कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया बुंडु स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास का औचक निरीक्षण


आदिवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य हेतु प्रतिबद्ध है झारखंड सरकार : चमरा लिंडा

रांची: रविवार को कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने बुंडु स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की मूलभूत सुविधाओं, प्रबंधन व्यवस्था और विद्यार्थियों की स्थिति का गहराई से मूल्यांकन किया।

निरीक्षण के दौरान मंत्री चमरा ने छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं से संवाद कर उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और सुझावों को गंभीरता से सुना।

 छात्रों ने भोजन, पढ़ाई, स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सामने रखीं, जिन पर मंत्री ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। 

सरकार की प्राथमिकता सभी आदिवासी छात्रावास में हो समुचित व्यवस्था


लिंडा ने विद्यार्थियों से कहा कि "आप सभी इस राज्य का भविष्य हैं। हमारी सरकार आपकी शिक्षा, सुरक्षा और सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मेरी प्राथमिकता है कि सभी छात्रावास में समुचित खानपान, पढ़ाई, पुस्तकालय, स्वच्छता और देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित हो।"

जल्द ही राज्य के हर आदिवासी छात्रावास में कुक, लाइब्रेरियन, वार्डन और सफाईकर्मी की जाएगी स्थायी नियुक्ति


मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विशेष बैठक कर आदिवासी छात्रावासों की स्थिति में व्यापक सुधार हेतु योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आने वाले समय में राज्य के हर आदिवासी छात्रावास में कुक, लाइब्रेरियन, वार्डन और सफाईकर्मी की स्थायी नियुक्ति की जाएगी। बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

भवन निर्माण में अनियमितता पर सख्ती


निरीक्षण के दौरान लिंडा ने छात्रावास के नए भवन निर्माण कार्य में पाई जा रही अनियमितताओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्य की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

संघर्ष की प्रेरणादायक बातों से छात्रों को किया उत्साहित

कल्याण मंत्री ने अपने संघर्षों की कहानी साझा करते हुए छात्रों से कहा कि "मैं भी आप लोगों की तरह एक साधारण आदिवासी परिवार से आया हूं। जो कुछ भी आज हासिल किया है, वह माता-पिता के त्याग और अपनी मेहनत का परिणाम है। आप सबको आगे बढ़ने के लिए सिर्फ अवसर चाहिए – और वह अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। अब बारी आपकी है कि आप मेहनत से अपने और अपने समाज का भविष्य संवारें।"

इस मौके पर तमाड़ विधायक विकास मुंडा, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, प्रबंधन समिति के सदस्य और कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही करेगा हित धारकों के लिए एक एकल-बिंदु ऐप लॉन्च


मौजूदा 40 से अधिक आईटी ऐप्स को इस उन्नत यूआई यूएक्स वाले ऐप में शामिल किया जाएगा

रांची : एक प्रमुख पहल के तहत, भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचकों और इनके अन्य हितधारकों जैसे चुनाव पदधारियों, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के लिए एक नया उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल इंटरफ़ेस विकसित कर रहा है। यह नया वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म, ईसीआई-नेट, आयोग के 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल और वेब एप्लिकेशनों को एकीकृत करेगा और अनुकूल (reorient) बनाएगा।

ईसीआई-नेट में एक सुंदर यूजर इंटरफेस (यूआई) और एक सरलीकृत यूजर एक्सपीरियंस (यूएक्स) होगा, जो चुनाव-संबंधित सभी गतिविधियों के लिए एक एकल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। यह प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को कई ऐप डाउनलोड करने और नेविगेट करने तथा अलग-अलग लॉगिन याद रखने के बोझ को कम करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।

इस प्लेटफॉर्म की परिकल्पना भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की थी।

ईसीआई-नेट उपयोगकर्ताओं को अपने डेस्कटॉप या स्मार्टफोन पर सुसंगत चुनावी डेटा तक पहुँचने में भी सक्षम बनाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा यथासंभव सटीक है, ईसीआई-नेट पर डेटा केवल आयोग के अधिकृत पदधारी द्वारा दर्ज किया जाएगा। संबंधित पदधारी ‌द्वारा की गई प्रविष्टि से यह सुनिश्चित होगा कि हितधारकों को उपलब्ध कराया गया डेटा यथासंभव सटीक है। हालांकि, किसी भी विवाद के मामले में, सांविधिक फॉमों में विधिवत भरा गया प्राथमिक डेटा ही मान्य होगा।

ईसीआई-नेट में वोटर हेल्पलाइन ऐप, वोटर टर्नआउट ऐप, सी-विजिल, सुविधा 2.0, ईएसएमएस, सक्षम और केवाईसी ऐप जैसे मौजूदा ऐप शामिल होंगे, जिन्हें कुल मिलाकर 5.5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है (ऐप्स की पूरी सूची संलग्न है)। ईसीआई-नेट से लगभग 100 करोड़ निर्वाचकों और सम्पूर्ण चुनावी तंत्र को फायदा मिलने की उम्मीद है, जिसमें देश भर के 10.5 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ), राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त लगभग 15 लाख बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), लगभग 45 लाख मतदान पदधारी, 15,597 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ), 4,123 ईआरओ और 767 ज़िला चुनाव अधिकारी (डीईओ) शामिल हैं।

ईसीआई-नेट पहले ही अपने विकास के उन्नत चरण में पहुंच चुका है और इसकी सुचारु कार्यक्षमता, उपयोग में आसानी और मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए कठोर परीक्षण किए जा रहे हैं। इसे सभी राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों के 36 सीईओ, 767 डीईओ और उनके राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 4,123 ईआरओ को शामिल करके एक विस्तृत परामर्शी प्रयोग करने के साथ-साथ समय-समय पर आयोग द्वारा जारी चुनावी ढांचे, अनुदेशों और पुस्तिकाओं के 9,000 पृष्ठों वाले 76 प्रकाशनों की समीक्षा करने के बाद विकसित किया जा रहा है।

ईसीआई-नेट के माध्यम से उपलब्ध कराए गए आंकड़े लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 तथा निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों द्वारा स्थापित कानूनी ढांचों के सख्त दायरे के भीतर होंगे तथा इसके अनुरूप होंगे।

19 एवं 20 मई को भारत निर्वाचन आयोग के IIIDEM में झारखंड के निर्वाचन से सम्बंधित जानकारी करेंगें शेयर।

झारखंड से बीएलओ, वालेंटियर एवं बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) के 312 सदस्य की टीम जाएगी नई दिल्ली।

रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश के सभी राज्यों के निर्वाचन संबंधी पदाधिकारियों को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में ट्रेनिंग देने का कार्य किया जा रहा है। इसी के क्रम में झारखंड के बीएलओ, वालेंटियर एवं बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) के 312 सदस्य की टीम अपने एक्सपेरिएंस शेयर के लिए नई दिल्ली स्थित IIIDEM में 19 एवं 20 मई दो दिवस के लिए जाएंगे। इस हेतु सभी संबंधित जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी अपने जिले के बीएलओ, वालेंटियर एवं बैग के सदस्यों को चयनित करते हुए उनकी सूची सोमवार तक उपलब्ध करा दें जिससे अग्रतर कार्रवाई की जा सके । श्री के. रवि कुमार शनिवार को निर्वाचन सदन में ऑनलाइन माध्यम से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के रवि कुमार ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के झारखंड भ्रमण के दौरान रामगढ़ के वालेंटियर एवं रांची दशम फ़ॉल के बीएलओ से उन्होंने मुलाकात किया था। इस दौरान उनके साथ हुए एक्सपेरिएंस शेयर से मुख्य चुनाव आयुक्त अत्यंत प्रभावित हुए थे । मुख्य चुनाव आयुक्त के पहल पर पहली बार देश के अन्य राज्यों के सामने झारखंड के बीएलओ, वालेंटियर एवं बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) के सदस्य लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव 2024 के अपने कार्यों एवं अनुभवों को साझा करेंगें। 

बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने कहा कि झारखंड राज्य के मतदान से जुड़े स्टेकहोल्डर को यह अवसर प्राप्त हुआ है। सभी संबंधित जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी अपने जिले के बीएलओ, वालेंटियर एवं बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) के सदस्यों को चयनित करते हुए उनके आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह उप सचिव श्री देव दास दत्ता सहित ऑनलाइन माध्यम से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित रहे।

निजी स्कूलों के लिए बड़ी राहत, झारखंड हाईकोर्ट ने संबद्धता फीस को किया खारिज, अब नहीं देनी होगी सालाना फीस


रांची : झारखंड के निजी स्कूलों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सहित झारखंड के कई प्राइवेट स्कूल संस्थाओं की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।

प्राइवेट स्कूलों ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत राज्य सरकार के वर्ष 2019 के रूल के तीन बिंदुओं को कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने तथा राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की थी।

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा संबद्धता के लिए आवेदन में प्राइवेट स्कूलों से प्रतिवर्ष कक्षा एक से कक्षा पांच तक के लिए 12500 रुपए की फीस लेने एवं कक्षा एक से कक्षा आठ तक के लिए 25 हजार रुपये की फीस लेने को गलत बताते हुए इसे खारिज कर दिया है।

वहीं कोर्ट ने सरकार के नियम, जिसमें ग्रामीण प्राइवेट स्कूलों के लिए साथ 60 डिसमिल जमीन रखने की अनिवार्यता तथा शहरी प्राइवेट स्कूलों के लिए 40 डिसमिल जमीन रखने की अनिवार्यता को सही बताया है। कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के लिए जमीन के संबंध में बनी इस नियम को छह माह के लिए शिथिल किया है। साथ ही प्राइवेट स्कूलों को इस नियम का पालन करने के लिए छह माह का समय दिया है।

कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की संबद्धता के लिए स्थानीय विधायक, सांसद सहित अन्य की कमेटी को बड़ा बताया है और उसे छोटा करते हुए आठ सदस्य वाली कमेटी तक सीमित रखने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि प्राइवेट स्कूल संस्थानों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के नियम को चुनौती दी गई थी। इसमें झारखंड के प्राइवेट स्कूलों को संबद्धता के लिए आवेदन में प्रतिवर्ष निर्धारित फीस देने, प्राइवेट स्कूलों के लिए जमीन निर्धारित करने और प्राइवेट स्कूलों की संबद्धता के लिए बनी कमेटी को चुनौती दी गई थी।

बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन का उद्घाटन एवं PVUNL टीम के साथ परियोजना स्थल का दौरा किया ।

हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल एवं बरकागांव के विधायक रोशन लाल चौधरी द्वारा संयुक्त रूप से रासदा एवं साकुल गांव में नवनिर्मित बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर PVUNL के अधिकारियों ने उपस्थित जनसमूह को भवन की विशेषताओं एवं इससे स्थानीय समुदाय को होने वाले लाभों की जानकारी दी। उन्होंने इसे क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

उद्घाटन कार्यक्रम के उपरांत सांसद एवं विधायक ने PVUNL परियोजना स्थल का दौरा किया तथा निर्माणाधीन परियोजना कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान PVUNL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. के. सिंह, ओएंडएम के महाप्रबंधक मनीष क्षेत्रपाल, परियोजना महाप्रबंधक अनुपम मुखर्जी सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा अतिथियों को परियोजना की वर्तमान प्रगति, भविष्य की योजनाओं तथा संभावित चुनौतियों की जानकारी प्रदान की गई।

भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश मतदाता सूचियों के अद्यतन के लिए मृत्यु पंजीकरण का इलेक्ट्रॉनिक डेटा जरूरी

बीएलओ को मानक फोटो मिलेगा पहचान पत्र, वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप को और भी अधिक मतदाता अनुकूल बनाना

रांची : भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों की सटीकता में सुधार लाने और मतदान प्रक्रिया को नागरिकों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से तीन नई पहल की है। ये उपाय भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार द्वारा इस वर्ष मार्च में चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू एवं डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की गई पहलों के अनुरूप हैं।

निर्वाचन आयोग अब भारत के महापंजीयक से मृत्यु पंजीकरण डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा, जो कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) की धारा 3(5)(बी) के अनुरूप है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर जानकारी मिले। इससे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी फॉर्म 7 के तहत औपचारिक अनुरोध का इंतजार किए बिना फील्ड विजिट के जरिए जानकारी को फिर से सत्यापित कर सकेंगे।

 मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) को और अधिक मतदाता अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन को संशोधित करने का भी फैसला किया है। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, फ़ॉन्ट का आकार बढ़ाया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना आसान हो जाएगा और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को कुशलतापूर्वक ढूंढना आसान हो जाएगा।  

आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान नागरिक बीएलओ को पहचान सकें और उनके साथ विश्वासपूर्वक बातचीत कर सकें। चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और ईसीआई के बीच पहले इंटरफेस के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करने के दौरान बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में देश भऱ से आये चुनाव कर्मी को. दिया आगामी चुनाव को लेकर दिया प्रशिक्षण


नई दिल्ली : भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) शज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बिहार के निर्वाचक रजिष्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ)

और BLO ;(बीएलओ) तथा हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और उत्तर प्रदेश के ईआरओ और 

बीएलओ पर्यवेक्षकों के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

यह कार्यक्रम आगामी विधानसभा तथा अन्य चुनावों को लेकर चल रही तैयारियों के लिए आयोजित किया गया तथा प्रशिक्षण दिया गया.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 369 ग्राऊंड लेवल के पदाधिकारी ने भाग लिया.

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इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बूथ लेवल एजेंट के साथ साथ बिएलओ और ई आर ओ हर बूथ में निर्वाचक नामावली के लिए उत्तरदायी है.इसलिए निर्वाचन कार्य में लगे सभी अधिकारी और कर्मचारी को ईमानदारी के साथ काम करना है.

यह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन निर्वाचन आयोग के नियमाबलीलोक प्रतिनिधि अधिनियम 1950 और निर्वाचक नियमावली 1960 के सही से पालन करते हुए नियमानुकूल करना है.

आगवमी वर्धवि सभव के आम चिु वर्ों के ललए भवरत निर्वाचि आयोग की चल रही तैयवररयों कव दहथसव है। इस 

लमधश्रत-बैच र्वले प्रलशक्षण कवयक्रा म में कुल 369 जमीिी थतर के चिु वर् पदधवरी भवग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व बिहार के 280 बीएलओ को प्रशिशीत किया गया था.

यह प्रशिक्षण विशेषकर मतदाता पंजीकरण, फॉमों के प्रबंधन और चुनाव प्रक्रिया को क्षेत्र में कार्यन्वयन के क्षेत्रों में व्यवहारिक रूप से पूरा हो और जिले के पदाधिकारी, तथा सभी चुनाव कर्मी मतदाता सूची, चुनाव प्रक्रिया, निष्पक्ष चुनाव के लिए लगाए गए तकनीकी मशीनरी और प्रबंधन का सही समझ हो सके.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के कार्यशाला में हुए शामिल

राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी

रांची:-स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा कि राज्य में लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया करने के लिए राज्य सरकार तत्पर है । राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। रिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं और हम चाहते हैं कि एआई तकनीक से इलाज हो।उन्होने विभाग के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की और कहा कि सभी अधिकारी बेहतर काम कर रहे हैं। मंत्री डॉ इरफान अंसारी मंगलवार को आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत रांची के एक स्थानीय होटल में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे ।

अस्पताल मरीज के ईलाज की लें पूर्ण जिम्मेदारी

मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने निजी अस्पतालों में ईलाज के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल जब तक आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का पैसा रहता है तब तक तो ईलाज करते हैं, इसके बाद उन्हें रेफर कर देते हैं ऐसे में गंभीर अवस्था में भर्ती मरीज की मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति अमानवीय है और अस्पतालों को मरीज के ईलाज की पूर्ण जिम्मेदारी लेनी चाहिए।डॉक्टर अंसारी ने कहा कि इस कार्यशाला में निजी अस्पताल प्रबंधन से जुड़े बहुत सारे लोग नहीं आ पाए हैं लेकिन हम उनके लिए फिर से एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं और मैं हर हाल में आपको मदद ही करूंगा। मैं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना चाहता हूं। अगर कोई समस्या हो तो आप सीधे मुझसे बात कर सकते हैं। 

राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में आई है कमी

कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला सरकार की योजनाओं को लागू करने वाले अस्पतालों को होने वाली कठिनाइयों को समझने के लिए है। साथ ही अस्पताल और विभाग के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित हो । उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 31,000 बेड हैं जिनमें से सरकारी अस्पतालों में 15,500 के आसपास बेड हैं और यही हाल निजी अस्पतालों का भी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ानी चाहिए, क्योंकि राज्य में 1,13,000 बेड होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में कमी आई है। दोनों में हम बेहतर कर रहे हैं। इसलिए दूसरे राज्य के लोग भी हमारे राज्य में ईलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी सुविधाएं दे रहे हैं ताकि कोई भी ईलाज से वंचित नहीं हो। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रबंधन से कहा कि अगर किसी प्रकार की कोई दिक्कत होती हो तो हमें बताएं हम पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन को बढ़िया से पढ़ें। अपने अस्पताल में बेहतरीन लोगों को नियुक्त करें, जो गाइडलाइन के अनुरूप काम कर सकें। 

सभी प्राइवेट अस्पताल गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करें सुनिश्चित

इस मौके पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक श्री अबु इमरान ने सभी प्राइवेट अस्पतालों से गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छोटे अस्पताल गाइडलाइन को नहीं समझ पा रहे हैं। उनके पास कर्मचारी भी ट्रेंड नहीं हैं। इसलिए उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है जो ट्रेंड हो और गाइडलाइन को समझ सकें। उन्होंने सभी अस्पतालों से राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना और वय वंदन योजना के तहत भी इनरोल करने पर बल दिया।

विभिन्न विषयों पर दिया गया प्रशिक्षण

कार्यक्रम के दौरान आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ जसास के द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं पर भी चर्चा की गई। अस्पतालों के अपडेट कैपेसिटी और शिकायत निवारण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। 

 कार्यशाला में सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ शहरी क्षेत्र के 50 बेड से कम के अस्पताल एवं ग्रामीण क्षेत्र के 30 बेड से कम के अस्पताल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस मौके पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

झारखंड सरकार को लगा झटका, रिम्स निदेशक पद से हटाए गए डॉ. राजकुमार को राहत

रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ राजकुमार को उनके पद से हटाये जाने के मामले में झारखंड सरकार को झारखंड हाईकोर्ट से लगा झटका। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आदेश में डॉ राजकुमार को उनके पद से हटाए जाने पर आज रोक लगा दी है। गौरतलब है कि डॉ राजकुमार ने झारखंड सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 

जिसके बाद आज 28 अप्रैल को हाईकोर्ट में इस याचिका पर जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ने स्वास्थ्य मंत्रालय के उस आदेश को कोर्ट नेरोक लगा दी। साथ ही सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया। कोर्ट की अगली सुनवाई 6मई को होगी।

बता दे कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अप्रैल की रात डॉक्टर राजकुमार को रिम्स निदेशक के पद से संतोषजनक काम नहीं करने के आधार पर हटा दिया था। जिसको डॉक्टर राजकुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। डॉ राजकुमार की ओर से कहा गया था कि नेचुरल जस्टिस और रिम्स नियमावली-2002 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि रिम्स निदेशक पद पर उनकी नियुक्ति 3 वर्षों के लिए की गयी थी। उन पर झूठे आरोप लगाये गये और बिना उनका पक्ष सुने उन्हें निदेशक के पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। यह गलत है।

रिपोर्टर जयंत कुमार

"स्वर्णरेखा महिला समिति का 'स्पार्कल' समारोह : नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक समृद्धि का भव्य उत्सव"

स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा दिनांक 26 अप्रैल को टाउनशिप ग्राउंड में "स्पार्कल" थीम पर भव्य वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री के.एस. सुंदरम, अध्यक्ष पीवीयूएनएल एवं निदेशक परियोजना एनटीपीसी, द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके उपरांत समिति की सदस्यों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर सीईओ श्री आर.के. सिंह, अन्य महाप्रबंधकगण एवं कई कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। समारोह में स्वागत गीत, दुर्गा स्तुति, लोकनृत्य और एक प्रेरणादायक नाटक का सुंदर मंचन किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

समिति की अध्यक्ष श्रीमती रीता सिंह ने पूरी टीम की सराहना करते हुए वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, जिसमें समिति द्वारा किए गए सामुदायिक विकास कार्यों का विवरण साझा किया गया। प्रतिभागियों की उमंग और ऊर्जा ने पूरे कार्यक्रम में उत्साह का संचार कर दिया।

स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा आयोजित यह समारोह नारी सशक्तिकरण एवं सांस्कृतिक समृद्धि का जीवंत उदाहरण बन गया।