दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का बेहद खराब प्रदर्शन, इस बार क्यों नहीं चला केजरीवाल का जादू?
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आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के घोषित हो रहे हैं। वोटों की गिनती जारी है।इन नतीजों में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग रहा है। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में सरकार बनाते हुए दिख रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। बीजेपी ने 36 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए 41 सीटों पर बढ़त बना ली है। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों पर जीत दर्ज करनी होती है।
रूझानों में लगातार तीन बार दिल्ली की सत्ता संभालने वाली आम आदमी पार्टी की विदाई लगभग तय हो गई है। दिल्ली के चुनावी नतीजे आप प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए सदमे की तरह हैं, जो अपनी जीत का लगातार दावा कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजहें क्या हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप
पार्टी के शीर्ष नेताओं, विशेषकर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया। अरविंद केजरीवाल को भी कथित शराब नीति घोटाले में जेल जाना पड़ा था। वह काफी समय तक तिहाड़ में रहे, जिससे कहीं न कहीं उनकी और पार्टी की छवि प्रभावित हुई। भाजपा जनता को यह बताने में कामयाब रही कि केजरीवाल उतने पाकसाफ नहीं हैं, जितना वह खुद को बताते हैं।
बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीएम हाउस को संवारने पर पानी की तरह पैसा लगाने के आरोप लगे। इससे जनता में यह संदेश गया कि खुद को आम आदमी करार देने वाले सरकारी सुख-सुविधाओं का दोहन करने में पीछे नहीं हैं। इससे उनकी व्यक्तिगत छवि प्रभावित हुई।
नेतृत्व में अस्थिरता
केजरीवाल की गिरफ्तारी और बाद में इस्तीफे के कारण पार्टी के नेतृत्व में अस्थिरता आई। नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की नियुक्ति के बावजूद नेतृत्व में यह बदलाव पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। सबसे बड़ी बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता में जबरदस्त तरीके से कमी आई।
जनता से किए वादों को पूरा नहीं किया
केजरीवाल ने जनता से बड़े-बड़े वादे दिए। केजरीवाल ने यमुना नदी को साफ़ करने, दिल्ली की सड़कों को पेरिस जैसा बनाने और साफ़ पानी उपलब्ध कराने जैसे जो तीन प्रमुख वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। वादों को पूरा नहीं होने से जनता की नाराजगी असर चुनाव के परिणामों पर देखा जा सकता है।
कांग्रेस ने वोट काटे
बेशक कांग्रेस सीटों के हिसाब से दिल्ली में शायद एक सीट ही हासिल करे लेकिन उसने पूरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के वोटों को काटा है, जैसा आप ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ किया। 2013 के बाद कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ चला गया था, इसलिए कांग्रेस की वापसी से ‘आप’ को नुकसान हो रहा है। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सातों सीटों पर हार और पंजाब में केवल तीन सीटों पर जीत ने पार्टी के जनाधार में गिरावट को दिखाया, जिससे मतदाताओं का विश्वास कम हुआ।
आपसी कलह
आम आदमी पार्टी में आपसी कलह भी जनता के बीच उसकी छवि प्रभावित करने में महत्वपूर्ण रही। खासकर, स्वाति मालीवाल विवाद से पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा।
बयानों ने घोली कड़वाहट
चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों के बयान भी कुछ हद तक जनता का मूड बदलने की वजह रहे। आप नेता भाजपा को गुंडों की पार्टी करार देते रहे। केजरीवाल ने यमुना के पानी में जहर जैसे बयान दिए, जो लोगों को पसंद नहीं आये।
Feb 08 2025, 11:27