सितंबर में पीएम मोदी के साथ अमेरिका नहीं गए थे डोभाल, इस बार होंगे साथ, जानिए क्यों है ये दौरा बेहद अहम
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* भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय फ्रांस दौरा अब समाप्त हो चुका है। आज से पीएम मोदी अमेरिका के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला अमेरिका दौरा है। इससे पहले पीएम मोदी सितंबर में अमेरिका के दौरे पर आए थे। इस यात्रा के दौरान की एक तस्वीर चर्चा में रही थी। इस तस्वीर में अमेरिका की तरफ से राष्ट्रपति जो बाइडन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलविन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी मौजूद थे। वहीं, भारत की तरफ से इस तस्वीर में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा नजर आए थे। इस तस्वीर में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजित डोभाल की गैरमौजूदगी ने चर्चा का विषय रही थी। इस बार डोभाल के पीएम मोदी के साथ रहने की पूरी संभावना है। ऐसा माना जाता है कि अभी भारतीय डिप्लोमैसी में तीन अहम लोग हैं। एक खुद पीएम मोदी, दूसरे विदेश मंत्री एस जयशंकर और तीसरे एनएसए अजित डोभाल। ऐसे में सितंबर में डोभाल का पीएम मोदी के साथ नहीं होने पर सवाल उठ रहे थे। आमतौर पर प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे में डोभाल साथ होते हैं। ऐसे में सवाल पूछे जा रहे हैं कि आख़िर डोभाल अमेरिका क्यों नहीं गए? *डोभाल का अमेरिका ना जाना चर्चा में क्यों था?* उस समय अमेरिका दौरे पर डोभाल के नहीं होने के पीछे एक सिख मामले में उनके खिलाफ समन जारी होने को माना गया था। दरअसल, 2023 में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करवाने की साजिश में उंगलियां भारत सरकार की तरफ भी उठी थीं। रॉयटर्स के मुताबिक़, अमेरिका इस मामले में भारत के शामिल होने को लेकर भी जांच कर रहा है। पन्नू ने अपनी हत्या की साज़िश को लेकर न्यूयॉर्क की एक अदालत में याचिका दाखिल की है। इसी मामले को लेकर न्यूयॉर्क की एक अदालत ने भारत से कई लोगों को समन किया था। इस समन में अजित डोभाल, निखिल गुप्ता और पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल जैसे शीर्ष अधिकारियों के नाम था। उस समन को औपचारिक तौर पर कभी सर्व तो नहीं किया गया लेकिन इसे दोनों देशों की साझेदारी की भावना के विपरीत माना जा रहा था। अब डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यह मामला हल्का पड़ता दिख रहा है। इकनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रंप प्रशासन भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने और कुछ समूहों को प्रोत्साहित करने का इच्छुक नहीं है। इससे डोभाल की अमेरिका यात्रा का रास्ता साफ हो गया है। *अवैध प्रवासियों की भारत वापसी पर होगी बातचीत* बता दें कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अवैध प्रवासियों का मुद्दा काफी गर्माया हुआ है। कई देशों के नागरिक, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे, को वापस उनके देश भेजा जा रहा है। इनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। भारत की तरफ से पहले ही साफ किया जा चुका है कि वो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है और इस प्रक्रिया में अमेरिका का पूरा सहयोग करेगा। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे कई भारतीय नागरिकों को वापस भेजा भी जा चुका है और कई और लोगों को भी आगे भेजा जाएगा। हालांकि जिस तरह बेड़ियों में जकड़कर उन्हें भेजा गया, उससे भारत में भी विवाद छिड़ गया। संसंद में विपक्ष भी इस मामले पर सरकार को घेर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान इस विषय पर बातचीत होना तय है और यह भी संभव है कि निकट भविष्य में जब अमेरिका अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजे, तो बेड़ियों का इस्तेमाल न करते हुए उन्हें मानवीय तरीके से भारत भेजे। *दोनों देशों के एक-दूसरे पर टैरिफ न लगाने पर चर्चा अहम* ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने ही “टैरिफ वॉर” की शुरुआत कर दी है। हालांकि अब तक भारत पर टैरिफ की घोषणा नहीं की गई है, जबकि ट्रंप पहले भारत पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दे चुके हैं, क्योंकि भारत भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर काफी टैक्स लगाता है। ऐसे में पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के एक-दूसरे पर टैरिफ न लगाते हुए व्यापार को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी, जो काफी अहम है।
11 hours ago