रेरा की बड़ी पहल: वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और खरीदारों के हितों की रक्षा करने रेरा ने 17 बैंकों को किया लिस्टेड, जानिये क्या होगा फायदा

रायपुर- छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (RERA) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं. RERA चेयरमैन संजय शुक्ला ने कहा है कि रेरा द्वारा 17 बैंकों के साथ साझेदारी की गई है. उन्होंने बताया कि कई प्रमोटर एक ही प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग बैंक अकाउंट खोल रहे थे, जिससे अव्यवस्था फैल रही थी. रियल एस्टेट क्षेत्र में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए बैंकों के साथ मिलकर कुछ अहम फैसले लिए हैं. 

उन्होंने बताया कि अब से जिस उद्देश्य के लिए पैसा जमा होगा, उसे उसी प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया जाएगा. RERA इस पर नजर रखेगा कि प्रमोटर फंड डायवर्ट न कर सकें. इसके अलावा परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी RERA के माध्यम से होगी.

उन्होंने बताया कि RERA के सामने 2 मुख्य शिकायतें आती हैं:

1. प्रोजेक्ट में देरी – कई खरीदारों को तय समय पर मकान नहीं मिल पा रहे.

2. निर्माण की गुणवत्ता – कई परियोजनाओं में निर्माण सामग्री और संरचना को लेकर शिकायतें आ रही हैं.

RERA की सीमा

RERA चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि एक्ट के प्रावधानों के तहत अगर Competent Authority (सक्षम प्राधिकारी) ने रिपोर्ट दे दी है, तो RERA कार्रवाई नहीं कर सकता. इसी तरह, किसी भी बैंक के खिलाफ भी सीधे तौर पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है. इस फैसले से छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी.

वक्फ बिल के संसद में पारित होने पर मुख्यमंत्री साय ने पीएम मोदी का जताया आभार, विपक्ष पर साधा निशाना

रायपुर- वक्फ संशोधन बिल पास होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है. इसके साथ ही उन्होंने बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर किए अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए लिखा है कि वक्फ बिल के दोनों सदनों से पारित होने पर बधाई. यह बिल जनजातीय अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है. बिल में यह प्रावधान किया गया है कि 5वीं और 6वीं अनुसूची के क्षेत्रों में किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा. इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों पर प्रभावी रोक लगेगी और जनजातीय संस्कृति को संरक्षण मिलेगा.

उन्होंने आगे लिखा कि वक्फ बिल पर विपक्ष ने लगातार मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास किया है. यह अत्यंत निंदनीय है. वास्तव में यह बिल किसी धर्म के विरुद्ध नहीं, बल्कि न्याय और समानता के मूल्यों को मजबूत करने वाला है. यह गरीब अल्पसंख्यकों के हित में है. वक्फ संशोधन बिल पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक पहल है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह बिल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है. जिस प्रकार से इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई है, वह हमारे संसदीय विमर्श की परिपक्वता को दर्शाता है. वक्फ कानून में संशोधन इसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. इस बिल का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार और न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है.

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में नवनिर्मित आडिटोरियम का लोकार्पण करते हुए दानदाताओं को किया सम्मानित

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज द्वारा दानशीलता दिवस पर आयोजित सम्मान एवं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में समाज द्वारा नवनिर्मित 200 सीटर ऑडिटोरियम का लोकार्पण और दान दाताओं का सम्मान भी किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अग्रवाल समाज की दानशीलता के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा और दानशीलता के लिए अग्रवाल समाज हमेशा ही आगे रहा है। छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ से काफी पुराना नाता रहा है। लगभग 400 साल पहले जब से अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ में पदार्पण हुआ है, तब से छत्तीसगढ़ के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अग्रवाल समाज व्यापार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है जो कठिन परिश्रम तथा लगन से कार्य करते हुए मानवता की सेवा में जुटा रहना वाला समाज है। अग्रवाल समाज के द्वारा कोविड की विषम परिस्थिति में भी मानव सेवा सम्बंधी किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के दानदाताओं के सहयोग का उल्लेख किया। इनमें उन्होंने डीकेएस अस्पताल, एम्स, शीतलबांधा तालाब सहित अनेक कार्यों का उल्लेख किया। कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1900 एकड़ भूमि समाज के दानदाताओं द्वारा दी गई है। अनेक धर्मशाला, तालाब, मंदिर, गौशाला, छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के द्वारा बनाई गई है। इन कार्यों से समाज का हर वर्ग लाभान्वित है। सामाजिक समरसता का इससे अनूठा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के लोगों ने सेवा के ऐसे काम किए हैं, जो सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कन्या विवाह, रोजगार जैसे अनेक क्षेत्रों में आप सभी ने जरूरतमंदों की सेवा की है। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ देश-दुनिया में सामाजिक समरसता के लिए जाना जाता है। इसके पीछे छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप 2047 में विकसित भारत के साथ विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पाने में अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेंगी। इस दौरान उन्होंने समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ भी दिलाई। साथ ही मुख्य मंच से दान देने वाले अग्रणी परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, रायपुर नगर निगम महापौर मीनल चौबे, संजय श्रीवास्तव, दाऊ अनुराग अग्रवाल सहित समाज के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय से निगम तथा मंडल के नव नियुक्त अध्यक्षों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में विभिन्न मंडल एवं निगमों के नव नियुक्त अध्यक्षों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें उनके नवीन दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन (नागरिक आपूर्ति) अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम अध्यक्ष सौरभ सिंह, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष दीपक महस्के एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष अनुराग सिंह देव उपस्थित थे।

रामगढ़ की पहाड़ी पर हादसा : 200 फीट गहरी खाई में गिरी सात साल की बच्ची, रेस्क्यू कर बचाई गई जान

सरगुजा- परिजनों के साथ राम मंदिर दर्शन करने आई सात वर्षीय मासूम बंदरों के डर से 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. घंटों मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर बच्ची की जान बचाई गई. यह घटना उदयपुर रामगढ़ पहाड़ी की है.

बता दें कि नवरात्रि में रामगढ़ की पहाड़ी पर हर साल मेला लगता है. इस नवरात्रि में यहां सात साल की मासूम परिजनों के साथ राम मंदिर दर्शन करने आई थी. इस दौरान यह हादसा हो गया. खाई में गिरने से बच्ची का पैर टूटा है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा.

बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक ने निकाली 2621 फीट लंबी चुनरी यात्रा, समायोजन के लिए मां महामाया से की प्रार्थना

रायपुर- बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर पिछले तीन माह से धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज नवरात्रि के अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने एक अनूठा आयोजन किया. बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों ने 2621 फीट लंबी चुनरी यात्रा निकालकर मां महामाया को अर्पित की और सेवा सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. बस स्टैंड भाटागांव स्थित मां शीतला माता मंदिर में भी पूजा-अर्चना कर सरकार से अपने अधिकारी के लिए गुहार लगाई.

विनोद जयसवाल बर्खास्त सहायक शिक्षक ने कहा, आज नवरात्रि के छठा दिन बर्खास्त शिक्षकों ने अपने आंदोलन को आध्यात्मिक शक्ति के साथ जोड़ते हुए रायपुर स्थित महामाया देवी मंदिर में 2621 फीट लंबी चुनरी अर्पित की. साथ ही नया बस स्टैंड भाटागांव स्थित मां शीतला माता मंदिर में पूजा अर्चना कर सेवा सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. देवी मां के चरणों में यह अर्पण न्याय की आस, हक की पुकार और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक मन्नत रूपी संकल्प था. आस्था और संघर्ष के इस अनूठे संगम में हजारों शिक्षकों ने भाग लिया, जो वर्षों तक शिक्षा देने के बाद अब अन्यायपूर्ण फैसलों के कारण रोजगार से वंचित हो चुके हैं.

महिला शिक्षिकाओं ने नवदुर्गा के रूप में किया सांकेतिक प्रदर्शन

नवरात्रि के पंचमी दिवस पर महिला शिक्षिकाओं ने नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों में प्रदर्शन कर अपने अस्तित्व की लड़ाई को देवी शक्ति से जोड़ा. यह प्रदर्शन सिर्फ एक सरकारी नीति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक शिक्षिका, एक माँ, एक गृहिणी और एक समाज निर्माता के सम्मान की रक्षा के लिए था. शिक्षिकाओं ने देवी माँ की संध्या आरती का आयोजन कर सरकार से न्याय की गुहार लगाई और प्रार्थना की कि उनकी सेवाएं बहाल की जाए.

शिक्षिकाओं ने कहा – हमारी लड़ाई सिर्फ नौकरी की नहीं, आत्मसम्मान की है

नम्रता वर्मा, शिक्षिका ने कहा, “नवरात्रि शक्ति की आराधना का पर्व है, और हर नारी में मां दुर्गा का अंश होता है. जैसे मां ने अधर्म के खिलाफ शस्त्र उठाए, वैसे ही हम अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज़ उठा रहे हैं. सरकार से हमारी विनती है कि हमारी मेहनत और सेवा को व्यर्थ न जाने दे.

गायत्री देवी मिंज, शिक्षिका ने कहा, “मैंने अपने बच्चों को घर और स्कूल, दोनों जगह सँभाला. माँ अन्नपूर्णा की तरह पोषण दिया, माँ सरस्वती की तरह ज्ञान दिया और अब जब हमें न्याय चाहिए तो मां काली की तरह लड़ने को तैयार हैं. क्या सरकार हमें हमारी शक्ति को सिद्ध करने के लिए विवश करेगी?”

निकिता देशमुख शिक्षिका ने कहा, “हम हर साल माँ दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन जब एक शिक्षिका, जो स्वयं नारी शक्ति का प्रतीक है, अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रही है, तो उसे अनदेखा क्यों किया जा रहा है? माँ से प्रार्थना है कि हमें न्याय मिले और सरकार जल्द हमारी सेवाएं बहाल करे.

शिक्षकों का संकल्प: हार नहीं मानेंगे

यह आंदोलन अब सिर्फ एक नौकरी की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की लड़ाई बन चुका है. शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि जब तक सरकार उनकी सेवा बहाली और समायोजन का ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. बता दें की कोर्ट के आदेशानुसार बीएड धारी 2600 से ज़्यादा शिक्षकों को सहायक शिक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके बाद से ये शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर लगातार अलग-अलग अंदाज में प्रदर्शन कर रहे.

उप मुख्यमंत्री और वनमंत्री ने किया बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन

रायपुर- राज्य शासन द्वारा बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2025 यथा बस्तर का उत्सव का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। इस क्षेत्र में मेरा जन्म ना होने से यहाँ की संस्कृति और अनेक स्वादिष्ट व्यंजन से मैं वंचित रहा हूँ पर आज इस कार्यक्रम में मुझे बस्तर की सभी स्वाद का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने बस्तर में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु सार्थक प्रयास करने की बात कही ।

वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जोे विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस कार्यक्रम में समूचे संभाग के जिलों के प्रतिभागियों द्वारा शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का फाल्गुन मंडई और बस्तर में आयोजित बस्तर दशहरा को सामाजिक समरसता का प्रतीक निरूपित करते हुए कहा कि समाज के लोग इस परंपरा को संवर्धित कर रहे हैं। हमारे बस्तर क्षेत्र में जन्म से मृत्यु तक पंडुम मनाते हैं। इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देने में हमारी परंपरा, रीति -रिवाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी।

कार्यक्रम के शुरुआत में दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शनी में लगे जनजातीय कला स्टॉल का अवलोकन कर प्रदर्शनी में लगे जनजातीय संस्कृति के वाद्य यंत्र का वादन किया और स्थानीय एवं जनजातीय व्यंजन का स्वाद लेकर सराहना किए। इस अवसर पर विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता, महिला आयोग की सदस्य ओजस्वी मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, सीईओ जयंत नाहटा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, आकर्षकता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन-सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, कोसरा, जोन्धरा एवं मडि़या पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर, बोबो इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण हैं।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रदायगी हेतु विशेषज्ञ चिकित्सक व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने व स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी हेतु पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में में 31 चिकित्सा अधिकारियों (संविदा) व 08 विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) की पदस्थापना की गई है। जिससे त्वरित इलाज में तेजी आएगी और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। इन डॉक्टरों को संबंधित जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज इन नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।

विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ. रितु बघमार जिला अस्पताल बलौदा बाजार-भाठापारा, डॉ. गौरव दानी जिला अस्पताल बेमेतरा, डॉ अशफाक हुसैन जिला अस्पताल दंतेवाड़ा, डॉ संतराम चुरेन्द्र व डॉ. ऋचा वर्मा की जिला अस्पताल दुर्ग, डॉ संजय कुमार सिंह जिला अस्पताल जांजगीर चांपा, डॉ मिलिंद मनोहर देवधर, शहरी सामुदायिक केन्द्र रायपुर व डॉ शिवम जायसवाल की जिला अस्पताल सूरजपुर में पदस्थापना की गई है।

मध्यान्ह भोजन में मिली मरी छिपकली : खाना खाने के बाद बिगड़ी 70 बच्चों की तबीयत, अस्पताल में करना पड़ा दाखिल…

बलरामपुर- सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में बड़ी लापरवाही सामने आई है. छिपकली गिरा मध्यान्ह भोजन खाकर प्राथमिक शाला के 70 बच्चों बीमार पड़ गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा है. 

मामला बलरामपुर जिले के विकासखंड कुसमी के गजाधरपुर-तुरीपानी स्थित प्राथमिक शाला स्कूल की है, जहां मध्यान्ह भोजन में छिपकली गिर गई, जिसे खाने से करीबन 70 बच्चे बीमार पड़ गए. आनन-फानन में बच्चों को कुसमी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. उपचार के बाद बच्चों की स्थिति सामान्य बताई गई है.

नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंचे गृह मंत्री विजय शर्मा, कहा – माओवादी मुख्यधारा से जुड़ें, सरकार दिलाएगी पुनर्वास नीति का लाभ

सुकमा- छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा बस्तर दौरे पर हैं. उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया. वहीं चौपाल लगाकर जमीन पर बैठकर लोगों की समस्याएं भी सुनी. ये विष्णु का सुशासन है, मंत्री गांव-गांव, घर-घर पहुंचेगा.

विजय शर्मा ने कहा, बस्तर के लोगों तक हर सुविधाएं पहुंचाना साय सरकार और मोदी जी का संकल्प है. जवानों की भुजाओं की ताकत पर अब सभी सुविधाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों तक पहुंच रही. पहले इन्हें कोई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा था. उनहोंने कहा, सरकार बिल्कुल भी गोली नहीं चलाना चाहती. सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत करने तैयार है पर शर्तें नहीं मानी जाएगी. माओवादी मुख्यधारा से जुड़ें. सरकार उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ दिलाएगी.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाने से पहले जगरगुंडा के रायगुड़ेम में जवानों से मुलाकात की. इस दौरान बस्तर आईजी पी. सुंदरराज, सीआरपीएफ डीआईजी सूरजपाल वर्मा, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ कमांडेंट नवीन मौजूद थे. इसके बाद बाइक में सवार होकर बीहड़ इलाके में पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मुलाकात की.

बस्तर पंडुम महोत्सव में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. पहले दिन वे राज्य के प्रमुख नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वहीं दूसरे दिन याने 5 अप्रैल को गृहमंत्री शाह बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर रहेंगे, जहां वे बस्तर पंडुम महोत्‍सव के समापन कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे. यहां वे मां दंतेश्वरी के दर्शन करेंगे. इसके अलावा एंटी-नक्सल अभियान के ऑपरेशन कमांडरों के साथ संवाद भी करेंगे.