राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले बिहार के लाल कामेश्वर चौपाल का निधन, पीएम मोदी और सीएम नीतीश ने जताया शोक
डेस्क : राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले और आरएसएस की ओर से प्रथम कार सेवक का दर्जा प्राप्त करने वाले बिहार के लाल कामेश्वर चौपाल का आज शुक्रवार को दिल्ली में निधन हो गया। बिहार मूल के कामेश्वर चौपाल ने 68 वर्ष की उम्र में आज दिल्ली के गंगाराम अस्पताल अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है।
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अपने शोक संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि 'भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले कामेश्वर जी समाज के वंचित समुदायों के कल्याण के कार्यों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति'
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवेदना जाहीर करते हुए अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। स्व० कामेश्वर चौपल राम जन्म भूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।
गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया था। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, लेकिन कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान 9 नवंबर 1989 को पहली बार राम मंदिर के लिए आधारशिला रखी थी। संयोग से 9 नवंबर 2019 को ही राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया था।
कामेश्वर चौपाल ने वर्ष 1991 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने 1991 में रोसड़ा लोकसभा सीट चुनाव लड़ा जबकि 1995 में उन्हें बेगूसराय की बखरी विधानसभा से भाजपा ने टिकट दिए लेकिन दोनों ही चुनावों में उनकी हार हुई। बाद में 2002 में कामेश्वर चौपाल को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। 2014 तक वे विधान परिषद के सदस्य ही रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में सुपौल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल पाई।
Feb 07 2025, 14:41