चुनाव आयोग पर राहुल गांधी बड़ा हमला, बोले-वोटर बढ़ाकर महाराष्ट्र चुनाव में धांधली की गई

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) सांसद संजय राउत के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें चुनाव आयोग के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी। राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि चुनाव परिणामों में हेराफेरी की गई है।

5 महीने के अंदर पिछले 5 साल से ज्यादा मतदाता जोड़े गए

राहुल गांधी ने कहा कि हम इस टेबल पर महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ने वाले पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम चुनाव के बारे में कुछ जानकारी लाने जा रहे हैं। हमने विवरण का अध्ययन किया है- मतदाताओं और मतदान सूची का। हमारी टीमें काम कर रही हैं। हमें कई अनियमितताएं मिली हैं। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में विधानसभा 2019 और लोकसभा 2024 के बीच पांच साल में 32 लाख नए मतदाता जोड़े गए। लोकसभा 2024 और विधानसभा 2024 के बीच 5 महीने में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए। सवाल ये है कि 5 महीने के अंदर पिछले 5 साल से ज्यादा मतदाता कैसे जोड़े गए? यह हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं के बराबर है। दूसरा मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र में राज्य की पूरी मतदाता आबादी से ज्यादा मतदाता क्यों हैं? किसी तरह से अचानक ही महाराष्ट्र में मतदाता बनाए गए हैं।

वोटरों की आबादी राज्य की जनसंख्या से अधिक कैसे हो गई?

कांग्रेस सासंद ने कहा कि महाराष्ट्र में व्यस्कों की आबादी 9.54 करोड़ हैं। महाराष्ट्र में वोटरों की आबादी राज्य की जनसंख्या से अधिक कैसे हो गई? वोटर लिस्ट में खामी पाई गई। हम चुनाव आयोग से लोकसभा और विधानसभा चुनाव के अलग-अलग फोटो वोटर लिस्ट चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक बूथ के मतदाता दूसरे बूथ पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाता दलित समुदायों, आदिवासी समुदायों और अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं।

चुनाव आयोग पर जवाब ना देने का आरोप

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग हमारी शिकायतों पर रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है। अब, उनके जवाब न देने का एकमात्र कारण यह है कि उन्होंने जो किया है, उसमें कुछ गड़बड़ है। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं यहां स्पष्ट रूप से डेटा प्रस्तुत कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के तीन विपक्षी दल आयोग से पारदर्शिता की अपेक्षा करता है।

महाराष्ट्र में फिर आएगा सियासी भूचाल! उद्धव ठाकरे के खिलाफ 'ऑपरेशन टाइगर'

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महाराष्ट्र में फिर से सियासी खलबली मचने वाली है। महाराष्ट्र में एक और सियासी भूचाल के संकेत दिख रहे हैं। महाराष्ट्र में एक बार फिर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना गुट के टूटने की चर्चा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से उद्धव ठाकरे गुट समेत महा विकास अघाड़ी के नेताओं में बेचैनी है। इस बीच यह दावा किया जा रहा है कि विपक्षी पार्टी के कई विधायक और सांसद पार्टी छोड़ने के मूड में हैं।

एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने उद्धव सेना में सेंध लगाने के लिए ऑपरेशन टाइगर चलाया है। शिंदे गुट का दावा है कि उद्धव सेना के 6 सांसद जल्द ही शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। पिछले दिनों बाल ठाकरे की जयंती पर हुए कार्यक्रम में ये सांसद नदारद थे। हालांकि इन सांसदों के नाम अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कुछ पूर्व विधायक और नेता भी दल बदल सकते हैं।

महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के कई विधायक, सांसद, पूर्व विधायक एवं पूर्व सांसद डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं। उदय सावंत ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में जो काम हुआ है उससे लोगों को यह महसूस हो गया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में काम करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अगले तीन महीने में जो पूर्व विधायक उद्धव ठाकरे के पार्टी में हैं वे जल्द ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व को अपना लेंगे।

वित्तमंत्री के बाद आरबीआई आम आदमी पर मेहरबान, महंगी आएमआई से राहत, सस्ते कर्ज का रास्ता हुआ साफ

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ये खबर आम लोगों को खुश करने वाली है। देश के करोड़ों लोगों को सात द‍िन के अंदर दूसरा तोहफा म‍िला है। पहले सरकार ने बजट में बड़ी राहत देते हुए 12 लाख तक की आमदनी को टैक्‍स फ्री क‍िया। अब आरबीआई ने मेहरबानी दिखाई है। रिजर्व बैंक ने आखिरकार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 12वीं बैठक में रेपो रेट घटा ही दिया। जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार आरबीआई आम आदमी को सस्‍ते लोन का तोहफा देते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर ही देगा, वैसा ही हुआ।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तरफ से शुक्रवार को ब्याज दर में 25 बेस‍िस प्‍वाइंट कटौती की घोषणा की गई। इसके साथ ही रेपो रेट घटकर 6.25% पर आ गया।आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने कार्यकाल की पहली एमपीसी मीट‍िंग में ब्‍याज दर कटौती का फैसला करके लोगों को खुश कर द‍िया है। पांच साल में यह पहला मौका है जब र‍िजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की गई है। इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था।

सस्ता होगा लोन

5 फरवरी को शुरू हुई तीन द‍िवसीय द्विमासिक समीक्षा के बाद केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को करोड़ों लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट में कमी करने का फैसला क‍िया। रेपो रेट में कटौती होने के बाद उम्‍मीद है क‍ि बैंक होम लोन समेत अलग-अलग तरह के लोन पर ब्‍याज दर में कटौती करेंगे।सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है।

कितनी रहेगी ग्रोथ रेट?

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। जबकि पहले 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। वित्त वर्ष 2025-26 में आरबीआई ने 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। साथ ही सभी इकोनॉमी के स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसलटेशन का दौर जारी रहेगा। संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।

महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान

महंगाई को लेकर भी आरबीआई ने अपने अनुमान जारी किए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वैसे चौथी तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है। जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि पहली तिमाही में 4.6 फीसदी रह सकती है। इससे पहले इसमें 4.5 फीसदी का रहने अनुमान जताया जा रहा है। दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है।

बांग्लादेश बार-बार कर रहा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बात, राज्यसभा में विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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बांग्लादेश की तरफ से बार-बार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। भारत फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं दिख रहा है। दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए एक सवाल का विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है जिस पर फिलहाल अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर राज्यसभा में सवाल पूछा गया। इस पर भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्री ने जवाब दिया। जवाब में मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश ने शेख हसीना पर लगे आरोपों का विवरण साझा किया है और उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि, भारत सरकार ने इस मांग पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

इससे पहले बांग्लादेश की तरफ से बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में रहकर की जा रही गतिविधियों पर भारत को अपना विरोध पत्र भेजा है। जिसे ढाका भड़काऊ मानता है। विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि बांग्लादेश ने भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक विरोध पत्र सौंपा है, जिसमें उन्हें विदेश मंत्रालय में बुलाया गया है। तौहीद ने कहा कि ढाका ने पहले भी नई दिल्ली से हसीना को ऐसी गतिविधियों से दूर रखने का अनुरोध किया था, लेकिन ढाका को नई दिल्ली से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के जरिये से गुरुवार को फिर से ऐसे प्रयासों का विरोध किया।

एक सवाल के जवाब में विदेशी सलाहकार ने कहा कि हसीना की हालिया टिप्पणी बहुत आक्रामक थी, जिससे युवा पीढ़ी की भावनाएं आहत हो सकती हैं। हुसैन ने कहा कि हम देखेंगे कि भारत क्या कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि ढाका भारत से लगातार अनुरोध करता रहता है कि हसीना ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।

बता दें कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से ही भारत में मौजूद है और इस सबके बीच बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की मांग जरूर की है लेकिन जिस तरह से भारत सरकार का जवाब आया है वह इस ओर इशारा कर रहा है कि अभी तक शेख हसीना भारत में ही मौजूद हैं और उनके प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वहां की अंतरिम सरकार ने उनके ऊपर कई केस भी दर्ज किए हैं।

एग्जिट पोल के बाद आप को सताने लगा 'ऑपरेशन लोटस' का डर, केजरीवाल ने बुलाई सभी उम्मीदवारों की बैठक

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार यानी 8 फरवरी को आने वाले हैं। इससे पहले दिल्ली मे सियासी हलचल बढ़ गई है। सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी को ‘ऑपरेशन लोटस’ का डर सताने लगा है। आप संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि भाजपा उनके उम्मीदवारों पर डोरे डाल रही है। इन आरोपों के बीच अरविंद केजरीवाल ने आज शुक्रवार को पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। यह बैठक आज करीब साढ़े 11 बजे होगी। केजरीवाल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में सभी उम्मीदवारों को बुलाया गया है।

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कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने सभी उम्मीदवारों को चाय पर बुलाया है। सूत्रों का कहना है कि चाय पर चर्चा के बहाने अरविंद केजरीवाल दिल्ली में नतीजों के बाद की परिस्थिति को लेकर रणनीति बनाएंगे। बता दें कि केजरीवाल ने पहले ही आरोप लगाया है कि अब तक उनके 16 उम्मीदवारों को भाजपा की तरफ से फोन किया जा चुका है। उन्हें लालच देकर भाजपा में शामिल करवाने की कोशिश की जा रही है। उम्मीदवारों से कहा जा रहा है कि आप छोड़ कर भाजपा में आ जाओ। मंत्री बना देंगे और 15-15 करोड़ देंगे।

सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लिखा कि कुछ एजेंसी दिखा रही हैं कि भाजपा की 55 से ज्यादा सीटें आ रही हैं। अगर ज्यादा सीटें आ रहीं हैं तो आप उम्मीदवारों को फोन करने की क्या जरूरत है। सभी सर्वे फर्जी हैं। इसके माध्यम से दिल्ली में माहौल बनाकर आप के उम्मीदवारों को साधने की कोशिश की जा रही है।

आप सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में कहा कि इस बार भी भाजपा की सरकार नहीं बनेगी। ऐसे में आप को तोड़कर भाजपा सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। आप के सात उम्मीदवारों से भाजपा संपर्क कर 15-15 करोड़ रुपये लेकर पार्टी में शामिल करना चाह रही है। उन्होंने सभी उम्मीदवारों को सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा कि भाजपा से जितनी भी कॉल आएं, उनकी रिकॉर्डिंग कर लें। अगर कोई मुलाकात कर पैसे का ऑफर देता है, तो हिडन कैमरे से वीडियो बना लें। बता दें कि कुछ ऐसा ही दावा आप ने 2013 में किया था। उस समय पार्टी ने दिल्लीभर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर दावा किया था कि आप के उम्मीदवारों को 20-20 करोड़ रुपये देकर भाजपा में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार चलाने के बाद इस्तीफा दे दिया था।

बता दें कि एग्जिट पोल के अनुमान के बाद से ही आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। ज्यादातर एग्जिट पोल ने दिल्ली में भाजपा की जीत और आम आदमी पार्टी की हार की भविष्यवाणी की है। कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार भी बुरा रहने की संभावना है।

कौन हैं मोहिनी जिसके लिए अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा छोड़ गए हैं रतन टाटा, वसीयत में बड़ा खुलासा

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हाल ही में रतन टाटा वसीयत खोली गई। इस वसीयत को खोले जाने के बाद चौंकाने वाली बात सामने आई है। जिसमें 500 करोड़ रुपये की रकम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा यानी लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा एक ऐसी शख्सियत को दिया जिसके बारे में दुनिया कम ही जानती है। कहा जाता है कि इस मिस्ट्रीमैन की के संबंध रतन टाटा के साथ करीब 60 साल पुराने हैं। यह खबर टाटा परिवार के लिए भी चौंकाने वाली है। वैसे इस मामले में किसी का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

रतन टाटा की वसीयत में जिस मिस्ट्रीमैन को 500 करोड़ रुपए की संपत्ति देने की बात कही गई है, वो मूल रूप से जमशेदपुर के रहने वाले ट्रैवल सेक्टर के बिजनेसमैन मोहिनी मोहन दत्ता है। वसीयत में देखकर टाटा परिवार के लोग भी काफी स्तब्ध बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दत्ता और उनके परिवार के पास ट्रैवल एजेंसी स्टैलियन का स्वामित्व था, जिसे 2013 में ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के पार्ट, ताज सर्विसेज के साथ विलय कर दिया गया था। मोहिनी दत्ता और उनके परिवार के पास स्टैलियन में 80% हिस्सेदारी थी, और शेष का स्वामित्व टाटा इंडस्ट्रीज के पास था। उन्होंने थॉमस कुक की पूर्व सहयोगी कंपनी टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है।

रतन टाटा के करीबी लोगों का कहना है कि दत्ता उनके पुराने साथी थे। परिवार समेत उनके करीबी लोग दत्ता को जानते थे। इस बारे में पूछे जाने पर मोहिनी दत्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन टाटा की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय भी शामिल हैं। उन्होंने भी इस पर कुछ नहीं कहा। एक और एग्जीक्यूटर डेरियस खंबाटा ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। चौथे एग्जीक्यूटर मेहली मिस्त्री ने कहा, मैं इस व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संपत्ति के वितरण पर गहन जांच हो सकती है। 74 वर्षीय मोहिनी मोहन दत्‍ता टाटा समूह के पूर्व कर्मचारी हैं। उनका दावा है कि वे रतन टाटा के करीबी थे और उनकी वसीयत से बड़ी राशि मिलने की उम्‍मीद भी कर रहे हैं। दत्‍ता ने रतन टाटा की संपत्ति को स्‍वीकार करने पर सहमति भी जता दी है। दत्‍ता का दावा है कि उनकी मुलाकात 24 साल की उम्र में रतन टाटा से हुई थी। सूत्रों का कहना है कि वैसे तो दत्‍ता ने रतन टाटा की ओर से गिफ्ट की गई संपत्ति को स्‍वीकार करने पर राजी हैं, लेकिन उनका मानना है कि यह रकम करीब 650 करोड़ रुपये होगी। इससे रतन टाटा के हितधारकों में चिंता बढ़ गई है।

पिता मुजीबुर्रहमान के आवास पर हमले से भड़कीं हसीना, कहा-वो इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं इतिहास नहीं

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बांग्लादेश में बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात जमकर हिंसा हुई है। हिंसक प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने राजधानी ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी-32 स्थित आवास को आग लगा दी गई। घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया।ये तोड़फोड़ उस समय की गई शेख मुजीब की बेटी और बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं। 

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बांग्लादेश में हिंसक कार्रवाइयों के बीच दिए गए संबोधन में शेख हसीना ने कह कि अगर वह अभी जिंदा हैं, तो निश्चित रूप से कुछ बड़ा काम बाकी है। अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है तो कुछ जरूर बड़ा काम करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को मात नहीं दे पाती। हसीना ने कहा कि भीड़ बुलडोजर से उनका घर गिरा सकती है, लेकिन इतिहास को मिटाने में सफल नहीं होगी।

हसीना ने भावुक होते हुए कहा, हम धनमंडी की उन यादों को जीते हैं। अब वे उस घर को नष्ट कर रहे हैं। पिछली बार उन्होंने इस घर को आग लगा दी थी। अब वे इसे तोड़ भी रह हैं। क्या मैंने कुछ नहीं किया? क्या मैंने आप सभी के लिए काम नहीं किया? हसीना ने समर्थकों को ऑनलाइन संबोधन में कहा, जिस घर से मेरे पिता ने आजादी का आह्वान किया था, उसे क्यों लूटा गया? मैं अपने लोगों से पूछना चाहती हूं कि इसके पीछे कौन है? मुझे न्याय चाहिए।

शेख हसीना ने आगे कहा कि जिस घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी, उस घर से मेरी काफी यादें जुड़ी हुई थी। उन्होंने मोहम्मद यूनुस और उनके समर्थकों को चुनौती देते हुए कहा कि वो लोग राष्ट्रीय ध्वज, संविधान को बुलडोजर से नष्ट कर सकते हैं, जिसे हमनें लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया था। बुलडोजर से इतिहास नहीं मिट सकता।

बता दें कि हसीना के घर के बगल के भूखंड में बने अवामी लीग से जुड़े कई संगठनों के कार्यालय भी ध्वस्त कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने धानमंडी में रोड पांच स्थित हसीना के दिवंगत पति वाजिद मियां के आवास ‘सुधा सदन’ में भी आग लगा दी है। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद हसीना के पिछले साल पांच अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद से यह आवास खाली पड़ा था।

लता मंगेशकर-देवानंद-बलराज साहनी तक का जिक्र, पीएम मोदी ने इमर्जेंसी के “काले” दिन को किया याद

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बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरा। बृहस्पतिवार को पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देने आए तो जमकर कांग्रेस को सुनाया। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पीएम मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने ओबीसी से लेकर आरक्षण तक कांग्रेस को जमकर घेरा। बलराज साहनी, देवानंद से लेकर किशोर कुमार के साथ हुई ज्यादतियों को याद दिलाया। इसके साथ ही कांग्रेस की रीति-नीति को लेकर भी पीएम मोदी ने करारे वार किए।

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अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की पहली सरकार थी। नेहरू प्रधानमंत्री थे। मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई, उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था- कॉमनवेल्थ का दास है। ये कविता उन्होंने गाई थी। कविता गाने पर नेहरू ने देश के एक महान कवि को जेल में ठूंस दिया। मशहूर अभिनेता बलराज साहनी आंदोलन करने वालों के सिर्फ एक जुलूस में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता स्वरबद्ध करके आकाशवाणी पर प्रस्तुत करने की योजना बनाई, इतने मात्र से हृदयनाथ मंगेशकर को आकाशवाणी से हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया। इसके बाद देश ने आपातकाल का भी दौर देखा है। संविधान को किस प्रकार से कुचला गया। संविधान की भावना को किस प्रकार से रौंदा गया, वह भी सत्ता सुख के लिए किया गया।

इमर्जेंसी को लेकर किया गुस्से का इजहार

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इमर्जेंसी के उन दिनों को भूल नहीं सकता और शायद आज भी वो तस्वीरें मौजूद हैं। ये जो लोग लोकतंत्र की बातें करते हैं, मानव गरिमा की बातें करते हैं और बड़े-बड़े भाषण देने के शौकीन हैं।' इतना कहते ही प्रधानमंत्री का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा। उन्होंने बेहद गुस्से में कहा, 'आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेता, उनको हथकड़ियां और जंजीरों से बांधा गया था। इनके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता है।'

जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दौर को याद दिलाते हुए कहा, संविधान को किस प्रकार से कुचला गया, वो भी सत्ता सुख के लिए किया गया। ये भी देश जानता है। उस दौरान प्रसिद्ध सिने कलाकार देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वे इमरजेंसी का सार्वजनिक रूप से समर्थन करें। देवानंद ने इससे इनकार कर दिया और इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। ये लोग संविधान की बातें करते हैं, जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं। ये सब उसी का तो परिणाम था। मशहूर गायक किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया तो आकाशवाणी पर उनके सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया।

जिस तरह से हो मौसम बदलना चाहिए..,राज्यसभा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर शायराना कटाक्ष

#pmmodiattackscongressinrajyasabha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कांग्रेस पर जमकर बरसे। राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपत‍ि के अभ‍िभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आपातकाल से लेकर दूरदर्शन पर देवानंद की फिल्म तक सभी मुद्दों बारी-बारी से चर्चा कर विपक्ष को आड़े हाथ लिया।संसद में पीएम मोदी का शायराना अंदाज भी चर्चा का विषय रहा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए एक से बढ़कर एक पंक्तियां पढ़ी।

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संसद में विपक्ष पर कटाक्ष करने के लिए पीएम मोदी ने गोपाल दास नीरज की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि...

है बहुत अंधियारा, अब सुरज निकलना चाहिए..

जिस तरह से भी हो बस ये मौसम बदलना चाहिए....।।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 1970 जब चारो ओर कांग्रेस ही कांग्रेक का राज चलता था तब फिर गोपाल दास नीरज का एक और कविता प्रकाशित हुआ था। 'फ़िर दीप जलेगा'.. पीएम मोदी ने उस पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि...'मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा'

इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि 'सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा'

कांग्रेस को बताया एक परिवार को समर्पित दल

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। ये हम सब का दायित्व है। इसीलिए देश ने हम सब को यहां बैठने का अवसर दिया है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास के संबंध में कुछ अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती है। ये उनकी सोच के बाहर है। उनके रोडमैप में सही नहीं बैठता। इतना बड़ा दल एक परिवार को समर्पित हो गया है, उनके लिए सबका साथ, सबका विकास संभव ही नहीं है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर तंज

पीएम मोदी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लेते हुए कहा कि सदन में वह पिछले कुछ समय से काफी कविताएं सुना रहे हैं। एक मैं भी सुनाता हूं- तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है। कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी के हालात देखकर दुखी हैं लेकिन वहां कुछ कह नहीं सकते। अपने दिल की बात यहां आकर कहते रहते हैं।

कांग्रेस कालखंड में अटकाना-भटकाना-लटकाना की संस्कृति

पीएम मोदी ने कहा कि विकासशील से विकसित की यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर से गुजरती है और हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को समझते हुए इस पर बल दिया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात होती है, तो ये भी जरूरी है कि वो समय से पूरे हों। कांग्रेस के कालखंड में अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति बन गई थी। कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और मैं स्वयं नियमित रूप से इस प्रगति प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की विस्तार से मॉनिटरिंग करता हूं।

समंदर में दुश्मन का हर वार होगा नाकाम, रूस से एंटी-शिप क्रूज मिसाइल खरीद रहा भारत, बढ़ेगी नौसेना की ताकत

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भारत लगाातार अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा कर रहा है। साउथ एशिया में भारत एक मजबूत देश के रूप में उभर रहा हैं। अब भारत सरकार ने इंडियन नेवी को और ताकतवर बनाने के लिए रूस से क्लब-एस क्रूज मिसाइलों की खरीददारी के लिए बहुत बड़ा समझौता किया है। भारत ने एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों की खरीद के लिए रूस के साथ ये अहम समझौता किया है। इस कदम से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी बेड़े की युद्धक क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी दी। मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि आज रक्षा मंत्रालय ने रूस के साथ एंटी-शिप क्रूजत मिसाइल की खरीद के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन मिसाइलों से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी बेड़े की युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। समझौता रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में किया गया। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल सिस्टम के नाम, संख्या और लागत को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है

बता दें कि एंटी-शिप क्रूज मिसाइल गाइडेड मिसाइल होती हैं, जिसे समुद्र में दुश्मन के जंगी जहाजों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें पनडुब्बियों में लगाया जाता है, और ये पलभर में दुश्मन के फाइटर जेट्स को तबाह करने की क्षमता रखती हैं। बता दें कि कई देशों ने अपने यहां एंटी-शिप क्रूज मिसाइल विकसित की हैं। रूस की एंटी-शिप क्रूज मिसाइल को काफी पावरफुल माना जाता है।

इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना की किलो-क्लास अटैक पनडुब्बियों में फिट किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी मिसाइलों को सिंधुघोष-क्लास के नाम से जानी जाने वाली डीजल-इलेक्ट्रिक पावर्ड अटैक पनडुब्बियों में लैस किया जाएगा। जो किलो-क्लास (प्रोजेक्ट 877) पर आधारित है। इन पनडुब्बियों को भारत ने 1980 के दशक में सोवियत संघ से खरीदा था।

भारतीय नौसेना कलवरी, सिंधुघोष और शिशुमार क्लास की पनडुब्बियों का संचालन करती हैं। सिंधुघोष-क्लास या किलो-क्लास पनडुब्बियां रूस और भारत के बीच एक समझौते के तहत निर्मित डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं। ये लंबी दूरी के गश्त के लिए डिजाइन की गई हैं और टॉरपीडो तथा मिसाइलों से लैस हैं। इस बेड़े में आईएनएस सिंधुघोष, आईएनएस सिंधुध्वज, सिंधुराज, आईएनएस सिंधुवीर, आईएनएस सिंधुरत्न, आईएनएस सिंधुकेसरी, आईएनएस सिंधुकिर्ती, आईएनएस सिंधुविजय, आईएनएस सिंधुरक्षक और आईएनएस सिंधुशस्त्र शामिल हैं। हालांकि, आईएनएस सिंधुध्वज, आईएनएस सिंधुरक्षक और आईएनएस सिंधुवीर अब सेवा में नहीं हैं और अगले 2-3 सालों में दो और पनडुब्बियों के सेवानिवृत्त होने की संभावना है।