कांग्रेस विधायक ने PMGSY के अधूरे कार्य पर उठाया सवाल, उप मुख्यमंत्री ने खड़े किए हाथ तो अध्यक्ष ने कहा- कम से कम चलने लायक बन जाए सड़क

रायपुर- विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक विक्रम उसेंडी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पखांजूर से मायापुर तक सड़क निर्माण का मामला उठाया. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के 15 जून तक कार्य पूरा करने में असमर्थता जताए जाने पर अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बरसात से पहले कम से कम माइनर रिपेयर का काम हो जाए, और सड़क चलने लायक हो जाए.

विधायक विक्रम उसेंडी ने कहा कि बरसात के पहले यह कार्य ध्यानाकर्षण में पूरा करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक कार्य क्यों नहीं किया गया? इस पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 26 जुलाई 2024 के ध्यानाकर्षण में मैने स्ट्रेंथनिंग की घोषणा की थी, और कार्य की पूरा करने की कोशिश भी की गई थी. चूंकि महाराष्ट्र का बॉडर जुड़ गया है तो काफी हैवी ट्रैफिक थी, जिसकी वजह से थोड़ी परेशानी आई, लेकिन इसे जल्द ही कर लिया जाएगा.

इस पर विधायक ने कहा कि कम से कम बरसात के बाद आपने काम शुरू करने की बात की थी, उस लिहाज से अब तक तो पैच रिपेयर का काम शुरू करना चाहिए था. क्या 15 जून के पहले तक सड़क बन पाएगी? इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे बजट में लाकर बनाने वाली स्थिति थी, इसलिए यह कार्य शीघ्र कर लिया जाएगा.

विधायक ने कहा कि अपने पास समय भी था कि अनुपूरक में इसका लगभग कार्य किया जा सकता था, क्या इसे बरसात के पहले पूरा कर लिया जाएगा? इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 जून से पहले सड़क का कार्य नहीं हो पाएगा, लेकिन जो रिपेयरिंग का कार्य कहा जा रहा है, इसे मैं दिखवा लेता हूं. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि कम से कम माइनर रिपेयर का काम हो जाए और सड़क चलने लायक हो जाए.

खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता और नवाचार का नया अध्याय: 44 खनिज ब्लॉकों की सफल ई-नीलामी, राज्य सरकार को मिला 11 हजार 581 करोड़ का खनिज राजस्व

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं।

खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।

प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी

भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है।

प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।

देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।

बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ

बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली

पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।

खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश

खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।

खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ

राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।

मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा।

अभनपुर-राजिम नई रेललाइन पर जल्द दौड़ेगी ट्रेन, रेलवे सेफ्टी आयुक्त से मिली हरी झंडी

रायपुर-  अभनपुर से राजिम तक जल्द ट्रेन सुविधा मिलने वाली है. रायपुर मंडल के अंतर्गत राजिम – अभनपुर स्टेशनों के मध्य लगभग 20 किलोमीटर (19.671किमी) नई रेल लाइन ब्राड गेज निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा हो गया है. एसई सर्कल के आयुक्त, रेलवे सेफ्टी बृजेश कुमार मिश्रा ने आज इस नई ब्राड गेज रेलवे लाइन का निरीक्षण किया. उन्होंने अभनपुर स्टेशन, स्टेशन केबिन पैनल रूम यार्ड का निरीक्षण कर अधिकारियों से चर्चा की.

आयुक्त मिश्रा ने निरीक्षण टीम के साथ इस नई लाइन का अभनपुर स्टेशन से राजिम स्टेशन तक मोटर ट्राली निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने इंटरलाकिंग, क्रासिंग, पाइंट, ओएचई लाइन, ब्रिज, सिग्नलिंग उपकरण के साथ ही परिचालन एवं संरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं का गहन अध्ययन व निरीक्षण किया. अधिकारियों के साथ चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. इसके पश्चात राजिम स्टेशन से अभनपुर स्टेशन तक आब्जर्वेशन कार से 110 किलोमीटर प्रति घंटे का स्पीड ट्रायल किया गया.

आयुक्त, रेलवे सेफ्टी से अनुमति मिलने के बाद इस नई लाइन पर निर्बाध रूप से सवारी एवं मालगाड़ियों का परिचालन प्रारम्भ होगा, जिससे परिचालन में गतिशीलता आएगी. इस दौरान उनके साथ मंडल रेल प्रबंधक रायपुर दयानंद सहित रायपुर मंडल एवं मुख्यालय के संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल थे.

गौतम गंभीर देंगे छत्तीसगढ़ के युवाओं को क्रिकेट ट्रेनिंग, जानिए रजिस्ट्रेशन से जुड़ी पूरी डिटेल्स

रायपुर- भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में एक विशेष क्रिकेट मास्टरक्लास और प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. यह शिविर अप्रैल और मई के महीनों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें युवा प्रतिभाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

इस कार्यक्रम का आयोजन एकाना और अरण्य के सहयोग से किया जा रहा है. इसके अलावा, इस मास्टरक्लास में मयंक सिद्धाना (पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और दिल्ली रणजी टीम के पूर्व चयनकर्ता), सुहैल शर्मा (पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और इंडिया कैपिटल्स के सहायक कोच), और अतुल रानाडे (पूर्व भारत सी टीम फील्डिंग कोच) जैसे अनुभवी कोच भी शामिल होंगे.

छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई पूर्व कप्तान और वर्तमान भारतीय कोच छत्तीसगढ़ के युवाओं को क्रिकेट की ट्रेनिंग देने आयेगा. युवा क्रिकेटरों में इस कैंप को लेकर खासा उत्साह है.

प्रदेश में लगातार क्रिकेट को लेकर चल रहे आयोजनों से छत्तीसगढ़ क्रिकेट के अच्छे दिन आने की संभावना बढ़ गई है, कल संपन्न हुए सुपर सक्सेस इंटरनेशनल मास्टर्स लीग के सफल आयोजन ने छत्तीसगढ़ के क्रिकेट के प्रति प्रेम को और मजबूत किया है.

अगले महीने कोच गंभीर के नेतृत्व में होने वाले कैंप के लिए ट्रायल की तिथियां 22 और 23 मार्च निर्धारित की गई हैं, जो रायपुर के अवंती विहार के पास स्थित एमर्जिंग क्रिकेट ग्राउंड पर आयोजित किए जाएंगे. इसके बाद अप्रैल और मई में इसका प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा.

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

इस कैंप के लिए फीस भी निर्धारित की गई है, 16 वर्ष से अधिक आयु के छात्रों के लिए फीस 12,500 रुपए और 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए फीस मात्र 9,000 रुपए रखी गई है. निर्धारित फीस में युवा खिलाड़ियों को क्रिकफेस्ट किट (गौतम गंभीर द्वारा हस्ताक्षरित टी-शर्ट और कैप), पोषण स्नैक्स और हाइड्रेशन, भविष्य में छात्रवृत्ति के अवसर, परिवहन सेवा, गौतम गंभीर द्वारा मेंटरशिप सत्र भी प्रदान किया जाएगा. इस कैंप की अधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र भी जारी किया गया है, मोबाइल नंबर: +91 8815499614 एवं भी संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

छत्तीसगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई : कंटेनर में भरकर ओडिशा से यूपी ले जा रहा था गांजा, एक करोड़ के माल के साथ ड्राइवर गिरफ्तार

कोरबा- गांजा तस्करी मामले में कटघोरा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जिले में पहली बार एक करोड़ का गांजा जब्त किया गया है. गांजा तस्कर कंटेनर वाहन से गांजे की बड़ी खेप ओड़िशा से उत्तरप्रदेश खपाने ले जा रहा था. मुखबिर की सूचना पर कटघोरा पुलिस ने यह कार्रवाई की.

यह मामला कटघोरा थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर सुतर्रा रापाखर्रा पुल के पास कंटेनर वाहन को रोका और गाड़ी की तलाशी ली. कंटेनर से 500 किलो गांजा बरामद किया गया. जब्त गांजे की कीमत लगभग एक करोड़ बताई जा रही है.

पुलिस ने कंटेनर चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है. कटघोरा पुलिस कंटेनर चालक से पूछताछ कर रही. इस गांजा तस्करी में अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ हो सकता है. बता दें कि काफी लंबे समय से इस क्षेत्र में गांजा तस्करी का खेल चल रहा था. इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सरकार की सख्त नीतियों और सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति लौट रही है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। इस बैठक में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने, बस्तर के विकास को तेज करने और पर्यटन व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराया कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। राज्य और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर हो चुकी है। अब अंतिम चरण की रणनीति तैयार कर बस्तर को स्थायी शांति की ओर ले जाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 का असर दिखने लगा है। हाल ही में बीजापुर जिले में 9 ईनामी नक्सलियों समेत कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। बैठक में बस्तर में विकास कार्यों को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और जल जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और नए रोजगार के अवसर तैयार किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि बस्तर सिर्फ संघर्ष की भूमि न रहकर शांति, विकास और संभावनाओं का नया केंद्र बने। बैठक में बस्तर के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

भारत माला परियोजना पर सदन में घमासान : विपक्ष ने की भ्रष्टाचार की जांच CBI से कराने की मांग, मंत्री टंकराम वर्मा बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का 13वां दिन हंगामेदार रहा. भारत माला सड़क परियोजना को लेकर विपक्ष हमलावर नजर आया. विपक्ष ने इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई से इसकी जांच करने की मांग की. इसके जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन को बताया कि सरकार ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा की है.

उन्होने कहा कि अभनपुर तहसील क्षेत्र में मुआवजा वितरण गड़बड़ी होना पाया गया है. रायपुर संभागायुक्त की ओर मामले की जांच की गई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करते हुए अभनपुर के तत्कालीन एसडीएम को निलंबित किया गया है. हालांकि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापट्टनम तक इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. भारत माला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के अधीनस्थ आता है. जिन गांव की जमीनों को अधिग्रहीत कर इकोनॉमिक कॉरिडोर बनना था, वहां मुआवजा वितरण में करोड़ों रुपयों का हेर-फेर का मामला सामने आया. बजट सत्र की शुरुआती दिनों से नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मुआवजा वितरण में हो रही गड़बड़ियों का सवाल लगाया था. शुरुआती दिन में विभाग से जवाब में जानकारी एकत्रित करने की बात कही गई. जब सत्र के दूसरे सप्ताह में जवाब आया तब सदन में प्रश्नकाल की शुरुआत हो चुकी थी. अधिकारियों की लेट लतीफी और गैर जिम्मेदारी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने सख्त हिदायत में पूरे मामले की जानकारी देने की व्यवस्था दी.

बजट सत्र के तीसरे सप्ताह में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने मुआवजा वितरण में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी संक्षिप्त में दी. वहीं इस बात को सरकार ने स्वीकारा कि भारत माला प्रोजेक्ट में बड़ी गड़बड़ियां हुई है. सत्तापक्ष के भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को स्वीकारने के बाद विपक्ष ने सदन में पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की. राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने सदन के अंदर संभाग आयुक्त से जांच करने की घोषणा की. वहीं विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में निर्णय किया गया कि पूरे मामले की जांच EoW करेगी. विपक्ष ने ईओडब्लयू से मामले की जांच कराए जाने पर आपत्ति जताई. पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि सदन की अवहेलना की गई है. सदन में जब मंत्री ने घोषणा की तब वह कैबिनेट में निर्णय लेकर कैसे ईओडब्लयू की जांच की घोषणा कर सकते हैं.

भारत माला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी उजागर होने पर लगभग दर्जनभर अधिकारियों को निलंबित किया गया. वहीं अब इस मामले में ईओडब्लयू जांच करेगी. विपक्ष का कहना है कि इस मामले की जांच को केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से किया जाना चाहिए. राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा का कहना है कि कांग्रेस ने पहले सीबीआई पर बैन लगा दिया था. अब सीबीआई जांच की मांग कर रही है. भारत माला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक बड़ी परियोजना है. भूमि अधिग्रहण में काफी अनियमितता पाई गई थी. सरकार ने स्वतंत्र जांच के लिए ईओडब्ल्यू को पूरा मामला सौंपा है, जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से राज्य के सांसदों ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में सांसद महेश कश्यप, कमलेश जांगड़े एवं रूपकुमारी चौधरी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने सांसदों से अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में विकास योजनाओं की प्रगति और आवश्यकताओं पर फीडबैक लिया और केंद्र सरकार से जुड़ी आवश्यक पहल को प्राथमिकता देने की बात कही। इस दौरान सांसदों ने मुख्यमंत्री श्री साय से राज्य के विकास, केंद्र-राज्य समन्वय, और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को लेकर चर्चा की।

छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में लगेगा तीन दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण शिविर

रायपुर-  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर द्वारा विधानसभा परिसर में तीन दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन 18 मार्च से किया जा रहा है। इस शिविर का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में किया जाएगा। यह शिविर 18 मार्च से 20 मार्च तक चलेगा। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में उपलब्ध विशेषज्ञ सेवाओं में भेषज रोग (मेडिसिन विभाग), स्त्री रोग, अस्थि रोग, नाक, कान एवं गला रोग, चर्म रोग, शल्य रोग, मनोरोग, दंत रोग एवं नेत्र रोग से संबंधिक बीमारियों का परीक्षण किया जाएगा।

शिविर में सोनोग्राफी, ई.सी.जी., उच्च रक्तचाप, मधुमेह, समस्त रक्त जांच एवं जनरल चेकअप की जांच सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य विधानसभा से जुड़े लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है, ताकि वे विभिन्न रोगों की जांच और उपचार करा सकें। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के शुभारंभ के मौके पर उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव, विजय शर्मा , स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल समेत अन्य मंत्रिगण एवं विधायक गण उपस्थित रहेंगे।

मंत्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए 63,273 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए कुल 63,273 करोड़ 82 लाख 11 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 229 करोड़ 35 लाख 38 हजार रूपए, आदिम जाति कल्याण के लिए 155 करोड़ 28 लाख 40 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 38,271 करोड़ 21 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल के लिए 1814 करोड़ 54 लाख 30 हजार रूपए, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रूपए अनुदान मांगें शामिल हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत नगरीय निकाय को वित्तीय सहायता के लिए 198 करोड़ 83 लाख 67 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 13792 करोड़ 21 हजार रूपए, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 291 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-भवन के लिए 261 करोड़ 65 लाख 10 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 461 करोड़ 20 लाख 98 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए 283 करोड़ 14 लाख 71 हजार रूपए, कृषि के लिए 7056 करोड़ 53 लाख 60 हजार रूपए तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधित व्यय के लिए 456 करोड़ 26 लाख 86 हजार रूपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।

कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार मोदी की गारंटी के अनुरूप गांव, गरीब, किसान, युवा और वंचित वर्गाें के लिए काम कर रही है। ‘‘हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे‘‘ के जज्बे के साथ अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सबके लिए काम कर रही है। इन सभी वर्गाें के उत्थान के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आदिवासियों के लिए योजना बनाकर काम शुरू किया गया है। इनके परिणाम अब धरातल पर दिख रहे हैं और आदिवासी समाज का बेटा छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बना है। विशेष पिछड़ी जनजाति की बेटी देश की राष्ट्रपति है।

श्री नेताम ने सदन में बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व एवं पूंजीगत व्यय में 2956 करोड़ 40 लाख 52 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 2205 करोड़ 19 लाख 38 हजार रूपए, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 531 करोड़ 17 लाख 64 हजार रूपए तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 220 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए के प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी उपयोजना मद में विभिन्न विभागों के लिए आगामी बजट में कुल 40,800 करोड़ 76 लाख 49 हजार रूपए का बजट प्रावधान है। अनुसूचित जाति उपयोजना मद में कुल 14,036 करोड़ 49 लाख 56 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।

श्री नेताम ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों और अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास एवं स्थानीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए बहुत से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) नाम से एक महत्वपूर्ण अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है, इसमें राज्य की पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, पहाड़ी कोरबा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर को शामिल किया गया है। इसके माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए त्वरित कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने नये बजट में विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के 18 जिलों के 2161 बसाहटों में 59 हजार 800 से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार निवासरत हैं, जिनकी जनसंख्या करीब 2 लाख 29 हजार है।

आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने सदन में बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों के निवासी नियद नेल्ला नार के माध्यम से विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित 80 हजार करोड़ रूपए की योजना है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 6 हजार गांव शामिल हैं। इस अभियान के तहत वन क्षेत्रों के गांवों में सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, सिंचाई के साधन, क्षमता निर्माण जैसे काम किए जा रहे हैं। भारत सरकार की निगरानी में राज्य में इन क्षेत्रों में काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों केे सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों की टीम नियमित निरीक्षण करेगी। साथ ही जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का शीघ्र जीर्णाेंद्धार किया जाएगा।

श्री नेताम ने बताया कि नया रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय देश का सबसे अच्छा आदिवासी संग्रहालय होगा। यह प्रदेश की धरोहर बनने जा रहा है। आदिवासी समाज के लोगों के आजादी में योगदान और उनके संघर्षों को यहां चित्रित किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के श्रद्धा/पूजा स्थलों ‘‘अखरा विकास‘‘ के परिरक्षण एवं विकास के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए तथा आदिवासी समुदायों की पुरातन परंपरा ‘‘करमा‘‘ के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान नये बजट में किया गया है। उन्होंने बताया कि संत शिरोमणि बाबा गुरू घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गिरौदपुरी के साथ ही भण्डापुरी जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में अधोसंरचना विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के विस्तार एवं विकास के लिए बजट में 2 करोड़ 24 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। भण्डारपुरी धर्म स्थल में गुरूद्वारा (मोती महल) निर्माण के लिए 17.80 लाख रूपए का भी प्रावधान किया गया है।

कृषि मंत्री श्री नेताम ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि किसान परहित और परिश्रम का पर्याय है। कृषि और ऋषि संस्कृति में हम सब रचे-बसे हैं। श्री नेताम ने तखतपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुपूरक बजट में इसे शामिल किया जाएगा। उन्होंने सदन में बताया कि नये बजट में किसान समृद्धि योजना के लिए 11 करोड़ रूपए और किसानों के कृषि प्रशिक्षण एवं पर्यटन के लिए 2 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में श्रीअन्न (कोदो, कुटकी, रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाकर काम किया जा रहा है।

मंत्री श्री नेताम ने सदन में कहा कि खरीफ एवं रबी फसलों की मक्का, सरसो, सोयाबीन, उड़द, मूंग, चना जैसी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था नैफेड और एनसीएफ के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए नये बजट में 10 करोड़ रूपए प्रावधानित है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्टिकल फार्मिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हो रही है। किसानों को उन्नत वर्टिकल फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग इसके माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आगामी बजट में इसके लिए 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

अनुदान मांगों की चर्चा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सदस्यगण अजय चंद्राकर, पुन्नू लाल मोहले, धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, लखेश्वर बघेल, संगीता सिन्हा, दलेश्वर साहू, दिलीप लहरिया, कुंवर सिंह निषाद, गोमती साय, रामकुमार यादव, प्रबोध मिंज, अटल श्रीवास्तव, व्यास कश्यप, भावना बोहरा, रायमुनि भगत, जनक ध्रुव, प्रणव कुमार मरपच्ची, नीलकंठ टेकाम और उद्धेश्वरी पैकरा ने हिस्सा लिया।