साई कॉलेज में द रोल ऑफ सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट एंड ग्लोबल मार्केटिंग इन विकसित भारत 2047 विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार शुरू

अम्बिकापुर- अविकसित से विकासशील, विकासशील से विकसित की दौड़ प्रारम्भ हो चुकी है। 140 करोड़ भारतीय 2047 में विकसित भारत बनने का लक्ष्य ले कर आगे बढ़ रहे हैं। यह बातें सोमवार को श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में द रोल ऑफ सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट एंड ग्लोबल मार्केटिंग इन विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. व्ही.के. वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा देश 2047 में विकसित भारत का जश्न मनाने के लिए तैयार है। डॉ. वर्मा ने कहा कि उच्च स्तरीय आर्थिक स्थिति में पहुंचने के लिए देश के युवा, अनुभव के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। कृषि, शिक्षा, रोजगार और पर्यटन को विश्व स्तरीय बनाने के लिए सेमिनार, संगोष्ठियों की जरूरत है जो पूरी हो रही है।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। अतिथियों को स्वागत पुष्प गुच्छ और बैच लगा कर किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सेमिनार के कन्वीनर वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन ने कहा कि द रोल ऑफ सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट एंड ग्लोबल मार्केटिंग इन विकसित भारत 2047 विषय बहुआयामी है। इससे शोधार्थी, अध्येता, प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि सेमिनार चार समानांतर सत्रों में आयोजित है जिसमें २०० से अधिक शोध पत्रों को वाचन होगा।
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है जो अवश्य पूर्ण होगा, बल्कि राष्ट्र समृद्धशाली बनेगा। वर्तमान में देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है जो तीसरी बड़ी अर्थव्यस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ायेगा। दुनिया में भारतीयों की क्रयशक्ति, आय बढ़ेगी और विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दे जो देश के सामने 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य दिया है, उसे युवाओं के परिश्रम से प्राप्त करना है।
सेमिनार के मुख्य वक्ता रायपुर के शासकीय जेवाइसीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. तपेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि विकसित भारत सपना भारतीयों से पूरा होगा और इसके लिए सामाजिक, आर्थिक पहलू निर्णायक हैं। उन्होंने पाश्चात्य संस्कृति के आगोश में जाते युवाओं को सावधान किया। डॉ. गुप्ता ने कहा कि भारतीय सभ्यता-संस्कृति में गतिशील रहने की ताकत है। इसी के माध्यम से हम कुरीतियों से छुटकारा पाते हैं। उन्होंने कहा कि विजन २०४७ के लिये समाज को और शिक्षित तथा समृद्ध बनाना होगा। चिकित्सा, पर्यटन, शिक्षा, सड़क के रास्ते विकास की गाथा लिखी जायेगी।
अतिथियों ने सेमिनार का सोवेनियर का लोकार्पण के साथ ही वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. जसप्रीत कौर की पुस्तक मेथडॉलाजी का अनावरण किया। इस अवसर पर अतिथियों को अंग वस्त्र, श्रीफल तथा स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। उद्घाटन और तकनीकी सत्रों के दौरान देश और विदेश के विद्वत तथा विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन मोड में जुड़े रहे।
सेमिनार के उद्घाटन सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी, पल्लवी द्विवेदी ने किया। सेमिनार के दौरान बैकुंठपुर महाविद्यालय के डॉ. सुमित डे, होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज के डॉ. विनोद गर्ग, सहायक प्राध्यापक साबिर अली, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कामर्स विभाग की सहायक प्राध्यापक रश्मित कौर, कला एवं समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरएन शर्मा, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य तथा सभी सहायक प्राध्यापक, अध्येता और विद्यार्थी उपस्थित रहे।






Mar 10 2025, 18:37