झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोलकाता में दो दिवसीय झारखंड टूरिज्म रोड शो आयोजित

झारखंड के पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं सरकार द्वारा दिये जाने वाले प्रोत्साहन सें पर्यटन मंत्री ने निवेशकों को कराया अवगत

 कोलकाता में आयोजित दो दिवसीय झारखंड टूरिज्म रोड शो-2025 के जरिए पर्यटकों को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि पर्यटन रोड शो ने साझेदारी और संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं. झारखंड आनेवाले पर्यटकों में सर्वाधिक पर्यटक पश्चिम बंगाल से होते हैं. इसलिए उन्होंने टूरिज्म की इस नई यात्रा की शुरुआत कोलकाता से की है.

 कोलकाता में आयोजित दो दिवसीय झारखंड टूरिज्म रोड शो न केवल निवेशकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के लिए एक मंच बना, बल्कि यह झारखंड और बंगाल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्ते का जीवंत प्रमाण भी बना. पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि झारखंड और बंगाल सिर्फ पड़ोसी राज्य नहीं हैं बल्कि साझी विरासत के दो पन्ने हैं. चैतन्य महाप्रभु की यात्राओं से लेकर ब्रिटिश बंगाल प्रेसिडेंसी तक, हमारी परंपराएं, स्वाद और संस्कार गहराई से जुड़े हुए हैं. झारखंड के गांवों में जब कोई पर्यटक बंगाल से आता है, तो लोग उन्हें चेंजर कहते हैं. यह सिर्फ एक शब्द नहीं, हमारी सांस्कृतिक निकटता की पहचान है.

उन्होंने कहा कि हमारे देश की परंपरा रही है कि शुरुआत चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, आखिरकार हम विजय प्राप्त करते हैं. झारखंड सरकार का यह रोड शो केवल एक प्रस्तुति नहीं था, यह एक आमंत्रण था. आइए झारखंड, जहां झरने सिर्फ पानी नहीं, संगीत बहाते हैं,… जहां पहाड़ केवल ऊंचाई नहीं, कहानियां समेटे हैं… और जहां हर यात्रा एक अनुभव है.

पर्यटन मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक

झारखंड पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ मंत्री ने कई प्रतिष्ठित समूहों Ambuja Neotia, Polo Towers, Shriram Ozone, Peerless Hotels, Hotel Sonar Bangla, Conveyor & Ropeway Services, और Sumi Yashshree Hotels & Resorts के साथ उच्च स्तरीय B2G बैठकें कीं. इनमें झारखंड में पर्यटन निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और साझेदारी के अनेक पहलुओं पर सार्थक संवाद हुआ.

पर्यटन सचिव ने निवेश और प्रोत्साहन से कराया अवगत

कार्यक्रम में पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने प्रेजेंटेशन दिया, जहां उन्होंने झारखंड में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं सरकार द्वारा दिये जाने वाले प्रोत्साहन से सभी को अवगत कराया

नक्सलियों के विनाश का टाइमलाइन फिक्स, केंद्र सरकार ने दी ऑफर, या तो आत्मसमर्पण कर पैसे और सम्मान लो या फिर मरने के लिए तैयार रहो

नक्सलियों का नाश अब करीब है। देश के गृहमंत्री ने तो टाइमलाइन भी फिक्स कर दिया है, अगले साल मार्च तक पूरे देश से नक्सलियों का सफाया हो जायेगा। लिहाजा अब नक्सलियों को आखिरी चांस दिया जा रहा है कि वो अगर चाहें तो आत्मसमर्पण कर अपनी जान बचा सकते हैं। अब उन्हें जान बख्शने के साथ-साथ सरकार उन्हें पैसे भी ऑफर कर रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के लिए नया ऑफर दिया है। सरकार ने ऐलान किया है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें लाखों रूपए की प्रोत्साहन राशि भी दिया जायेगा। आत्मसमर्पण करने वालों को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। इस नई नीति के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवादियों को समाज की मुख्य धारा में लाकर उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीने का अवसर सुलभ करा रही है।

नई नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके परिवार के प्रति उदार और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे प्रावधान किए है, जिससे उनके जीवन को सुरक्षित और भविष्य बेहतर बनाया जा सके। छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत-पुनर्वास नीति 2025” को लागू करना वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की राज्य में शांति बहाली, विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें भय नहीं, बल्कि सम्मान मिलेगा। वर्षों से जंगल-जंगल भटक रहे युवा, जो किसी भ्रम या दबाववश नक्सली संगठन में शामिल हो गए हैं, उनके लिए यह नीति एक नया जीवन शुरू करने का द्वार है। आत्मसमर्पण कर वे न केवल खुद का, बल्कि अपने परिवार और समाज का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं।

4 लाख से 5 लाख तक मिलेंगे नक्सलियों को

नई नीति में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार ने लाखों रूपए की मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया है। एलएमजी के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये मुआवजा के तौर मिलेगा। इसी तरह एके-47/त्रिची असॉल्ट रायफल पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.50 लाख रुपये, एसएलआर/ इंसास रायफल पर 2 लाख रुपये, एक्स 95 असाल्ट रायफल/एमपी-9 टेक्टिल पर 1.50 लाख रूपए, थ्री नाट थ्री रायफल पर 1 लाख रूपए, एक्स-कैलिबर पर 75 हजार रूपए, और यूबीजीएल अटेचमेंट पर 40 हजार रूपए, 315/12 बोर बंदुक पर 30 हजार रूपए, ग्लॉक पिस्टल पर 30 हजार रूपए के साथ ही अन्य छोटे हथियारों जैसे कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस, डेटोनेटर आदि पर भी मुआवजा राशि का प्रावधान है।

IED की सूचना देने वालों को भी दिया जायेगा ईनाम 

हर आत्मसमर्पणकर्ता नक्सली को, भले ही उसके पास हथियार हों या न हों, उसे 50 हजार रूपए की नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि कोई आत्मसमर्पित नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है, तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख तक का इनाम मिलेगा। आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने के इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी। यदि पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं, तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा।

नौकरी भी मिलेगा नक्सलियों को 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के आत्मसमर्पण पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा। इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले। आत्मसमर्पणकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, ईनाम ही न मिले बल्किे उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिेले।

देवघर में स्थापित होंगे हनुमान की 108 फ़ीट की ऊंची प्रतिमा, राज्यपाल व RSS के सरकार्यवाह होंगें शामिल

देवघर जिले के श्री मंगलधाम में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित हुई। इसको लेकर भूमि पूजन 12 अप्रैल को किया गया। सेवा फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्य वक्ता सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले व मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष गंगवार शामिल होंगें।

 

इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डा. आशीष गौतम, विशिष्ट सहयोगी दिल्ली के निखिल नंदा व सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष जयप्रकाश देवालिया सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।

108 फीट प्रतिमा का निर्माण दिल्ली के निखिल नंदा के सहयोग से किया जाएगा। 12 अप्रैल को सुंदरकांड पाठ, सामूहिक 108 हनुमान चालीसा पाठ, हवन, संगीतमय हनुमान आराधना का आयोजन होगा।

पश्चिमी सिंहभूम आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए झरखण्ड जगुआर के जवान सुनील धान को सीएम और राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि

रांची : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए झारखंड जगुआर के जवान सुनील धान के पार्थिव शरीर पर आज टेंडरग्राम रांची स्थित झारखंड जगुआर मुख्यालय में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 

इस दौरान गृह सचिव, डीजीपी, रांची डीसी, SSP, सीआरपीएफ के आईजी, समेत पुलिस मुख्यालय के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र जराइकेला क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ और जगुआर के एक एक जवान घायल हो गए थे। जिन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया। 

इलाज के दौरान झारखंड जगुआर के जवान सुनील धान घायल शहीद हो गए। जबकि एक जवान विष्णु सैनी का इलाज चल रहा है। जिनका इलाज चल रहा है।  

श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण पर है। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हमने अपने कई जवानों को खो दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

रिपोर्टर जयंत कुमार

लातेहार में नक्सलियों की टूटी कमर, टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर समेत 6 नक्सली गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार बरामद


रांची डेस्क : लातेहार पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने टीएसपीसी के सब-जोनल कमांडर समेत 6 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अलग-अलग नाम बदलकर चतरा, पलामू और लातेहार जिले में व्यवसायियों और अन्य लोगों से रंगदारी मांगते थे। 

गिरफ्तार नक्सलियों के पास से पुलिस ने चार राइफल, एक पिस्तौल और 1100 से अधिक गोलियां बरामद की हैं। गिरफ्तार नक्सलियों में टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर नारायण भोक्ता उर्फ आदित्य जी और आलोक यादव उर्फ अमरेश यादव, एरिया कमांडर अमित दुबे उर्फ छोटे बाबा, महेंद्र ठाकुर, संजय उरांव उर्फ भगत सिंह और इमरान अंसारी शामिल हैं।

लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी की टीएसपीसी के हार्डकोर नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर जंगल मे योजना बना रहे है। सूचना के बाद बालूमाथ डीएसपी विनोद रवानी के नेतृत्व में पुलिस ने टीम गठित की गई। पुलिस के द्वारा गठित टीम ने घेराबंदी कर नक्सलियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने गिरफ्तार नक्सली के पास से अलग-अलग हथियारों के 1102 बुलेट्स, थ्री फिफ्टीन के 4 राइफल, एक ऑटोमैटिक रिवॉल्वर, 3 पाउच, एक मोटरसाइकिल के अलावा टीएसपीसी का खाली लेटर पैड और पर्चा समेत कई सामान बरामद हुए हैं।

वही इस पूरे मामले की जानकारी लातेहार एसपी कुमार गौरव ने दी। बताया गया कि गिरफ्तार नक्सली पिछले कुछ दिनों से इलाके में आतंक मचाने की कोशिश में लगे थे। गिरफ्तार नक्सली जिले के कई महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल था और पहले भी जेल जा चुका है। 

रिपोर्टर जयंत कुमार

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा एवं विधानसभा में भाग लेने वाले वालेंटियर सें जाना मतदान का अनुभव, कहा यहाँ लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं

रामगढ़।भारत के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि झारखंड की इस महान धरती पर मुझे सभी से मिलने और उनका अभिवादन करने का अवसर मिला है। मैंने वालेंटियरस से बातचीत की, जिसके दौरान मुझे एहसास हुआ कि झारखंड में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं।

 उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को निर्वाचक बनना चाहिए। चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ खड़ा था, है और सदैव खड़ा रहेगा। श्री ज्ञानेश कुमार आज रामगढ़ के सीसीएल गेस्ट हाउस स्थित सभागार में वालेंटियर के साथ एक्सपेरिएंस शेयर कार्यक्रम के उपरांत मीडिया के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। 

मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हर मतदान केंद्र पर एक बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त किया जाता है और हर बूथ पर हर राजनीतिक दल को बूथ लेवल एजेंट नामित करने का अधिकार होता है। हर नागरिक एक निर्वाचक के रूप में सभी सुविधा अपने बूथ पर प्राप्त कर सकते है। अगर किसी व्यक्ति को निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के निर्णय पर आपत्ती है तो वह जिला निर्वाचन पदाधिकारी/डीईओ के समक्ष अपील कर सकता है, साथ ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी/डीईओ के निर्णय के विरुद्ध मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील दायर की जा सकती है। झारखंड में किसी भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी/डीईओ या सीईओ कार्यालय के समक्ष कोई भी अपील लंबित नहीं है, जिसका मतलब है कि झारखंड में मतदाता सूची मतदाताओं एवं अन्य सभी सत प्रतिशत संतुष्टि के करीब है, इसके लिए झारखंड की निर्वाचन टीम सराहना की पात्र है।

इस अवसर पर श्री ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मैं झारखंड में दो दिनों के लिए हूं इस बीच मैं कुछ कठिन स्थानों पर भी जाऊंगा।

इससे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने विगत के चुनावों में भाग लेने वाले वालेंटियर से एक्सपीरियंस शेयर कार्यक्रम को संबोधित किया एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों को सराहा। 

उक्त एक्सपीरियंस शेयरिंग कार्यक्रम के स्वागत संबोधन में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने वालेंटियरस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के सर्वोच्च पद पर आसीन मुख्य चुनाव आयुक्त आज हम सब के बीच उपस्थित है एवं आप सभी के अनुभवों को साझा कर रहें है। आप सभी वालेंटियर से आग्रह है कि आपके मन में किसी भी प्रकार के प्रश्न है तो उसे बे–झिझक पूछें। इस अवसर पर रामगढ़ के उपायुक्त–सह–जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री चंदन कुमार ने अपने संबोधन में यहां उपस्थित वालेंटियर के कार्यों को सराहा एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम को रामगढ़ जिले के एसडीओ श्री अनुराग तिवारी एवं वालेंटियर के मास्टर ट्रेनर श्री संजय कुमार राय ने भी संबोधित किया एवं कार्यक्रम के अंत में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन उप सचिव श्री देव दास दत्ता द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड श्री के. रवि कुमार, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा, रामगढ़ के उपायुक्त श्री चंदन कुमार, एस पी श्री अजय कुमार, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार सहित निर्वाचन एवं रामगढ़ जिले के पदाधिकारीगण, जिले के वालेंटियर एवं बीएलओ उपस्थित थे।

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त पहुंचे रांची, अपने तीन दिवसीय भ्रमण के दौरान मिलेंगे बीएलओ एवं वालेंटियर से


रांची : चुनाव प्रक्रिया को सुगम बनाने के उद्देश्य से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपने तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर आज रांची पहुंचे। जहां झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा, राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होम्कर, रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित निर्वाचन से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त अपने तीन दिवसीय झारखंड भ्रमण के दौरान आज भारत निर्वाचन आयोग की टीम राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। रांची में देर शाम होने वाली इस बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता सहित आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। वही 12 अप्रैल को रजरप्पा स्थित सीसीएल गेस्ट हाउस में चुनाव में भाग लेने वाले वालेंटियर के साथ एक्सपीरियंस शेयरिंग करेंगें वहीं 13 अप्रैल रविवार को बुंडू के दशम जलप्रपात प्रांगण में डिफिकल्ट एरियाज बीएलओ से बातचीत करेंगे। साथ ही चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीएलओ को आयोग सम्मानित करने का काम करेगा।

रिपोर्टर जयंत कुमार

सिदो-कान्हू की जयंती पर आज, सीएम हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन पहुंचे भोगनाडीह,उनके स्मारक पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

साहिबगंज जिले के बरहरवा के भोगनाडीह में सिदो मुर्मू की जयंती 11 अप्रैल को मनायी जाती है.इस ऐतिहासिक क्षण में सूबे के सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी शहीद स्थल पर पहुँच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं.

जानकारी के अनुसार सिदो-कान्हू मुर्मू जयंती के अवसर पर सिदो-कान्हू मुर्मू पार्क भोगनाडीह साहिबगंज में अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव एवं वीरांगना फूलो-झानो की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन पहुंचे और उन्होंने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

यहां गुरुवार की रात से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गयी थी सिदो-कान्हू के जयंती समारोह में शामिल होने के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों के लोग भी आये हैं, इसमें नेपाल से भी संताल समाज के लोग आते हैं. 

हूल क्रांति के नायक सिदो-कान्हू का 11 अप्रैल 1815 को भोगनाडीह में स जन्म हुआ था. सिदो-कान्हू जयंती समारोह छठीहार महा के रूप में मनाया जाता है. यह दिन 1855 के उस संघर्ष की याद दिलाता है, जब अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकने वाले सिदो का जन्म हुआ था. हर साल 11 अप्रैल को यह धरती उनकी जयंती के उत्सव में सराबोर हो जाती है. सिदो-कान्हू जयंती कोई साधारण समारोह नहीं, बल्कि उस सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो पीढ़ियों से संताल समाज की पहचान रही है. यह उत्सव बताता है कि इतिहास की डोर कभी टूटती नहीं, बस उसे नये रंगों से सजाया जाता है.

विशेष रूप से सजाया गया शहीद स्थल को

सिद्धू- कानू की जयंती छठीहार महा के रूप में मनाया जाता है. इस आयोजन में असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अलावा नेपाल से भी लोग पहुंचते हैं.

सिदो मुर्मू को 1856 में जिस बरगद के पेड़ पर फांसी दी गयी थी उस पेड़ के नीचे प्रथम पूजा होती है.

इस छठीहार महा में शामिल होने के लिए नेपाल, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा से संताल समाज के लोग क्रांति स्थल पंचकठिया पहुंचे हैं. वहां परिक्रमा करने के बाद अरगोडी मैदान स्थित मांझी थान एवं जाहेर थान में पूजा-अर्चना शुरू की गयी. गुरु बाबा मुगलू मरांडी और अब्राहम मरांडी के नेतृत्व में गुरुवार की देर रात पूजा-अर्चना शुरू हुई.

पारम्परिक वेश-भूषा में बरगद पेड़ की परिक्रमा करते हैं संताल

स्थानीय लोगों के अनुसार छठीहार महा यानी शहीद की जयंती समारोह में पहुंचने वाले लोग सबसे पहले उस स्थान की परिक्रमा करते हैं, जहां सिदो-कान्हू को फांसी दी गयी थी. लोग पारंपरिक वेश-भूषा में तीर-धनुष लेकर बरगद के पेड़ के चारों ओर परिक्रमा करते हैं. फिर पूजा-पाठ कर नमन करते हैं. यह हमारी वर्षों पुरानी परंपरा है. इसके बाद सभी लोग पास ही स्थित अरगोडी मैदान पहुंचेंगे, जहां संताल समाज के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. पूजा का कार्यक्रम रात भर चलता है.

11 अप्रैल को सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह पहुंचते हैं लोग

यहां संताली सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. 11 अप्रैल को लोग वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह पहुंचते हैं. वहां उनके आवास में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना कर उनके वंशजों से भेंट करते हैं. इसके बाद सभी अपने-अपने गंतव्य की ओर लौट जाते हैं.

मांझी थान से जाहेर थान तक दिखती है आदिवासी परंपरा की झलक.

यह उत्सव सिर्फ श्रद्धा नहीं, बल्कि संताल संस्कृति का जीवंत संग्रहालय है. मांझी थान और जाहेर थान जैसे पवित्र स्थलों पर पांच देवी-देवताओं की पूजा होती है. मांझी थान (संताल समाज का पूजा स्थल) में मारांग बुरू, ताला कुल्ही मांझी हाडाम, ताला कुल्ही मांझी बुढही, देवी-देवता एवं जाहेर थान संताल (समाज का पूजा स्थल), जिसमें जाहेर एरा, गोसाई एरा, मोडे कु तुरूई कु, पिलचुहाड़ाम- पिलचुबुढही एवं मरांग बुरू, ये पांच देवी-देवता आस्था का केंद्र स्थल हैं. रातभर चलने वाले अनुष्ठानों के बीच ढोल की थाप पर नृत्य होता है और पारंपरिक गीत गूंजते हैं.

आज बरहेट मुख्यमंत्री, के पहुँचने सें पूर्व प्रशासन ने पूरी की तैयारी कर ली थी.सिदो-कान्हू जयंती समारोह में शामिल होने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज शुक्रवार बरहेट पहुंचें. कार्यक्रम को लेकर बरहेट, भोगनाडीह, बरहेट बाजार, क्रांति स्थल पंचकठिया सहित समूचे चौक-चौराहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गयी है. भोगनाडीह मैदान में कार्यक्रम स्थल पर भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है, जिसमें संताल परगना के कई सांसद और विधायक भी उपस्थित थे.

JPSC अभ्यर्थियों की मांग हुई तेज, आयोग जल्द जारी करे 342 पदों की नियुक्ति, JPSC अभ्यर्थी क्या फिर उतरेंगे सड़कों पर ?


रांची : झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जेपीएससी मेंस परीक्षा का रिजल्ट लंबित रहने पर आज 11 अप्रैल को जेपीएससी कार्यालय का घेराव किया है। संगठन के अध्यक्ष सत्यनारायण सवाल उठाया कि जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति के बावजूद रिजल्ट क्यों नहीं जारी किया जा रहा है? उन्होंने यह भी बताया कि फूड सेफ्टी ऑफिसर, सीडीपीओ, असिस्टेंट प्रोफेसर और सिविल जज जैसे अन्य पदों के रिजल्ट भी रुके हुए हैं, जिससे लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है।


झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से 11वीं से 13वीं राज्य सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के 9 माह बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। इससे इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में नाराजगी है। इसका रिजल्ट जेपीएससी के नोटिफिकेशन के अनुसार पिछले साल अगस्त के दूसरे सप्ताह में जारी किया जाना था। लेकिन आज तक मुख्य परीक्षा के रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। इससे अभ्यर्थियों में निराशा की स्थिति बनी हुई है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य सिविल सेवा के अलग अलग विभागों में 342 पदों पर नियुक्ति की जानी है। अभ्यर्थियों ने बताया कि दो-तीन दिन के अंदर एक बार फिर मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करने को लेकर रांची में जुटेंगे और आयोग के अधिकारियों से मिलकर रिजल्ट जारी करने को लेकर ध्यान आकृष्ट कराएंगे।

रिपोर्टर जयंत कुमार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन पहुंचे जरमुंडी, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख के आवास पर जाकर उनके पिता के निधन पर शोक व्यक्त किया


राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन शुक्रवार को देवघर पहुंचे. देवघर पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया. 

कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी सह विधायक कल्पना सोरेन जरमुंडी के लिए रवाना हुए.

जरमुंडी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के घर पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व मंत्री के पिता के निधन के बाद शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर उनका ढाढस बंधाया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे गठबंधन के नेता बादल पत्रलेख हमेशा ही राज्य के विकास के लिए काम करते रहे हैं. सिर्फ बादल पत्रलेख ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार समाज के कल्याण की बात करता है. ऐसे में परिवार के मुखिया का चले जाना निश्चित रूप से दुखद है. उन्होंने कहा कि पूरे परिवार का ढाढस बढ़ाने के लिए बादल पत्रलेख के पैतृक घर पहुंचे और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.

वहीं, मुख्यमंत्री के आने पर उनका धन्यवाद करते हुए पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि उनके पिता एक समाजसेवी थे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग उन्हें अपना अभिभावक मानते थे. झारखंड आंदोलन में भी उन्होंने यहां से लेकर दिल्ली तक राज्य की जनता के लिए आवाज उठाई थी. उनका अचानक इस दुनिया से चले जाना निश्चित रूप से सिर्फ परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है.

बता दें कि बादल पत्रलेख के पिता के निधन के बाद कई बड़े नेताओं ने उनके घर पर जाकर पूरे परिवार का ढाढस बंधाया है. पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी पत्र के माध्यम से पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख को सांत्वना दी. बादल पत्रलेख के शोकाकुल परिवार से मुलाकात करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन साहिबगंज जिले के लिए रवाना हो गए.