नैमिषारण्य तीर्थ की प्रसिद्ध चौरासी कोसीय परिक्रमा 1 मार्च से
तीन रथों के साथ परिक्रमा करेंगे व्यास पीठाधीश अनिल शास्त्री
विवेक शास्त्री
नैमिषारण्य

महर्षि दधीचि द्वारा लोक कल्याण के लिए सतयुग से शुरू नैमिषारण्य तीर्थ की प्रसिद्ध चौरासी कोसीय परिक्रमा 1 मार्च से प्रारंभ हो रही है । यह परिक्रमा सीतापुर और हरदोई दोनों जनपदों से होकर गुजरेगी । इस बार परिक्रमा में बड़े-बड़े संत, महंत, महामंडलेश्वर सहित कई दिव्य आध्यात्मिक विभूतियां शामिल होने जा रही हैं । नैमिष तीर्थ के प्रसिद्ध कथाव्यास व्यासपीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री भी पूरी भव्यता के साथ परिक्रमा में शामिल होने जा रहे हैं ।
महर्षि दधीचि जी के देहदान से जुड़ी इस परिक्रमा में सदियों से लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता रहा है। परिक्रमार्थी परिक्रमा में साधु, संतों, तीर्थ स्थलों और देवालयों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए परिक्रमा में शामिल होते हैं । इस बार व्यासपीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री चौरासी कोसीय परिक्रमा में तीन अत्याधुनिक रथों के साथ यह परिक्रमा करेंगे । शास्त्री जी ने बताया कि पुराणों में इस परिक्रमा का बहुत बड़ा महत्व है किंतु जैसी इसकी महिमा है उसके अनुसार इस परिक्रमा में सुविधाओं का अभाव है, प्रशासन की तैयारी चल रही हैं लेकिन परिक्रमा के महत्व को देखते हुए और व्यवस्था की आवश्यकता है। शास्त्री जी ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि इस परिक्रमा की महिमा का प्रचार पूरे भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी हो ताकि जिस प्रकार श्रद्धालु वृंदावन और अयोध्या की परिक्रमा वर्ष भर करते हैं वैसे ही यहां भी केवल फाल्गुन मास में ही नहीं पूरे वर्ष भर लोग यहां परिक्रमा के लिए आ सकें। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सत्संग सेवा समिति के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पंडाल और टेंट सिटी का निर्माण प्रत्येक पड़ाव स्थल पर किया जा रहा है जिसमें श्रद्धालुओं के आराम करने भजन सहित सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।

"तीन अत्यधिक रथ बढ़ाएंगे परिक्रमा की शोभा"
वेदव्यास धाम आश्रम में तीन अत्यधिक रथों की साज साज का कार्य तेजी से चल रहा है । इन रथों का निर्माण सहारनपुर में किया गया है । रातों को रंग बिरंगी झालरों और लाइटों से सजाया जा रहा है पहले रथ में लोक कल्याण के लिए देहदान करने वाले महर्षि दधीचि का विग्रहदूसरे रथ में वेदों का विस्तार करने वाले पुराणों के रचयिता वेदव्यास तथा तीसरे रथ में राम दरबार का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा इन रातों की लंबाई 26 फीट चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 14 फिट है । यह रथ जब ग्रामीण और शहरी इलाकों से गुजरेंगे तो सहसा ही लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे ।
"ये हैं परिक्रमा की तिथियां"
28 फरवरी 2025 नैमिष में परिक्रमा अमावस्या
1 मार्च 2025 नैमिष से पहले पड़ाव कोरौना के लिए प्रस्थान
2 मार्च 2025 दूसरे पड़ाव हरैया को प्रस्थान
3 मार्च 2025 तीसरे पड़ाव नगवाँ कोथावाँ को प्रस्थान
4 मार्च 2025 चौथे पड़ाव गिरधरपुर उमरारी को प्रस्थान
5 मार्च 2025 पांचवे पड़ाव साक्षी गोपालपुर को प्रस्थान
6 मार्च 2025 छठे पड़ाव देवगवां को प्रस्थान
7 मार्च 2025 सातवें पड़ाव मंडरुआ को प्रस्थान
8 मार्च 2025 आठवें पड़ाव जरीगवां को प्रस्थान
9 मार्च 2025 नवें पड़ाव नैमिषारण्य
10 मार्च 2025 दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी
11 मार्च से ग्यारहवें पड़ाव मिश्रिख तीर्थ पंचकोसी परिक्रमा फाल्गुन पूर्णिमा तक
Feb 27 2025, 23:09