बजट 2025 में 8 लाख तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री! नए टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की आस
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी। 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के बजट के दौरान सभी की निगाहें मिडिल क्लास को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित टैक्स छूट पर होंगी। इस बजट में टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है। इस बीच सरकार नए टैक्स रिजीम में किसी भी तरह की रियायत देने के पक्ष में नहीं है लेकिन वह टैक्स की सीमा बढ़ाने और स्लैब में फेरबदल के माध्यम से रियायत देने पर विचार कर रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत में मीडिया को संबोधित किया। इसमें उन्होंने संकेत दिया कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है। पीएम मोदी ने इसके लिए धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का आह्वान भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि देवी लक्ष्मी गरीब और मध्यम वर्ग पर आशीर्वाद बरसाएं। यह बजट देश को नई ऊर्जा और उम्मीद देगा।
बता दें कि केंद्र के इस बजट से अलग-अलग वर्ग की कई सारी अपेक्षाएं हैं। पिछले कुछ महीनों में वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग संगठनों और संघों के साथ बैठकें की थीं। संघों ने अलग से भी अपनी अपेक्षाएं बताई हैं, जबकि आम आदमी भी बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठा है खासतौर से मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि अपकमिंग बजट में कन्ज्यूमर स्पेडिंग को बढ़ावा देने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे टैक्स का बोझ कम होगा और डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ावा मिलेगा।
टैक्स स्ट्रक्चर की समीक्षा
सिंतबर 2024 तक जीडीपी में 62% हिस्सेदारी वाली कंजप्शन, बाद के महीनों में बढ़ी महंगाई और घटते कंज्यूमर डिमांड के चलते कम हो गई है। ऐसे में व्यवसायिक संगठन एफआईसीसीआई के सदस्यों ने भी डिमांड बढ़ाने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर की समीक्षा का समर्थन किया है।
एफआईसीसीआई ने अपने सदस्यों के बीच पिछले दिनों एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, टैक्स स्लैब और टैक्स दरों पर फिर से विचार करना जरूरी है, क्योंकि इससे लोगों के हाथों में अधिक पैसा आ सकता है और इकोनॉमी में खपत की मांग बढ़ सकती है।
टैक्स स्लैब में बदलाव पर चर्चा
पिछले साल सीतारमण ने सैलरीड क्लास के लिए स्डैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था और स्लैब में भी संशोधन किया था। उन्होंने तब दावा किया था कि इन उपायों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपये का लाभ होगा। इस बार भी सरकार में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि सभी करदाताओं को इसमें राहत दी जा सकती है। मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने की मांग को देखते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव पर भी चर्चा हुई है।
संभावित नए टैक्स स्लैब
₹4 लाख तक – कोई टैक्स नहीं
₹4 लाख से ₹8 लाख – 5%
₹8 लाख से ₹10 लाख – 10%
₹10 लाख से ₹12 लाख – 15%
₹12 लाख से ₹15 लाख – 20%
₹15 लाख से ऊपर – 30%
अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो नए टैक्स रिजीम को अपनाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इससे मिडिल क्लास को ज्यादा टैक्स सेविंग मिलेगी और उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी।
8 hours ago