गोधरा के बाद हुए दंगों को पीएम मोदी ने बतया 'अकल्पनीय त्रासदी', जानें आरएसएस और महात्मा गांधी पर क्या कहा?
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के यूट्यूब चैनल पर एक पॉडकास्ट के लिए इंटरव्यू दिया है। पीएम मोदी ने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से विस्तार से बात की। उन्होंने अपनी बातचीत में गोधरा कांड को 'अकल्पनीय त्रासदी' बताया। तीन घंटे लंबे साक्षात्कार में, पीएम मोदी से गुजरात में 2002 के दंगों के बारे में पूछा गया और उनसे क्या सबक सीखा गया। पीएम मोदी ने बताया कि धारणा के विपरीत, जो दंगे हुए, वे गुजरात में देखे गए सबसे बुरे दंगे नहीं थे। न ही उसके बाद से राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शपथ लेने के बाद मैं पहले ही दिन से इसके लिए काम में जुट गया। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसका 'सरकार' नाम के साथ रिश्ता नहीं रहा था, सरकार क्या होती है मैं जानता नहीं था। मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना। मेरी सरकार 27 फरवरी 2002 को बजट पेश करने वाली थी और उसी दिन हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली। यह बहुत गंभीर घटना थी। लोगों को जिंदा जला दिया गया था। आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी। जो कहते थे कि यह बहुत बड़ा दंगा है, यह भ्रम फैलाया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे। साल 1969 के दंगे करीब 6 महीने तक चले थे। यह धारणा कि ये अब तक के सबसे बड़े दंगे थे, गलत जानकारी है। अगर आप 2002 से पहले के आंकड़ों को देखें, तो आप पाएंगे कि गुजरात में अक्सर दंगे होते थे। कहीं न कहीं लगातार कर्फ्यू लगा रहता था। पतंगबाजी प्रतियोगिताओं या साइकिल की छोटी-मोटी टक्कर जैसी मामूली बातों पर भी सांप्रदायिक हिंसा भड़क जाती थी। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि गोधरा ट्रेन कांड के बाद कुछ लोग हिंसा की ओर बढ़े। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्ता में बैठे उनके विरोधियों ने उनकी सरकार पर आरोप लगाने की कोशिश की। हालांकि, न्यायपालिका ने स्थिति का विश्लेषण करने के बाद उन्हें निर्दोष पाया
आरएसएस और महात्मा गांधी पर क्या बोले?
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने आरएसएस के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, संघ एक बड़ा संगठन है। उसके 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन कहीं होगा? करोड़ों लोग उसके साथ जुड़े हुए हैं। संघ को समझना इतना सरल नहीं है। संघ के काम को समझना चाहिए। संघ जीवन के उद्देश्य को दिशा देता है।
पीएम मोदी ने कहा, संघ के कुछ स्वयंसेवक जंगलों में वनवासी कल्याण आश्रम चलाते हैं। आदिवासियों के बीच वह एकल विद्यालय चला रहे हैं। अमरीका में कुछ लोग हैं जो इन्हें 10 से 15 डॉलर का दान देते हैं। ऐसे 70 हजार विद्यालय चल रहे हैं। इसी तरह से शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती नाम का संगठन खड़ा किया गया। देश में उनके करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं।
संघ के सेवा भाव ने मुझे गढ़ने में मदद की-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने भारतीय मज़दूर संघ की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 'वामपंथी मजदूर संघ कहते हैं, दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ। आरएसएस की शाखा से निकले लोग जो मजदूर संघ चलाते हैं वह कहते हैं,'मजदूरों, दुनिया को एक करो'। दो शब्दों में ही बदलाव है लेकिन वैचारिक बदलाव बड़ा है। संघ के सेवा भाव ने मुझे गढ़ने में मदद की है।
महात्मा गांदी के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताया कि महात्मा गांधी का प्रभाव आज भी किसी न किसी रूप भारतीय जीवन पर दिखता है। उन्होंने कहा, आजादी की बात करें तो यहां लाखों वीरों ने बलिदान किया। जवानी जेलों में खपा दी। ये आते थे और देश के लिए शहीद हो जाते थे। परंपरा बनी रही और उसने एक वातावरण भी बनाया लेकिन गांधी ने जन आंदोलन खड़ा किया। उन्होंने हर काम को आजादी के रंग से रंग दिया। अंग्रेजों को कभी अंदाजा भी नहीं था दांडी यात्रा एक बहुत बड़ी क्रांति खड़ा कर देगी।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सामूहिकता का भाव जो जगाया और जनशक्ति के सामर्थ्य को पहचाना। मेरे लिए आज भी वह उतना ही महत्वपूर्ण है। मैं जो भी काम करता हूं। मेरी कोशिश रहती है कि जनसामान्य को जोड़ करके करूं।
9 hours ago