8 माह बाद खुला राज, परिजनों ने बेटे को मारकर घर में ही कर दिया था दफन, परिजनों से हो रही है पूछताछ…

सक्ती- सक्ती जिले के मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम चारपारा में 8 महीने पहले हुए हत्या के मामले में आज खुलासा हुआ है. 8 महीने से घर में ही दफन शव को आज अधिकारियों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया. 

बताया जा रहा है कि परिवार वालों ने ही मिलकर अपने बड़े बेटे संदीप भारती को मौत के घाट उतार कर घर में ही दफन कर दिया था. 8 महीने से गांव वालों को घर वाले बेवकूफ बनाते रहे कि उनका बेटा बिना बताए कहीं चला गया है. 8 माह बाद जब घरेलू विवाद में मृतक की मां के मुंह से सच्चाई निकली, तो गांव में हल्ला हो गया और सूचना पुलिस तक पहुंच गई.

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारी और फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर खुदाई करवाई और शव को बाहर निकाला गया. हत्या में परिजन का ही हाथ बताया जा रहा है. फिलहाल, पुलिस मृतक के परिजनों को हिरासत में लेकर से पूछताछ कर रही है, और घटना के पीछे की वजह तलाश में जुटी हुई है.

पीडीएस घोटाला : जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी समेत 5 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ FIR, पूर्व में भी जा चुकी हैं जेल…

बलरामपुर- जिले के वाड्रफनगर जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत आवंटित चावल के वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. सरगुजा कमिश्नर के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा की गई जांच के बाद जनपद उपाध्यक्ष पवन जायसवाल की पत्नी (सचिव) सीमा जायसवाल सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. 

बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत बेबदी में पदस्थ पंचायत सचिव सीमा जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर PDS का चावल खुद हड़प लिया. इस गबन में पूर्व सरपंच जगमति, पूर्व सरपंच पति जीतलाल, सहायक विक्रेता संतोष पण्डो और तौलक कन्हैया लाल भी शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, यह गड़बड़ी लंबे समय से की जा रही थी. मामले में स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई, जिसमें गबन की पुष्टि हुई.

कमिश्नर के आदेश पर FIR

सरगुजा संभाग कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खाद्य विभाग को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए. इसके बाद रघुनाथनगर थाना में सीमा जायसवाल सहित 5 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

ग्रामीणों में भारी आक्रोश

जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी सीमा जायसवाल पूर्व में भी एक गबन के मामले में जेल जा चुकी हैं. इसके बावजूद वे पंचायत सचिव के पद पर बनी रहीं. अब ताजा खुलासे के बाद ग्राम पंचायत बेबदी समेत आसपास के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जरूरतमंदों का हक मारा जा रहा था, और अब जब सच्चाई सामने आई है.

मामले में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी राम अवतार ध्रुव ने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य विभाग के शिकायत के आधार पर पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही है.

उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आयोग के द्विवार्षिक प्रतिवेदन का किया विमोचन

रायपुर- उप मुख्यमंत्री तथा विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव आज छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा आयोजित उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित सम्मेलन में आयोग के द्विवार्षिक प्रतिवेदन के मुद्रित एवं ई-संस्करण का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा और सचिव अन्बलगन पी. विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने, धोखाधड़ी व ठगी से बचाने तथा जागरूक करने में राज्य एवं जिला स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सराहनीय कार्य कर रहा है। उपभोक्ताओं को ई-जागृति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सुविधाएं भी मिल रही हैं। उनकी सहूलियत के लिए आयोग ऑनलाइन सुनवाई प्रारंभ करने की भी तैयारी कर रही है। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद विधि के छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराने का काम करें। श्री साव ने आयोग के कार्यों को मजबूती प्रदान करने और विस्तारित करने राज्य शासन से हर तरह का सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति नागरिकों को जागरूक करने व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रम संचालित करने की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य शासन की ओर से आयोग को भरपूर सहयोग मिल रहा है। हमारे सभी प्रस्तावों को सरकार ने स्वीकृत किया है। वर्तमान में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में ई-सुनवाई की व्यवस्था है। आगामी तीन महीनों में हम इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी 17 जिला स्तरीय आयोगों में लागू करने जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के साथ ही सभी जिला स्तरीय आयोग सक्रियता से काम कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति श्री चौरड़िया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में लोगों को न्याय दिलाने आयोग ने मामलों की तेजी से सुनवाई की है। दो वर्ष पहले पूरे प्रदेश में दस हजार 600 मामले लंबित थे, जो अब घटकर 6500 रह गए हैं। अगले छह महीनों में सभी लंबित प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि आयोग आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए केस फाइलिंग, सुनवाई और दस्तावेजीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार शुरू करने जा रहा है। उन्होंने रायपुर में ज्यादा प्रकरणों को देखते हुए आयोग की एक अतिरिक्त बेंच प्रारंभ करने की भी जानकारी दी।

उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने कहा कि राज्य व जिला स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के संचालन के लिए समुचित व्यवस्थाएं प्रदान करना राज्य शासन का दायित्व है। आयोग द्वारा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए ई-फाइलिंग और ई-सुनवाई की सुविधा विकसित की जा रही है। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए राज्य शासन और आयोग मिलकर काम करते रहेंगे।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने अपने संबोधन में कहा कि विगत 25-30 वर्षों में बाजार में हर सामग्री की वेराइटी काफी बढ़ी है। उत्पादों और उत्पादकों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच उपभोक्ता हितों के संरक्षण की जरूरत भी बढ़ रही है। उपभोक्ताओं को जागरूक व शिक्षित करने तथा न्याय दिलाने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं। राज्य शासन और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की पूरी कोशिश है कि सभी नागरिकों तक इसका लाभ पहुंचे। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार मोना चौहान, लेखाधिकारी मधुलिका यादव, रायपुर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा और रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी सहित विभिन्न जिलों के उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता तथा विधि के विद्यार्थी बड़ी संख्या में सम्मेलन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में आयोजित विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने युवाओं के साथ आत्मीय संवाद कर छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य और विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट, स्टार्टअप प्रमोशन और उद्योगों से जुड़ाव जैसी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और राज्य के समग्र विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में अब अंतिम साँसें गिन रहा है और मार्च 2026 तक नक्सल का समूल नाश होगा। छत्तीसगढ़ की यह सुंदर धरती विकास की नई ऊँचाइयों को छुएगी और शांत, सुरक्षित, खुशहाल और समृद्ध प्रदेश के रूप में इसे नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में एएनआई द्वारा आयोजित विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने एएनआई की संपादक श्रीमती स्मिता प्रकाश के साथ पॉडकास्ट में अपने पारिवारिक, राजनीतिक जीवन और मुख्यमंत्री के रूप में अब तक के सफर और उपलब्धियों पर खुलकर बातचीत की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने प्रदेशवासियों के हित में मोदी की गारंटी की बात कही थी और हमारी सरकार ने बड़े निर्णय लेते हुए इसे पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश मोदी की गारंटी पूरी कर दी गई हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कैबिनेट में 18 लाख गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराने का बड़ा फैसला लिया था। प्रदेश की माताओं-बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रतिमाह ₹1000 की राशि प्रदान की जा रही है। पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं के साथ हुए अन्याय के खिलाफ सीबीआई जांच जैसे बड़े निर्णय हमारी सरकार ने लिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास को गति देने के लिए निवेश अनुकूल नई औद्योगिक नीति लागू की गई है। इस नीति की सफलता का प्रमाण इस बात से मिलता है कि इसके लागू होने के बाद से सरकार को करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। हमारा उद्देश्य निवेश के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार देना भी है। श्री साय ने कहा कि हमने विकसित छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्युमेंट तैयार किया है और विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में हर प्रदेशवासी की अहम भूमिका होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

श्रमिक कल्याण और ऊर्जा के क्षेत्र में विकास को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिवेशन में 21 राज्यों से आए श्रमवीरों का प्रभु श्रीराम के ननिहाल में स्वागत किया और उन्हें हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि देशभर से आए श्रमवीरों ने यहाँ आकर एकता और सामंजस्य का बड़ा संदेश देने का कार्य किया है। श्री साय ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने 14 वर्षों के वनवास में से 10 वर्ष यहाँ बिताए, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार का गठन हुआ था, तब उन्होंने श्रम राज्य मंत्री के रूप में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए न्यूनतम पेंशन निर्धारित की गई और पीएफ की अनक्लेम राशि का उपयोग श्रमिकों के हित में किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली की महत्ता को सभी भली-भाँति समझते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली सरप्लस है, लेकिन आने वाले समय में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में 1350 और 850 मेगावाट की दो विद्युत परियोजनाओं की सौगात दी थी।

श्री साय ने आगे बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। इस पहल से हम हाफ बिजली से मुफ्त बिजली देने की ओर बढ़ रहे हैं और योजना के लिए राज्य सरकार ने सब्सिडी देने का बजट में प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्रमिकों के कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहे दत्तोपंत ठेंगड़ी का पुण्य स्मरण करते हुए उनके योगदानों को नमन किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के मंत्री और प्रभारी राधेश्याम जायसवाल, मधुसूदन जोशी, शोभा सिंहदेव सहित देशभर के 21 राज्यों से आए विद्युत श्रमिक उपस्थित थे।

ABVP ने राज्यपाल को लिखा पत्र, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति रद्द करने की मांग, जानिए वजह…

रायपुर-  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति को पत्र लिखकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के एकमात्र इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में प्रो. लवली शर्मा को कुलपति नियुक्त किया गया है.

डॉ. लवली शर्मा पर लग चुके हैं कई गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप

अभाविप ने पत्र में लिखा है कि पूर्व में प्रो. लवली शर्मा राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय ग्वालियर मध्यप्रदेश के कुलपति के रूप में काम कर चुकी है. इस दौरान उनके ऊपर कई गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. साथ ही इनके कार्यकाल में छात्राओं के यौन शोषण जैसे मामले प्रकाश में आए थे. जिस व्यक्ति के ऊपर कुलपति रहते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप और छात्राओं के यौन शोषण की घटनाएं उजागर हुए हैं. साथ ही इन्हीं मामलों को संज्ञान में लेकर मध्यप्रदेश शासन ने धारा 57 लगाकर कुलपति के कार्यकाल को समाप्त कर दिया था, परंतु छत्तीसगढ़ शासन ने उपरोक्त मामलों में दोषी पाए गए व्यक्ति को पुनः कुलपति के रूप में नियुक्ति किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह भी मानना है कि डॉ. लवली शर्मा ने कुलपति पद पर आवेदन करते समय इन तथ्यों को जानबूजकर छुपाया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि संगीत विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन के लिए तत्काल प्रभाव से कुलपति की इस नियुक्ति को रद्द किया जाए.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हनुमान जन्मोत्सव पर की पूजा-अर्चना, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि का मांगा आशीर्वाद

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित हनुमान मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि के लिए मंगलकामनाएँ कीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भगवान हनुमान शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी कृपा से हर संकट का समाधान संभव है।उन्होंने प्रदेशवासियों को हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ दीं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

सुशासन तिहार में अजब-गजब डिमांड : युवक ने आवेदन में लिखा – ससुराल दूर है, बाइक दिला दीजिए…

सरगुजा- छत्तीसगढ़ में साय सरकार सुशासन तिहार मना रही. इस दौरान गांवों व शहरों में लोग अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन कर रहे हैं. सरगुजा जिले के मैनपाट में एक युवक ने शिविर में बाइक दिलाने के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि उसकी ससुराल और हॉट बाजार दूर है. उसे ससुराल और हाट बाजार जाने के लिए बाइक दिलाई जाए. यह आवेदन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

सुशासन तिहार के पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल तक गांवों व शहरों में शिविर लगाकर आवेदन लिए जा रहे हैं. सुशासन तिहार में मैनपाट ब्लॉक के कदनई पंचायत के युवक अजेश कुमार ठाकुर ने आवेदन देकर अपने लिए बाइक मांगी है, ताकि वह ससुराल और हॉट बाजार जा सके. आवेदन में संबंधित विभाग का नाम छत्तीसगढ़ शासन ऑटो एजेंसी लिखा गया है. यह आवेदन 10 अप्रैल को कदनई पंचायत के शिविर में जमा किया गया है.

आवेदक अगेश कुमार ठाकुर ने बताया कि उसकी शादी नवानगर दरिमा के पास गांव में हुई है. बाजार भी दूर है, जहां जाने में दिक्कत होती है, इसलिए बाइक की मांग शासन से की है. अगेश कुमार ठाकुर ने पांचवीं तक पढ़ाई की है और वह खेती का काम करता है. उसने यह आवेदन एक परिचित युवक से लिखवाया है.

सीईओ बोले – निराकरण के लिए भेजा जाएगा आवेदन

मैनपाट जनपद सीईओ कुबेर सिंह ने कहा कि ऐसा आवेदन मिला है. आवेदन को निराकरण के लिए भेजा जाएगा. हालांकि ऐसा कोई प्रावधान किसी योजना में नहीं है. आवेदन में तकनीकी त्रुटियां भी है. छत्तीसगढ़ शासन ऑटो एजेंसी नाम का कोई विभाग नहीं है.

वाहन की ठोकर से युवा व्यापारी घायल, पुलिस आरक्षक की तत्परता से बची जान

बलौदाबाजार- वाहनों की रफ्तार से आम आदमी अब डरने लगा है और घर से निकले व्यक्ति को अब यह भरोसा नहीं रहा कि वह सुरक्षित वापस आ पाएगा या नहीं. बीती रात बलौदाबाजार में भी घटना घटी, जब युवा व्यापारी रायपुर से वापस आ रहा था. इस बीच अज्ञात वाहन ने उनकी कार को टक्कर मारकर फरार हो गया. व्यापारी की किस्मत अच्छी रही कि घटना के कुछ समय बाद बलौदाबाजार में पदस्थ पुलिस आरक्षक लक्ष्मी नारायण गायकवाड़ घटना स्थल पर रुककर उनकी जान बचाई.

आरक्षक लक्ष्मीनारायण अपनी ड्यूटी पर आ रहा था. उन्होंने दुर्घटना की स्थिति को देखकर तत्काल घायल व्यापारी को कार से बाहर निकाला और जिला चिकित्सालय पहुंचाया. प्राथमिक उपचार के बाद उसकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर किया. वहीं घायल युवक के मोबाइल से उसके परिजनों को सूचना दी गई.

पुलिस आरक्षक की तत्परता से व्यापारी युवक को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल पाई. पुलिस आरक्षक की इस सहायता की सभी प्रशंसा कर रहे हैं. घायल युवा व्यापारी का नाम परेश वर्मा बताया जा रहा है. फिलहाल कोतवाली पुलिस घटना की जांच में जुटी है.

चोरी ऊपर से सीना जोरी : सरकारी स्कूल की महिला क्लर्क और दो चपरासी सस्पेंड, जानिए पूरा मामला

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर में सरकारी स्कूल की महिला क्लर्क और दो भृत्य के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इन्हें समय पर ड्यूटी आना पसंद नहीं था और कोई रोक-टोक करें वो तो बिलकुल अस्वीकार था. चाहे स्कूल का प्राचार्य हो या स्टाफ बिना संस्था प्रमुख्य की अनुमति के वरिष्ठ कार्यालय में सबकी कम्प्लेन लेकर पहुंच जाते. अब यही तीनों शासकीय कर्मचारियों पर भारी पड़ा. जारी किए गए नोटिस में जवाब असंतोष पाए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले पर एक्शन लिया है.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, पूरा मामला शासकीय हाई स्कूल जरहाभाठा का है. जहां दो साल से महिला क्लर्क सुषमा पाण्डेय और भृत्य रश्मि विश्वकर्मा और गीता राही समय पर स्कूल नहीं आ रहे थे. तीनों को समय पर ड्यूटी आने के लिए स्कूल प्राचार्य और स्टाफ ने बार-बार समझाइश दी. लेकिन उनका रवैया नहीं बदला और सुधार की बजाए तीनों ने संस्था प्रमुख्य की अनुमति के बिना वरिष्ठ कार्यालय में शिकायत लेकर पहुंच जाते थे.

प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद तीनों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया. जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर डीईओ अनिल तिवारी ने कृत्य स्वेच्छाचारिता व सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के कारण तीनों को निलंबित कर दिया.

देखें आदेश :-