माघी पूर्णिमा स्नान पर मेला क्षेत्र एवं शहर को घोषित किया नो व्हीकल जोन
महाकुम्भ नगर। माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र को मंगलवार भोर से नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन एवं सुरक्षित स्नान कराने के लिए मेला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया है।

रूट की पार्किंग में पार्क कराया जायेगा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुचारू रूप से श्रद्धालुओं का स्नान सम्पन्न कराने के लिए 11 फरवरी की सुबह 4 बजे से आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के अतिरिक्त सम्पर्णू मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।प्रयागराज शहर में महाकुम्भ स्नान हेतु बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को 11 फरवरी को प्रातः 4 बजे के पश्चात संबंधित रूट की पार्किंग में पार्क कराया जायेगा। उक्त व्यवस्था में आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी।

आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी

श्रद्धालुओं के प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन एवं स्नान के दृष्टिगत प्रयागराज शहर में दिनाँक 11 फरवरी को सायंकाल 5 बजे के बाद नो व्हीकल जोन लागू कर दिया जाएगा। उक्त व्यवस्था में आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी।उपरोक्त यातायात व्यवस्था माघपूर्णिमा स्नान पर्व 12 फरवरी को मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं के सुगमतापूर्वक निकासी तक लागू रहेगी।प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश तथा निकासी पर उपरोक्त प्रतिबंध कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू रहेगा।

महाकुम्भ में सुबह 08 बजे तक 49.68 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज महाकुम्भ में त्रिवेणी के पावन तट पर पुण्य अर्जित करने के लिए माघपूर्णिमा से पूर्व श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है। पतित पावनी मां गंगे,यमुना एवं अन्त:सलीला सरस्वती के पावन संगम में मंगलवार सुबह 08 बजे तक 49.68 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को जल पुलिस, गोताखोर, एनडीआरएफ एवं पुलिस के जवान लगातार सावधान करने में जुटे हुए हैं।

कल्पवासी और 39.68 लाख तीर्थयात्री अब तक दौरा किया

अपर मेलाधिकारी महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पतित पावनी मां गंगे, यमुना एवं अन्त:सलीला सरस्वती के पावन संगम में श्रद्धालु लगातार आस्था की डुबकी लगा रहें है। मंगलवार सुबह 08 बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासी और 39.68 लाख तीर्थयात्री अब तक दौरा किया । इस तरह महाकुम्भ में मकर संक्राति से 10 फरवरी तक 44.74 करोड़ से ज्यादा से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। ऐसे पावन अवसर पर पुण्य अर्जित करने के लिए श्रद्धालुओं का लगातार रेला उमड़ा हुआ है।

मेला क्षेत्र में बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी के निर्देश पर श्रद्धालुओं को सुगम यातायात और सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र में बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी है। संगम के सभी घाटों पर लगातार पुलिस के जवान श्रद्धालुओं से अपील कर रहें है कि स्नान करके घाट दूसरों को मौका देने के लिए खाली करके अपने गंतव्य के लिए रवाना हो। हालांकि मेला क्षेत्र में आकस्मिक सेवा अग्निशमन के दमकल गाड़ियां, एम्बुलेंस तथा पुलिस के वाहनों के अतिरिक्त कोई वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
प्रयागराज महाकुंभ पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु,त्रिवेणी संगम में लगाएंगी आस्था की डुबकी

महाकुंभनगर (प्रयागराज)। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में पावन स्नान करेंगी। वो इसकी भव्यता व दिव्यता की साक्षी बनने संगम पहुंच गई हैं। त्रिवेणी संगम पर राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। इसके पूर्व प्रयागराज पहुंचने पर उनका राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रियों ने भव्य स्वागत किया गया। वो आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी और इस दौरान संगम स्नान के साथ ही यहां अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी।

त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी

राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मु सुबह संगम नोज पहुंचकर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी। मां गंगा, यमुना और अन्त:सलीला सरस्वती के संगम में राष्ट्रपति आस्था की डुबकी लगाकर सनातन आस्था को मजबूत आधार देंगी। देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण होगा। गौरतलब है कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसके उपरांत धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है। इसके अलावा वो बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी।

वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी

वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी। यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस अद्भुत आयोजन को और अधिक निकटता से अनुभव करने के लिए स्थापित किया गया है। राष्ट्रपति शाम शाम पौने छह बजे प्रयागराज से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायी क्षण होगा। उनकी उपस्थिति से महाकुम्भ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को एक नई ऊंचाई मिलेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संगम में लगाई डुबकी

महाकुम्भ नगर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सपरिवार सोमवार को पवित्र संगम में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया और प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।महाकुम्भ के पावन अवसर पर दो दिवसीय दौरे पर धामी रविवार को प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महाकुम्भ को आस्था का महासंगम करार दिया और कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि यह महाकुम्भ हमारे युग में आया है।

महाकुंभ को आस्था का महासंगम करार दिया

उन्होंने महाकुम्भ के भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा की। रविवार को उन्होंने कई कार्यक्रमों में उपस्थित हुए।इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को आस्था का महासंगम करार दिया। उन्होंने भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड पवेलियन का भी निरीक्षण किया। साथ ही वह सेक्टर 8 में आयोजित ज्ञान महाकुंभ’ में भी हिस्सा लेने पहुंचे।

*NGIT को मिला बेस्ट कंप्यूटर इंस्टिट्यूट अवार्ड*

गुफरान खान

 

प्रयागराज- नेशनल जीनियस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NGIT) ने नया कीर्तिमान रच दिया है। शहर के प्रतिष्ठित संस्थान NGIT को RGCSM स्किल समिट में बेस्ट कंप्यूटर इंस्टिट्यूट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह भव्य आयोजन हरिद्वार में हुआ, जहां RGCSM के चेयरमैन डॉ.के.पी सिंह और डॉ.सतीश पुनिआ ने यह सम्मान सौंपा। 

पिछले छह वर्षों से NGIT प्रयागराज में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सैकड़ों छात्र सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। आधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन में यहां छात्रों को कंप्यूटर और स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाती है, जिससे वे रोजगार योग्य बन सकें।संस्थान के निदेशक जावेद सिद्दीकी ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे पूरे NGIT परिवार की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य युवा पीढ़ी को डिजिटल युग की जरूरतों के अनुरूप दक्ष बनाना है।

इस उपलब्धि पर शहर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों, बुद्धिजीवियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तिय श्री नारायण यादव, रवि मिश्र, तंजीम अहमद, अनुराधा, सुरेश सिंह जी ने NGIT परिवार को शुभकामनाएँ दीं। NGIT ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रयागराज में कंप्यूटर शिक्षा का पर्याय अब NGIT बन चुका है।

यमुनानगर में अप्रशिक्षित चला रहे अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर,विभाग मौन, नहीं हो रही कार्यवाही

विश्वनाथ प्रताप सिंह,कोरांव ,मेजा,प्रयागराज समस्त यमुनानगर में अप्रशिक्षित चला रहे अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर, विभाग मौन बना हुआ,नहीं कर रहा कोई कार्यवाही। जटिल व गंभीर बीमारियों के इलाज की दशा व दिशा तय करने में वैज्ञानिक, प्रमाणिक व तकनीकी स्रोत माने जाने वाला अल्ट्रासोनोग्राफी, यहां मरीजों की जान से खेलने का अच्छा साधन साबित हो रहा है। अल्ट्रासाउंड यानि सोनोग्राफी सेंटरों की मनमर्जी बेखौफ व बदस्तूर जारी है। दरअसल विभाग की कृपा से अब तक यमुनानगर के मेजा, करछना, कौंधियारा, कोराव, में यह प्रतिष्ठित व महत्वपूर्ण पेशा, अब आम तौर पर अगाध कमाई व लोगों की जान से खेलने का धंधा साबित हो रहा है।

मेजा में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मानक का पालन नहीं हो रहा। केंद्र बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही चल रहे हैं। अप्रशिक्षित कर्मचारी अल्ट्रासाउंड केंद्र को चला रहे है। चर्चा है कि रिपोर्ट भी सही नही दे रहे है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कभी जांच पड़ताल नही करते है। बिना रेडियोलॉजिस्ट के चल रहे। इन सेंटरों में आशा बहुओं की भी अच्छी सेटिंग रहती है। आशा बहुओ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र न भेजकर कमीशन के चक्कर मे झोलाछाप डॉक्टरों के पास भेज देते है। इन सेंटरों में भ्रूण हत्या का कार्य भी चलता है।आम लोगों की जिंदगी के सवाल से जुड़े मसले पर विभागीय स्तर पर गंभीरता नहीं।

अल्ट्रासोनोग्राफी की मरीज को तभी जरूरत होती है जब सामान्य इलाज से मर्ज ठीक नहीं होता। ऐसे में डाक्टर रोग की गंभीरता व जटिलता का वैज्ञानिक व प्रमाणिक ढंग से पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड कराते हैं। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के आधार पर डाक्टर कई गंभीर प्रकृति के ऑपरेशन भी करते हैं। लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर सेंटरों पर अप्रशिक्षित लोग जब मरीजों का अल्ट्रासाउंड कर अपना हाथ साफ करने लगे तो क्या होगा। लेकिन यहां अधिकांश सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड के नाम पर यही हो रहा है। मोटा कमीशन के चक्कर में कई डाक्टर सच्चाई जानने के बावजूद भोले भाले मरीजों को आर्थिक दोहन के लिए ऐसे सेंटरों में बिना जरूरत भी भेजकर अपनी जेब गरम करते हैं।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का महाकुंभ नगर में भव्य स्वागत

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के तीर्थराज प्रयागराज आगमन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उनका आत्मीय स्वागत किया।

इस दौरान महाकुंभ की दिव्यता, श्रद्धालुओं की सुविधा और आयोजन की भव्य तैयारियों पर चर्चा हुई।

राज्यपाल महोदय परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां उन्हें पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आध्यात्मिक चिंतन, भारतीय संस्कृति, गंगा संरक्षण और वैश्विक शांति के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। पूज्य स्वामी जी ने महाकुंभ को मानवता के उत्थान का महोत्सव बताते हुए संत परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला।

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने राज्यपाल को महाकुंभ में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक प्रबंधों से अवगत कराया। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं और आध्यात्मिक आयोजनों के सुचारू संचालन पर विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने महाकुंभ की अलौकिक अनुभूति को अविस्मरणीय बताते हुए आयोजन की भव्यता और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की।

राज्यपाल ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरव बताते हुए कहा कि यह आयोजन संपूर्ण विश्व को शांति, एकता और सेवा का संदेश देता है।

दया व्यक्ति का नैतिक गुण है जो उसे सद्भाव एवं सदाचार सिखाता है: राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज ।दया व्यक्ति का नैतिक गुण है जो उसे सद्भाव एवं सदाचार सिखाता है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी पं० लालजी दुबे से उनके निज निवास भंजनपुर भारतगंज मेजा प्रयागराज में कही।संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री हृदयकर्णिका ज्योति द्विवेदी सुपुत्री वरिष्ठ समाजसेवी पं०लालजी दुबे के शुभविवाह के अवसर पर भंजनपुर भारतगंज मेजा प्रयागराज पधारे हुए थे।

जिला मंत्री ने हृदयकर्णिका ज्योति द्विवेदी सुपुत्री वरिष्ठ समाजसेवी पं० लालजी दुबे को स्नेहिल आशीर्वाद प्रदान करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की बेटी जहाँ भी रहे ताउम्र सदा सुखी रहे उसके जीवन में दुःख का साया दूर-दूर तक बना रहे और उसका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहे।आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि दया व्यक्ति का नैतिक गुण है जो उसे सद्भाव एवं सदाचार सिखाता है क्योंकि मनुष्य की मूल नैतिकता दया पर ही आश्रित है।यदि व्यक्ति में दया नही है तो वह नैतिक कर्तव्य पथ पर कभी भी नही चल सकता क्योंकि दया से ही मनुष्य के विचार में सद्भाव एवं सदाचार उत्पन्न होते हैं जो उसे नैतिक कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

जिला मंत्री ने आगे कहा कि इस संसार में वास्तविकता तो यह है कि मनुष्य खाली हाथ ही आता है और खाली हाथ ही जाएगा।यहाँ तक कि यह नश्वर भौतिक शरीर भी मिट्टी में मिल जाएगी।मनुष्य का मूल जीवन सदैव सत्य एवं न्याय पथगामी होकर दया,प्रेम,परोपकार एवं सहानुभूति को अपने आत्मा में अभिसिंचित करना है जिससे यह प्राप्त मानव जीवन सफल हो सके। जिला मंत्री ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि नैतिक गुणविहीन मनुष्य का जीवन व्यर्थ है,सद्भाव एवं सदाचार ही नैतिकता का मूल अर्थ है।

इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं०दयाशंकर शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा मनुष्य के नैतिक दायित्वों की विवेचना बहुत ही सुन्दर एवं सार्वभौमिक सत्यता में वर्णित किया गया है।वास्तव में मनुष्य को नैतिक कर्तव्य का परिपालन करते हुए सत्य एवं न्याय पथिक बनकर अपने प्राप्त मानव जीवन को परिपूर्ण करते हुए मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करना चाहिए।इस साहित्यिक एवं रचनात्मक वार्ता के दौरान जिला मंत्री के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं०दयाशंकर शुक्ला,वरिष्ठ समाजसेवी पं० लालजी दुबे,वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,शिक्षाविद पारस नाथ पाठक एवं समाजसेवी पं० शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

प्लास्टिक मुक्त स्वच्छ दिव्य भव्य महा कुंभ बनाने के लिए गंगा सेवा दूतों ने लिया संकल्प

 विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज दिव्य भव्य महा कुंभ बनाने के लिए सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग से गंगा सेवा दूतों को मेले में लगाया गया है मेले के अंदर कहीं भी गंदगी ना रहे प्लास्टिक मुक्त महा कुंभ बनाने के लिए गंगा सेवा दूत सेक्टर 14,15,16 में दिन रात मेहनत कर रहे हैं कुंभ मेले को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए संकल्प लिया है कि मेले में आए हुए सभी साधु संतों और श्रद्धालुओं से मिलकर स्वच्छता के बारे में उनको मोटिवेट कर रहे हैं,कैपं एवं सड़क पर गंदगी ना करें, खुलें में शौच न जाए।

 शौचालय का इस्तेमाल करें, गंगा मां के जल में कपड़ा न धुले, प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें, कचरे को डस्टबिन में डालें, फूलों को बाहर ही चढ़ाएं, मेले में आए हुए श्रद्धालु ओं को सही रास्ता बताना और उनके कैंप तक पहुंचाना ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज सिंह विकास चौधरी ,आशीष त्रिपाठी,कृष्ण श्रीवास्तव, गंगा सेवा दूतों द्वारा जितेंद्र, प्रवीण, उपमन्यु श्रीवास्तव , कर्म सिंह ,विजय आर्या ,शिव बाबू मौर्य, चंद्रभान मौर्य, भागीरथी ,तेजनारायण कुशवाहा ,आलोक शुक्ला मेले में बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

भिक्षाटन के रूप में स्वच्छता का संकल्प व वचन ले रहे हैं :सरदार पतविंदर सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। गंगा-यमुना एवं उसके घाट तट को स्वच्छ रखने का संकल्प के रूप में वचन ले रहे हैं आए हुए महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं से बताते चलें पिछले 35 वर्षों से माघ मेला,अर्ध कुंभ,कुंभ,अब महाकुंभ म भी सरदार पतविंदर सिंह भिक्षा के रूप संकल्प-वचन घाट में बैठकर मांग रहे हैं गंगा और यमुना में हो रहे प्रदूषण को लेकर सरदार पतविंदर सिंह महाकुंभ मेले में घूम घूमकर प्ले कार्ड में स्लोगन लिखकर सामाजिक कार्य अपने सहयोगियों के साथ कर रहे हैं।

सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि पैसे नहीं बल्कि गंगा-यमुना और उनके तट को स्वच्छ रखने की मांग करते हैं उन्होंने कहा कि ना पैसा- ना कोई मूल्यवान वस्तु मुझे चाहिए आपसे वचन व संकल्प केअभिलाषी हैं। सरदार पतविंदर सिंह ने लोगों से कहा कि धर्म की नगरी में पान,गुटखा,तंबाकू का नशा ना करें ।भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने पिछले 35 वर्षों से मतदाता जागरूकता अभियान चलाते हुए।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने मतदाताओं को जागरूक करने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी पिछले 35वर्षों से देश के विभिन्न कोने में भ्रमण कर मतदाताओं को जगाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर से मतदान अवश्य करें,लोकतंत्र मजबूत करें का संदेश विभिन्न माध्यमों से दिया जैसे भिखारियों के साथ, विभिन्न धार्मिक स्थलों के प्रांगण में बैठकर मतदाताओं को प्रेरित,मतदाताओं की चरण पादुका साफ कर,मतदाताओं के चरण धोकर,अपने अर्धनग्न शरीर पर सूक्ति वाक्य लिखकर,दीवार लेखन,चौपाल लगाकर,नंगे पांव पद यात्रा,सब से आश्चर्यजनक बात मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अपने मुंह पर कालिख पोतने में भी रच मात्र संकोच नहीं किया मतदाताओं के बीच में भ्रमण करते रहे,जूते-चप्पलों की माला पहन कर,गधे पर सवार होकर भ्रमण,मतदाताओं (युवाओं) के चरण पादुका हाथों में सजो कर( एक कदम-मतदान की ओर)बस एक ही उद्देश्य रहा कि मतदाता-मतदान प्रतिशत बढ़ जाए,जागरूकता के लिए कभी किसी से आर्थिक सहयोग नहीं लिया,पिछले 35वर्षों से मतदाता जागरूकता जैसे आदि सामाजिक कार्य देशभर में किए।

अविस्मरणीय है सरदार पतविंदर सिंह का देश प्रेम प्रयागराज सहित देश में अपनी प्रतिभा के कारण सामाजिक क्षेत्र के बीच लोकप्रिय सरदार पतविंदर सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय भूपेंद्र सिंह ने अपने जीवन के बाल्यवस्था,युवावस्था की बसंत पूर्ण कर लिए,प्रयागराज अरैल तहसील के गुरु नानक नगर में जन्मे,दिखावे और पक्षपात से दूर सरल स्वभाव के धनी,सादा जीवन उच्च विचार के हिमायती सरदार पतविंदर सिंह सशक्त समाज सेवी हैंl सरदार पतविंदर सिंह से जब भी कोई मिलता है तो ना जाने क्यों देशभक्ति की धारा अंकुरित हो जाती है सुदूर आयोजनों में भी अपनी उपस्थिति ना केवल दर्ज कराते हैं बल्कि वहां अपनी अमिट छाप छोड़ कर भी आते हैं यह कभी ना थकने वाले,कभी न झुकने वाले,अपनी मंजिल तक पहुंचकर ही रुकने वाले सरदार पतविंदर सिंह कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं और वह सदैव सरल स्वभाव और सदैव सुलभ रहते हैं जिसका प्रभाव आज भी यहां के आबोहवा में देखने को मिल रहा है या परिलक्षित हो रहा है।

सरदार पतविंदर सिंह की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि वे स्वयं महत्वकांक्षा से रहित रहकर दूसरों को महत्व प्रदान करते हैं निजी पहचान बनाने की लालसा से दूर रहकर अपने आसपास जुड़े लोगों को महत्त्व प्रदान करने में रुचि रखते हैं जो इनको आम से खास बनाती है बाल्यवस्था से ही नियमित सामाजिक जागरूकता के कार्यों के कार्य सदैव राष्ट्रप्रेम और जन जागृति की अलख जगाते रहते हैं सामाजिक सेवा में सदैव राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर निर्लिप्त भाव से जो सेवा कर रहे हैं वह अविस्मरणीय हैंl मानव समाज को समृद्धिशाली बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैंl प्रयागराज का ऐसा सिख जो(भिक्षा) मांग कर लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान कर रहा हैl विश्व में एक ऐसा सिख(सरदार पतविंदर सिंह 9335357034)जो पिछले 35 वर्षों से मांग रहा है भिक्षा।

भारत देश के उत्तर प्रदेश प्रांत जिला प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में रहने वाले एक सिख जो पिछले 35वर्षों से देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों,प्रमुख चौराहों पर भिक्षा मांगते देखा जा सकता है उनका भिक्षा मांगने का तरीका एकदम अलग और अनोखा हैl सिख(सरदार पतविंदर सिंह 9335357034)देशभक्ति से लबालब बचपन से ही समाज में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करने का कार्य करने वाले संपन्न घराने से ताल्लुक रखने वाले को ऐसा जुनून चढ़ा देशभक्ति का,की भिक्षा मांगने के मार्ग पर चल दियाl भिक्षा भी ऐसी कि अपना पेट या अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की भिक्षाlमतदान के गर्भ से ही सरकार का जन्म होता है हमें वचन देना चाहिए कि मतदान के प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी जरूर करेंगे।

देश के लोकतंत्र के गर्भ(मतदान) मे सबको भागीदारी लेनी जरूरी हैl भिक्षा मांगते मांगते इस सिख को पता ही नहीं चला अब तक लोकतंत्र के कितने ही (उत्सव महापर्व) बीत गए समय के चक्र के साथ ही इस सिख युवक का बचपन,जवानी बीत गई और वृद्धावस्था की ओर अग्रसर हो गए किंतु आज भी भिक्षा मांगना नहीं छोड़ाl भिक्षा मांगने के कारण ही इन्होंने विवाह नहीं किया उन्होंने बताया कि पता नहीं अर्धांगिनी कैसी आए जिसे भिक्षा मांगना अच्छा ना लगे और देश भक्ति की मुहिम लोकतंत्र को मजबूत करने की जन जागरूकता अधूरी ना रह जाए इसलिए विवाह व सांसारिक बंधन से मुक्त रहना ही उचित समझाl

इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है :जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने अपने प्रिय मित्र समाजसेवी राजेन्द्र प्रताप सिंह(छोटकऊ) टिकरी माण्डा मेजा प्रयागराज से विकास खण्ड मेजा प्रांगण के परिसर में कही।स्पष्ट कराते चले कि जिला मंत्री एवं समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) के बीच बहुत ही पुराने मैत्रिक एवं घनिष्ठतम पारिवारिक सम्बन्ध हैं।दोनों ही सम्भ्रान्त जनों के बीच बहुत ही गहरा लगाव है यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि दोनों ही सम्भ्रान्त जन दो जिस्म एक जान हैं।

आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है क्योंकि कोई इन्सान तभी सच्चा इन्सान कहलाने का हकदार है जब उसके रक्तधमनियों में इंसानियत के पुष्प प्रवाहित हो रहे हो।एक इन्सान का परम कर्तव्य है कि वह दूसरे इन्सान की जरुरत के समय यथासम्भव मदद करें जितना वह आसानी से कर सकता है।डूबते को बचाना,भूले भटके को राह दिखाना,गरीब असहाय व्यक्तियों की मदद करना एवं अन्याय के विरुद्ध सदैव तटस्थ रहकर लोगों की मदद करना ही असली इंसानियत है।जिला मंत्री ने आगे कहा कि समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) निहायत ही ईमानदार व्यक्तित्व के धनी हैं एवं गरीब दुखियारों की सदैव मदद के लिए तत्पर रहते हैं और साथ ही साथ भूले भटकों को राह दिखाना एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ना ही अपना मूल धर्म समझते हैं ।

जो इंसानियत की मूल निशानी है एवं समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) में इंसानियत कूट-कूट कर भरी है।जिला मंत्री ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि इन्सान होकर भी इंसानियत न जाना वह मनुष्य पशु के समान है,इंसानियत ही इन्सान की असली आन बान एवं शान है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी मिथिलेश पाण्डेय ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा इंसानियत की विवेचना बहुत ही सुन्दर एवं सत्यमय वाणी में वर्णित किया गया है।वास्तव में बिना इंसानियत के इंसान के जीवन का कोई अर्थ नही है।इस साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री के साथ वरिष्ठ समाजसेवी मिथिलेश पाण्डेय,समाजसेवी राजेंद्र प्रताप सिंह(छोटकऊ),समाजसेवी एवं नलकूप मिस्त्री जन्मंजय प्रजापति,बी०एस०एन०एल० टॉवर ऑपरेटर रामवृक्ष बिंद,बृजेश तिवारी,दिनेश पाल एवं बालेन्द्र पाल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।