भट्ठा मालिक को नकली शुल्क की रसीद देकर लगाया लाखों का चूना

गोरखपुर।तिवारीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक सचिन्त सिंह का बलुआ क्षेत्र के मां दुर्गा नाम का ईट भट्टा चलता है बीते दिनों भट्टे का विनिमयन शुल्क जमा करवाने पहुंचे खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह ने जब ईंट भट्ठा मालिक से विनिमयन शुल्क की डिटेल मांगी तो ईंट भट्टे के मालिक द्वारा दिए गए विनिमयन शुल्क के प्रपत्रों

की जांच के बाद खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह को पता चला कि विनिमयन शुल्क मे अंकित पेपर में दिए गये पैसों के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे थे,जबकि ऑनलाइन विनिमयन शुल्क पत्र देखने पर ईंट भट्टे के ऊपर तकरीबन एक लाख रुपए से अधिक का बकाया दिखा रहा था।

जबकि ईंट भट्टा मालिक का दावा था कि उनके द्वारा अब तक का पूरा विनिमयन शुल्क जमा किया जा चुका है। डिटेल मांगे जाने पर भट्ठा मालिक संचित सिंह ने बताया की चंदन पाठक नाम के एक व्यक्ति को उन्होंने 1 लाख 26 हजार 700 रुपए दिए थे, चंदन पाठक ने ही विनिमयन शुल्क पेपर उन्हें दिखाकर आश्वस्त कराया था,और कहा था कि उनके ईंट भट्टे का पूरा विनिमयन शुल्क जमा हो गया है। खनन इंस्पेक्टर के भट्टे पहुंचने के दौरान पता चला कि ईंट भट्टे की विनिमयन शुल्क में सिर्फ 12 हजार 6 सौ 70 रूपये ही जमा है बाकी धनराशि अब तक जमा नहीं हुई है। वहीं पीड़ित युवक संचित सिंह ने अगले ही दिन गोरखपुर खनन ऑफिस में पहुंचकर ईंट भट्टे से संबंधित कागजात जेष्ट खान अधिकारी आर.पी. सिंह और खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह को दिखाया। संचित सिंह का कहना है कि चंदन पाठक नाम के युवक से फोन पर बातचीत कर जब उन्हें खनन ऑफिस में बुलाया गया तो चंदन पाठक ने ऑफिस में आने की बात कही लेकिन कुछ ही देर बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। तबसे पीड़ित युवक सचिन्त सिंह खनन विभाग के चक्कर लगा रहा है, खनन विभाग के मामले में चंदन पाठक का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी बालू खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर चंदन पाठक के ऊपर रामगढ ताल थाने में स्थानीय युवक ने केस दर्ज कराया था।

बता दें कि पहले ईंट भट्ठों से जिला पंचायत द्वारा रायल्टी शुल्क लिया जाता था किन्तु अब यह विनिमयन अर्थात विकास शुल्क के रूप में लिया जाता है।

मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में मरीजों का मुफ्त इलाज

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र में आज फरवरी महीने के चौथे रविवार को पीएचसी के एमओआईसी डाॅक्टर प्रदीप तिवारी के निर्देश पर चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के द्वारा "मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले" में पहुंचे सभी मरीजों की मुफ्त जांच और इलाज किया गया। न्यू पीएचसी भैंसा बाजार में 66 मरीजों का इलाज डॉ. रामदास यादव, फार्मासिस्ट अर्चना रस्तोगी और लैब टेक्नीशियन विरेंद्र सिंह स्टाॅफ नर्स के द्वारा किया गया। वहीं बन्हैता उप स्वास्थ्य केंद्र में 71 मरीजों की जांच और इलाज डॉ.टी.के. द्विवेदी फार्मासिस्ट सुभाष यादव स्टाॅफ नर्स वंदना चौरसिया आॅप्टोमेटिस्ट जितेंद्र मौर्या ने किया। मरीजों को मुफ्त दवाएं दीं।

इलाज के लिए पहुंचे मरीजों में बुखार, त्वचा रोग, नेत्र रोग, हड्डी व जोड़ रोग, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, शूगर, दांत, आंख-कान के रोगी व सर्दी-जुकाम, खांसी से पीड़ित पाए गए। सभी की जांच इलाज कर दवाएं दी गईं। इस दौरान पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम भी मौजूद रही।

तपस्वी नेतृत्व ने महाकुंभ को बनाया दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन : डॉ. भबातोष विश्वास


गोरखपुर, 23 फरवरी। चिकित्सा विश्वविद्यालय कोलकाता के पूर्व कुलपति, अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल कोलकाता के वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. भबातोष विश्वास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तपस्यारत योजनाओं, स्वच्छता, सुरक्षा, तकनीक और सुव्यवस्था के फलस्वरुप प्रयागराज महाकुंभ 2025 को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। एक तपस्वी नेतृत्व ने इस महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन सिद्ध कर दिया है। दिव्य, नव्य, और भव्य यह महाकुंभ सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का उत्कृष्ट प्रतीक बन गया है।

डॉ. विश्वास रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में ‘महाकुंभ 2025 : परम्परा, अनुष्ठान और महत्ता’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र (समारोप) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें प्रयागराज महाकुंभ महोत्सव में सम्मिलित होने और गंगा, यमुना और सरस्वती की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यथार्थ में आधुनिक दौर में अनादिकाल से चली आ रही सनातन परंपरा के वैभव का चरमोत्कर्ष है प्रयागराज महाकुंभ। सनातन धर्म, मनुष्यता का ही पर्याय है और मनुष्यता की विभिन्न धाराओं की एकसूत्रता का केंद्र महाकुंभ है। यहां जाति, वर्ण, वर्ग और धार्मिक उपेक्षाएं संगम की पवित्र जलधारा में बह जाती हैं।

सीएम योगी के कुशल प्रबंधन से महाकुंभ की दिव्यता से परिचित हुई नई पीढ़ी

डॉ. विश्वास ने यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुशल प्रबंधन ही है कि नई पीढ़ी भी महाकुंभ की दिव्यता और पवित्रता से परिचित हुई है। दुनिया भर के लोग यहां आने को आतुर दिखे। महाशिवरात्रि के स्नान पर्व से तीन दिन पूर्व ही प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2025 का महाकुंभ न केवल कल्पनाओं से परे है बल्कि इसने उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की गति को और भी तीव्रतम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब तीन लाख करोड रुपये का बूस्टर डोज मिलना अनुमानित हैं। इस महाकुंभ से छोटे बड़े हर किसी को फायदा होगा।

समूचा संसार खुले दिल से कर रहा सीएम योगी की प्रशंसा

डॉ. विश्वास ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में पूरी दुनिया ने देखा कि एक संवेदनशील और सक्षम सरकार जनभागीदारी और जनविश्वास के साथ बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किस तरह कर सकती है। आज समूचा संसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश की खुले दिल से प्रशंसा कर रहा है। देश-विदेश, जहां कहीं से कोई प्रयागराज महाकुंभ में आया, वह यहां की शानदार व्यवस्था का कायल हुए बिना नहीं रह सका। महाकुंभ के विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. विश्वास ने कहा कि भारत की सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक एकता और दिव्यता की अनुपम अभिव्यक्ति महाकुंभ मे दिखाई देता है। महाकुंभ पर्व एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे विभिन्न संस्कृति और पृष्ठभूमि के लोग एकजुट होकर आध्यात्मिक एवं सामाजिक उद्देश्य को पूरा करते हैं। महाकुंभ पर्व यह भी दिखाता है कि कैसे हजारों वर्ष पुरानी आस्थाएं न केवल धार्मिक जीवन को, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय जीवन को भी प्रभावित करती है। महाकुंभ वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है। महाकुंभ में अपने तीन दिन के प्रवास अनुभव को बताते हुए कहा कि सुव्यवस्थित सुशासन का यह अद्वितीय उदाहरण है,इसमें सहभागिता से भारत दर्शन जैसा लगता है, यहां लघु भारत उपस्थित हो जैसे।

महाकुंभ मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक : प्रो. हर्ष सिन्हा

समारोप के विशिष्ट अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि महाकुंभ पर्व मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक है। किसी बहती नदी और जीवंत संस्कृति सा यह भी प्रवाहमान और जागृत है। महाकुंभ के अर्थशास्त्र को रेखांकित करते हुए प्रो. सिन्हा ने कहा कि आस्था, आर्थिकी और रोजगार में किस प्रकार सहायक हो सकती है, इस महाकुंभ ने इसे आसानी से समझाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्था के सम्मान के साथ अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को समुचित महत्व दिया है। इसके चलते प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। वित्तीय लेनदेन करीब तीन लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना है। 2019 के अर्धकुंभ में करीब सवा लाख करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन हुआ था। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण बात यह भी होगी कि डिजिटल लेनदेन पर बहुत अधिक जोर दिखा है। इस डिजिटल लेनदेन से गैर-संगठित क्षेत्र के लोगों की ऋण क्षमता बढ़ने से बैंकिग क्षेत्र की व्यवस्था भी मजबूत होगी। होटल, रेस्तरां, परिवहन सेवाएं और टूर सर्विस प्रदाताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय हस्तशिल्प, कला और व्यंजनों के लिए बाजार से जुड़े लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सुनिश्चित हुआ। प्रो. सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन से स्ट्रीट वेंडर, शिल्पकार और दुकानदार आदि 45 दिनों में ही आठ महीने से अधिक की आय आसानी से अर्जित कर लेगें। सीआइआइ की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के कुंभ में विभिन्न क्षेत्रों में छह लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला था। इस बार यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार महाकुंभ की तैयारियों में लगभग 45 हजार परिवारों को रोजगार मिल चुका है।

अनेकता में एकता का शाश्वत व समेकित जयघोष है महाकुंभ : डॉ. ओमजी उपाध्याय

समापन सत्र में एक अन्य विशिष्ट अतिथि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्यायने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ और ‘समावेशी भारत’ की जीवंत झांकी के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। बहुपंथीय, बहु सांस्कृतिक, बहुभाषीय भारत की अनिर्वचनीय सनातन परंपरा का वाहक महाकुंभ अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जयघोष है। वैदिक और पौराणिक आख्यानों के उद्धरण से डॉ. उपाध्याय ने महाकुंभ को धरती पर लगने वाला सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला बताया और कहा कि यूनेस्को द्वारा महाकुंभ मेले को मानव जाति की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद से यह आयोजन विश्व के लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बन गया है। महाकुंभ दुनिया के तर्कजीवियों के लिए भी सदैव शोध एवं जिज्ञासा का विषय रहता है कि कैसे बिना निमंत्रण के ही इतने अधिक लोग एक साथ एक जगह एकत्रित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता ने प्रयागराज महाकुंभ को वैश्विक विहंगम तो बनाया ही है, यहां जन, सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार के आयाम भी अद्भुत हैं। महाकुंभ में डिजिटल तकनीक के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर है। यहां करीब पांच सौ पर्यावरण संरक्षण संस्थाएं गंगा और महाकुंभ की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने के लिए ‘हर घर से एक थैला, एक थाली’ द्वारा हरित कुंभ में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आधुनिक तकनीक का प्रयोग केवल भीड़ को सुचारु रूप से प्रबंधित करने और सुरक्षा आदि के लिए ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि ग्यारह भाषाओं में एआइ संचालित चैटबोट महाकुंभ की समस्त आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है। महाकुम्भ को प्राचीन संदर्भों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत कर डॉ. उपाध्याय ने कहा कि धरती पर इससे बड़ा कोई आयोजन नहीं होता है। महाकुंभ में अपने प्रवास को प्रतिभागियों से साझा करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में विभिन्न स्रोतों से आर्थिक लाभ भी हो रहा है जिसको जनकल्याणकारी योजनाओं में लगाया जा रहा है।

महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से दुनिया में बजा यूपी का डंका : डॉ. प्रदीप राव

समारोप सत्र में सभी अभ्यागतों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से उत्तर प्रदेश का डंका पूरी दुनिया में बजा है। वैश्विक फलक पर उत्तर प्रदेश के हिस्से आई यह ख्याति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्पित प्रयासों का प्रतिफल है। ‘आस्था को सम्मान और विकास के नित नए प्रतिमान’ के सीएम योगी के विजन को देखकर विश्व समुदाय चकित है। उन्होंने महाकुंभ की सनातनी परंपरा और अनुशासन की महत्ता को वैश्विक पटल पर इस तरह प्रतिष्ठित किया है जिसे अनंतकाल तक याद किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रतिवेदन महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत किया जबकि संचालन सहायक आचार्य रमाकांत दूबे ने किया।

*एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में स्कार्पियो सवार 4 की मौत, कुंभ से लौट रहे नेपाल के लोग ट्रैक्टर ट्राली से भिड़े*

गोरखपुर- तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांसगांव थाने की हरनहीं क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात लिंक एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा से थोड़ी दूर स्थित शुक्रवार की देर रात तेज रफ्तार स्कॉर्पियो गाड़ी अपने आगे चल रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से भिड़ गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि मौके पर ही स्कार्पियो में यात्रा कर रहे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। वहीं घटना में गंभीर रूप से घायल 6 लोगों का इलाज चल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के रहने वाले सभी लोग प्रयागराज से कुंभ स्नान करने के बाद वापस लौट रहे थे। बताया गया कि नेपाल के रहने वाले सभी श्रद्धालु बिहार से गाड़ी बुक करके गए थे। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत गंभीर बताई गई जिनमें लालो उर्फ संतोला देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। नेपाल के रहने वाले सभी 10 श्रद्धालु स्कॉर्पियो बुक करके कुंभ स्नान के लिए बुधवार को प्रयागराज पहुंचे थे और वहां स्नान करने के बाद रुक गए थे। शुक्रवार दोपहर में वापस घर के लिए निकले जंलेकिन जाम की वजह से देर हो गई। घायलों ने बताया कि स्कॉर्पियो तेज रफ्तार में थी। देर रात बांसगांव इलाके में लिंक एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा से आगे अचानक एक ट्रैक्टर-ट्रॉली सामने से आ गई, जिस पर बोरे लदे हुए थे। पीछे रिफ्लेक्टर न होने की वजह से स्नकार्पियो चालक को ट्रैक्टर ट्राली का पता ही नहीं चला और स्कॉर्पियो उसमें जा घुसी। दर्दनाक हादसे में आगे की सीट पर बैठे परशुराम और बीच की सीट पर बैठी दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य लोग घायल हो गए। बांसगांव पुलिस ने एंबुलेंस से सभी घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। चालक मुकेश की हालत गंभीर होने की वजह से यह नहीं पता चल पाया कि इन लोगों को बिहार में किस जगह पर उतारना था। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर-ट्रॉली का चालक उसे छोड़कर फरार हो गया।

मृतकों की शिनाख्त नेपाल बलवा चौक के कंचनपुर निवासी हरिहर देवी यादव (42वर्ष) पत्नी जीतू यादव, लीला उर्फ वकीलनी देवी (42 वर्ष) पत्नी उपेंद्र यादव और परशुराम (45 वर्ष) तथा लालो उर्फ संतोला देवी (70 वर्ष) पत्नी जीतू यादव के रूप में की गई है। वहीं उपेंद्र यादव, जीतू यादव, मुकेश सहित 6 घायलों का इलाज चल रहा है। चौकी प्रभारी हरनहीं राकेश कुमार पर पांडेय ने बताया कि ट्रैक्टर ट्राली को कब्जे में ले लिया गया है,विधिक कार्रवाई की जा रही है।

*हीरक जयंती समारोह के मौके पर 'वॉक फॉर लिगेसी' का भव्य आयोजन*

गोरखपुर- दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हीरक जयंती समारोह के अंतर्गत 'वॉक फॉर लिगेसी' का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं छात्राएँ स्पोर्ट्स स्टेडियम में एकत्रित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के सामूहिक गायन से हुई, जिससे पूरा परिसर उत्साह और गौरव से भर उठा।

इस आयोजन की संयोजक प्रोफेसर नंदिता आई.पी. सिंह ने कहा कि इस प्रकार के नवाचार न केवल विश्वविद्यालय को जीवंत और ऊर्जावान बनाते हैं, बल्कि इसकी समृद्ध परंपरा को भी सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने इस सफल आयोजन का श्रेय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को दिया, जिनके कुशल नेतृत्व में यह कार्यक्रम संभव हो सका।

कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने अपने संबोधन में कहा कि 'वॉक फॉर लिगेसी' जैसे आयोजन विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा को जनमानस तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार को इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात्, यह पदयात्रा विश्वविद्यालय स्टेडियम से प्रारंभ होकर मुख्य द्वार, पंत पार्क होते हुए पुनः मुख्य द्वार पर समाप्त हुई, जहाँ सभी ने एक स्वर में राष्ट्रगान गाकर राष्ट्रप्रेम और एकता का संदेश दिया।

इस आयोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय परिवार ने 75 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का उत्सव मनाया और शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के सतत विकास में योगदान देने का संकल्प लिया। इस ऐतिहासिक अवसर ने सभी को नई प्रेरणा, ऊर्जा और उत्साह से भर दिया।

*होली से पहले फूड विभाग की बड़ी कार्रवाई, कानपुर से आ रहा मिलावटी खोवा पकड़ा गया*

गोरखपुर- आगामी होली पर्व के दृष्टिगत रखते हुए फ़ूड विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में है, आज टीम ने योजना के तहत रेलवे बस स्टेशन, खोवा मंडी समेत विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई, मुखबिर खास की सूचना पर गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन के पास कानपुर से आ रहे हैं नकली खोवा की खेप को फ़ूड विभाग के सहायक आयुक्त खाद्य डॉ सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा की टीम में 7 कुंतल मिलावटी खोवा को जप्त किया गया है। खोवा के सम्बंध में मौके पर आसपास के लोगों से पूछताछ की गई कि यह खोवा किसका है किसी ने कोई जवाब नहीं मिलने पर टीम इस कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय पर लेकर पहुंची।

सहायक आयुक्त खाद्य डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आम जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों से निपटने के लिए टीम पूरी तरीके से कटिबंध है, आज सुबह टीम ने खोवा मंडी, रेलवे बस स्टेशन समेत विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई, छापेमारी के दौरान कानपुर से रोडवेज बस के सहारे खोया शहर में लाया जा रहा था। जिसमें से 7 कुंतल खोवा को जप्त किया गया है। मौके पर कोई उसे लेने नहीं आया इसलिए उसे लेकर कार्यालय लाया गया है।

सागर नामक व्यक्ति ने चार बोरी खोवा को अपना बताया, नमूना भरकर उन्हें सुपुर्द कर दिया गया है अन्य खोवा को नष्ट कराया जा रहा है, उन्होंने बताया कि फ़ूड विभाग की टीम लगातार खाद्य पदार्थों की जांच कर रही है आम जनमानस से अपील है कि खाद्य पदार्थों की खरीदारी करते समय सावधानी बरते,सस्ती के चक्कर में मीठा ज़हर ना खरीदें। कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमाशंकर सिंह, शैलेंद्र श्रीवास्तव, अंकुर शामिल रहे।

*विश्व स्काउट एवं चिंतन दिवस के रूप में मना स्काउटिंग के जनक बेडेन पावेल और लेडी बेडेन पावेल का जन्मदिन*

गोरखपुर- अयोध्या दास स्काउट कुटीर सिविल लाइन गोरखपुर में स्काउटिंग के जनक लॉर्ड रॉबर्ट स्टीफेन्स स्मिथ बेडेन पावेल एवं उनकी पत्नी लेडी बेडेन पावेल का जन्म दिवस विश्व स्काउट एवं चिंतन दिवस के रूप में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्था के जिला मुख्य आयुक्त राम जन्म सिंह ने दोनों के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि पावेल का जीवन बहुत कठिन परिस्थितियों में बीता बावजूद उसके उन्होंने संघर्ष करते हुए अपने को विश्व पटल पर चमकते सितारे की तरह बुलंदियों को छुए और स्काउट गाइड संस्था की नीव रक्खी जो संपूर्ण विश्व में कुशल नागरिक और मानव सेवा के साथ लोगों को लाभान्वित कर रही है।

इस अवसर पर जिला एडल्ट रिसोर्स कमिश्नर स्काउट ज्ञानेंद्र ओझा ने कहा कि बेडेन पावेल एक अच्छे कलाकार,लेखक,विचारक, चित्रकार,समाज सेवी थे जिन्होंने लोगों को विषम परिस्थितियों में जीवन जीने की कला सिखाई।

सहायक जिला स्काउट कमिश्नर मुख्यालय एवं प्रधानाचार्य जनता इंटर कॉलेज चरगांवा दीनदयाल गुरु जी ने कहा कि पावेल के विचार आज भी प्रासंगिक है, उसे हमें अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है।

जिला प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट अजय सिंह ने उनके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लंदन में आयोजित प्रथम विश्व स्काउट जंबूरी में उन्हें प्रथम विश्व स्काउट चीफ और 1930 में लेडी बेडेन पावेल को प्रथम विश्व गाइड चीफ बनाया गया।

कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव रंजना राय एवं आभार ज्ञापन जिला संगठन कमिश्नर गाइड इशरत सिद्दीकी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला प्रशिक्षण आयुक्त गाइड प्रतिमा शुक्ला, योगेंद्र शुक्ला, प्रशिक्षक अजय गुप्ता, एडवांस गाइड कैप्टन लाजो रानी,जिला संगठन कमिश्नर स्काउट शशांक पांडे, आशा देवी आदि उपस्थित रहे।

*समाधान दिवस में पहुंचे 10 फरियादी, 2 मामले निस्तारित*

गोरखपुर- थाने में आयोजित फरवरी महीने के चौथे समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे नायब तहसीलदार राम सूरज प्रसाद एवं दिवस प्रभारी एसएसआई बलराम पांडेय के समक्ष कुल 10 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर प्रस्तुत हुए जिनमें बसडीला गांव के रास्ते के विवाद एवं पुलिस से संबंधित एक अन्य मामले को मौके पर निस्तारित करा दिया गया।

शेष बचे मामलों में राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर पहुंचकर जांच और निस्तारण कराने तथा आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। मौके पर राजस्व निरीक्षक गंगा प्रसाद मिश्रा, राजस्व निरीक्षक बलिकरन यादव एवं सभी लेखपाल मौजूद रहे।

हड़ताल पर रहे तहसील के अधिवक्ताओं ने किया संशोधन विधेयक का विरोध

खजनी गोरखपुर।विधि का शासन बनाए रखने के लिए निर्भीक न्याय तंत्र का होना अति आवश्यक है। किंतु अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 अधिवक्ताओं के खिलाफ पूरी तरह से काला कानून लागू करने का प्रावधान है, यह संशोधन हम सभी अधिवक्ताओं के साथ ही आम जनता के न्याय की आस को चोट पहुँचाने जैसा है। इसका अधिवक्ता समाज पूरी तरह से विरोध करता है।उक्त विचार खजनी तहसील बार एशोसिएशन के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने तहसील में आयोजित बैठक के दौरान कहीं, साथ ही तहसील मुख्यालय में सामूहिक विरोध प्रदर्शन के बाद एक पत्रक सचिव केंद्रीय विधि मंत्रालय को संबोधित तहसीलदार खजनी को सौंपा गया।

दिए गए पत्रक में अधिवक्ताओं और उनके परिवार के लिये एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान करने की मांग की गई। पत्रक में परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए और उनके लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखने की मांग तथा परिषदों के सदस्यों या अस्तित्व पर सुझाए गए संशोधनः को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई। प्रदेश के अधिवक्ताओं विशेषकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के द्वारा मांग की गई कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख रूपए का मेडिक्लेम और किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 10 लाख रूपए की बीमा राशि देने की मांग की गई।

साथ ही पंजीकरण के समय प्रत्येक अधिवक्ता से लिए जाने वाली 500/-₹ के स्टाम्प की राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस करने की मांग करते हुए राज्य सरकार द्वारा विधिक स्टाम्प की बिकी से प्राप्त धनराशि का 02 प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की मांग करते हुए ऐसा केरल राज्य सरकार द्वारा किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा गया कि नियम बनाने का अधिकार पूर्व में जो एडवोकेट्स एक्ट में प्राविधानित था, उसको उसी प्रकार रखा जाए। आक्रोश जताते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गयी हैं, उसे तुरंत समाप्त किया जाए। कहा गया है कि किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता न होने के कारण हम सभी अधिवक्त एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल-2025 के पूरे संशोधन को निरस्त करते हैं। एडवोकेट अमेंडमेंड बिल-2025 को तुरन्त वापस लिया जाए, अन्यथा अधिवक्ता गण पूरे देश में इस लड़ाई को लड़ने की रणनीति बनाने पर बाध्य होंगे। धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,मंत्री कामेश्वर प्रसाद,पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, रामप्रीत यादव, पलटराज, दरगाही प्रसाद,अनूप सिंह, विनोद कुमार पाण्डेय, ईश्वरचन्द्र सिंह,अशोक दूबे, बलजीत,सुनील कुमार, रामकृष्ण दूबे,सन्तोष कुमार सिंह,कृष्णानन्द शुक्ल,संजय कुमार ,अनिल कुमार,बिजेंद्र यादव,लालबहादुर यादव, राजदेव प्रियदर्शी, दिनेश, बृजलाल प्रसाद,सूर्यनाथ मौर्य आदि सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।

सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया विश्व सामाजिक न्याय दिवस

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया। टिकाऊ भविष्य के लिए न्यायोचित परिवर्तन को मजबूत करना थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास कार्यक्रम के प्रशिक्षु तथा सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय की मांग यही है कि न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि दिखाना भी चाहिए। इसके लिए हमें अपने अधिकारों को प्रति जागरूक होना चाहिए। लेकिन कभी भी हमें मिले हुए अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार ने किया। अरविंद कुमार पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।