ओवरब्रिज, पुरनिया क्रॉसिंग, मड़ियाँव, निशातगंज, महानगर होकर भेजा जाएगा।

-कुर्सी रोड से आने वाला यातायात विष्णुपुरी कॉलोनी या नीरा नर्सिंग होम की ओर नहीं जा सकेगा। यह यातायात हीवेट पॉलिटेक्निक, वायरलेस चौराहा, गोल मार्केट, बादशाहनगर, सिकंदरबाग होकर आगे बढ़ेगा।

-IT चौराहा से रोडवेज/सिटी बसें विवेकानंद पॉलीक्लिनिक या कपूरथला होकर अलीगंज नहीं जा सकेंगी। इन्हें अयोध्या रोड, सेंट्रल बैंक तिराहा, हीवेट पॉलिटेक्निक, विष्णुपुरी होकर भेजा जाएगा।

-सहारा टावर तिराहे से कपूरथला की ओर जाने वाला यातायात डायवर्ट कर साई मंदिर तिराहा, निरालानगर ओवरब्रिज की ओर भेजा जाएगा।

-कामर्शियल वाहन जैसे ऑटो, विक्रम, दोपहिया व चारपहिया वाहन निरालानगर से कपूरथला नहीं जा सकेंगे, इन्हें डालीगंज रेलवे ओवरब्रिज, अलकापुरी, पुरनिया की ओर डायवर्ट किया जाएगा।

-छन्नीलाल चौराहा से कपूरथला, साई मंदिर अलीगंज, अलकापुरी तिराहा, शालीमार कटिंग, मोतीमहल, क्लार्क अवध, हनुमंतधाम मंदिर, सिकंदरबाग जैसे क्षेत्रों से हनुमान मंदिरों की ओर जाने वाले अधिकांश मार्गों पर सामान्य यातायात प्रतिबंधित रहेगा। वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं।

आपातकालीन सेवाओं को छूट

यदि किसी को चिकित्सकीय आवश्यकता है या एम्बुलेंस, फायर सर्विस, शव वाहन, स्कूली वाहन जैसी विशेष सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो उन्हें ट्रैफिक पुलिस की अनुमति से प्रतिबंधित मार्गों से गुजरने की अनुमति होगी।

परेशानी होने पर यहां पर करें संपर्क

किसी भी सहायता हेतु ट्रैफिक कंट्रोल रूम नंबर – 9454405155 पर संपर्क किया जा सकता है।लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित डायवर्जन व्यवस्था का पालन करें और ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों में सहयोग करें, जिससे बड़ा मंगल पर्व शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।

सोशल मीडिया पर अभद्र व आपत्तिजनक पोस्ट वायरल करने वाला युवक गिरफ्तार

लखनऊ । सोशल मीडिया पर भड़काऊ और अपमानजनक पोस्ट कर सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले एक युवक को इटौंजा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी वाकिब पुत्र कल्लू, निवासी ग्राम नगर चौगवां, थाना इटौंजा को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

सोशल मीडिया पर अापत्तिजनक पोस्ट डालने से फैला तनाव

थाना इटौंजा क्षेत्र निवासी राजू कश्यप ने स्थानीय थाने में तहरीर दी थी कि आरोपी वाकिब द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अपमानजनक पोस्ट डाली जा रही हैं, जिससे समाज में तनाव का माहौल बन रहा है। इस शिकायत के आधार पर थाना इटौंजा में मुकदमा अपराध संख्या 71/2025 अंतर्गत धारा 196/353(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

अभियुक्त ने ग्रामीणों से अभद्रता की और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की

मामले की गंभीरता को देखते हुए उपनिरीक्षक रविन्द्र पाल वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कार्रवाई की। जब टीम आरोपी के गांव पहुंची, तो वाकिब को ग्रामीणों द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर समझाया जा रहा था, लेकिन वह और भड़क गया। उसने ग्रामीणों से अभद्रता की और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस द्वारा समझाने पर भी वह नहीं माना और लोगों से मारपीट पर उतारू हो गया।

पुलिस की अपील, विदेशी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले भड़काऊ संदेशों से रहें दूर

स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वाकिब को शांति भंग करने के प्रयास और संज्ञेय अपराध को रोकने की नीयत से गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी सामग्री पोस्ट या शेयर न करें जिससे राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव या कानून व्यवस्था को खतरा हो। किसी धर्म, जाति, समुदाय या सरकारी अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा या झूठी जानकारी न फैलाएं। साथ ही विदेशी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले भड़काऊ संदेशों से दूर रहें।

कानपुर में युवक की जान बचाने में उत्तर प्रदेश पुलिस की तत्परता, सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर 15 मिनट में पहुंचकर की गई काउंसलिंग और उपचार

लखनऊ । यूपी के कानपुर के थाना जूही क्षेत्र के एक 22 वर्षीय युवक द्वारा फेसबुक पर आत्महत्या का संकेत देते हुए की गई पोस्ट का उत्तर प्रदेश पुलिस ने समय रहते संज्ञान लिया और तत्परता से कार्रवाई कर युवक की जान बचा ली। युवक ने सोशल मीडिया पर ऑलआउट की शीशी की तस्वीर के साथ लिखा था –“पूरी बोतल पी ली है मरने के लिए, अब देखो कुछ होगा नहीं होगा, पता नहीं कितनी देर में मरूँगा, बस जी मचल रहा है। मर गया तो मुबारक तुम्हें तुम्हारा नया यार, नहीं मरा तो मेरी किस्मत मरने में भी साथ नहीं दे रही।”

सोशल मीडिया सेंटर ईमेल मिलते ही हो गया अलर्ट

यह पोस्ट 11 मई को शाम 5:16 बजे मेटा कंपनी (फेसबुक) द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर को ईमेल के माध्यम से अलर्ट के रूप में भेजी गई।डीजीपी प्रशांत कुमार ने तत्काल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर की टीम ने अलर्ट में उपलब्ध मोबाइल नंबर और तकनीकी संसाधनों की मदद से युवक की सटीक लोकेशन ट्रेस की और जानकारी जनपद कानपुर नगर को साझा की।

पोस्ट डालने के महज 15 मिनट में मौके पर पहुंच गई पुलिस

थाना जूही की पुलिस टीम महज 15 मिनट में मौके पर पहुंची और युवक के परिजनों की सहायता से उसे तत्काल उल्टी कराई गई और घरेलू उपचार दिया गया, जिससे युवक की हालत में तेजी से सुधार हुआ।पूछताछ में युवक ने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड से झगड़े के चलते वह अवसाद में आ गया और आत्मघाती कदम उठा लिया। पुलिस द्वारा संवेदनशील तरीके से की गई काउंसलिंग के बाद युवक ने भविष्य में ऐसा न करने का वादा किया।परिजनों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना की और उनका आभार जताया।

दो साल में पुलिस ने 875 से अधिक लोगों की बचाई जान

मेटा कंपनी (फेसबुक व इंस्टाग्राम) और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच वर्ष 2022 से एक विशेष साझेदारी के अंतर्गत, यदि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या से संबंधित पोस्ट करता है, तो मेटा कंपनी ऐसे मामलों में यूपी पुलिस को तत्काल ईमेल व कॉल अलर्ट के माध्यम से सूचित करती है।एक जनवरी 2023 से 30 अप्रैल 2025 तक इस साझेदारी के तहत 875 से अधिक लोगों की जान बचाई जा चुकी है।

पीसीएफ सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित चौधरी सेवा से बर्खास्त

धान खरीद घोटाला: 11.09 करोड़ की अनियमितता का खुलासा, छह गिरफ्तार, विभागीय कार्रवाई तेज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) बस्ती मंडल में धान खरीद और सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) डिलीवरी में वर्ष 2023-24 के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के निर्देश पर कराई गई जांच में लगभग 11.09 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है।

जांच में जनपद सिद्धार्थनगर, बस्ती और संत कबीर नगर के पीसीएफ अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई। इस मामले में दुरभिसंधि एवं फर्जीवाड़े के आरोप में विभिन्न थानों में कुल 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें शामिल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि विभागीय कार्रवाई के तहत पीसीएफ जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से पदच्युत कर दिया गया है। अन्य दोषी अधिकारियों पर भी शीघ्र कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) को सौंप दी गई है। अब तक वसूली प्रक्रिया के तहत लगभग 6.63 करोड़ रुपये की धनराशि की वसूली बाकी है।

मंत्री राठौर ने कहा कि प्रदेश सरकार की "जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही करने वालों को सख्त परिणाम भुगतने होंगे।

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बौद्ध पर्यटन में उत्तर प्रदेश की बड़ी छलांग, 2024 में बौद्ध स्थलों पर पहुंचे 61 लाख से अधिक श्रद्धालु

थाईलैंड, जापान, श्रीलंका सहित कई देशों के भिक्षु और टूर ऑपरेटर हुए आकर्षित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन, विशेष रूप से बौद्ध परिपथ, के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर 61,47,826 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जिनमें 3,53,461 विदेशी और 57,94,365 भारतीय पर्यटक शामिल थे।

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास और प्रचार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए ठोस प्रयास अब परिणाम देने लगे हैं। "उत्तर प्रदेश अब वैश्विक धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है," उन्होंने कहा कि सबसे अधिक आगमन इन स्थलों पर हुआ कौशांबी – 24,74,460 श्रद्धालु, कुशीनगर- 22,42,913 श्रद्धालु, सारनाथ- 11,80,157 श्रद्धालु, श्रावस्ती – 1,27,222 श्रद्धालु, कपिलवस्तु- 79,418 श्रद्धालु, संकिसा (फर्रुखाबाद)- 43,656 श्रद्धालु, यह वृद्धि 2022 की तुलना में उल्लेखनीय है, जब केवल 48,498 विदेशी और 21,91,594 भारतीय पर्यटक इन स्थलों पर पहुँचे थे।

बौद्ध देशों को जोड़ने की रणनीति सफल

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 2023–2025 के दौरान थाईलैंड, श्रीलंका, जापान, मलेशिया, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, भूटान और सिंगापुर जैसे बौद्ध बहुल देशों से टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैम ट्रिप्स आयोजित कीं। इन यात्राओं का उद्देश्य प्रदेश के बौद्ध स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना था, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है, और विदेशी पर्यटकों की आमद भी लगातार बढ़ रही है। तथागत बुद्ध के जीवन और उपदेशों से जुड़ा अधिकांश इतिहास यहीं स्थित है, जिससे यह राज्य बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है।

* पर्यटन के साथ सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र

बढ़ते आंकड़े यह संकेत देते हैं कि उत्तर प्रदेश अब न केवल पर्यटन विकास का केंद्र बनता जा रहा है, बल्कि शांति, श्रद्धा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति वैश्विक समुदाय का आकर्षण भी बन रहा है।

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