आम बजट पेश कर रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किसानों को सौगात, पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प का बजट है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। गरीब, युवा, किसान और महिला का यह बजट है। इस बजट से भारत की इकनॉमी को रफ्तार मिलेगा। मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा। 6 सेक्टर में तेजी से विकास होगा।

विपक्ष का वॉक आउट

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के दौरान विपक्ष में शोरशराबा देखने को मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष महाकुंभ हादसे को लेकर हंगामा कर रहा है। इस बीच विपक्ष ने बजट सत्र के बीच में ही वॉक आउट कर दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद कुंभ पर डिस्कशन के लिए हंगामा कर रहे थे। उन्होंने नारेबाजी की। वित्त मंत्री ने जैसी है बजट पढ़ना शुरू किया, सपा सांसद सदन से बाहर चले गए।

पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है। इससे 100 जिलों में लो प्रोडक्टिविटी पर फोकस कर के इसमें सुधार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव किया जाता है। मखाना की मार्केटिंग के लिए बोर्ड बनाया जाएगा। मखाना किसानों को फायदे के लिए ये किया जाएगा। ये भी कोशिश की जाएगी की सभी सरकारी योजना का फायदा इनको मिले। उन्होंने कहा कि सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मंदिरों में VIP दर्शन जारी रहेंगे या होगा बंद, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के मंदिरों में ‘वीआईपी दर्शन' और ‘पैसे देकर दर्शन' की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा इस तरह की व्यवस्था से कई जगहों पर मंदिर में भगदड़ की घटना भी हो चुकी हैं। ये सरकारों का संवैधानिक दायित्व है कि वह असमानता दूर करने के लिए कदम उठाए। सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस पर विचार नहीं करेंगे। हालांकि हम भी आपकी इस राय से सहमत हो सकते है कि किसी को कोई विशेष वरीयता नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट अनुच्छेद 32 के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकता।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने राज्यों द्वारा प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन का लाभ उठाने के लिए किसी तरह की 'मानक संचालन प्रक्रिया' के साथ आने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को विशेष व्यवहार देना मनमाना और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। किसी भी एसओपी की कमी के कारण भगदड़ की घटनाएं भी होती हैं। लेकिन सीजेआई ने कहा ये कि मुद्दा कानून और व्यवस्था का लगता है और याचिका उसी पहलू पर होनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह एक नीतिगत मामला है, जिस पर केंद्र सरकार को विचार करना होगा। सीजेआई ने तर्क दिया कि आज 12 ज्योतिर्लिंग, सभी शक्तिपीठ इस तरह की प्रथा का पालन कर रहे हैं, यह पूरी तरह से मनमाना है। राज्य को किसी तरह के एसओपी तैयार करने दें। उन्होंने कहा कि कृपया विशिष्ट मुद्दे के संबंध में विशिष्ट प्रार्थना करें।

हालांकि पीठ इस बात से सहमत है कि कि वीआईपी के लिए ऐसा विशेष व्यवहार मनमाना है। सीजेआई ने कहा कि बेंच इस मुद्दे से सहमत है, लेकिन अनुच्छेद 32 के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, 'हालांकि हमारी राय है कि मंदिरों में प्रवेश के संबंध में कोई विशेष व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन हमें नहीं लगता कि यह अनुच्छेद 32 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने का उपयुक्त मामला है।' यह आदेश में दर्ज किया गया लेकिन मामला सरकार के विचार के लिए छोड़ दिया गया।

बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मिला इनका साथ, जानें पर्दे के पीछे कौन?

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी ही देर में देश का आम बजट पेश करेंगी। बजट का निर्माण केवल एक दिन का काम नहीं है, यह एक जटिल और गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय करना होता है। क्या आप जानते हैं कि बजट कौन तैयार करता है। आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा अधिकारियों की पूरी एक नई टीम सीतारमण को आगामी बजट की रणनीति तैयार करने में मदद की है। यहां हम आपको उन अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं जो बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े हैं।

हर साल वित्त मंत्री की देखरेख में बजट तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने के लिए खास लोगों का चुनाव किया जाता है, जो बजट का खाका तैयार करते हैं और फिर अप्रूवल मिलने के बाद वो बजट तैयार होता है जिसे सदन में वित्त मंत्री पढ़ते हैं। इस साल बजट तैयार करने में कई लोग अपना अहम योगदान रहा,इस टीम में शामिल मुख्य लोगों के नाम इस प्रकार हैः-

1. तुहिन कांत पांडे, फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी: बजट 2025-26 तैयार कर रही टीम के अहम खिलाड़ियों में 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडे शामिल है. फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त तुहिन कांत पांडे बजट में टैक्स छूट की, रेवेन्यू जुटाने के तरीकों को देख रहे हैं. वो इनकम टैक्स कानून में बदलाव की प्रक्रिया को देख रहे हैं, जो संसद में पेश किया जाएगा.

2. वी अनंत नागेश्वरन, चीफ इकनॉमिक एडवाइजर: आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र और मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट वी अनंत नागेश्वरन बजट टीम का हिस्सा है। उनकी ओर से इकनॉमिक सर्वे तैयार की जा रही है, जो बजट की दिशा तय करेगी।

3. अजय सेठ, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स: अंतिम बजट दस्तावेज तैयार करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे अजय सेठ की जिम्मेदारी व्यापक आर्थिक स्थिरता की देखरेख करना है। 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मांग के बीच ग्रोथ और फिस्कल कंसोलिडेशन जरूरतों को संतुलित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

4. अरुणीश चावलाः1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव का पदभार मिला। चावला ने अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाला। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देखेंगे।

5. एम.नागराजूःत्रिपुरा कैडर के 1993 बैक के आईएएस अधिकारी एम.नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। वह फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक नागराजू इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं। नागराजू 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।

6. मनोज गोविल, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर के सेक्रेटरीः मनोज गोविल 1991 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। गोविल की टीम डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर में काम कर रही है। सब्सिडी और इसमें बदलाव, केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सुसंगत बनाना, व्यय की गुणवत्ता में सुधार करने पर इनकी टीम का प्रमुख रोल रहा है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, बजट पेश करने की ली मंजूरी

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मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक आम बजट आज पेश होने जा रहा है। बजट 2025 पर सबकी निगाहें टिकी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार आठवां बजट पेश करने की तैयारी में हैं। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति भवन पहुंची। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति को बजट के अहम प्रावधानों और बदलावों की जानकारी दी। यह परंपरा है, जिसमें राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है। राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री का मुंह मीठा कराया। इसके बाद वित्त मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल होंगी, जहां से बजट को पारित किया जाएगा और फिर सुबह 11 बजे बजट को लोकसभा में पेश किया जाएगा।

मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी निर्मला की साड़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के मौके पर आज खास साड़ी पहनी है। ये साड़ी मधुबनी पेंटिंग वाली है। इस साड़ी पर पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी की पेंटिंग हैं। दुलारी देवी को 2021 में पद्म श्री पुरस्कार मिला था। निर्मला सीतारमण ने जब मधुबनी की यात्रा की थी तो उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात भी की थी। दुलारी देवी ने तब उन्हें एक साड़ी गिफ्ट की थी और कहा था कि वो बजट के दिन इसे पहने।

क्या होगा बजट में ?

बढ़ती महंगाई और कम होती जीडीपी ग्रोथ के बीच उम्‍मीद है क‍ि सरकार की तरफ से इकोनॉमी को बूस्‍ट देने के लि‍ए इस बार बड़े ऐलान क‍िये जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बजट में ग्रोथ बढ़ाने पर खास फोकस होगा। कंजप्शन बढ़ाने के लिए ठोस ऐलान होंगे। रेल, पोर्ट और एयरपोर्ट पर कैपेक्स बढ़ सकता है। मिडिल क्लास के लिए कई कदम उठ सकते हैं। इनकम टैक्स में बड़े बदलाव की तैयारी है। स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रु से बढ़ाकर 1 लाख रु की उम्मीद है. 20% और 30% वाले स्लैब में बदलाव की गुंजाइश है। कॉरपोरेट टैक्स में सीधे तौर पर राहत की संभावना कम है।

टैक्‍स का बोझ कम करने की मांग

म‍िड‍िल क्‍लास के लोगों के लिए ज्‍यादा टैक्स का बोझ चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार के पास अप्रत्यक्ष करों जैसे जीएसटी में बदलाव करने की सीमित क्षमता है, क्योंकि यह जीएसटी काउंस‍िल की तरफ से तय किया जाता है। फिर भी, जरूरी चीजों जैसे कि खाद्य तेल पर आयात शुल्क कम करके और पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट पर टैक्स में कुछ राहत दी जा सकती है। म‍िड‍िल क्‍लास की इनकम टैक्स का बोझ कम करने की भी लंबे समय से मांग रही है, क्योंकि इससे उनके पास खर्च करने के लिए ज्‍यादा पैसे बचेंगे।

पेंशन पर क्या ऐलान हो सकता है?

पेंशन के मोर्चे पर बजट में बड़ा ऐलान हो सकता है। एनपीएस, ईपीएस और यूपीएस जैसे पेंशन स्कीमों को लेकर बजट में बड़े ऐलान संभव हैं।एनपीएस में रिटायरमेंट पर 40% फंड को एन्युटी में निवेश की बाध्यता खत्म हो सकती है।

बजट से पहले आम आदमी को बड़ी राहत, एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में हुई बड़ी कटौती

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बजट 2025 पेश होने से कुछ घंटे पहले देश के करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिली है। देश के आम लोगों को गैस सिलेंडर की कीमतों पर राहत दी गई है। आज यानी 1 फरवरी से कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 7 रुपये की कमी कर दी गई है। घटी हुई कीमत सिर्फ 19 किलोग्राम वाले कमर्शिल सिलेंडर पर लागू होंगी, जबकि घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आईओसीएल के आंकड़ों के अनुसार गैस सिलेंडर के दाम में लगातार दूसरे महीने कटौती की गई है। वास्तव में ये कटौती कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई है।

पिछले महीने सबसे बड़ी ओएमसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने 6 महीने में पहली बार 19 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमतों में 14.5 रुपये की कटौती की थी, जो मेट्रो शहरों में 16 रुपये हो गई थी। नए साल 2025 के बाद से 19 किलोग्राम के सिलेंडर में एलपीजी की कीमतों में लगातार दूसरे महीने गिरावट देखी जा रही है।

देश की राजधानी दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 7 रुपए की कटौती हुई है और दाम 1,797 रुपए हो गए हैं। कोलकाता में सबसे कम 4 रुपए की कटौती हुई है और दाम 1907 रुपए हो गए हैं. जबकि मुंबई और चेन्नई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 6.5 रुपए की कटौती की गई है। जिसके बाद दोनों महानगरों में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें क्रमश: 1749.50 रुपए और 1959.50 रुपए हो गई हैं। अगर बीते दो महीनों की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली और मुंबई में कमर्शियल गैस सिलेंडर 21.5 रुपए सस्ता हुआ है। जबकि कोलकाता में 20 रुपए और चेन्नई में 21 रुपए की गिरावट देखने को मिली है।

घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं

वहीं दूसरी ओर घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में लगातार 11वें महीने कोई बदलाव नहीं हुआ है। मार्च 2024 में में आखिरी बार घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव हुआ था। जब आईओसीएल ने सरकार के ऐलान के बाद घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में फ्लैट 100 रुपए की कटौती की थी। सरकार ने होली और लोकसभा चुनाव से पहले आम लोगों को राहत देने का प्रयास किया था। तब से अब तक घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। तब से अब तक दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 803 रुपए बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर कोलकाता में कीमत 829 रुपए, मुंबई में 802.50 रुपए और चेन्नई में 818.50 रुपए हैं।

पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के शुल्क में बदलाव की उम्मीद

एलपीजी की कीमतों में ये बदलाव बजट 2025 से पहले आया है। आज वित्तमंत्री देश का बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के शुल्क में बदलाव की उम्मीद है। इस पर नजर रखी जाएगी कि क्या वित्त मंत्री एलपीजी या अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स से संबंधित किसी सुधार का ऐलान करती हैं।

बांग्लादेश में बढ़ता कट्टरपंथःमहिलाओं का फुटबॉल खेलना "इस्लाम विरोधी", हाथ पर हाथ धरे बैठे यूनुस

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भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हिम्मत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां वो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो अब महिलाओं के साथ भी सौतेला व्यवहार शुरू हो गया है। सीधे शब्दों में कहें तो बांग्लादेश में तालिबान राज कायम हो गया है। बांग्लादेश में अब महिलाओं का फुटबॉल खेलना इस्लाम विरोधी हो गया है। कट्टरपंथियों ने महिला फुटबॉल मैच को रद्द करा दिया। यह सब तब हो रहा है, जब नोबेल पुरस्कार वाले यूनुस का बांग्लादेश में राज है।

दरअसल, बांग्लादेश के अकेलपुर उपजिला में 28 जनवरी को होने वाले एक महिला फुटबॉल मैच पर भारी विरोध हुआ, जिसमें स्थानीय लोगों ने इसे इस्लामिक विरोधी बताते हुए मैदान में तोड़फोड़ की। अकेलपुर उपजिला में टी-स्टार नाम का स्थानीय स्पोर्ट्स क्लब है, जिसने तिलकपुर हाई स्कूल के मैदान में दो महिला टीमों के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन किया था। इस मैच की तैयारियां पिछले एक महीने से चल रही थीं और टिकट भी बेचे जा रहे थे। मैच के लिए जॉयपुरहाट और रंगपुर की महिला टीमों के बीच मुकाबला होना था। लेकिन मैच से पहले ही मदरसा छात्रों और स्थानीय इस्लामवादी लोगों के एक वर्ग ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने मैदान में पहुंचकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। उनका कहना था कि महिलाओं का खेल खेलना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है। विरोध के कारण आयोजन रद्द करना पड़ा।

बांग्लादेश में पूरी तरह से कट्टरपंथियों का कब्जा हो चुका है। उनको पता है कि वे धर्म के नाम पर हिंसा कर यूनुस के राज में आसानी से बच सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों को जला दिया, धार्मिक स्थलों को तोड़-फोड़ दिया, शिक्षकों पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोपों पर लोगों की हत्या कर दी - फिर भी वे खुलेआम घूम रहे हैं। दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की सरकार चुपचाप बैठकर तमाशा देख रही है। जब कोई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देशद्रोही, गद्दार, इस्लाम विरोधी का तमगा देकर परेशान किया जाता है

प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी पर हमला किया: 'कांग्रेस के शाही परिवार ने राष्ट्रपति का अपमान किया'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए 'बेचारी' टिप्पणी करने के लिए निशाना साधा और कहा कि 'शाही परिवार' ने 'आदिवासी बेटी' का अपमान किया है। "द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी परिवार से आई हैं। उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं, बल्कि उड़िया है। उन्होंने आज संसद को बहुत ही शानदार तरीके से प्रेरित किया और भाषण दिया। लेकिन कांग्रेस के शाही परिवार ने उनका अपमान करना शुरू कर दिया है। शाही परिवार के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने एक उबाऊ भाषण दिया। एक अन्य सदस्य ने एक कदम आगे बढ़कर राष्ट्रपति को एक बेचारी कहा। उन्हें एक आदिवासी बेटी का भाषण उबाऊ लगता है," प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में एक राजनीतिक रैली में कहा। पीएम मोदी ने कहा कि यह टिप्पणी देश के 10 करोड़ आदिवासी भाइयों और बहनों का अपमान है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, "यह देश के 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों का अपमान है। यह देश के हर गरीब व्यक्ति का अपमान है, उन्हें लोगों को गाली देना, विदेशों में भारत को बदनाम करना और शहरी नक्सलियों के बारे में बात करना पसंद है। दिल्ली को बहुत सावधान रहना होगा। हारने के डर से इन दो अहंकारियों ने हाथ मिला लिया है।"

सोनिया गांधी ने क्या कहा?

संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक चुकी थीं, 'बेचारी', वे मुश्किल से बोल पा रही थीं।"

भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने इस वाक्यांश की निंदा की। उन्होंने कहा, "मैं और भाजपा का हर कार्यकर्ता श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए "बेचारी" वाक्यांश के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है। जानबूझकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के अभिजात्य, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी स्वभाव को दर्शाता है।"

राष्ट्रपति भवन ने प्रतिक्रिया दी

राष्ट्रपति भवन ने भी इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि यह खराब स्वाद वाली है। इसमें कहा गया है, "संसद में माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, और इसलिए अस्वीकार्य हैं।"

कौन हैं शुभांशु शुक्ला? स्पेस एक्स ड्रैगन के पायलट बनेंगे, ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे

#who_is_shubhanshu_shukla_become_first_indian_astronaut_to_pilot_axiom_4_ws

इंडियन एयरफोर्स के ऑफिसर शुभांशु शुक्ला को नासा के एग्जियम मिशन 4 के लिए पायलट चुना गया है। जल्द ही वे स्पेस एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर जाएंगे। शुभांशु आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे। यह मिशन 14 दिन तक चलेगा। इसके तहत रिसर्च की जाएगी। शुभांशु इसरो के मिशन गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे है।

इंडियन एयरफोर्स के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने को बेताब हैं। वे एक्सिओम मिशन 4 के पायलट के रूप में चुने गए हैं। यह मिशन नासा और इसरो के बीच एक संयुक्त प्रयास का हिस्सा है। मिशन की कमांड पैगी व्हिटसन संभालेंगी । शुभांशु पायलट होंगे। इनके साथ मिशन स्पेशलिस्ट पोलैंड के स्लावोज उजनांस्की-विश्निवस्की और हंगरी के तिबोर कापू अप्रैल और जून 2025 के बीच एग्जियम मिशन-4 पर जाएंगे।

ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में, एक्सिओम मिशन-4 के चालक दल के सदस्यों ने अभियान के लिए प्रशिक्षण के अपने अनुभव साझा किए। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं ‘माइक्रोग्रैविटी’ में जाने और अपने दम पर अंतरिक्ष उड़ान का अनुभव करने के लिए वास्तव में बहुत उत्साहित हूं। मिशन के लिए उत्साह लगातार बढ़ रहा है और मुझे लगता है कि हम एक ऐसे चरण में हैं जहां सभी चीजें साकार हो रही हैं।’

शुक्ला इस मिशन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन पर जब उड़ान भरेंगे तो यह भारत के 1.4 अरब लोगों का सफर होगा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने खुद कहा कि वह 1.4 अरब भारतीयों की तरफ से इस सफर पर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अंतरिक्ष की यह यात्रा मेरी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि 1.4 अरब लोगों की यात्रा है।' यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा। इस दौरान, अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग, आउटरीच कार्यक्रम और कम ग्रैविटी में कई एक्टिविटी करेंगे।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला जून 2006 में भारतीय वायु सेना में एक फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुए। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन का पद मिला। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier और An-32 जैसे कई विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। 2019 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग ली है। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान मिशन के लिए इसरो द्वारा चुने गए। NASA-Axiom Space सहयोग के तहत आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले इसरो अंतरिक्ष यात्री होंगे। अपने अंतरिक्ष अनुभव को तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से देशवासियों के साथ साझा करने की योजना बना रहे हैं।

बजट 2025 में 8 लाख तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री! नए टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की आस

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी। 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के बजट के दौरान सभी की निगाहें मिडिल क्लास को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित टैक्स छूट पर होंगी। इस बजट में टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है। इस बीच सरकार नए टैक्स रिजीम में किसी भी तरह की रियायत देने के पक्ष में नहीं है लेकिन वह टैक्स की सीमा बढ़ाने और स्लैब में फेरबदल के माध्यम से रियायत देने पर विचार कर रही है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत में मीडिया को संबोधित किया। इसमें उन्होंने संकेत दिया कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है। पीएम मोदी ने इसके लिए धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का आह्वान भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि देवी लक्ष्मी गरीब और मध्यम वर्ग पर आशीर्वाद बरसाएं। यह बजट देश को नई ऊर्जा और उम्मीद देगा।

बता दें कि केंद्र के इस बजट से अलग-अलग वर्ग की कई सारी अपेक्षाएं हैं। पिछले कुछ महीनों में वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग संगठनों और संघों के साथ बैठकें की थीं। संघों ने अलग से भी अपनी अपेक्षाएं बताई हैं, जबकि आम आदमी भी बजट से राहत की उम्‍मीद लगाए बैठा है खासतौर से मिडिल क्‍लास टैक्‍सपेयर्स। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि अपकमिंग बजट में कन्ज्यूमर स्पेडिंग को बढ़ावा देने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे टैक्स का बोझ कम होगा और डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ावा मिलेगा।

टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर की समीक्षा

सिंतबर 2024 तक जीडीपी में 62% हिस्सेदारी वाली कंजप्शन, बाद के महीनों में बढ़ी महंगाई और घटते कंज्यूमर डिमांड के चलते कम हो गई है। ऐसे में व्‍यवसायिक संगठन एफआईसीसीआई के सदस्‍यों ने भी डिमांड बढ़ाने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से डायरेक्‍ट टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर की समीक्षा का समर्थन किया है।

एफआईसीसीआई ने अपने सदस्यों के बीच पिछले दिनों एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, टैक्‍स स्लैब और टैक्‍स दरों पर फिर से विचार करना जरूरी है, क्योंकि इससे लोगों के हाथों में अधिक पैसा आ सकता है और इकोनॉमी में खपत की मांग बढ़ सकती है।

टैक्स स्लैब में बदलाव पर चर्चा

पिछले साल सीतारमण ने सैलरीड क्लास के लिए स्डैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था और स्लैब में भी संशोधन किया था। उन्होंने तब दावा किया था कि इन उपायों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपये का लाभ होगा। इस बार भी सरकार में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि सभी करदाताओं को इसमें राहत दी जा सकती है। मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने की मांग को देखते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव पर भी चर्चा हुई है।

संभावित नए टैक्स स्लैब

₹4 लाख तक – कोई टैक्स नहीं

₹4 लाख से ₹8 लाख – 5%

₹8 लाख से ₹10 लाख – 10%

₹10 लाख से ₹12 लाख – 15%

₹12 लाख से ₹15 लाख – 20%

₹15 लाख से ऊपर – 30%

अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो नए टैक्स रिजीम को अपनाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इससे मिडिल क्लास को ज्यादा टैक्स सेविंग मिलेगी और उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी।

चुनाव आयोग की नोटिस पर केजरीवाल का 6 पन्नों में जवाब, चुनाव आयुक्त पर जमकर साधा निशाना

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना के पानी पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना को जहरीला बनाने के आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और आरोपों के तथ्यात्मक सबूत की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी को लेकर पर दिए अपने बयान पर चुनाव आयोग की दूसरी नोटिस का जवाब सौंपा। केजरीवाल ने अपने बयान के समर्थन में छह पन्नों का जवाब दाखिल किया है। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में सीईओ राजीव कुमार पर सत्ता पक्ष का साथ देने का आरोप लगाया है।

केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा, दिसंबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली की मुख्यमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से अमोनिया का स्तर कम करने या अतिरिक्त पानी देने का अनुरोध किया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कई बार फोन किया, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कॉल उठाना बंद कर दिया। अमोनिया का स्तर बढ़ता रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री से दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दिल्ली के मुख्य सचिव ने भी हरियाणा के मुख्य सचिव से कई बार बात की।

चुनाव आयुक्त के लिए जन हित से ऊपर सत्तारूढ़ पार्टी का हित-केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि हैरान हूं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के सीएम को दिल्ली के पानी को प्रदूषित करने से रोकने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने मुझे परेशान करना चुना। केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा, अगर हरियाणा सरकार और भ्रष्ट आचरण में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह सभी के लिए स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त जनता के हित से ऊपर सत्तारूढ़ पार्टी के हित को रखते हैं।

दिल्ली में जहरीला पानी भेजना बंद हो गया-केजरीवाल

आप संयोजक ने आगे कहा कि मेरी एकमात्र चिंता दिल्ली के लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा है और मैं हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए लड़ूंगा। भाजपा के निर्देश पर आप मुझे जो भी अवैध सजा देना चाहते हैं, वह इसके लिए चुकाई जाने वाली एक छोटी सी कीमत है, और मैं इसका खुले दिल से स्वागत करता हूं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जो जहरीला पानी भेजा जा रहा था, वो अब बंद हो गया। दिल्ली में आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा 7 पीपीएम से घटकर 2 पीपीएम हो गई है। अगर हम आवाज नहीं उठाते और संघर्ष नहीं करते, तो आज दिल्ली की आधी आबादी को पानी नहीं मिल रहा होता। हमने दिल्ली को बहुत बड़े पानी के संकट से बचा लिया।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इससे पहले चुनाव आयोग ने केजरीवाल से 31 जनवरी को सुबह 11 बजे तक यमुना में जहर के प्रकार, मात्रा, प्रकृति और तरीके के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों द्वारा जहर का पता लगाने की विधि और स्थान के बारे में तथ्यात्मक साक्ष्य प्रस्तुत करने की मांग की थी। आयोग ने कहा कि अगर केजरीवाल साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं, तो मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि पर्याप्त और स्वच्छ पानी की उपलब्धता एक शासन का मुद्दा है और सभी संबंधित सरकारों को हमेशा इसे सभी लोगों के लिए सुरक्षित करने में संलग्न होना चाहिए।

चुनाव आयोग ने कहा कि वह लंबे समय से चले आ रहे जल-साझाकरण और प्रदूषण के मुद्दों पर संक्षिप्त चुनाव अवधि के दौरान मध्यस्थता से परहेज करेगा और इसे सरकारों और एजेंसियों की क्षमता और विवेक पर छोड़ देगा।

केजरीवाल ने क्या कहा था?

गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले, केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी की जल आपूर्ति में “जहर मिलाने” का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पीने का पानी प्राप्त करते हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने यमुना से दिल्ली आने वाले पानी में जहर मिला दिया और इसे यहां भेज दिया। यह केवल हमारे दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों की सतर्कता के कारण था कि इस पानी को रोका गया।