केरल मॉडल पर झारखंड के पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश
धनबाद : झारखंड के 17 जिलों के जिला परिषद अध्यक्ष का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम केरल में आयोजित किया गया। दौरे के क्रम में जिला अध्यक्षों ने केरल पंचायतीराज मॉडल का जायज़ा लिया है।
![]()
वहां वे ग्राम पंचायत/जिला परिषद क्षेत्र का दौरा कर फंड, फंक्शन, गांवों के विकास और फंक्शनरीज का तकनीकी का जिप अध्यक्षों द्वारा महत्वपूर्ण और जानकारी ली जा रही है। झारखण्ड के पंचायती राज व्यवस्था की कमान संभाल रहे जिला परिषद अध्यक्ष गण केरल के पंचायती राज व्यवस्था का शैक्षणिक भ्रमण कर जानकारी ग्रहण करने के लिए केरल में तीन दिवसीय आवासीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए 17 जिलों के जिला परिषद अध्यक्ष केरल पहुंच चुके है।
बताया जा रहा है कि झारखंड में पंचायती राज व्यवस्था केरल मॉडल जैसा होना चाहिए। कहा कि केरल में पंचायती राज व्यवस्था काफी बेहतर है। वहाँ के जनप्रतिनिधियों को योजनाओं का क्रियान्वयन से लेकर योजना निर्माण और फंड का इस्तेमाल में तकनीकी और भौतिक रूप से कोई कठिनाई नही होती है।
उन्होंने कहा कि केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के जरिये 3 दिनों तक शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उन्हें बहुत कुछ जानकारी मिली है जिसे वे बोकारो जिला के पंचायती राज के सभी जनप्रतिनिधियों से शेयर करेंगी।
उन्होंने बताया कि केरल के एक ग्राम पंचायत और जिला परिषद का दौरा के क्रम में पाया कि केरल के पंचायती राज गांव में नगर निगम की तरह गांव को सजाते एवं विकास करने का मौका यहां की सरकार पंचायत के प्रतिनिधियों को देती हैं। इसमे जिला परिषद सदस्य के अंतर्गत फंड, सामग्री की कोई कमी नहीं होती है। साथ ही फंक्शन और फंक्शनरीज के बारे में जानकारी दिया गया।
इस शैक्षणिक भ्रमण से झारखण्ड के पंचायती राज व्यवस्था के जिले में कमान संभाल रहे जिला परिषद अध्यक्षो को तकनीकी रूप से केरल मॉडल का लाभ अपने झारखंड के गांव में होना चाहिए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शैक्षणिक भ्रमण में झारखंड के उनके सहित 17 जिला परिषद अध्यक्ष पहुंचे हैं, जिसमें धनबाद, राँची, खूँटी, गुमला, लोहरदग्गा, रामगढ़, , कोडरमा, हज़ारीबाग, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, लातेहार, गढ़वा, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़ सहित झारखंड पंचायती राज के नोडल पदाधिकारी आदित्य रंजन भी शामिल है।
Mar 19 2025, 13:45