केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले मुख्यमंत्री साय, शहरी विकास और ऊर्जा के विषयों पर की चर्चा, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू रहे मौजूद

रायपुर- दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सदन भवन परिसर में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की. इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू उपस्थित रहे.

मुलाकात के दौरान सीएम साय और केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पुष्प गुच्छ भेंट किया. बैठक में शहरी विकास और ऊर्जा से संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई. बता दें कि इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया के नाम से सरकारी डॉक्टर-कर्मचारियों से लाखों की अवैध वसूली, एसपी से हुई शिकायत…

कवर्धा- स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया का पर्सनल सेक्रेटरी बताते हुए जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टरों और कर्मचारियों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है. मामले में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से सीएमएचओ के साथ पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत की है. 

मामला एक-दो नहीं बल्कि जिले के 30 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टर या कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि इन डॉक्टरों और कर्मचारियों से बीते चार महीने के दौरान लाखों की अवैध वसूली की गई है. घटना की चर्चा एक-दूसरे से करने के बाद लोगों को इसके पीछे सिंडिकेट होने का अहसास हुआ, जिसके बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले औपचारिक तौर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई गई है.

क्या तह तक पहुंच पाएगी पुलिस?

जानकार मानते हैं कि अवैध वसूली की भले ही सीएमएचओ और पुलिस महकमे में की गई है, लेकिन इसमें कार्रवाई होने की संभावना शून्य है. इसके पीछे कई वजहें हैं, उनमें से पहला जिनसे वसूली की गई है, उनकी कमजोरी से वसूली करने वाले सिंडिकेट के सदस्य भली-भांति वाकिफ हैं. दूसरा स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया की पहचान एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के तौर पर है, लिहाजा उन तक जांच की आंच भी नहीं पहुंच पाएगी.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT ने कोर्ट में पेश की 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट

बीजापुर- पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में विशेष जांच दल (SIT) ने 75 दिनों की जांच के बाद लगभग 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट बीजापुर व्यवहार न्यायालय में पेश की है। चार्जशीट में 762 पन्नों का चालान और 479 पन्नों की कैश डायरी शामिल है। मामले में SIT ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपित सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके के खिलाफ यह विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड

गौरतलब है कि 1 जनवरी 2025 की रात ठेकेदार सुरेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों ने मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था। जब अगले दिन तक मुकेश का कोई पता नहीं चला, तो बीजापुर के पत्रकारों ने कोतवाली में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और 2 जनवरी की शाम आरोपी ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया। महज 24 घंटे के भीतर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय 11 सदस्यीय SIT गठित की गई, जिसने घटना के हर पहलू की गहन जांच की। पुलिस ने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। 

रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष बने संदीप साहू, कहा- हम 7 पार्षद मिलकर 60 का करेंगे मुकाबला

रायपुर- रायपुर नगर निगम में कांग्रेस पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे ने इसकी पुष्टि की. इसके साथ ही पार्षद जयश्री नायक को उप नेता प्रतिपक्ष, रेणु साहू को सचेतक और शेख मुशीर को प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है.

नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने कहा कि पार्टी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है और वे इसे गंभीरता से निभाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं. वर्तमान में बीजेपी की सरकार है जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं उसे उजागर करें. बीजेपी सिर्फ आरोप लगाती है, लेकिन उसे साबित भी करना चाहिए. हमारी संख्या भले ही कम हो, लेकिन सभी पार्षद अपनी-अपनी काबिलियत रखते हैं. समस्याओं के समाधान के लिए हम सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे. राजधानी के अनुरूप यहां विकास कार्य होने चाहिए.

संदीप साहू ने कहा कि बीजेपी के पास सरकार है, तो वह काम करे. हमने 15 सालों तक शहर का विकास किया है, लेकिन बीजेपी की सरकार बनते ही ठेले-गुमटी हटाए जा रहे हैं. जिन लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा, उन्हें हटाया जा रहा है. महापौर मीनल चौबे हमारे लिए चुनौती रहेंगी, लेकिन हम सभी 7 पार्षद मिलकर 60 पार्षदों का मुकाबला करेंगे.

युवाओं द्वारा सोशल मीडिया का किया जा रहा गलत इस्तेमाल

आलेख- अजय कुमार तिवारी

आपकी जिम्मेदारी आपका दायित्व, समाज आपका है और आप समाज के हैं। दोनों स्थितियों में व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने दायित्वों को इस तरह निभाये कि दायित्व भी पूरे हों और परिणाम भी अपेक्षित हो। ऐसा किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए कि जरा सी लापरवाही में समाज के बंधनों में विचलन आये। वर्तमान में मीडिया के साथ सोशल मीडिया का चरित्र भी तेजी से बदल रहा है। आगे बढ़ने की होड़, सबसे पहले ब्रेकिंग चलाने अंधी दौड़ मानकों के साथ खिलावाड़ करती नजर आ रही है। सरगुजा के सन्दर्भ में देखें तो एक स्कूल की फेयरवेल पार्टी के बाद विद्यार्थियों द्वारा की गयी स्टंटबाजी निराशाजनक रही है। निश्चित ही इससे विद्यार्थियों की छवि धूमिल हुई है, साथ ही विद्यालय और अभिभावकों पर प्रश्न चिह्न लगा। एक ओर जहां अभिभावक अपने लाडलों की परवरिश देने में नाकाम दिखे तो दूसरी ओर स्कूलों के शिक्षक भी परिसर के बाहर का मामला होने की स्थिति में किंकर्तव्यविमूढ़ रहे। परिसर के भीतर शिक्षक का दायित्व है कि वह अनुशासन कायम रखे लेकिन अनुशासन कायम रखना तो विद्यार्थी को है। विद्यार्थी अनुशासित नहीं रहेगा तो शिक्षक लाचार साबित होगा। सच तो यह है कि अभिभावक को पहले अपने लाडले को सही मार्गदर्शन, परवरिश देना होगा। शिक्षक के साथ तो विद्यार्थी पांच से छह घंटे होता है और विद्यार्थी घर में १५ घंटे है। यहां सिर्फ अभिभावक, शिक्षक तथा विद्यार्थी को दोषी ठहराया जाना लक्ष्य नहीं है, बल्कि इस प्रवृति को रोकना जरूरी है। स्टंटबाजी का जिस तरह से वीडियो बना और उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है, वह भी गलत है। सोशल मीडिया के मंच पर सभी सम्पादक की भूमिका में आ चुके हैं। गेटकीपर का सिद्धांत, चेकिंग प्वाइंर्ट काम नहीं कर रहा है। सभी अपने कंटेंट, डाटा, न्यूज प्रसारित करने के लिए स्वतंत्र ही नहीं स्वच्छंद हैं। ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के साथ प्रिंट मीडिया की जवाबदेही है। सोशल मीडिया को यह कतई नहीं दिखाना चाहिए कि स्टंटबाजी का तरीका क्या रहा ? स्टंटबाजी के दौरान उन तथाकथित लाडलों के हाथों में क्या था? इसका दोनों पक्ष है कि एक ओर पोर्टल और चैनलों ने स्टंट का वीडियो दिखा कर अपनी खबर की सत्यता कामय की तो दूसरी ओर दर्शकों यह भी बता दिया कि स्टंटबाजी कैसे की जा सकती है? स्टंटबाजी में क्या-क्या उपयोग किया जा सकता है। वीडियो के माध्यम से सचाई तो दिखायी गयी लेकिन कुछ नकारात्मक लोगों लिये यह नकारात्मक प्रशिक्षण साबित हो गया। बिलासपुर के एक निजी स्कूल के बाथरूम में विस्फोट हो गया जिससे एक बच्ची झुलस गयी। इसकी रिपोर्टिंग चैनल, पोर्टल के साथ अखबारों में भी हुई। यहां सभी ने उस केमिकल, पदार्थ का नाम प्रकाशित कर दिया जो पानी के सम्पर्क में आने के बाद विस्फोटक बन जाता है। रिपोर्टिंग के दौरान यह ध्यान रखा जाना था कि उस केमिकल, पदार्थ का नाम नहीं बताया जाना था। यह भी नहीं बताया जाना था कि इसका पानी के साथ संयोग होने पर विस्फोट हो सकता है। खबरों की आगे बढ़ने और अत्यधिक तथ्यों को प्रस्तुत करने की दौड़ में जो नहीं बताना था, उसे भी प्रकाशित, प्रसारित कर दिये। जहर के सेवन से जब किसी की मौत हो जाती है तो रिपोर्टर द्वारा यह नहीं लिखा जाना चाहिए कि जहर का नाम निम्न है। इससे यह ज्ञात हो जाता है कि निम्र पदार्थ के सेवन से आत्महत्या की जाती है। अनजाने में यह प्रसारित, प्रकाशित हो जाता है जिसका नाम नहीं बताना है। कभी-कभी ऐसा ही दृश्य, वीडियो अखबार और पोर्टलों में देखा जाता है कि फांसी के फंदे से लटकते शव, लाश की तस्वीर छाप दी जाती है, जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। इन तस्वीर और वीडियो का नकारात्मक पक्ष यह है कि फांसी लगाने का तरीका प्रसारित, प्रकाशित हो जाता है। यहां प्रिंट और सोशल मीडिया से आग्रह है कि वह अपनी जिम्मेदारियों के साथ तथ्यों को उपयोग करें।

सदन में ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायक के साथ नेता प्रतिपक्ष ने उठाया पीएचई में उप अभियंताओं की भर्ती का मामला

रायपुर- विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण काल में पीएचई विभाग में उप अभियंताओं की भर्ती का मामला उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण लाते हुए कहा कि सिविल इंजिनियरिंग करने वाले डिप्लोमाधारी योग्य, लेकिन डिग्रीधारी योग्य नहीं हैं.

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि ज्यादा पढ़ने वाले अयोग्य, और कम पढ़ने वाले कैसे योग्य हो जाते हैं. पीडब्ल्यूडी की भर्ती में ये योग्य हो जाते हैं, लेकिन पीएचई की भर्ती में अयोग्य हो जाएंगे. इसमें नियमों का परीक्षण किया या नहीं. 2017 में आपके विभाग ने ही डिग्रीधारी को सब इंजीनियर बनाया था, आज क्यों नहीं?

इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 30 से अधिक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं, जिनसे हर साल 8 हजार युवा पढ़कर निकलते हैं. सबके लिए अलग-अलग भर्ती नियम और व्यवस्था है. 1977 से यही भर्ती नियम चला आ रहा है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला, निर्देश मानेंगे या नहीं मानेंगे. इस पर उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि उप अभियंता (एई ) के 75 प्रतिशत पोस्ट पदोन्नति के होते हैं. आज जो डिप्लोमा वाले भर्ती होंगे, भविष्य में एई नही बन पाएंगे, क्योंकि डिग्री धारी होना जरूरी है. व्यवस्था बिगड़ जाएगी.

राष्ट्रव्यापी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा 23 मार्च को, 5 लाख से अधिक शिक्षार्थी होंगे शामिल

रायपुर- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा (FLNAT) का आयोजन 23 मार्च 2025, रविवार को किया जाएगा. यह परीक्षा सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक देशभर के 18,057 UDISE पंजीकृत स्कूलों में आयोजित होगी.

इस महापरीक्षा अभियान में 5 लाख से अधिक शिक्षार्थी शामिल होंगे. परीक्षा का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है, जबकि स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा सफल शिक्षार्थियों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा.

परीक्षा के सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों की ऑनलाइन तथा जिला परियोजना अधिकारियों और नोडल अधिकारियों का राज्य स्तर पर उन्मुखीकरण किया गया है. इस संबंध में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश प्रदान किए गए है.

इस परीक्षा के माध्यम से शिक्षा से वंचित लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. प्रत्येक जिले में मॉनिटरिंग दल गठित कर परीक्षा की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं.

जानिए किस जिले में हैं कितने परीक्षा केंद्र और शिक्षार्थी

नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र से मिले 557 करोड़ तो खर्च हुए 998 करोड़, अजय चंद्राकर के सवाल पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने दिया जवाब

रायपुर- विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में नक्सल प्रभावित जिलों में साल 2019 से 2023 तक सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत कार्ययोजना राशि और खर्च का मामला उठा. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्र से 557 करोड़ आया है, और 998 करोड़ से ज्यादा व्यय हुआ है.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नक्सल उन्मूलन के लिए राशि के प्रावधान और खर्चे को लेकर जानकारी मांगी. इस पर उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में आवंटन और व्यय की में अंतर के संबंध में बताया कि इसकी वजह यह है कि पहले राज्य के बजट से ये राशि खर्च हो जाती है फिर इसे रिम्बर्स कराया जाता है, मतलब खर्चे के बाद राशि आती है.

अजय चंद्राकर ने कहा कि कार्ययोजना 13 बिंदुओं में भेजा गया है, और खर्च 25 बिंदुओं में हुआ है. कार्ययोजना किसी और मद के लिए भेजी गई है, और खर्च किसी और मद में हुए हैं. विजय शर्मा ने कहा जिन बिंदुओं का जिक्र सदस्य कर रहे हैं, वो सभी राज्य सरकार मद के हैं. सभी नॉर्म्स के तहत हैं, सब आगे जाकर क्लेम किया जाता है, फिर केंद्र सरकार से राशि प्राप्त हुए हैं.

इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि ये कहीं नहीं लिखा है कि राज्य सरकार के हेड से यह हुआ है. मेरा प्रश्न सुरक्षा संबंधी व्यय को लेकर है. विजय शर्मा ने कहा कि हमने वर्ष वार प्रावधान और व्यय को बताया है. अजय चंद्राकर ने कहा कि इंश्योरेंस में पैसे केन्द्र से मांगे गए हैं, लेकिन इंश्योरेंस एक भी नहीं हुआ. किसका इंश्योरेंस किया गया है? इंश्योरेंस हुआ नहीं है और राशि व्यय हो चुकी है.

इस पर विजय शर्मा ने कहा कि रिहैबिलिटेशन पॉलिसी में सभी राशि केंद्र से प्राप्त नहीं होती है. जितनी प्राप्त होती है, उसके अलावा की राशि राज्य बजट से खर्च होता है. बीमा पूर्ति मद से बीमा कंपनियों को प्रीमियम की राशि देने का निर्णय पहले हुआ था.

अनियंत्रित होकर बस पलटी, 35 सवार हुए घायल, उपचार के लिए अस्पताल में कराया भर्ती…

जांजगीर- शिवरीनारायण से बिलासपुर जा रही बस लोहर्सी गांव के पास अनियंत्रित होकर पलट गई. दुर्घटना में बस में सवार 50 सवारों में से 35 सवार घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.

दुर्घटना के बाद मचे कोहराम के बीच ग्रामीणों ने बस में सवार लोगों को बाहर निकालने में जुट गए. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के जवान भी मौके पर जुट गए थे, जिन्होंने घायलों को अस्पताल भेजना शुरू किया. सभी घायलों को उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया.

बिजली विभाग के गोदाम में आग से लाखों का ट्रांसफार्मर जलकर खाक, अब उच्च अधिकारी करेंगे मामले की जांच, टीम गठित

रायगढ़- कोतरा रोड स्थित बिजली विभाग के गोदाम में आग लगने के मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है, जिसमें रायपुर और बिलासपुर के बड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है. स्टोर में लगी आग के कारणों के साथ अधिकारियों की लापरवाही की भी जांच की जाएगी. वहीं मामले में आग लगने से हुए नुकसान का भी आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि रायगढ़ के कोतरा रोड स्थित बिजली विभाग के गोदाम में सोमवार सुबह करीब 7 बजे अचानक भीषण आग लग गई, जिससे गोदाम में रखे बिजली के तार और 200 ट्रांसफार्मर जलकर खाक हो गए. आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास के गजानंदपुरम समेत तीन कॉलोनियों में धुआं भर गया, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल इलाके को खाली कराने का आदेश दिया. 12 से अधिक दमकल वाहनों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास किया.

आग की लपटों ने गोदाम के पास स्थित एक मकान को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिसे फायर ब्रिगेड ने समय रहते बुझा दिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया. आग की भयावहता को देखते हुए रायगढ़ एसडीएम प्रवीण तिवारी ने कलेक्टर के निर्देश पर राहत और बचाव कार्य शुरू करवाया. नगर निगम, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मिलकर एंबुलेंस और बसों की व्यवस्था कर कॉलोनीवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. वहीं रायपुर से 100 से अधिक नये ट्रांसफार्मर रायगढ़ के इस स्टोर में पहुंचे थे, जो गाड़ियों में लोड होने के चलते बच गए. इसके अलावा अंदर रखे नये ट्रांसफार्मर भी आग की चपेट में नही आए. 

पिछले वर्ष भी हुई थी गोदाम में भीषण आगजनी

इस गोदाम में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है. पिछले साल भी यहां आग लगी थी, जिसे 15 फायर ब्रिगेड की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया था. पिछले साल की आग लगने की घटना में कम से कम डेढ़ करोड़ से 2 करोड का नुकसान हुआ था.