स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के कार्यशाला में हुए शामिल

राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी

रांची:-स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा कि राज्य में लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया करने के लिए राज्य सरकार तत्पर है । राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। रिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं और हम चाहते हैं कि एआई तकनीक से इलाज हो।उन्होने विभाग के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की और कहा कि सभी अधिकारी बेहतर काम कर रहे हैं। मंत्री डॉ इरफान अंसारी मंगलवार को आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत रांची के एक स्थानीय होटल में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे ।

अस्पताल मरीज के ईलाज की लें पूर्ण जिम्मेदारी

मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने निजी अस्पतालों में ईलाज के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल जब तक आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का पैसा रहता है तब तक तो ईलाज करते हैं, इसके बाद उन्हें रेफर कर देते हैं ऐसे में गंभीर अवस्था में भर्ती मरीज की मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति अमानवीय है और अस्पतालों को मरीज के ईलाज की पूर्ण जिम्मेदारी लेनी चाहिए।डॉक्टर अंसारी ने कहा कि इस कार्यशाला में निजी अस्पताल प्रबंधन से जुड़े बहुत सारे लोग नहीं आ पाए हैं लेकिन हम उनके लिए फिर से एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं और मैं हर हाल में आपको मदद ही करूंगा। मैं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना चाहता हूं। अगर कोई समस्या हो तो आप सीधे मुझसे बात कर सकते हैं। 

राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में आई है कमी

कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला सरकार की योजनाओं को लागू करने वाले अस्पतालों को होने वाली कठिनाइयों को समझने के लिए है। साथ ही अस्पताल और विभाग के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित हो । उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 31,000 बेड हैं जिनमें से सरकारी अस्पतालों में 15,500 के आसपास बेड हैं और यही हाल निजी अस्पतालों का भी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ानी चाहिए, क्योंकि राज्य में 1,13,000 बेड होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में कमी आई है। दोनों में हम बेहतर कर रहे हैं। इसलिए दूसरे राज्य के लोग भी हमारे राज्य में ईलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी सुविधाएं दे रहे हैं ताकि कोई भी ईलाज से वंचित नहीं हो। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रबंधन से कहा कि अगर किसी प्रकार की कोई दिक्कत होती हो तो हमें बताएं हम पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन को बढ़िया से पढ़ें। अपने अस्पताल में बेहतरीन लोगों को नियुक्त करें, जो गाइडलाइन के अनुरूप काम कर सकें। 

सभी प्राइवेट अस्पताल गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करें सुनिश्चित

इस मौके पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक श्री अबु इमरान ने सभी प्राइवेट अस्पतालों से गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छोटे अस्पताल गाइडलाइन को नहीं समझ पा रहे हैं। उनके पास कर्मचारी भी ट्रेंड नहीं हैं। इसलिए उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है जो ट्रेंड हो और गाइडलाइन को समझ सकें। उन्होंने सभी अस्पतालों से राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना और वय वंदन योजना के तहत भी इनरोल करने पर बल दिया।

विभिन्न विषयों पर दिया गया प्रशिक्षण

कार्यक्रम के दौरान आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ जसास के द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं पर भी चर्चा की गई। अस्पतालों के अपडेट कैपेसिटी और शिकायत निवारण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। 

 कार्यशाला में सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ शहरी क्षेत्र के 50 बेड से कम के अस्पताल एवं ग्रामीण क्षेत्र के 30 बेड से कम के अस्पताल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस मौके पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

झारखंड सरकार को लगा झटका, रिम्स निदेशक पद से हटाए गए डॉ. राजकुमार को राहत

रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ राजकुमार को उनके पद से हटाये जाने के मामले में झारखंड सरकार को झारखंड हाईकोर्ट से लगा झटका। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आदेश में डॉ राजकुमार को उनके पद से हटाए जाने पर आज रोक लगा दी है। गौरतलब है कि डॉ राजकुमार ने झारखंड सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 

जिसके बाद आज 28 अप्रैल को हाईकोर्ट में इस याचिका पर जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ने स्वास्थ्य मंत्रालय के उस आदेश को कोर्ट नेरोक लगा दी। साथ ही सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया। कोर्ट की अगली सुनवाई 6मई को होगी।

बता दे कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अप्रैल की रात डॉक्टर राजकुमार को रिम्स निदेशक के पद से संतोषजनक काम नहीं करने के आधार पर हटा दिया था। जिसको डॉक्टर राजकुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। डॉ राजकुमार की ओर से कहा गया था कि नेचुरल जस्टिस और रिम्स नियमावली-2002 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि रिम्स निदेशक पद पर उनकी नियुक्ति 3 वर्षों के लिए की गयी थी। उन पर झूठे आरोप लगाये गये और बिना उनका पक्ष सुने उन्हें निदेशक के पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। यह गलत है।

रिपोर्टर जयंत कुमार

"स्वर्णरेखा महिला समिति का 'स्पार्कल' समारोह : नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक समृद्धि का भव्य उत्सव"

स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा दिनांक 26 अप्रैल को टाउनशिप ग्राउंड में "स्पार्कल" थीम पर भव्य वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री के.एस. सुंदरम, अध्यक्ष पीवीयूएनएल एवं निदेशक परियोजना एनटीपीसी, द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके उपरांत समिति की सदस्यों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर सीईओ श्री आर.के. सिंह, अन्य महाप्रबंधकगण एवं कई कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। समारोह में स्वागत गीत, दुर्गा स्तुति, लोकनृत्य और एक प्रेरणादायक नाटक का सुंदर मंचन किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

समिति की अध्यक्ष श्रीमती रीता सिंह ने पूरी टीम की सराहना करते हुए वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, जिसमें समिति द्वारा किए गए सामुदायिक विकास कार्यों का विवरण साझा किया गया। प्रतिभागियों की उमंग और ऊर्जा ने पूरे कार्यक्रम में उत्साह का संचार कर दिया।

स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा आयोजित यह समारोह नारी सशक्तिकरण एवं सांस्कृतिक समृद्धि का जीवंत उदाहरण बन गया।

रांची : पंजाबी हिंदू बिरादरी ने आज़ पहलगाम में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी

रांची : पंजाबी हिंदू बिरादरी ने आज़ पहलगाम में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.इस दुखद अवसर पर पूर्व अध्यक्ष गुलशन लाल अजमानी ने कहा कि हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में जगह बख्शें और उनके परिजनों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें.

इस अवसर पर भारत माता की जय,पाकिस्तान में घुस कर मारो,पाकिस्तान तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी,पाकिस्तान होश में आओ के गगनभेदी गुंजायमान नारे लगाए गए और 1 मिनट का मौन रखा गया.

इस श्रद्धांजलि सभा में अध्यक्ष सुधीर उग्गल,राजेश मेहरा,रणदीप आनंद, चरणजीत मुंजाल, विनोद माकन,राजेश खन्ना,मुकुल तनेजा,गुलशनलाल अजमानी,अरुण चावला,रवि पराशर,राकेश शर्मा,पृथ्वीराज भाटिया,सूरज छाबड़ा,आरके.जुल्का,तरुण जुल्का,हरजीत जग्गी,अमित कुमार,दीपक खोसला,संजय सखूजा,राकेश गिरधर,समीर शर्मा,आशीष भाटिया आदि मौजूद थे.

पहलगाम आतंकी हमले में शिकार मनीष का शव पहुंचा रांची, परिजनों का रो रो का बुरा हाल

भारत ने लिए बड़े फैसले, पाकिस्तान की तोड़ी कमर

रांची : पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकवादियों की कायराना हरकत के शिकार हुए रांची से सेट झालदा के आईबी अधिकारी मनीष रंजन का शव आज गुरुवार सुबह रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा। रांची एयरपोर्ट पर आए मनीष रंजन के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। हालात ऐसे थे कि वह कुछ बोलने लायक नहीं थे इस घटना से मर्माहट उनके परिजन कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे थे बस घटना को देखकर प्रतीत हो रहा था कि आखिर क्या कसूर था उन पर्यटकों का जिस पर आतंकियों ने हमला किया।

मनीष रंजन के श्रद्धांजलि देने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सांसद प्रदीप वर्मा समेत भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। लेकिन सत्ताधारी दल के न तो कोई मंत्री दिखे न कोई विधायक। मनीष का परिवार मूल रूप से बिहार के सासाराम का रहने वाला है लेकिन उनके पिता वर्षों से झालदा में शिक्षक हैं और वहीं उनके परिवार बस गया है।

आतंकियों के कायराना हमले के बाद जिस तरह देश के गृह मंत्री जम्मू जाकर उन पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी पूरा मामला को समझा। तो दूसरी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरा को रद्द कर सुरक्षा को लेकर कैबिनेट के मंत्रियों के साथ बैठक की जिसमें गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहे। इसके बाद भारत सरकार ने ताबड़ तोड़ कई बड़े फैसले लिए। इस फैसले से पाकिस्तान की कमर टूट गयी है।

पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश एकजुट है राजनीतिक पार्टियों एकजुट हो रही हैं। देश में अब कुछ बड़ा होने वाला रक्षा मंत्री ने भी साफ तौर पर चेतावनी दी है कहा है

हम सिर्फ़ उन्हीं लोगों तक नहीं पहुँचेंगे, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया हैI हम उन तक भी पहुँचेंगे, जिन्होंने परदे के पीछे बैठकर, हिंदुस्तान की सरजमीं पर ऐसी नापाक हरकतों की साजिशें रची हैं।

झारखंड के वित्त मंत्री ने वर्ष 2024-25 के राज्य की वित्तीय स्थिति से जनता को कराया अवगत


रांची : किसी भी राज्य के विकास में अर्थव्यवस्था का मजबूत होना अति आवश्यक है। अगर झारखंड की बात करें तो 24 वर्ष का युवा झारखंड की आर्थिक स्थिति को लेकर झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने राज्य के वित्तीय स्थिति से जनता को प्रेस वार्ता के माध्यम से अवगत कराया।

राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आधारभूत संरचना उत्तम स्वास्थ्य, उत्तम शिक्षा, सरप्लस बिजली, जल संचयन, शुद्ध पेयजल, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती व रोजगार के अवसर सामाजिक सुरक्षा स्थापना के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रबंध तथा व्यय मेकैनिज्म को सुदृढ़ बनाना एक बहुत बड़ी चुनौती है। झारखंड राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए आय व्यय की समरूपता आवश्यक है। हमारी सरकार का वित्तीय प्रबंधन पारदर्शी है। इसी दृष्टिकोण से आज वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व के विभिन्न स्रोतों से क्या आमदनी हुई और विभिन्न स्रोतों से अनुमानित खर्च के लक्ष्य के विरुद्ध कितना वास्तविक खर्च हो पाया है यह राज्य की जनता के बीच रखा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 चुनावी वर्ष होने के बावजूद भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य सरकार की आय वयय संतोषप्रद रहा है। इसके अलावा उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभाग की ओर से राजस्व के सभी विभागों को यह निर्देश दिया है कि प्रत्येक 3 माह में राजस्व संग्रह की समीक्षा करें। इसके बाद प्रत्येक 6 माह में एक बार राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर राजेश्वरी शर्मा संग्रहण की समीक्षा करेंगे।

रिपोर्टर जयंत कुमार

झारखंड में जमीन की दाखिल खारिज प्रक्रिया होगी फटाफट, उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश


झारखंड में जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर है. राज्य में दाखिल खारिज करने में बिना कारण के विलंब करने वाले अंचल अधिकारियों पर अब त्वरित एक्शन लिया जायेगा. 

रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस संबंध में सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंचल में आने वाले दाखिल खारिज करने में अब बिना कारण के विलंब करने वालों पर एक्शन लिया जायेगा. उपायुक्त ने समाहरणालय में जिला के सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उक्त निर्देश दियें.

बिना जायज कारण अस्वीकृत नहीं होंगे दाखिल खारिज

रांची उपायुक्त ने उन सभी अंचलों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है, जहां लंबे समय से दाखिल खारिज और भूमि संबंधित अन्य सभी मामले लंबित पड़े हैं. उपायुक्त ने बिना किसी जायज कारण के किसी भी दाखिल खारिज को अस्वीकृत करने से मना किया है. साथ ही किसी भी दाखिल खारिज को अस्वीकृत करने से पहले उनका अच्छे से मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है.

इन पदाधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

उपायुक्त ने बताया कि बिना जायज कारण के दाखिल खारिज अस्वीकृत करने वाले सभी मामले जिला के वरीय पदाधिकारियों से जांच करायें जायेंगे. जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारी पर प्रपत्र ‘क’ गठित की जायेगी. उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व संबंधित मामले राजस्व शाखा में ही जानें चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री बताएं कि क्या 14 करोड़ के पेमेंट के उनके दबाव को नहीं मानने के कारण निदेशक को हटाया गया?- प्रतुल शाहदेव

जीबी की पूरी बैठक का सीसीटीवी फुटेज रिलीज करे सरकार

रांची :भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज स्वास्थ्य विभाग की कार्यशाली पर प्रश्न चिन्ह उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से जानना चाहा कि क्या 14 करोड़ का बकाया पेमेंट का भुगतान नहीं करने के कारण निदेशक को हटाया गया? प्रतुल ने कहा की रिम्स में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सक्षम मरीजों के लिए खून जांच के लिए मेडाल कंपनी और मशीनी जांच के लिए हेल्थ प्वाइंट कंपनी के साथ पीपीपी मोड पर करार हुआ था।लेकिन धीरे-धीरे अबुआ सरकार में यह दोनों कंपनी वैकल्पिक व्यवस्था की जगह मुख्य व्यवस्था बनते चले गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडाल कंपनी की ओर से जो बकाया का दावा किया गया है वह 10.75 करोड़ रुपयों का है वही हेल्थ प्वाइंट ने भी 3.37 करोड़ रुपए के पेमेंट का दावा किया है। प्रतुल ने कहा कि जीबी की बैठक में इन दोनों कंपनियों को भुगतान एजेंडा में नहीं था।फिर भी स्वास्थ्य मंत्री अनावश्यक रूप से एजेंडा के बाहर जाकर इन कंपनियों को भुगतान करने का दबाव बनाने लगे। निदेशक के द्वारा नहीं मानने पर उनको हटाने की पटकथा लिखी जानी शुरू हो गई।

प्रतुल ने कहा कि मेडाल और हेल्थ प्वाइंट कंपनियों पर झारखंड के एजी ने भी ऑडिट करते समय गंभीर अनियमितता पाई थी और कई विसंगतियां का उदाहरण देते हुए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की जगह स्वास्थ्य मंत्री इन दोनों कंपनियों को पेमेंट करने का दबाव बना रहे थे जो कि सर्वथा अनुचित था।

प्रतुल ने कहा कि जीबी बैठक के दौरान दो दर्जन लोग अनिधिकृत रूप से नारेबाजी करते भीतर घुस आए थे।मंत्री इरफान अंसारी ने उनसे निदेशक को हटाने का मांग पत्र भी बैठक के दौरान लिया।प्रतुल ने सवाल किया कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भी बाहरी लोगों को कैसे प्रवेश किया गया?दअरसल यह सब निदेशक को हटाने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था जिसकी पटकथा स्वास्थ्य मंत्री पहले ही लिख चुके थे।

प्रतुल ने कहा कि सरकार को अविलंब रिम्स के गर्वनिंग बॉडी की पूरी बैठक की सीसीटीवी फुटेज को जारी करना चाहिए।आखिरकार अबुआ सरकार खुद को पारदर्शी सरकार बताती है।तो फिर सीसीटीवी फुटेज को क्यों नहीं रिलीज कर रही?

प्रतुल ने कहा कि अगर सब कुछ पाक साफ है तो राज्य सरकार सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है? प्रतुल ने जानना चाहा कि अगर इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री को लगता है कि उनकी या सरकार की कोई गलती नहीं और निदेशक को सही से हटाया गया है तो फिर राज्य सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों नहीं कर रही।यह पूरा प्रकरण प्रथम दृष्टि बड़े घपले और कमीशन खोरी का मामला लग रहा है और सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।

रिम्स में प्रतिनियुक्ति होमगार्ड के जवानों को हटाने का औचित्य समझ से परे

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की है कि रिम्स में कार्यरत 370 होम गार्ड के जवानों में से ज्यादातार जवानों को हटा दिया जाएगा।प्रतुल ने कहा कि यह आरोप लग रहा है कि होमगार्ड जवानों की जगह निजी सुरक्षा एजेंसी को रिम्स की सुरक्षा का भार देने की फिर से तैयारी है। पूर्व में ऐसी सुरक्षा एजेंसी के संचालक के कांग्रेसी नेताओं से बहुत मधुर संबंध थे।निजी एजेंसी पर लचर व्यवस्था और कमीशन का भी आरोप लगा था।प्रतुल ने कहा कि रिम्स में हो रहे हर गैर कानूनी कार्य का भाजपा कड़ा विरोध करती रहेगी।

लुगु पहाड़ के मुठभेड़ में मारे गए विवेक दा उर्फ़ प्रयाग मांझी का दहशत झारखंड के अलावे बिहार, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी था

प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद उसने पारसनाथ में संभाली थी नक्सलवाद की कमान

झ. डेस्क

झारखंड में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. बोकारो जिले के लुगु पहाड़ की तलहटी में मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक जी समेत 8 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया.

प्रयाग उर्फ़ विवेक दा कैसे पहुंचा पारसनाथ और कैसा था उसका जीवन, किन लोगों के साथ रहता था,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर को....

पारसनाथ पर्वत को नक्सलियों का सबसे सेफ जोन माना जाता है. यही कारण है कि नक्सलियों के थिंक टैंक माने जाने वाले एक करोड़ के इनामी नक्सली और संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस ने 2 वर्ष पूर्व यहां अपना ठिकाना बनाया था. एक और एक करोड़ रुपए के इनामी नक्सली और भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा के साथ-साथ दर्जनों इनामी नक्सली इसी क्षेत्र में आराम से रह रहे थे. वर्ष 2023 में नक्सलियों के थिंक टैंक प्रशांत बोस और उनकी पत्नी जब पारसनाथ से चाईबासा की ओर जा रहे थे, तभी पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था.

प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद प्रयाग ने संभाला कमान

प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन में मानो भूचाल आ गया. दोनों शीर्ष नक्सलियों की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सली संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए दर्जनों नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन को चुनौती दी थी.प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन की कमान एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा को सौंपी गयी.धनबाद जिले के टुंडी के दल बूढ़ा गांव के रहने वाले प्रयाग मांझी दा उर्फ विवेक दा के जिम्मे पूरे नक्सली संगठन की कमान थी.

 2023 मे प्रयाग मांझी उर्फ विवेक ने पारसनाथ मे लिया आश्रय

गिरिडीह के पारसनाथ पर्वत क्षेत्र की जिम्मेदारी भी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा के जिम्मे ही थी. पारसनाथ की कमान संभालने के बाद प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा जून 2023 में पारसनाथ पर्वत पहुंचा था. यहां नक्सली संगठन के कई बड़े नेताओं के साथ बैठक करके संगठन को मजबूत करने में जुट गया था.

 झारखंड के आलावे बिहार,

छत्तीसगढ़ और ओडिशा में था उसके नाम सें दहशत

भाकपा माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा पर एक करोड़ का इनाम था. यह माओवादी संगठन का सबसे चालाक और बड़ा नक्सली था. इसकी तूती न सिर्फ झारखंड, बल्कि बिहार, छतीसगढ़ से लेकर ओडिशा तक बोलती थी. यही कारण है कि पारसनाथ में नक्सलियों की कमर टूटते देख संगठन ने विवेक दा को पारसनाथ की कमान सौंपी.

विवेक दा के कुनवा में था कौन-कौन?

प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा के साथ कई बड़े इनामी नक्सली रहते थे. इसमें मुख्य रूप से नक्सली परवेज मांझी उर्फ अनुज दा, अरविंद यादव उर्फ नेताजी, हार्डकोर नक्सली नारायण कोड़ा शामिल थे. ये लोग एके-47, इंसास और अन्य अत्याधुनिक हथियार से लैस रहते थे. इस दस्ते में एक दर्जन महिला समेत 50 से अधिक नक्सली रहते थे.

कहां का रहने वाला था विवेक दा

एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा वैसे तो धनबाद जिले के टुंडी के दलबुढ़ा का रहने वाला था, लेकिन वह लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में आता-जाता रहता था. पारसनाथ के अलावा छतीसगढ़, झुमरा, बिहार से लेकर बंगाल तक में इसके ठिकाने थे. संगठन के लिए वर्षों से काम कर रहा था. विवेक दा के खिलाफ सिर्फ गिरिडीह जिले में ही 50 से अधिक मामले दर्ज हैं.

बोकारो वन भूमि घोटाले की जांच, रांची, बोकारो समेत 15 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी


रांची : प्रर्वतन निदेशालय की टीम ने आज तड़के सुबह लालपुर के राजबीर कंस्ट्रक्शन के हरिओम टावर पर स्थित कार्यालय और कंपनी के ठिकानों, रांची के लालपुर, कांके के विभिन्न इलाकों में कंपनी के दफ्तर और उससे जुड़े लोगों के आवास पर छापा मारा गया है। जानकारी के मुताबिक झारखंड और बिहार समेत 15 ठिकानों पर यह रेड पड़ी है। वन भूमि घोटाला मामले को लेकर यह कार्रवाई की गयी है।

बोकारो वन भूमि घोटाले का मामला वर्ष 2022 का है। जिले के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने कई गड़बड़ियां कर एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन दे दी थी। इस मामले को लेकर रांची में ईडी की कार्रवाई एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दफ्तरों और उससे जुड़े लोगों के आवास पर की गई। ईडी के अधिकारी दस्तावेजों की जांच के साथ पूछताछ भी कर रहे हैं। अब तक की छापेमारी में क्या कुछ बरामद हुआ है, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है।

जांच में पता चला कि वर्ष 2013 में चास थाना क्षेत्र के वन विभाग के प्लॉट को पुरानी परती भूमि के रूप में दर्ज कर लिया गया। इसके बाद मुकदमा दायर किया गया। इसके बाद से जांच शुरू हो गई। वहीं, वन भूमि घोटाले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर सीआईडी ने भी जांच शुरू कर दी है।

बाद में इस भूमि को भू-माफिया ने फर्जी कागजातों के आधार पर हस्तांतरित करवाते हुए पूरी जमीन ही गबन कर लिया। इस मामले में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, जैन सिंह, सचिन प्रसाद पांडे, सत्येंद्र सत्यार्थी माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह को आरोपी बनाया गया है। सभी के खिलाफ पूर्व से सीआईडी जांच चल रही है।

रिपोर्टर जयंत कुमार