त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: पहले चरण में BJP ने कई जिलों में किया क्लीन स्वीप, CM साय ने कार्यकर्ताओं-प्रत्याशियों और जनता को दी बधाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी एक के बाद एक कीर्तिमान रच रही है. विधानसभा चुनाव में मिली सफलता का सिलसिला निकाय चुनावों और अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने मिल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पहले चरण में 53 विकासखंड में हुए मतदान में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं, प्रत्याशियों और जनता को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा की नीतियों, विकास कार्यों और पारदर्शी प्रशासन पर भरोसा जताया है. यह जीत जनता के आशीर्वाद और भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और यह जीत उसी दिशा में जनता की स्वीकृति को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे बताते हैं कि जनता भाजपा की नीति और नेतृत्व पर पूरा भरोसा कर रही है. पार्टी की सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जो विकास कार्य किए हैं, जनता ने उन पर अपनी मुहर लगाई है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि भाजपा का संकल्प है कि गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचे और जनता को सुशासन मिले.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इन नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का भारी समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आने वाले चरणों में भी भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को भारी सफलता मिलेगी.

बता दें कि नारायणपुर, कवर्धा, खैरागढ़, कोंडागांव, मुंगेली और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जैसे जिलों में भाजपा ने सभी सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया. इसके अलावा भाजपा का जलवा अन्य जिलों में भी देखने को मिला. जहां पार्टी ने कई महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दर्ज की. जांजगीर-चांपा में 6 में से 4, बलरामपुर में 6 में से 4, सक्ती में 4 में से 3, बालोद में 5 में से 3, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 4 में से 2 सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने सफलता हासिल की. वहीं, रायगढ़ में 6 में 5, धमतरी में 6 में 5 और कांकेर में 6 में 4 सीटों पर भाजपा ने मजबूत प्रदर्शन किया.

पूर्व डिप्टी CM सिंहदेव ने पूर्व मंत्री भगत के बयान को नकारा, कहा- “PCC चीफ की जिम्मेदारी केवल वर्ग आधारित नहीं, क्षमता के आधार पर होनी चाहिए”

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि हाई कमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह इसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के उस बयान को खारिज किया, जिसमें भगत ने कहा था कि आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने से आदिवासी समुदाय में गलत संदेश जाएगा।

बता दें कि निकाय चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करने के बाद पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। टीएस सिंहदेव का नाम इस प्रक्रिया में सबसे प्रमुख माना जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अमरजीत भगत इसका विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी ने प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है, ऐसे में विपक्ष में भी आदिवासी नेतृत्व की आवश्यकता है। उनके अनुसार, यदि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर किसी अन्य वर्ग से नेता को नियुक्त किया जाता है, तो इससे बीजेपी को आदिवासियों की तौहीन का मुद्दा मिल सकता है, जो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

इसके जवाब में टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनके लिए इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है। उनका मानना है कि किसी को जिम्मेदारी केवल इस आधार पर नहीं मिलनी चाहिए कि वह किसी विशेष वर्ग से आता है। जिम्मेदारी उन लोगों को मिलनी चाहिए जो स्थिति के अनुसार सबसे अच्छा काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विचारधारा की बात नहीं है, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकता है।

सिंहदेव ने दीपक बैज को हटाए जाने के सवाल पर भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि दीपक बैज पीसीसी अध्यक्ष हैं और पार्टी को समय-समय पर सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ता है। केवल हार के आधार पर किसी को हटाना सही नहीं है, लेकिन कभी-कभी बदलाव की आवश्यकता होती है। इसके लिए पार्टी बोर्ड समीक्षा करती है और बदलाव का निर्णय भी बोर्ड ही लेती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी लगातार चार चुनावों में हार का सामना कर रही है, जिससे पार्टी के भीतर हाहाकार मच गया है। निकाय चुनावों के बाद से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, और यह शिकायतें आलाकमान तक पहुंच चुकी हैं। दीपक बैज, जो बस्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, संसद और विधायक रह चुके हैं, उन्हें पार्टी की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, लगातार चुनावों में हार के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं, और पार्टी के अंदर भी विरोध की आवाजें उठ रही हैं। इसके साथ ही, आदिवासी नेता होने के बावजूद हार का ठीकरा एक आदिवासी नेता पर फोड़ने का विरोध भी पार्टी में देखा जा रहा है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी के आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस पार्टी अपने फैसले में कितनी लचीलापन दिखाती है और किसे अगला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है।

शराब घोटाला मामला: ED की स्पेशल कोर्ट ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा की 4 मार्च तक बढ़ाई न्यायिक रिमांड

रायपुर- छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी है।

विधानसभा सत्र में शामिल होने की मांग

सुनवाई के दौरान कवासी लखमा ने कोर्ट से विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता से जुड़े कई अहम मुद्दे हैं, जिन्हें उन्हें विधानसभा में उठाना है। उनके वकील फैजल रिजवी ने इसके लिए कोर्ट में औपचारिक आवेदन भी दिया।

ED ने जताई आपत्ति, 20 फरवरी को आएगा फैसला

ED के वकील सौरभ पांडे ने इस मांग पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि यदि विधानसभा में कोई महत्वपूर्ण वोटिंग हो रही हो, कोई सवाल पूछा गया हो, या लखमा को किसी जवाब के लिए बुलाया गया हो, तो इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। इसके अलावा, ED ने यह भी दलील दी कि राज्यपाल की ओर से लखमा को विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और इस पर 20 फरवरी को निर्णय सुनाया जाएगा।

बता दें कि शराब घोटाले की जांच में ED ने अब तक कई खुलासे किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर पैसों के लेन-देन और अनियमितताओं की बात सामने आई है। लखमा की गिरफ्तारी से इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। बीते दिनों इस मामले में EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) में रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर से भी पूछताछ की थी।

21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा

गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ED ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।

क्या है शराब घोटाला?

तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था।

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED ने चार्जशीट में कहा था कि साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआईओडब्ल्यू की एफआईआर में किन लोगों के हैं नामED के आवेदन में जनवरी 2024 में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने शराब घोटाला मामले में करीब 70 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। इनमें –

  • अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)
  • अनवर ढेबर
  • अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)
  • मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड
  • कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)
  • निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
  • जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
  • रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
  • दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
  • अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • हित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
  • नीतू नोतानी (उपायुक्त)
  • रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
  • नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
  • सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
  • अरविंद सिंह
  • अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
  • अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)
  • नवनीत गुप्ता
  • पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)
  • विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
  • त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)
  • यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
  • नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • विजय भाटिया, भिलाई
  • अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस
  • सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट
  • बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर
  • मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर
  • अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड
  • उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर
  • मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स
  • लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई
  • विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.
  • दीपक दुआरी
  • दिपेन चावडा
  • मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स
  • मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन
  • मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड
  • सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर
  • अख्तर ढेबर
  • अशोक सिंह
  • सुमीत मलो
  • रवि बजाज
  • विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर
  • अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
  • अन्य आबकारी अधिकारीगण
  • विकास अग्रवाल के साथीगण के अज्ञात नाम भी शामिल हैं.
साय सरकार का बड़ा फैसला : अब छत्तीसगढ़ में 24 घंटे खुली रहेगी दुकानें

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अब प्रदेश में 24 घंटे दुकानें खुली रह सकती है. इसके लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ में नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू किया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान और स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है. इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है. श्रम विभाग के अनुसार, नया अधिनियम पूरे राज्य में लागू होगा, जबकि पुराना अधिनियम केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रभावी था. इस बदलाव से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि नया कानून केवल 10 या अधिक कर्मचारियों वाली दुकानों और स्थापनाओं पर ही लागू होगा. पहले, बिना किसी कर्मचारी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं.

नए नियमों के तहत, दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है. न्यूनतम शुल्क 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये होगा. पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था. श्रम विभाग ने स्पष्ट किया है कि नए अधिनियम के लागू होने के 6 महीने के भीतर सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. यह प्रक्रिया श्रम विभाग के पोर्shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी.

कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि में पहले से पंजीकृत दुकानें नए अधिनियम में स्वतः शामिल होंगी. पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा.

24 घंटे खुली रह सकती है दुकानें

पुरानी व्यवस्था में दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था. अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं, बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए. नई व्यवस्था के तहत, कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा. सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे. हर साल 15 फरवरी तक सभी दुकान एवं स्थापनाओं को अपने कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा. नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है, जिससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा. निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे.

पहले दुकान और स्थापनाओं का पंजीयन कार्य नगरीय निकायों द्वारा किया जाता था. अब 13 फरवरी 2025 की अधिसूचना के अनुसार यह कार्य श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा. नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025: प्रथम चरण में 81.38 प्रतिशत वोटिंग, 53 विकासखंडों में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान

रायपुर- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के प्रथम चरण का चुनाव 17 फ़रवरी को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ . निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 53 विकासखण्डों में मतदान हुआ. 81 प्रतिशत से अधिक महिला एवं पुरूष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. इस प्रकार राज्य में मतदान का औसत 81.38 प्रतिशत रहा. सभी जगहों में मतगणना भी शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. कही कोई अप्रिय घटना की शिकायत नहीं आई.

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में 27 हज़ार 210 पंच, 3 हज़ार 605 सरपंच, 911 जनपद सदस्य तथा 149 जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव संपन्न हुआ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के चुनाव के लिए 9 हज़ार 873 मतदान केंद्र बनाए गए.

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में पंच पद के लिए 60 हज़ार 203 अभ्यर्थी, सरपंच पद के लिए 14 हज़ार 646 अभ्यर्थी,जनपद पंचायत सदस्य के लिए 4 हज़ार 587 अभ्यर्थी एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए 702 अभ्यर्थिओं ने चुनाव लड़ा .

प्रथम चरण के निर्वाचन के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 57 लाख 99 हज़ार 660 है, जिसमें पुरुष मतदाता 28 लाख 70 हज़ार 859, महिला मतदाता 29 लाख 28 हज़ार 751 एवं अन्य 50 मतदाता शामिल है.

आज प्रथम चरण में राज्य की जिन 53 विकास खंडो में मतदान संपन्न हुआ उसमें जिला बिलासपुर के विकासखण्ड मस्तुरी, जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के विकासखण्ड गौरेला, जिला मुंगेली के विकासखण्ड मुंगेली, जिला जांजगीर-चांपा के विकासखण्ड बम्हनीडीह एवं अकलतरा, जिला सक्ती के विकासखण्ड जैजेपुर, जिला कोरबा के विकासखण्ड कोरबा एवं करतला, जिला रायगढ़ के विकासखण्ड रायगढ़ एवं पुसौर, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के विकासखण्ड बरमकेला, जिला सूरजपुर के विकासखण्ड सूरजपुर एवं भैयाथान, जिला बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी, राजपुर तथा शकंरगढ़, जिला सरगुजा के विकासखण्ड अम्बिकापुर, लखनपुर तथा उदयपुर, जिला कोरिया के विकासखण्ड सोनहत, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के विकासखण्ड खड़गवां, जिला जशपुर के विकासखण्ड बगीचा शामिल है.

इसी तरह जिला रायपुर के विकासखण्ड आरंग एवं अभनपुर, जिला बलौदाबाजार के विकासखण्ड भाटापारा एवं सिमगा, जिला गरियाबंद के विकासखण्ड गरियाबंद एवं मैनपुर, जिला महासमुंद के विकासखण्ड बसना एवं सरायपाली, जिला धमतरी के विकासखण्ड धमतरी एवं मगरलोड, जिला बेमेतरा के विकासखण्ड बेमेतरा एवं नवागढ़, जिला दुर्ग के विकासखण्ड दुर्ग, जिला बालोद के विकासखण्ड डौण्डीलोहारा एवं डौण्डी, जिला राजनांदगांव के विकासखण्ड राजनांदगांव, जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई के विकासखण्ड छुईखदान, जिला मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के विकासखण्ड मानपुर, जिला कबीरधाम के विकासखण्ड कवर्धा एवं सहसपुर लोहारा, जिला कोण्डागांव के विकासखण्ड कोण्डागांव, जिला बस्तर के विकासखण्ड जगदलपुर एवं दरभा, जिला नारायणपुर के विकासखण्ड नारायणपुर, जिला उत्तर बस्तर कांकेर के विकासखण्ड कांकेर, चारामा एवं नरहपुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिला के दंतेवाड़ा एवं गीदम तथा जिला सुकमा के सुकमा एवं बीजापुर जिला के विकाखण्ड बीजापुर शामिल हैं.

विधायक अटल श्रीवास्तव के विवादित बयान पर कांग्रेस में बवाल, जिला अध्यक्षों ने PCC चीफ को पत्र लिखकर की निष्कासन की सिफारिश

बिलासपुर- कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के हालिया विवादित बयान से कांग्रेस में विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बीते सोमवार 17 फरवरी 2025 को बिलासपुर में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के कार्यक्रम में विधायक श्रीवास्तव ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। विधायक ने कहा, “तुमने मेरे सिने में छुरा घोपा है,” और इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “चपरासी कलेक्टर को बाहर करने की बात कह रहा है।” इस घटना के बाद अब दोनों जिला अध्यक्षों, विजय पाण्डेय (शहर) और विजय केशरवानी (ग्रामीण) ने इसे अनुशासनहीनता और अस्वीकार्य बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

पत्र में उन्होंने विधायक पर आरोप लगाते हुए उल्लेख किया कि बिलासपुर नगर निगम चुनाव 2025 में कोटा विधायक ने अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की कोशिश की थी, लेकिन वे तय मापदंडों के अनुरूप नहीं थे। इसके चलते प्रदेश चयन समिति ने उर्जावान और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट दिया। इसके बाद, विधायक की ओर से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघात और खुले विरोध की शिकायतें मिली थीं, जिनके प्रमाण भी पेश किए गए थे। कांग्रेस ने पार्टी के नियमों के तहत कार्रवाई की और संबंधित कार्यकर्ताओं को प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया।

जिला अध्यक्षों ने कहा कि इस कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित होकर विधायक ने मीडिया में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिए। उन्होंने सवाल किया कि जिस जिला कांग्रेस कमेटी का हिस्सा विधायक खुद हैं, उसके अध्यक्ष को “चपरासी” कहना कितना उचित है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधायक ने जिन लोगों को पार्टी को नुकसान पहुंचाया, उन्हें “कलेक्टर” बताने की कोशिश की है, जो उनके बयान को अनुचित साबित करता है।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि विधायक का यह आचरण पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने तत्काल विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन की मांग की है। इस विवाद ने कांग्रेस में एक नया मोड़ लिया है और अब यह देखना होगा कि पार्टी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।

देखें पत्र –

हरियाली की बहाली: जापानी तकनीक मियावाकी से बनेगा घना जंगल, उदंती सीता नदी अभ्यारण्य प्रशासन ने शुरू की तैयारी

गरियाबंद-  उदंती सीता नदी अभ्यारण्य इलाके में 400 अतिक्रमणकारियों ने 7 से ज्यादा गांव बसाया था. 2010 से 2020 के बीच 10 सालों में इसके लिए 1.50 लाख से ज्यादा पेड़ काट डाले थे. सैटेलाइट इमेजरी ने इसकी पुष्टि किया था.लगातार साफ हो रहे जंगल को बचाने उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू किया. 2022 से अभियान शुरू कर साल भर के भीतर सोरनामाल, गोहरामाल, टांगरान, इचरादी, घोड़ागांव, नवापारा गोना, कारीपानी बूडरा जैसे सात जंगलों में बसे अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया. वर्ष 2024 जंगल में हरियाली बहाल करने की बड़ी चुनौती थी. जिस पर भी विभाग ने बखूबी काम कर दिखाया है.

125 हेक्टेयर में 75 हजार पौधे पहली बारिश में लगाए

बेदखली के बाद 2024 के पहली बारिश में अभ्यारण्य प्रशासन ने 125 हेक्टेयर में 75 हजार पौधे लगाए. सोरनामाल में 64000, कारीपानी में 6000, करला झर में 5000 पौधे लगाए गए. देख रेख के लिए विभागीय कर्मी के साथ साथ वन सुरक्षा समिति को भी भागीदार बनाया. अब पौधे डेढ़ से दो फीट के हो गए हैं. लाल बंजर जैसे दिखने वाली जंगल के हिस्से में हरियाली की चादर धीरे धीरे चढ़ने लगी है.

50 एकड़ से ज्यादा हिस्से में 13000 कंटूर बंड बनाया

पौध रोपण के साथ पौधों के पोषण के लिए अभ्यारण्य प्रशासन ने रोपनी इलाके के अन्य हिस्से में 50 एकड़ से ज्यादा रकबे में 13000 कंटूर बंड बनाया. इससे इलाके का वाटर लेबल भी रिचार्ज हुआ है. गर्मी के बाद इस साल इससे ज्यादा कंटूर बंड बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

अगली बारिश में जापानी तकनीक का होगा इस्तेमाल

उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि प्लांटेशन में खर्च ज्यादा हो रहे थे. पीएम ने जन मन में अपनी बात में जापानी तकनीक मियावाकी का जिक्र किया था. इसी तकनीक से अब आने वाले बरसात में घने वन बनाने की तैयारी हो रही है. जैन ने बताया कि इस तकनीक में प्लांटेंशन की तरह निर्धारित दूरी के बजाए प्राकृतिक जंगल की तरह पौधे व सीड लगाया जाएगा. इस तकनीकी में खर्च कम आयेंगे और घने जंगल का स्वरूप तैयार होगा. कराए जा रहे कार्य में पूरी पारदर्शिता लाने ड्रोन मैपिंग कराया गया है जिसे पोर्टल में अपलोड किया गया ताकि कोई भी काम की प्रगति को आसानी से देख सके.

आगे उन्होंने ने बताया कि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद जंगली जानवरों का विचरण इलाका बढ़ा है. हरे घास और अन्य पौधे भी उग आए हैं जो जंगली जानवरों के चारे का काम आ रहा है. मानव वन्य प्राणी द्वंद भी नहीं के बराबर दिख रहा.

जानिए क्या है जापानी मियावाकी तकनीक

मियावाकी तकनीक एक खास तरह की वृक्षारोपण विधि है जो जापान के वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित की गई थी. इस तकनीक में प्राकृतिक जंगल की नकल करने के लिए छोटे-छोटे पौधों को बहुत घनत्व के साथ एक ही स्थान पर लगाया जाता है. इस विधि का मुख्य उद्देश्य है जल्दी से एक घना और प्राकृतिक वन तैयार करना, जो पारंपरिक वृक्षारोपण विधियों से कहीं अधिक तेजी से विकसित होता है.

प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले ध्यान दें, रेलवे ने तीन दिनों के लिए रद्द की ये ट्रेन

रायपुर- छत्तीसगढ़ से प्रयागराज महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालओं के लिए जरूरी खबर सामने आई है. रेलवे ने अचानक से गाड़ी संख्या 15160/15159 दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस को तीन दिनों तक रद्द कर दिया है.

रेलवे की ओर से इस संबंध में बताया गया है कि 19, 20 और 21 फरवरी 2025 को दुर्ग से चलने वाली गाड़ी संख्या 15160 दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस रद्द रहेगी. वहीं, 21, 22 और 23 फरवरी 2025 को छपरा से चलने वाली गाड़ी संख्या 15159 छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस भी रद्द की जाएगी.


ये ट्रेनें भी हुई रद्द


1. दिनांक 22 फरवरी, 2025 को चिरमिरी से चलने वाली गाड़ी संख्या 58221 चिरमिरी-चंदिया पैसेंजर रद्द रहेगी.

2. दिनांक 22 फरवरी, 2025 को चंदिया से चलने वाली गाड़ी संख्या 58222 चंदिया-चिरमिरी पैसेंजर रद्द रहेगी.

देर से रवाना होने वाली गाड़ी


1. दिनांक 22 फरवरी, 2025 को 68747/68748 बिलासपुर-कटनी-बिलासपुर मेमू पैसेंजर 04.00 घंटे देरी से रवाना होगी.

पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने लगाया धांधली का आरोप, ग्रामीणों ने SDM कार्यालय का किया घेराव, री-वोटिंग की मांग

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगा है. निर्दलीय प्रत्याशी अनुसुईया रिंकू कुर्रे आज सैंकड़ों समर्थकों के साथ SDM कार्यलय का घेराव करने पहुंची. ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की. इस दौरान धांधली का आरोप लगाते हुए पुनः वोटिंग की मांग की है. 

मतगणना में गड़बड़ी का आरोप

गतौरा ग्राम पंचायत से अनुसुईया कुर्रे सरपंच पद की निर्दलीय प्रत्याशी थी. उन्होंने मतगणना प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बूथ पर उनकी बढ़त थी, लेकिन मतगणना के दौरान तीन बार बिजली गुल हो गई, जिससे परिणाम प्रभावित हुआ. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी प्रत्याशी ने चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन कर मतगणना केंद्र के अंदर पहुंचकर हस्तक्षेप किया, जबकि अन्य लोगों को अंदर जाने से रोका गया. 

सिर्फ 24 वोटों से हार, री-वोटिंग की मांग

गतौरा ग्राम पंचायत में हुए इस चुनाव में कुल 5 सरपंच प्रत्याशी मैदान में थे. अनुसुईया कुर्रे केवल 24 वोटों के अंतर से चुनाव हारीं. उन्होंने मतगणना प्रक्रिया पर असंतोष जताते हुए कहा कि हमें मतगणना में अनियमितताओं के कारण न्याय चाहिए और हम पुनः मतदान की मांग करते हैं.”

आम जनता के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  प्रदेश में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि, योजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हुए एमओयू से प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।

ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी सुविधाओं को इस पहल से नया आयाम मिलेगा। इस एमओयू से न केवल सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास और क्षमता उन्नयन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शासन की योजनाओं को अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा।

सीईजीआईएस और टीआरआई के सहयोग से नीति निर्माण को मिलेगी नई दिशा

सीईजीआईएस के फाउंडर कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग देंगे। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में शासन को सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा।

टीआरआई के सहयोग से ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम

ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए TRI के साथ हुए समझौते के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। TRI के एसोसिएट डायरेक्टर श्रीश कल्याणी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर स्थानीय शासन को सशक्त बनाने, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को तेज गति देने में सहयोग करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-आधारित आजीविका और जलवायु अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस महत्वपूर्ण समझौते के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग, सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों की नई राह खुलेगी और राज्य की जनता को योजनाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा।

इस ऐतिहासिक समझौते के अवसर पर वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि इस एमओयू की छत्तीसगढ़ में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, तथा सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।