सिरमटोली फ्लाईओवर पर रैंप बनाने का विरोध; आदिवासी संगठनों का रांची बंद, उतरे सड़को पर

विधानसभा में भी गूंजा रांची बंद का मुद्दा, जाने विधायकों ने क्या कहा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : आज झारखंड की राजधानी रांची बंद है।बंद की घोषणा क्षेत्र के 40 आदिवासी संगठनों ने किया है। सुबह से ही संगठन के लोग रांची की सड़कों पर पहुंचे और विरोध करते हुए सड़क जाम कर दिया।

दरअसल रांची के सिरम टोली स्थित निर्माणाधीन फ्लाईओवर के रैंप को हटाने की मांग को लेकर आज आदिवासी संगठनों के द्वारा रांची बंद का आह्वान किया गया है। आदिवासी मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ो लोग आज राजधानी के सड़कों पर उतरे। बंदी के दौरान सड़कों पर टायरों को जलाया गया। प्रशासन के द्वारा जगह-जगह ब्रैकेटिंग भी की गई है। हालांकि इस बंद का असर शहर में देखने को मिल रहा है। जिस स्थान को लेकर विवाद था। उस क्षेत्र में बंदी का ज्यादा असर दिखा। विभिन्न सरना संगठनों का कहना है कि इस रैम्प को बन जाने से सरना स्थल में आने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ेगी। वही समर्थकों का कहना है कि हेमंत सरकार आदिवासियों को कमजोर समझती है। 

हालांकि आदिवासी मोर्चा ने रांची बंद के दौरान परीक्षार्थियों, एंबुलेंस और दवा दुकानों को ‘बंद’ से मुक्त रखा है। इधर प्रशासन भी मुस्तैद है। सिरमटोली सरना स्थल बचाओ मोर्चा के प्रस्तावित रांची बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं।

बंद समर्थकों से निपटने के लिए सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। रांची बैंड का मुद्दा विधानसभा में अभी सुनने को मिला जहां टाइगर जयराम महतो ने कहा कि राज्य आदिवासियों का है तो उनकी मांगों पर विचार जरूर करना चाहिए। भाजपा विधायक का सीपी सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज को समझ कर बूझकर बीच का कोई रास्ता सरकार को निकालना चाहिए। 

रिपोर्टर : जयंत कुमार

विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में यूनिसेफ के कार्यक्रम शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने गैर संचारी बीमारियों से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव तथा खानपान पर दिया जोर

रांची : आज झारखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में यूनिसेफ की ओर से आयोजित "राउंड टेबल ऑन प्रीवेंटिंग चाइल्डहुड नॉन कम्युनिकेबल डिसीज थ्रू हेल्दी डाइट्स " पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव, रहन-सहन, खान -पान, पर्यावरण और जेनेटिक कारणों से आज डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अस्थमा जैसी कई बीमारिया लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। हर घर में कमोबेश ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है।

 अगर हम सभी अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क नहीं हुए ,तो ऐसी बीमारियां हमारी जिंदगी के लिए खतरा बन सकती है। 

 आज अपने जीवन शैली में बदलाव लाने के साथ खान- पान में हेल्दी डायट्स के इस्तेमाल एवं ज्यादा से ज्यादा शारीरिक गतिविधियों (फिजिकल एक्टिविटीज) पर फोकस करने की जरूरत है। अगर हम लापरवाही बरतते हैं तो आगे चलकर ऐसी बीमारियों के इलाज में काफी खर्च करना पड़ सकता है, वहीं पूर्ण स्वस्थ होने की गारंटी भी नहीं दी जा सकती है।

 

 

 पूरे राज्य का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने पर जोर 

मुख्यमंत्री ने बीमारियों की जानकारी के लिए राज्य स्तर पर हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने पर विशेष जोर है, ताकि बीमारी का प्रॉपर ट्रीटमेंट संभव हो सके । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक और बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है, ताकि लोगों को होने वाली बीमारी की पहचान के साथ उसके समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि ऐसी और भी कई बीमारियां हैं, जो क्षेत्र विशेष में विशेष रूप से लोगों को हो रही है। ऐसे में क्षेत्र विशेष तथा वहां व्याप्त बीमारियों को चिन्हित कर उसके समुचित इलाज की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है, ताकि उन इलाकों में रहने वाले लोगों और उनकी आने वाली पीढियां को ऐसी बीमारियों से बचाया जा सके।

 अपने खान-पान में मिलेट्स का करें उपयोग, जंक फूड्स से रहें दूर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नई-नई बीमारियां तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इसके पीछे कहीं ना कहीं सबसे बड़ी वजह हमारा खान-पान है । आज ज्यादा से ज्यादा जंक फूडस का इस्तेमाल बच्चों को बीमार बना रहा है और आगे चलकर उन्हें कई गंभीर बीमारियां भी हो रही है । अगर हमें अपने को स्वस्थ रखना है, तो अपने खान-पान में लोकल इंडिजिनस फूड्स ( मिलेट्स) लेना होगा। बच्चों को जंक फूड्स की बजाय हेल्दी डाइट्स दें। आज हमें अपने फूड हैबिट्स में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।

वही बच्चों को होने वाले बीमारियों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई बच्चों में जन्म के साथ कई बीमारियां हो जाती है। बीमारियों का अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो बच्चे की स्थिति काफी खराब हो सकती है । ऐसे में जरूरी है कि नवजात में होने वाली बीमारियों की प्रॉपर जांच के साथ उसका तुरंत समुचित इलाज होना चाहिये। इस दिशा में भी हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाया हैं, ताकि बच्चों को रोग मुक्त रख सकें। 

 यूनिसेफ जैसे संस्थाओं की भागीदारी काफी सराहनीय 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के दूर- दराज के इलाकों में रहने वाले गरीब ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में यूनिसेफ जैसी संस्थाओं की अहम भागीदारी रही है। आज राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए संकल्पित है। हमारा प्रयास है कि जंगल, पहाड़ों, तलहटी और सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी इलाज की अच्छी सुविधा उपलब्ध करा सकें और इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई रोगों के उन्मूलन की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

मामूली कहासुनी के बाद पति ने पत्नी को कुल्हाड़ी से वारकर कर दी हत्या, फिर खुद लगा ली फांसी


झारखंड के गुमला जिले में दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां के पालकोट थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव सनईडीह में मामूली कहासुनी के बाद पति ने पत्नी को कुल्हाड़ी से वारकर हत्याकर दिया। इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। घटना बुधवार की देर शाम की है। गुरुवार की सुबह महुआ चुनने जंगल गए ग्रामीणों ने चंद्रिका देवी और पति को मृत देखा।

जानकारी के मुताबिक सनईडीह गांव निवासी 45 वर्षीय रंगपाल सिंह बुधवार को 35 वर्षीय पत्नी चंद्रिका देवी के साथ महुवा चुनने नजदीक के जंगल गया था। इसी दौरान रंगपाल सिंह और उसकी पत्नी चंद्रिका देवी के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। जिससे गुस्साए रंगपाल सिंह ने कुल्हाड़ी से पत्नी के ऊपर वारकर दिया। जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई। पत्नी की हत्या के बाद रंगपाल सिंह ने भी नजदीक एक पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। बुधवार को देर शाम तक घर वापस नहीं आने पर मृत दंपत्ति के पुत्र ने खोजबीन का प्रयास किया, पर कुछ पता नहीं चला गुरुवार की सुबह महुआ चुनने जंगल गए ग्रामीणों ने चंद्रिका देवी को जमीन पर मृत देखा।

वहीं रंगपाल सिंह का शव पेड़ में झूलता देख इसकी सूचना मृत दंपत्ति के पुत्र को दिया। जिसके बाद इसकी सूचना बिलिंगबिरा मुखिया सस्ती देवी को दी गई मुखिया सस्ती देवी ने मामले की जानकारी। इसके बाद गुरुवार को घटनास्थल सुदूर और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में होने के कारण पालकोट पुलिस सतर्कता के साथ दोपहर में पहुंची। 

काफी मशक्कत के बाद देर शाम 8 बजे के करीब दोनों मृत दंपत्तियों के शव को लेकर पुलिस पालकोट पहुंची। मामले को लेकर पालकोट थाना प्रभारी राहुल कुमार दसौंधी ने बतलाया कि पुलिस सभी पहलुओं को सामने रखकर मामले की जांच की जा रही है।

सीरम टोली फ्लाईओवर को लेकर बंद समर्थकों को रांची प्रशासन ने चेताया

बंद/चक्का जाम में शामिल किसी भी व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी कार्य पर होगा कानूनी कार्रवाई


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के सीरम टोली फ्लाईओवर को लेकर कतिपय सरना समिति के सदस्यों के द्वारा 22 मार्च को रांची बंद और चक्का जाम का आह्वान किया गया है। रांची बंदको लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है।

प्रशासन ने कहा कि यह गोपनीय सूचना प्राप्त हुई है कि कुछ बंद समर्थक द्वारा हो-हंगामा/उपद्रव/तोड़ फोड़ की साजिश की जा रही है। जिला प्रशासन बंद आह्वान करने वाले सभी संगठन व व्यक्ति से अपील करती है कि इस अवधि में सभी गतिविधियाँ विधिसम्मत और शांतिपूर्ण होनी चाहिए। किसी भी व्यावसायिक वर्ग/ वाहन चालक पर किसी के भी द्वारा किसी भी प्रकार का दबाब/ बल प्रयोग किसी भी हाल में नहीं की जानी चाहिए। 

 यह भी उल्लेखनीय है कि इस अवधि में विधानसभा सत्र जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ और सेंट जेवियर्स कॉलेज एवं विभिन्न शिक्षण संस्थानों में विभिन्न परीक्षा का आयोजन हो रहा है। जिला प्रशासन यह सख्त हिदायत देता है कि बंद/चक्का जाम में शामिल किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी महानुभाव/छात्र/छात्राओं/शिक्षण संस्थान के सदस्यों और जनसामान्य को किसी भी प्रकार से कोई परेशानी, आवागमन में रोक- टोक किसी के द्वारा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।

बंद/चक्का जाम में शामिल किसी भी व्यक्ति के द्वारा अगर किसी भी प्रकार का कोई भी गैर कानूनी कार्य किया जाता है तो प्रशासन उनके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करेगा।

झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर बेहतर इलाज के लिए विशेष विमान से दिल्ली गए

झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर की बीते दिन तबियत खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनके फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में वे इलाजरत थे। राधा कृष्ण किशोर के छाती का सीटी स्कैन किया जिसमें इंफेक्शन पाया गया है। डॉक्टर के निगरानी में उन्हें पल्मोनोलॉजी विभाग में रखा गया है। लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें आज दिल्ली भेजा गया।

मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचकर उन्हें दिल्ली के लिए परिजनों के साथ रवाना किया। विशेष विमान से वित्त मंत्री को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया। जिसकी जानकारी कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने विधानसभा में दी।

झारखंड में जेपीआरए अधिनियम को गलत ढंग से पड़ोसा जा रहा है,पेसा कानून यथावत लागू की जाए - शिल्पी नेहा तिर्की

रांची : आदिवासी समाज का जब भी कोई मुद्दा आता है तो आदिवासी समाज दो भागों में बटा नजर आता है। वर्तमान समय में JPRA, यानी कि झारखंड पंचायती राज अधिनियम, PESA और P-PESA को लेकर खुद में उलझा हुआ है। कोई जेपीआर लागू करना चाहता है, कोई PESA तो कोई P-PESA। हालांकि बुद्धिजीवियों का कहना है कि पैसा और पी पैसा दोनों लगभग एक ही है।

बता दे कि झारखंड पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले 10 राज्यों में से एक है, जिसमें आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष कानून शामिल हैं। 1996 में लागू किए गए पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी गांवों में पारंपरिक स्वशासन संरचनाओं को संरक्षित करना है। अभी झारखंड में इसे पूर्णतः लागू नहीं किया गया है। झारखंड के कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने JPRA को संवैधानिक रूप से गलत बताया है। वहीं उन्होंने पैसा P-PESA कानून को लागू करने की बात कही है।

हाय रे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! टाइगर जयराम महतो ने खोली स्वास्थ्य विभाग की पोल

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 14वां दिन था। बजट सत्र के दौरान आज विभागीय अनुदान बजट पर चर्चा हुई। सदन की दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा हुई। चर्चा की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। जहां विधायकों ने अपने प्रश्न सभा पटल पर रखे। जिसके बाद संबंधित विभाग के मंत्री ने जवाब दिया।

चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के ही विधायक सुरेश बैठने स्वास्थ्य पर लेकर चिंता जताई। उन्होंने राज्य के अस्पतालों में डॉक्टर और नसों की कमी बताई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग में चल रहे आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग की। कहा आउटसोर्सिंग के कारण बिहार, यूपी और बंगाल के लोग यहां आ कर नौकरी ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नीति पर भी कहा कि रघुवर दास के स्थानीय नीति को रद्द कर नई नीति बनाए। इस बार भी यदि स्थानीय नीति -नियोजन नीति नहीं बनी तो कभी नहीं बनेगा। 

वहीं दूसरी ओर झारखंड लोक जन क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने तो स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल ही खोल दी। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी दुरुस्त है तो राज्य के माननीय प्राइवेट और बड़े अस्पतालों में क्यों इलाज करने जाते हैं उदाहरण देते हुए उन्होंने कल रात राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर अपना इलाज निजी अस्पताल आर्किड में करा रहे हैं, इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ मांझी भी अपना इलाज इसी अस्पताल में कर रही है। उन्होंने यहां तक भी कह डाली कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के परिजन राज्य से बाहर इलाज कराने गए। स्वास्थ्य विभाग की सार्थकता तभी होगी जब माननीय आम जनता के माफीक अपना इलाज सरकारी अस्पताल में ही कराएंगे।

वही इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर पास हुए बजट का असर आने वाले दिनों में दिखेगा चाहे वह राज्य के निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल सभी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी। उन्होंने मेडिको सिटी खोलने की भी बात कही है। वही जयराम महतो के सवाल पर इरफान अंसारी ने कहा कि सवाल उठाना अच्छी बात है लेकिन इस व्यवस्था की जिम्मेदार उन्होंने भाजपा को ठहराया। 

सदन की कार्यवाही के दौरान ही विधायक जयराम महतो ने किसानों के भुगतान को लेकर सवाल किए। इस दौरान विभागीय मंत्री द्वारा जवाब नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद सदन में जवाब देते दिखे। दरअसल, जयराम महतो ने किसानों के धान का उठाव नहीं होने की वजह से उनके भुगतान में हो रही देरी पर सरकार से इस पर ब्याज सहित भुगतान किसानों को देने की मांग की थी। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में चावल मिल बढ़ाने का काम किया जा रहा है। जिससे किसानों के धान का उठाव होने में तेजी आएगी।

झारखंड के कार्यों पर उठ रहे सवाल, मंत्री ने कहा जनता संतुष्ट है, विपक्ष ने कहा सरकार सत्ता पक्ष के सवालों का ही जवाब दे

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान  सदन में सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार के कार्यों पर सवाल खड़ा करते नजर आ रहे हैं। वही हेमंत सरकार के मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार अच्छा कार्य कर रही है। राज्य के सवा तीन करोड़ जनता संतुष्ट है। इस पर BJP विधायक नीरा यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार पहले अपने लोगों को संभाल ले। आज सदन के अंदर विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष के लोग ही सरकार के भ्रष्टाचार पर सवाल उठा रहे है। 

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से चंपाई सोरेन से संबंधित सवाल पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिस लोभ से भाजपा में शामिल हुए है आज उनकी स्थिति सही नहीं है। भाजपा में चंपाई सोरेन को वो सम्मान नहीं मिल पा रहा है। रामदास सोरेन ने कहा कि सही में भाजपा किसी आदिवासी नेता को सम्मान देना चाहती है उन्हें उड़ीसा का राज्यपाल बना देना चाहिए।

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की अचानक तबीयत बिगड़ी, आर्किड अस्पताल में भर्ती

रांची : झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर का 19 मार्च की रात अचानक तबीयत खराब हो गयी। खांसी की शिकायत काफी बढ़ने के बाद उन्हें बुधवार की रात आर्किड अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां फिलहाल उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

मिली जानकारी के अनुसार बीते कुछ दिनों से खासी की शिकायत थी। कल बुधवार की रात उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगाऔर खांसी की समस्या भी बढ़ गई। जिसके बाद राधा कृष्ण किशोर को आर्किड अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, मंत्री राधाकृष्ण किशोर ओपीडी के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ निशीथ कुमार की परामर्श और निगरानी में है।

वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के जांच में छाती में हल्का इंफेक्शन पाया गया है। फिलहाल उन्हें पल्मोनोलॉजी विभाग में रखा गया है। अगले 24 घंटे तक मंत्री डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेंगे।

झारखण्ड का 2025-26 का ''अबुआ बजट'' विकास की दिशा में नई पहल है,कई महत्वाकांक्षी योजनाओं से होगा पूरे राज्य का विकास: - सीएम हेमन्त सोरेन


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि अबुआ बजट 2025-26 राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह बजट विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास के लिए कई नई और महत्वाकांक्षी योजनाओं का समावेश करेगा। उन्होंने इस बजट की मुख्य विशेषताओं का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि राज्य के सर्वागिन विकास और समावेशी योजनाओं के द्वारा सरकार हर वर्ग के लिए योजनाएं बनायेगी. उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रम का व्योरा जारी करते हुए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।

1 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा

राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष निदेशालय का गठन करेगी।

यह निदेशालय सूक्ष्म और लघु उद्योगों को तकनीकी सहायता, वित्तीय सहायता, तथा विपणन में मदद करेगा, जिससे नए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

2 राजस्व संग्रह में वृद्धि

झारखण्ड के राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति का संकेत है।

यह वृद्धि विभिन्न कर संकलन, उद्योगों और व्यापार के माध्यम से संभव हुई है, जिससे सरकार को विकास योजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

3.किसानों के उपज का भंडारण और संरक्षण

बजट में किसान कल्याण हेतु ₹259 करोड़ की योजना है, जिसके अंतर्गत 118 नए गोदामों का निर्माण किया जाएगा।

यह गोदाम किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने, मूल्य स्थिरता बनाए रखने और बाद में लाभदायक दर पर बिक्री में मदद करेगा।

4.ग्रामीण क्षेत्रों में आय के स्रोत में वृद्धि

2025-26 में 12 करोड़ मानवदिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के नए स्रोत उत्पन्न करेगा।

यह पहल ग्रामीण विकास, स्वरोजगार और जनसाधारण के लिए आर्थिक स्वतंत्रता लाने में सहायक होगी।

5.आर्थिक विकास दर में सुधार

झारखण्ड की आर्थिक विकास दर में निरंतर प्रगति हो रही है और अब इसके 7.5% रहने की उम्मीद है।

यह दर स्थानीय उद्योगों, कृषि और सेवाओं के क्षेत्र में सुधार को दर्शाती है और राज्य की आर्थिक मजबूती के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

6.महिला सशक्तिकरण

महिला सशक्तीकरण के लिए ''मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना'' के अंतर्गत ₹13 हजार 363 करोड़ 35 लाख का बजट आवंटित किया गया है।

इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके विकास के लिए कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

7.शिक्षा एवं कौशल विकास

झारखण्ड सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान देगी, जिसमें नई विद्यालयों का निर्माण और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना शामिल है।

कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।

8.स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई नई योजनाएं लागू करेगी।

अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा सुलभ हो सके।

9.अवसंरचना विकास

सड़क, बिजली और जलापूर्ति जैसी बुनियादी अवसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इसके अंतर्गत नई सड़कों का निर्माण, विद्युतीकरण और नलों के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए योजनाएँ बनाई जाएँगी।

10.पर्यावरण संरक्षण

बजट में पर्यावरण से संबंधित योजनाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।

वृक्षारोपण, जल संरक्षण और सतत विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि राज्य का प्राकृतिक संसाधन सुरक्षित रह सके।

11.जनसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी

जनसंचार में सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने के लिए नए कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी।

डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए, सरकार नए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी, जिससे डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।

उल्लेखनीय है कि झारखण्ड का ''अबुआ बजट'' 2025-26 न केवल आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा, बल्कि सामाजिक विकास, महिला सशक्तिकरण, कृषि सुधार और ग्रामीण रोजगार के स्रोतों को भी सृजन करेगा। इस बजट के माध्यम से सरकार का उद्देश्य समग्र विकास के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी रणनीति तैयार करना है, जो राज्य को एक नई दिशा में ले जाएगा। 

यह बजट झारखण्ड को विकास की ओर अग्रसर करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और राज्य के लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक होगा।