चुनाव आयोग की नोटिस पर केजरीवाल का 6 पन्नों में जवाब, चुनाव आयुक्त पर जमकर साधा निशाना
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना के पानी पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना को जहरीला बनाने के आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और आरोपों के तथ्यात्मक सबूत की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी को लेकर पर दिए अपने बयान पर चुनाव आयोग की दूसरी नोटिस का जवाब सौंपा। केजरीवाल ने अपने बयान के समर्थन में छह पन्नों का जवाब दाखिल किया है। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में सीईओ राजीव कुमार पर सत्ता पक्ष का साथ देने का आरोप लगाया है।
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा, दिसंबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली की मुख्यमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से अमोनिया का स्तर कम करने या अतिरिक्त पानी देने का अनुरोध किया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कई बार फोन किया, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कॉल उठाना बंद कर दिया। अमोनिया का स्तर बढ़ता रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री से दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दिल्ली के मुख्य सचिव ने भी हरियाणा के मुख्य सचिव से कई बार बात की।
चुनाव आयुक्त के लिए जन हित से ऊपर सत्तारूढ़ पार्टी का हित-केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि हैरान हूं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के सीएम को दिल्ली के पानी को प्रदूषित करने से रोकने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने मुझे परेशान करना चुना। केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा, अगर हरियाणा सरकार और भ्रष्ट आचरण में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह सभी के लिए स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त जनता के हित से ऊपर सत्तारूढ़ पार्टी के हित को रखते हैं।
दिल्ली में जहरीला पानी भेजना बंद हो गया-केजरीवाल
आप संयोजक ने आगे कहा कि मेरी एकमात्र चिंता दिल्ली के लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा है और मैं हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए लड़ूंगा। भाजपा के निर्देश पर आप मुझे जो भी अवैध सजा देना चाहते हैं, वह इसके लिए चुकाई जाने वाली एक छोटी सी कीमत है, और मैं इसका खुले दिल से स्वागत करता हूं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जो जहरीला पानी भेजा जा रहा था, वो अब बंद हो गया। दिल्ली में आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा 7 पीपीएम से घटकर 2 पीपीएम हो गई है। अगर हम आवाज नहीं उठाते और संघर्ष नहीं करते, तो आज दिल्ली की आधी आबादी को पानी नहीं मिल रहा होता। हमने दिल्ली को बहुत बड़े पानी के संकट से बचा लिया।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
इससे पहले चुनाव आयोग ने केजरीवाल से 31 जनवरी को सुबह 11 बजे तक यमुना में जहर के प्रकार, मात्रा, प्रकृति और तरीके के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों द्वारा जहर का पता लगाने की विधि और स्थान के बारे में तथ्यात्मक साक्ष्य प्रस्तुत करने की मांग की थी। आयोग ने कहा कि अगर केजरीवाल साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं, तो मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि पर्याप्त और स्वच्छ पानी की उपलब्धता एक शासन का मुद्दा है और सभी संबंधित सरकारों को हमेशा इसे सभी लोगों के लिए सुरक्षित करने में संलग्न होना चाहिए।
चुनाव आयोग ने कहा कि वह लंबे समय से चले आ रहे जल-साझाकरण और प्रदूषण के मुद्दों पर संक्षिप्त चुनाव अवधि के दौरान मध्यस्थता से परहेज करेगा और इसे सरकारों और एजेंसियों की क्षमता और विवेक पर छोड़ देगा।
केजरीवाल ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले, केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी की जल आपूर्ति में “जहर मिलाने” का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पीने का पानी प्राप्त करते हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने यमुना से दिल्ली आने वाले पानी में जहर मिला दिया और इसे यहां भेज दिया। यह केवल हमारे दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों की सतर्कता के कारण था कि इस पानी को रोका गया।
9 hours ago