बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक ने निकाली 2621 फीट लंबी चुनरी यात्रा, समायोजन के लिए मां महामाया से की प्रार्थना

रायपुर- बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर पिछले तीन माह से धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज नवरात्रि के अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने एक अनूठा आयोजन किया. बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों ने 2621 फीट लंबी चुनरी यात्रा निकालकर मां महामाया को अर्पित की और सेवा सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. बस स्टैंड भाटागांव स्थित मां शीतला माता मंदिर में भी पूजा-अर्चना कर सरकार से अपने अधिकारी के लिए गुहार लगाई.

विनोद जयसवाल बर्खास्त सहायक शिक्षक ने कहा, आज नवरात्रि के छठा दिन बर्खास्त शिक्षकों ने अपने आंदोलन को आध्यात्मिक शक्ति के साथ जोड़ते हुए रायपुर स्थित महामाया देवी मंदिर में 2621 फीट लंबी चुनरी अर्पित की. साथ ही नया बस स्टैंड भाटागांव स्थित मां शीतला माता मंदिर में पूजा अर्चना कर सेवा सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. देवी मां के चरणों में यह अर्पण न्याय की आस, हक की पुकार और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक मन्नत रूपी संकल्प था. आस्था और संघर्ष के इस अनूठे संगम में हजारों शिक्षकों ने भाग लिया, जो वर्षों तक शिक्षा देने के बाद अब अन्यायपूर्ण फैसलों के कारण रोजगार से वंचित हो चुके हैं.

महिला शिक्षिकाओं ने नवदुर्गा के रूप में किया सांकेतिक प्रदर्शन

नवरात्रि के पंचमी दिवस पर महिला शिक्षिकाओं ने नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों में प्रदर्शन कर अपने अस्तित्व की लड़ाई को देवी शक्ति से जोड़ा. यह प्रदर्शन सिर्फ एक सरकारी नीति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक शिक्षिका, एक माँ, एक गृहिणी और एक समाज निर्माता के सम्मान की रक्षा के लिए था. शिक्षिकाओं ने देवी माँ की संध्या आरती का आयोजन कर सरकार से न्याय की गुहार लगाई और प्रार्थना की कि उनकी सेवाएं बहाल की जाए.

शिक्षिकाओं ने कहा – हमारी लड़ाई सिर्फ नौकरी की नहीं, आत्मसम्मान की है

नम्रता वर्मा, शिक्षिका ने कहा, “नवरात्रि शक्ति की आराधना का पर्व है, और हर नारी में मां दुर्गा का अंश होता है. जैसे मां ने अधर्म के खिलाफ शस्त्र उठाए, वैसे ही हम अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज़ उठा रहे हैं. सरकार से हमारी विनती है कि हमारी मेहनत और सेवा को व्यर्थ न जाने दे.

गायत्री देवी मिंज, शिक्षिका ने कहा, “मैंने अपने बच्चों को घर और स्कूल, दोनों जगह सँभाला. माँ अन्नपूर्णा की तरह पोषण दिया, माँ सरस्वती की तरह ज्ञान दिया और अब जब हमें न्याय चाहिए तो मां काली की तरह लड़ने को तैयार हैं. क्या सरकार हमें हमारी शक्ति को सिद्ध करने के लिए विवश करेगी?”

निकिता देशमुख शिक्षिका ने कहा, “हम हर साल माँ दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन जब एक शिक्षिका, जो स्वयं नारी शक्ति का प्रतीक है, अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रही है, तो उसे अनदेखा क्यों किया जा रहा है? माँ से प्रार्थना है कि हमें न्याय मिले और सरकार जल्द हमारी सेवाएं बहाल करे.

शिक्षकों का संकल्प: हार नहीं मानेंगे

यह आंदोलन अब सिर्फ एक नौकरी की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की लड़ाई बन चुका है. शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि जब तक सरकार उनकी सेवा बहाली और समायोजन का ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. बता दें की कोर्ट के आदेशानुसार बीएड धारी 2600 से ज़्यादा शिक्षकों को सहायक शिक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके बाद से ये शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर लगातार अलग-अलग अंदाज में प्रदर्शन कर रहे.

उप मुख्यमंत्री और वनमंत्री ने किया बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन

रायपुर- राज्य शासन द्वारा बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2025 यथा बस्तर का उत्सव का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। इस क्षेत्र में मेरा जन्म ना होने से यहाँ की संस्कृति और अनेक स्वादिष्ट व्यंजन से मैं वंचित रहा हूँ पर आज इस कार्यक्रम में मुझे बस्तर की सभी स्वाद का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने बस्तर में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु सार्थक प्रयास करने की बात कही ।

वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जोे विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस कार्यक्रम में समूचे संभाग के जिलों के प्रतिभागियों द्वारा शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का फाल्गुन मंडई और बस्तर में आयोजित बस्तर दशहरा को सामाजिक समरसता का प्रतीक निरूपित करते हुए कहा कि समाज के लोग इस परंपरा को संवर्धित कर रहे हैं। हमारे बस्तर क्षेत्र में जन्म से मृत्यु तक पंडुम मनाते हैं। इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देने में हमारी परंपरा, रीति -रिवाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी।

कार्यक्रम के शुरुआत में दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शनी में लगे जनजातीय कला स्टॉल का अवलोकन कर प्रदर्शनी में लगे जनजातीय संस्कृति के वाद्य यंत्र का वादन किया और स्थानीय एवं जनजातीय व्यंजन का स्वाद लेकर सराहना किए। इस अवसर पर विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता, महिला आयोग की सदस्य ओजस्वी मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, सीईओ जयंत नाहटा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, आकर्षकता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन-सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, कोसरा, जोन्धरा एवं मडि़या पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर, बोबो इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण हैं।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रदायगी हेतु विशेषज्ञ चिकित्सक व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने व स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी हेतु पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में में 31 चिकित्सा अधिकारियों (संविदा) व 08 विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) की पदस्थापना की गई है। जिससे त्वरित इलाज में तेजी आएगी और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। इन डॉक्टरों को संबंधित जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज इन नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।

विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ. रितु बघमार जिला अस्पताल बलौदा बाजार-भाठापारा, डॉ. गौरव दानी जिला अस्पताल बेमेतरा, डॉ अशफाक हुसैन जिला अस्पताल दंतेवाड़ा, डॉ संतराम चुरेन्द्र व डॉ. ऋचा वर्मा की जिला अस्पताल दुर्ग, डॉ संजय कुमार सिंह जिला अस्पताल जांजगीर चांपा, डॉ मिलिंद मनोहर देवधर, शहरी सामुदायिक केन्द्र रायपुर व डॉ शिवम जायसवाल की जिला अस्पताल सूरजपुर में पदस्थापना की गई है।

मध्यान्ह भोजन में मिली मरी छिपकली : खाना खाने के बाद बिगड़ी 70 बच्चों की तबीयत, अस्पताल में करना पड़ा दाखिल…

बलरामपुर- सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में बड़ी लापरवाही सामने आई है. छिपकली गिरा मध्यान्ह भोजन खाकर प्राथमिक शाला के 70 बच्चों बीमार पड़ गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा है. 

मामला बलरामपुर जिले के विकासखंड कुसमी के गजाधरपुर-तुरीपानी स्थित प्राथमिक शाला स्कूल की है, जहां मध्यान्ह भोजन में छिपकली गिर गई, जिसे खाने से करीबन 70 बच्चे बीमार पड़ गए. आनन-फानन में बच्चों को कुसमी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. उपचार के बाद बच्चों की स्थिति सामान्य बताई गई है.

नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंचे गृह मंत्री विजय शर्मा, कहा – माओवादी मुख्यधारा से जुड़ें, सरकार दिलाएगी पुनर्वास नीति का लाभ

सुकमा- छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा बस्तर दौरे पर हैं. उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया. वहीं चौपाल लगाकर जमीन पर बैठकर लोगों की समस्याएं भी सुनी. ये विष्णु का सुशासन है, मंत्री गांव-गांव, घर-घर पहुंचेगा.

विजय शर्मा ने कहा, बस्तर के लोगों तक हर सुविधाएं पहुंचाना साय सरकार और मोदी जी का संकल्प है. जवानों की भुजाओं की ताकत पर अब सभी सुविधाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों तक पहुंच रही. पहले इन्हें कोई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा था. उनहोंने कहा, सरकार बिल्कुल भी गोली नहीं चलाना चाहती. सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत करने तैयार है पर शर्तें नहीं मानी जाएगी. माओवादी मुख्यधारा से जुड़ें. सरकार उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ दिलाएगी.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाने से पहले जगरगुंडा के रायगुड़ेम में जवानों से मुलाकात की. इस दौरान बस्तर आईजी पी. सुंदरराज, सीआरपीएफ डीआईजी सूरजपाल वर्मा, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ कमांडेंट नवीन मौजूद थे. इसके बाद बाइक में सवार होकर बीहड़ इलाके में पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मुलाकात की.

बस्तर पंडुम महोत्सव में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. पहले दिन वे राज्य के प्रमुख नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वहीं दूसरे दिन याने 5 अप्रैल को गृहमंत्री शाह बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर रहेंगे, जहां वे बस्तर पंडुम महोत्‍सव के समापन कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे. यहां वे मां दंतेश्वरी के दर्शन करेंगे. इसके अलावा एंटी-नक्सल अभियान के ऑपरेशन कमांडरों के साथ संवाद भी करेंगे.

फार्महाउस में रेड, अवैध शराब तस्करी के बड़े रैकेट का हुआ पर्दाफाश

डोंगरगढ़- डोंगरगढ़ में लाखों रुपए की अवैध शराब की खेप मिलने का खुलासा पिछले दिनों पुलिस ने किया था. अब इस मामले में और चौंकाने वाले खुलासे हुए है और पुलिस ने अब इस पूरे खेल से जुड़े 8 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. शराब जब्त किए जाने के बाद इस मामले में राजनीति शुरू हो गई थी और आरोपियों को गिरफ्तार न किए जाने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने कई गंभीर आरोप लगाये थे.

दरअसल डोंगरगढ़ में अवैध शराब तस्करी के बड़े रैकेट का आज भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने करवारी रोड स्थित एक फार्महाउस में छापा मारकर लगभग 27 लाख रुपये मूल्य की 3888 बल्क लीटर शराब जब्त की. यह शराब मध्यप्रदेश से लाकर छत्तीसगढ़ में बेचने के लिए तैयार की जा रही थी. इस कार्रवाई में फार्महाउस मालिक रोहित नेताम उर्फ सोनू सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

29 मार्च को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि करवारी रोड पर स्थित रोहित नेताम के फार्महाउस में अवैध शराब का बड़ा स्टॉक डंप किया गया है पुलिस तक सूचना पहुचनें के साथ साथ तस्करों को भी इसकी भनक लग गई और वे सब लाखों की शराब छोड़ फ़ार्म हाउस से फरार हो गए. पुलिस को फ़ार्म हाउस में जांच के दौरान शराब की बोतलों पर छत्तीसगढ़ का नकली लेबल मिला जिसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता था. साथ ही फार्महाउस में 432 पेटी शराब, हजारों की संख्या में खाली बोतलें, नकली स्टिकर, होलोग्राम और अन्य सामग्री भी बरामद हुई. लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस की जम कर किरकिरी हो रही थी.

इस रैकेट का सरगना रोहित नेताम उर्फ सोनू पुलिस के लिए कोई नया नाम नहीं था. पहले से ही अवैध शराब, मारपीट और जुए से जुड़े कई मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं. वह तस्करी के इस धंधे को हाईटेक तरीके से संचालित कर रहा था. उसने अपने फार्महाउस में सीसीटीवी कैमरे और वाईफाई लगा रखा था, जिससे किसी भी संदिग्ध हलचल की जानकारी उसे मोबाइल पर तुरंत मिल जाए. छापे के दौरान भी वह कैमरे के जरिए पुलिस की रेड को लाइव देख रहा था और मौका पाकर फरार हो गया. हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया. आरोपी को पकड़ने पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई, जिसमें डोंगरगढ़ थाना और साइबर सेल के अधिकारी शामिल थे. इस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, संदिग्धों की पहचान की और अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य सरगना रोहित नेताम के अलावा दलजीत सिंह उर्फ राजा, मोहित कुर्रे, रवि कंडरा, सिद्धार्थ फुले, सोनू यादव, विशाल मिश्रा और भुवन कंडरा शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अवैध शराब तस्करी, अपहरण, मारपीट और जुआ जैसे अपराध शामिल हैं.

कैसे चल रहा था अवैध शराब का नेटवर्क?

यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था. मोहारा निवासी छोटा कट्टी उर्फ नंदकुमार वर्मा और उसका साथी ‘हड्डी’ मध्यप्रदेश से शराब लाकर रोहित नेताम के फार्महाउस में डंप करते थे. इसके बाद यहां नकली स्टिकर और होलोग्राम लगाकर इसे छत्तीसगढ़ ब्रांड की शराब बना दिया जाता था. फिर देर रात स्कूटी से छोटे-छोटे पैक में भरकर यह शराब शहर के अलग-अलग इलाकों में बेची जाती थी. रोहित नेताम ने अपने घर पर एक किराना दुकान की आड़ में इस अवैध शराब की बिक्री का पूरा सेटअप बना रखा था. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह का नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है और इसमें कुछ रसूखदार लोग भी शामिल हो सकते हैं.

पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या यह पूरा नेटवर्क सिर्फ इन्हीं लोगों तक सीमित है? फार्महाउस से मिले नकली होलोग्राम, स्टिकर और सरकारी सीलिंग रोल यह इशारा कर रहे हैं कि शराब तस्करी का यह कारोबार किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है. फिलहाल, पुलिस सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है. 

भ्रामक विज्ञापनों पर बृजमोहन अग्रवाल नाराज, संसद में उठाए सवाल

नई दिल्ली/ रायपुर- रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में खाद्य उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर संसद में सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से यह जानकारी मांगी कि क्या छत्तीसगढ़ में खाद्य उत्पादों से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों की निगरानी के लिए कोई विशेष समिति गठित की गई है। यदि ऐसा है, तो उसकी अनुशंसाओं को सार्वजनिक किया जाएगा या नहीं, और इस संबंध में विस्तृत जानकारी कब तक प्रस्तुत की जाएगी।

श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कोई प्रभावी तंत्र स्थापित करने पर भी जानकारी मांगी है। जिसपर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने बताया कि सरकार ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में खाद्य उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की निगरानी के लिए कोई विशेष समिति गठित नहीं की है। हालांकि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 के परिपत्र के माध्यम से एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया है, जो प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के भ्रामक प्रचार का समाधान करने, उपभोक्ताओं को सही जानकारी सुनिश्चित करने और नैतिक विज्ञापन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।

मंत्री ने आगे बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 24(1) के तहत, किसी भी खाद्य उत्पाद का भ्रामक या प्रवंचनापूर्ण विज्ञापन प्रतिबंधित है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने प्री-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की लेबलिंग से संबंधित आवश्यकताओं के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020 अधिसूचित किया है, जिसका पालन सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को करना अनिवार्य है। साथ ही, खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 को लागू किया गया है, जिससे खाद्य उत्पादों के संबंध में निष्पक्ष दावे और विज्ञापन सुनिश्चित किए जा सकें। इन नियमों के उल्लंघन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस विषय पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित कर छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और इसके लिए प्रभावी उपाय किए जाएं।

पीएटी – पीवीपीटी के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू, 21 अप्रैल तक जमा होंगे आवेदन…

रायपुर- प्री एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) और प्री-वेटनरी पॉलीटेक्नीक टेस्ट (पीवीपीटी) 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी.

परीक्षा के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल की आधिकारिक वेबसाइटvyapamcg.cgstate.gov.in पर 21 अप्रैल शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. 15 मई प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि है. इसके लिए राज्य के 33 जिला मुख्यालयों में परीक्षा आयोजित की जाएगी.

 

योग आयोग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के शपथ ग्रहण में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  योग आत्मा, मन और शरीर को संतुलित करने का सबसे बड़ा माध्यम है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्वपटल पर स्थापित किया और आज पूरी दुनिया भारत की इस प्राचीन विधा को अपनाकर आरोग्य की प्राप्ति कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ योग आयोग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित गरिमामयी समारोह में अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने आज शपथ ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने संतों का अभिवादन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने योग आयोग के नव-नियुक्त अध्यक्ष श्री सिन्हा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री सिन्हा को छत्तीसगढ़ को जोड़ने और स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जनसेवा को समर्पित उनका सामाजिक जीवन और सांगठनिक दायित्वों के लंबे अनुभव का लाभ योग आयोग के साथ ही प्रदेशवासियों को भी मिलेगा। 2017 में स्थापित योग आयोग की अब तक की यात्रा शानदार रही है और श्री सिन्हा के नेतृत्व में यह नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत में योग ऋषि-मुनियों की देन है और वे इस सुंदर परंपरा के संवाहक भी हैं। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है और इसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही योग रूपी इस चेतना का विश्वभर में विस्तार हुआ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने को मान्यता दी। श्री साय ने कहा कि योग विश्वभर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें स्वस्थ तन-मन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और भावी पीढ़ी को योग से जोड़कर इसका महत्व समझाना चाहिए।

योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग सभी के लिए है और सभी को जोड़ने का काम करता है। संगठन में काम करते हुए सदैव मैंने लोगों को जोड़ने का कार्य किया है और आज मुझे योग आयोग के माध्यम से सभी को जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। श्री सिन्हा ने कहा कि प्रकृति में अनेक महत्वपूर्ण संपदाएं उपलब्ध हैं, परंतु इनमें सर्वश्रेष्ठ मानव संपदा है। मुख्यमंत्री ने मुझे मानव संपदा को स्वस्थ रखने का जिम्मा सौंपा है और इसे पूरा करने के लिए योग को जन-जन तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।हमारे प्रधानमंत्री नियमित योग करते हैं। उनकी ऊर्जा और कार्यक्षमता से आज सारी दुनिया वाकिफ है। श्री सिन्हा ने योग की विश्वव्यापी लोकप्रियता और प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक संपत अग्रवाल, विधायक अनुज शर्मा, डॉ. रामप्रताप सिंह, संजय श्रीवास्तव, महामंडलेश्वर हरिहरानंद महाराज, पूज्य संत उदयनाथ जी महाराज, वासु देवानंद जी महाराज, समाज कल्याण विभाग के सचिव भुवनेश यादव, संचालक समाज कल्याण रोक्तिमा यादव सहित पूजनीय संत समाज, योग आचार्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

फिल्मी स्टाइल में चलती ट्रेन को रोककर चोरी हुआ कोयला… अंधेरे में ड्राइवर ने रोकी ट्रेन… वॉकी-टॉकी से दिया ये मैसेज और मचा हड़कंप

कोरबा- आपने फिल्मों में ट्रेन को रोकने के कई तरीके देखें होंगे. इन्हीं फिल्मों से आइडिया लेकर छत्तीसगढ़ में चलती ट्रेन को रोककर कोयला चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक देश में अब तक ऐसे कोयला चोरी का मामला सामने नहीं आया है.

दरअसल बैकुंठपुर के पास चलती ट्रेन से कोयला चोरी करने का एक फिल्मी प्लान बनाया गया. नाबालिग आरोपी ने सिग्नल के ऊपर कपड़ा ढक दिया, जिसके कारण ट्रेन के ड्राइवर को सिग्नल नजर नहीं आया और किसी हादसे के आभास में ड्राइवर ने मालगाड़ी रोक दी.

इसके बाद आरोपियों ने मालगाड़ी में चढ़कर कोयला चोरी कर लिया. ये कोयला ईटा भट्टा में बेच दिया गया. ट्रेन जैसे ही रूकी ड्राइवर ने वॉकी-टॉकी से इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी कि उसे सिग्नल दिखाई नहीं दे रहा है. ये सुनते ही स्टेशन मास्टर ने संदेश आगे उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया. आनन-फानन में कंट्रोल रूम से सिग्नल की जांच की तो सिग्नल ऑन मिला. कंट्रोल रूम से मैसेज मिलने के बाद ट्रेन को रवाना करवाया गया.

सुबह जब जांच हुई तो पता चला कि सिग्नल में कपड़ा ढका हुआ था और वहां कोयला गिरा मिला. इससे ये साफ हो गया कि अज्ञात लोगों ने कोयला चोरी करने के लिए सिग्नल में कपड़ा ढक दिया और फिर ट्रेन रोककर फिल्मी स्टाइल में इसे चोरी किया गया.

इसके बाद आरपीएफ चोरों की तलाश में एक्टिव हुई. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के उच्च पदस्थ आरपीएफ सूत्र बताते है कि आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिल गई है और इस घटना को अंजाम देने में 1 नाबालिग मास्टर माइंड और उसके दो दोस्त समेत कोयला खरीदने वाले रिसीवर को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे अब पूछताछ करने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा. लेकिन इस अनोखी चोरी की चर्चा पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में है.