बोर्ड परीक्षा के बीच बिजली विभाग ने 100 से ज्यादा घरों के कनेक्शन काटे, ग्रामीणों का भड़का आक्रोश

गरियाबंद- बोर्ड परीक्षाओं के बीच बिना किसी पूर्व सूचना के 100 से अधिक घरों के बिजली कनेक्शन काटे जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। बिजली विभाग द्वारा लंबित बिल भुगतान का हवाला देकर की गई इस कार्रवाई के विरोध में यूथ कांग्रेस ने तहसील कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया।

इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और ब्लॉक अध्यक्ष मनोज पांडे ने किया। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के दौरान बिजली काटना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। नेताम ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तीन दिन के भीतर बिजली कनेक्शन बहाल नहीं किए गए, तो हितग्राही परिवारों के साथ मिलकर वे बिजली कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

लो वोल्टेज और बिजली कटौती बनी ग्रामीणों की बड़ी समस्या

ग्रामीणों ने बताया कि सिर्फ कनेक्शन काटने की समस्या ही नहीं, बल्कि लो वोल्टेज और बार-बार होने वाली बिजली कटौती से भी लोग परेशान हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई, व्यापार और दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।

प्रदर्शन के दौरान यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध जताया। प्रदर्शन के बाद यूथ कांग्रेस नेताओं ने तहसीलदार अनिल भोई को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बिजली कनेक्शन की बहाली और लो वोल्टेज की समस्या के समाधान की मांग की गई।

अब देखना होगा कि प्रशासन तीन दिन के भीतर कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं, या फिर ग्रामीणों को आंदोलन के अगले चरण में जाना पड़ेगा।

सड़क किनारे मिली महिला की लाश, हत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

रायपुर- रायपुर के धरसींवा थाना क्षेत्र में एक अज्ञात महिला की लाश मिली है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार, महिला का शव धरसींवा के देवरी गांव के पास सड़क किनारे पड़ा मिला. स्थानीय लोगों ने शव देखकर तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद धरसींवा थाना पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची.

पुलिस की शुरुआती जांच में महिला के शरीर पर रंग के निशान मिले हैं, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, अभी तक महिला की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले में हर एंगल से जांच कर रही है.

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की 500 करोड़ से अधिक की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री, दोषियों के खिलाफ जल्द दर्ज होगी FIR

रायपुर- राजधानी के प्रमुख बाजारों में वक्फ बोर्ड की 500 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर रखा है. कई जमीनों को फर्जी तरीके से खरीदकर रजिस्ट्री भी करवा ली गई है. ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री को रद्द कराने के लिए वक्फ बोर्ड ने कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की थी. इस मामले में कभी भी इन फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले लोगों के ऊपर FIR दर्ज हो सकती है.

छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. सलीम राज ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड की जमीन पर किए गए कब्जों को हटाने और फर्जी रजिस्ट्री को रद्द करने की मांग की है. साथ ही कलेक्टर को भी पत्र भेजा है कि फर्जी रजिस्ट्री को रद्द कराकर जमीन, मकान पर काबिज लोगों पर FIR दर्ज कराई जाए. साथ ही कब्जा खाली कराया जाए।

इस मामले में छत्तीसगढ़ बक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा कि अवैध तरीके से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की जमीन को भू-माफिया ने बेचा है. बेचने वाला अज्ञात है. ऐसा करोड़ों रुपयों का फर्जीवाड़ा जमीन में किया गया है. सभी कलेक्टर और SSP को निर्देश दिया गया है कि इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए. डॉ. सलीम ने कहा, जयस्तंभ चौक, सिविल लाइन, डीडी नगर, गोल बाजार सहित कई जगह पर भूमाफिया ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा किया है.

इन इलाकों की जमीन पर भूमाफिया ने किया है कब्जा

बता दें कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. सलीम राज के अनुसार राजधानी के प्रमुख बाजारों में से मालवीय रोड, सदरबाजार, हलवाई लाइन, बैजनाथपारा, मोतीबाग, शास्त्री बाजार, टिकरापारा, लाखेनगर आदि इलाकों में वक्फ बोर्ड की करोड़ों की जमीनों पर भू-माफिया और प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है. डॉ. सलीम ने कहा, विष्णुदेव साय की सरकार जीरो टॉलरेंस सरकार है. इस सरकार में बिल्कुल भी भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा. जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है.

NDPS एक्ट के तहत पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 9 ग्राम हेरोइन के साथ तस्कर को किया गिरफ्तार, पहले से दर्ज हैं 29 मामले

गरियाबंद-  छुरा थाना पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर के तेलीबांधा निवासी अजय मोटवानी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ओडिशा से छुरा की ओर हेरोइन की तस्करी कर रहा था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने नाकेबंदी कर उसे पकड़ा। तलाशी के दौरान 9 ग्राम हेरोइन बरामद की गई।

पहले से दर्ज हैं 29 आपराधिक मामले

गिरफ्तार आरोपी अजय मोटवानी के खिलाफ पहले से ही NDPS एक्ट का एक मामला और अन्य 29 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी किन-किन लोगों से संपर्क में था और मादक पदार्थों की तस्करी में कौन-कौन शामिल हैं।

न्यायालय में पेशी की तैयारी, आगे की कार्रवाई जारी

छुरा थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम ने बताया कि आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा और आगे की कार्रवाई जारी है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले मुख्यमंत्री साय, शहरी विकास और ऊर्जा के विषयों पर की चर्चा, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू रहे मौजूद

रायपुर- दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सदन भवन परिसर में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की. इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू उपस्थित रहे.

मुलाकात के दौरान सीएम साय और केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पुष्प गुच्छ भेंट किया. बैठक में शहरी विकास और ऊर्जा से संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई. बता दें कि इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया के नाम से सरकारी डॉक्टर-कर्मचारियों से लाखों की अवैध वसूली, एसपी से हुई शिकायत…

कवर्धा- स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया का पर्सनल सेक्रेटरी बताते हुए जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टरों और कर्मचारियों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है. मामले में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से सीएमएचओ के साथ पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत की है. 

मामला एक-दो नहीं बल्कि जिले के 30 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टर या कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि इन डॉक्टरों और कर्मचारियों से बीते चार महीने के दौरान लाखों की अवैध वसूली की गई है. घटना की चर्चा एक-दूसरे से करने के बाद लोगों को इसके पीछे सिंडिकेट होने का अहसास हुआ, जिसके बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले औपचारिक तौर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई गई है.

क्या तह तक पहुंच पाएगी पुलिस?

जानकार मानते हैं कि अवैध वसूली की भले ही सीएमएचओ और पुलिस महकमे में की गई है, लेकिन इसमें कार्रवाई होने की संभावना शून्य है. इसके पीछे कई वजहें हैं, उनमें से पहला जिनसे वसूली की गई है, उनकी कमजोरी से वसूली करने वाले सिंडिकेट के सदस्य भली-भांति वाकिफ हैं. दूसरा स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया की पहचान एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के तौर पर है, लिहाजा उन तक जांच की आंच भी नहीं पहुंच पाएगी.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT ने कोर्ट में पेश की 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट

बीजापुर- पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में विशेष जांच दल (SIT) ने 75 दिनों की जांच के बाद लगभग 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट बीजापुर व्यवहार न्यायालय में पेश की है। चार्जशीट में 762 पन्नों का चालान और 479 पन्नों की कैश डायरी शामिल है। मामले में SIT ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपित सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके के खिलाफ यह विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड

गौरतलब है कि 1 जनवरी 2025 की रात ठेकेदार सुरेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों ने मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था। जब अगले दिन तक मुकेश का कोई पता नहीं चला, तो बीजापुर के पत्रकारों ने कोतवाली में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और 2 जनवरी की शाम आरोपी ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया। महज 24 घंटे के भीतर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय 11 सदस्यीय SIT गठित की गई, जिसने घटना के हर पहलू की गहन जांच की। पुलिस ने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। 

रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष बने संदीप साहू, कहा- हम 7 पार्षद मिलकर 60 का करेंगे मुकाबला

रायपुर- रायपुर नगर निगम में कांग्रेस पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे ने इसकी पुष्टि की. इसके साथ ही पार्षद जयश्री नायक को उप नेता प्रतिपक्ष, रेणु साहू को सचेतक और शेख मुशीर को प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है.

नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने कहा कि पार्टी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है और वे इसे गंभीरता से निभाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं. वर्तमान में बीजेपी की सरकार है जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं उसे उजागर करें. बीजेपी सिर्फ आरोप लगाती है, लेकिन उसे साबित भी करना चाहिए. हमारी संख्या भले ही कम हो, लेकिन सभी पार्षद अपनी-अपनी काबिलियत रखते हैं. समस्याओं के समाधान के लिए हम सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे. राजधानी के अनुरूप यहां विकास कार्य होने चाहिए.

संदीप साहू ने कहा कि बीजेपी के पास सरकार है, तो वह काम करे. हमने 15 सालों तक शहर का विकास किया है, लेकिन बीजेपी की सरकार बनते ही ठेले-गुमटी हटाए जा रहे हैं. जिन लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा, उन्हें हटाया जा रहा है. महापौर मीनल चौबे हमारे लिए चुनौती रहेंगी, लेकिन हम सभी 7 पार्षद मिलकर 60 पार्षदों का मुकाबला करेंगे.

युवाओं द्वारा सोशल मीडिया का किया जा रहा गलत इस्तेमाल

आलेख- अजय कुमार तिवारी

आपकी जिम्मेदारी आपका दायित्व, समाज आपका है और आप समाज के हैं। दोनों स्थितियों में व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने दायित्वों को इस तरह निभाये कि दायित्व भी पूरे हों और परिणाम भी अपेक्षित हो। ऐसा किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए कि जरा सी लापरवाही में समाज के बंधनों में विचलन आये। वर्तमान में मीडिया के साथ सोशल मीडिया का चरित्र भी तेजी से बदल रहा है। आगे बढ़ने की होड़, सबसे पहले ब्रेकिंग चलाने अंधी दौड़ मानकों के साथ खिलावाड़ करती नजर आ रही है। सरगुजा के सन्दर्भ में देखें तो एक स्कूल की फेयरवेल पार्टी के बाद विद्यार्थियों द्वारा की गयी स्टंटबाजी निराशाजनक रही है। निश्चित ही इससे विद्यार्थियों की छवि धूमिल हुई है, साथ ही विद्यालय और अभिभावकों पर प्रश्न चिह्न लगा। एक ओर जहां अभिभावक अपने लाडलों की परवरिश देने में नाकाम दिखे तो दूसरी ओर स्कूलों के शिक्षक भी परिसर के बाहर का मामला होने की स्थिति में किंकर्तव्यविमूढ़ रहे। परिसर के भीतर शिक्षक का दायित्व है कि वह अनुशासन कायम रखे लेकिन अनुशासन कायम रखना तो विद्यार्थी को है। विद्यार्थी अनुशासित नहीं रहेगा तो शिक्षक लाचार साबित होगा। सच तो यह है कि अभिभावक को पहले अपने लाडले को सही मार्गदर्शन, परवरिश देना होगा। शिक्षक के साथ तो विद्यार्थी पांच से छह घंटे होता है और विद्यार्थी घर में १५ घंटे है। यहां सिर्फ अभिभावक, शिक्षक तथा विद्यार्थी को दोषी ठहराया जाना लक्ष्य नहीं है, बल्कि इस प्रवृति को रोकना जरूरी है। स्टंटबाजी का जिस तरह से वीडियो बना और उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है, वह भी गलत है। सोशल मीडिया के मंच पर सभी सम्पादक की भूमिका में आ चुके हैं। गेटकीपर का सिद्धांत, चेकिंग प्वाइंर्ट काम नहीं कर रहा है। सभी अपने कंटेंट, डाटा, न्यूज प्रसारित करने के लिए स्वतंत्र ही नहीं स्वच्छंद हैं। ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के साथ प्रिंट मीडिया की जवाबदेही है। सोशल मीडिया को यह कतई नहीं दिखाना चाहिए कि स्टंटबाजी का तरीका क्या रहा ? स्टंटबाजी के दौरान उन तथाकथित लाडलों के हाथों में क्या था? इसका दोनों पक्ष है कि एक ओर पोर्टल और चैनलों ने स्टंट का वीडियो दिखा कर अपनी खबर की सत्यता कामय की तो दूसरी ओर दर्शकों यह भी बता दिया कि स्टंटबाजी कैसे की जा सकती है? स्टंटबाजी में क्या-क्या उपयोग किया जा सकता है। वीडियो के माध्यम से सचाई तो दिखायी गयी लेकिन कुछ नकारात्मक लोगों लिये यह नकारात्मक प्रशिक्षण साबित हो गया। बिलासपुर के एक निजी स्कूल के बाथरूम में विस्फोट हो गया जिससे एक बच्ची झुलस गयी। इसकी रिपोर्टिंग चैनल, पोर्टल के साथ अखबारों में भी हुई। यहां सभी ने उस केमिकल, पदार्थ का नाम प्रकाशित कर दिया जो पानी के सम्पर्क में आने के बाद विस्फोटक बन जाता है। रिपोर्टिंग के दौरान यह ध्यान रखा जाना था कि उस केमिकल, पदार्थ का नाम नहीं बताया जाना था। यह भी नहीं बताया जाना था कि इसका पानी के साथ संयोग होने पर विस्फोट हो सकता है। खबरों की आगे बढ़ने और अत्यधिक तथ्यों को प्रस्तुत करने की दौड़ में जो नहीं बताना था, उसे भी प्रकाशित, प्रसारित कर दिये। जहर के सेवन से जब किसी की मौत हो जाती है तो रिपोर्टर द्वारा यह नहीं लिखा जाना चाहिए कि जहर का नाम निम्न है। इससे यह ज्ञात हो जाता है कि निम्र पदार्थ के सेवन से आत्महत्या की जाती है। अनजाने में यह प्रसारित, प्रकाशित हो जाता है जिसका नाम नहीं बताना है। कभी-कभी ऐसा ही दृश्य, वीडियो अखबार और पोर्टलों में देखा जाता है कि फांसी के फंदे से लटकते शव, लाश की तस्वीर छाप दी जाती है, जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। इन तस्वीर और वीडियो का नकारात्मक पक्ष यह है कि फांसी लगाने का तरीका प्रसारित, प्रकाशित हो जाता है। यहां प्रिंट और सोशल मीडिया से आग्रह है कि वह अपनी जिम्मेदारियों के साथ तथ्यों को उपयोग करें।

सदन में ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायक के साथ नेता प्रतिपक्ष ने उठाया पीएचई में उप अभियंताओं की भर्ती का मामला

रायपुर- विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण काल में पीएचई विभाग में उप अभियंताओं की भर्ती का मामला उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण लाते हुए कहा कि सिविल इंजिनियरिंग करने वाले डिप्लोमाधारी योग्य, लेकिन डिग्रीधारी योग्य नहीं हैं.

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि ज्यादा पढ़ने वाले अयोग्य, और कम पढ़ने वाले कैसे योग्य हो जाते हैं. पीडब्ल्यूडी की भर्ती में ये योग्य हो जाते हैं, लेकिन पीएचई की भर्ती में अयोग्य हो जाएंगे. इसमें नियमों का परीक्षण किया या नहीं. 2017 में आपके विभाग ने ही डिग्रीधारी को सब इंजीनियर बनाया था, आज क्यों नहीं?

इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 30 से अधिक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं, जिनसे हर साल 8 हजार युवा पढ़कर निकलते हैं. सबके लिए अलग-अलग भर्ती नियम और व्यवस्था है. 1977 से यही भर्ती नियम चला आ रहा है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला, निर्देश मानेंगे या नहीं मानेंगे. इस पर उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि उप अभियंता (एई ) के 75 प्रतिशत पोस्ट पदोन्नति के होते हैं. आज जो डिप्लोमा वाले भर्ती होंगे, भविष्य में एई नही बन पाएंगे, क्योंकि डिग्री धारी होना जरूरी है. व्यवस्था बिगड़ जाएगी.