महाकुंभ में मची भगदड़ का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका दाखिल

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें भगदड़ को लेकर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है. जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की गई है. इसके अलावा बड़े आयोजनों को लेकर गाइडलाइंस जारी करने की भी मांग की गई है. जनहित याचिका में केंद्र सरकार, यूपी समेत सभी राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया गया है.

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है. महाकुंभ में मची इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. याचिकाकर्ता आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं.

जनहित याचिका में किन चीजों की मांग?

जनहित याचिका में सभी राज्यों को उचित तरीके से सुविधा स्थापित करने और अपने राज्य के लोगों के लिए एक केंद्र प्रदान करने और सुरक्षा उपायों के संबंध में बुनियादी जानकारी प्रदर्शित करने की मांग की गई है ताकि अपने राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए दिशानिर्देश दें और आपातकालीन स्थिति में ये केंद्र किसी भी सहायता के लिए तैयार रहें.

घोषणाओं, प्रदर्शन की भी व्यवस्था की जाए. देश की प्रादेशिक तथा अन्य भाषाओं में दिशा, सड़क आदि दर्शाने वाले बोर्ड ताकि आपातकाल में लोगों के बिना किसी की सहायता के समुचित जानकारी मिले.

सभी राज्य सरकारें संदेश भेजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड की भी व्यवस्था करें. संदेश एसएमएस, बेसिक का व्हाट्स ऐप से संदेश दिया जाए. ताकि भक्तों को दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय की जानकारी आसानी से लोगों को दी जा सके

उत्तर प्रदेश के समन्वय के साथ सभी राज्य सरकारे प्रयागराज में अपनी मेडिकल टीम भी तैनात करें. आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और प्रवेश एवं निकास के लिए अधिकतम स्थान हो.

भगदड़ की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश महाकुंभ 2025 पर स्थिति रिपोर्ट तलब किए जाने की मांग. इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों, प्राधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ लापरवाह रवैया बरतने को लेकर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है.

वीआईपी मूवमेंट से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा या कोई खतरा पैदा नहीं होगा. यह सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर प्रवेश एवं निकास के लिए अधिकतम स्थान प्रदान किए जाएं.

महाकुंभ हादसे में 30 की मौत

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी. पुलिस का कहना है कि मेला क्षेत्र और अखाड़ों के कुछ बैरीकेट्स टूटने की वजह से यह हादसा हुआ. बैरिकेट्स टूटते ही अनियंत्रित भीड़ स्नान घाटों की ओर बढ़ने लगी.

इस दौरान जो भी कोई नीचे गिरा, लोग उसे कुचलकर जाने लगे. पुलिस का कहना है कि हादसे के वक्त कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं था. भगदड़ के बाद आगे के स्नानों को देखत हुए बड़े बदलाव किए गए हैं. पूरा मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. अब संगम क्षेत्र में गाड़िया नहीं आ पाएंगी. वहीं VVIP पास को भी रद्द कर दिया गया है.

BSNL की तकदीर बदलेगी Tata की ये कंपनी, 5G के गेम में बनाएगी लीडर

एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और जियो के नेटवर्क से परेशान रहने वाले दिल्ली-एनसीआर के रहवासियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल दिल्ली-एनसीआर में देश की सरकारी कंपनी BSNL जल्द ही 5G नेटवर्क टाटा की कंपनी की मदद से रोलआउट कर सकती है.

BSNL ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर के 1,876 पॉइंट पर 5G सर्विस शुरू करने के लिए टेंडर निकाला था, जिसमें BSNL की मदद करने के लिए तेजस नेटवर्क (टाटा की होल्डिंग कंपनी), लेखा वायरलेस और गैलोर नेटवर्क ने बोली लगाई है.

तेजस नेटवर्क

तेजस नेटवर्क बेंगलुरु बेस्ड कंपनी है, जिसमें अधिकांश हिस्सेदारी टाटा संस के पास है और ये टीसीएस के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का हिस्सा है. ऐसे में अगर तेजस नेटवर्क बोली जीतती है तो दिल्ली-एनसीआर में कंपनी BSNL की 5G नेटवर्क शुरू करने में मदद करेगी.

BSNL 1 लाख 4G साइटों को करेगी 5G

BSNL जल्द ही देश की टॉप 5G नेटवर्क देने वाली कंपनी एयरटेल और जियो को टक्कर देने के लिए देशभर में अपनी एक लाख 4G साइटों को 5G नेटवर्क में अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें पिछले कुछ महीनों में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के प्लान महंगे होने के बाद लाखों लोगों ने BSNL की सर्विस की ओर मूव ऑन किया है.

कैसे लॉन्च होगा BSNL का 5G नेटवर्क

BSNL ने पिछले साल नवंबर में चयनित बोलीदाताओं के साथ 70:30 रेवेन्यू शेयर करने के मॉडल पर 5G नेटवर्क तैयार करने के लिए निविदा जारी की थी. जिसमें देसी और विदेशी दोनों ही कंपनियों ने रुचि दिखाई है. वहीं फिनलैंड की नोकिया और स्वीडिश एरिक्सन जैसी कंपनी ने इसमें कुछ बदलावों की मांग की है. आपको बता दें BSNL 900 मेगाहर्ट्ज लो-बैंड और मिड-बैंड 3.5 गीगाहर्ट्ज आवृत्ति तरंगों का उपयोग करके 5G नेटवर्क शुरू करने की प्लानिंग कर रही है.

दिल्ली-एनसीआर में 5G नेटवर्क के लिए इतना होगा खर्च

बीएसएनएल के चेयरमैन रॉबर्ट जे रवि ने हाल ही में इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा कि “हम अलग-अलग मॉडल पर काम कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि कोई निवेशक आए और 5जी नेटवर्क को सेवा के रूप में लगाए, और हम यह देखने के लिए इसे चलाएंगे कि हमारा 4जी स्थिर हो जाने के बाद यह मॉडल काम करता है या नहीं.” वहीं जानकारी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में 5G नेटवर्क तैयार करने के लिए BSNL को करीब 500 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे.

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा, CM योगी ने किया ऐलान

प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये बहुत ही दुखद है और ये एक सबक भी है. इस दौरान सीएम योगी भावुक भी हो गए. उन्होंने इस हादसे में जान गवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को 25 लाख रुपए की मदद दिए जाने का ऐलान किया है. वहीं हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और घटना की जांच के आदेश दिए. उन्होंने इस हादसे की जिम्मेदारी लेने और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की बात कही है.

सीएम योगी ने कहा कि भारी भीड़ के कारण प्रयागराज में सभी रास्ते बंद थे. प्रशासन ने स्थिति को सामान्य करने और रास्तों को खुलवाने के लिए पूरी तत्पर्ता से लगा रहा. उन्होंने कहा कि अखाड़ों ने मेला प्राधिकरण के अनुरोध पर अपना स्नान स्थगित किया था. स्नान दोपहर में शुरु हुआ जिसमें सभी ने अमृत स्नान किया. सीएम योगी ने कहा कि अखाड़ा मार्ग पर हुआ हादसा बेहद दुखद है.

भारी भीड़ की वजह से हुआ हादसा

सीएम योगी ने कहा कि ये हादसा भारी भीड़ की वजह से हुआ. उन्होंने कहा कि आज करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया है. प्रयागराज के आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोका गया था. सभी अखाड़ों का स्नान होने के बाद लोगों को महाकुंभ आने की इजाजत दी गई है.

जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि इन सब पर सवाल उठेगा. कुंभ भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की गई. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे और पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह को इस न्यायिक आयोग का सदस्य बनाया गया है.

पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख की मदद

इस भगदड़ की पुलिस जांच अलग से की जाएगी. प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25-25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार कल घटनास्थल पर जाएंगे और आगे की व्यवस्थाओं के लिए वहां समीक्षा बैठक भी करेंगे.

महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं की वापसी शुरू, रेलवे चलाएगी 190 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें

महाकुंभ में मौनी अमावास्या पर स्नान के बाद अब वापसी की भीड़ शुरू हो गई है. हालात को देखते हुए उत्तर रेलवे ने आज दोपहर तक 80 स्पेशल ट्रेनों को विभिन्न रूटों पर संचालन किया था. वहीं 190 अन्य ट्रेनों का संचालन आज करने की तैयारी है. यह जानकारी उत्तर मध्य रेलवे CPRO शशिकांत त्रिपाठी ने दी. उन्होंने बताया कि स्नान के बाद श्रद्धालु रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं. इसलिए स्टेशनों पर भी भीड़ का दबाव बढ़ गया है. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने आज दोपहर 12 बजे तक 80 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया था.

सीपीआरओ के मुताबिक इन गाड़ियों से बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटे हैं. हालांकि अभी भी बेतहाशा भीड़ महाकुंभ मेले से निकलकर स्टेशन की ओर बढ़ती नजर आ रही है. हालात को देखते हुए रेलवे ने आज 190 अतिरिक्त स्पेशल गाड़ियों के संचालन की तैयारी कर ली है. यह सभी गाड़ियां अलग अलग समय पर अलग अलग रूटों में चलाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि अब तक उत्तर मध्य रेलवे ने 50 स्पेशल गाड़ियां चलाईं हैं. वहीं 13 गाड़ियां उत्तर रेलवे और 20 गाड़ियां पूर्वोत्तर रेलवे के माध्यम से चली हैं. दोपहर 12 बजे तक 80 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया है.

आज चलेंगी 190 गाड़ियां

सीपीआरओ ने बताया कि योजनावद्ध तरीके से भीड़ को निकाला जा रहा है. इसके लिए नियमित ट्रेनों के अलावा स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसी क्रम में आज 190 विशेष ट्रेन चलाने की योजना है. यह सभी ट्रेने अलग अलग समय पर अलग अलग रूटों पर चलेंगी. कहा कि रेलवे की पूरी कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा ना हो. इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर भी लोगों को शांति बनाए रखने और अपने रूट की ट्रेन प्लेटफार्म पर आने तक इंतजार करने की अपील की जा रही है.

ओवरलोड चल रही हैं गाड़ियां

इस समय प्रयागराज जाने के लिए किसी भी ट्रेन में सीट उपलब्ध नहीं है. बल्कि स्थिति यहां तक आ गई है कि जनरल बोगी तो दूर, स्लीपर बोगी में भी घुस पाना संभव नहीं है. इससे भी खराब स्थिति प्रयागराज से वापसी के लिए है. चूंकि स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले ही प्लेटफार्म पर पहुंच गए हैं. ऐसे में ट्रेन के प्लेटफार्म पर आते ही धक्का मुक्की शुरू हो जा रही है. इसकी वजह से स्टेशन पर अफरा तफरी का माहौल बन जा रहा है.

महाकुंभ भगदड़: मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान, कहा- 'इतनी बड़ी भीड़ में छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं'

महाकुंभ भगदड़: मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान, कहा- 'इतनी बड़ी भीड़ में छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं'

महाकुंभ मेले में भगदड़ को लेकर योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने विवादित बयान दिया है. निषाद ने कहा है कि इतनी बड़ी भीड़ में छोटी-छोटी घटनाएं हो जाती है. लोगों को महाकुंभ में जहां जगह मिल रही है, वहीं पर स्नान कर लेना चाहिए. निषाद ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की है.

निषाद ने पत्रकारों से क्या कहा है?

मौनी अमावस्या को लेकर महाकुंभ में भीड़ जुटी थी. बुधवार तड़के 1.30 बजे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 24 लोगों के मारे जाने की आशंका है. हालांकि, यूपी सरकार ने अब तक आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है. इसी बीच हरदोई में जब पत्रकारों ने निषाद से इसको लेकर सवाल पूछा तो निषाद ने पूरी घटना को छोटी-मोटी घटना कह दिया.

संजय निषाद ने यहां पर कहा- इतने बड़े प्रबंधन और इतनी बड़ी भीड़ में छोटी मोटी घटनाएं हो जाती है. लोगों को जहां जगह मिले वहां स्नान कर लेना चाहिए ज्यादा अफवाह में नहीं पड़ना चाहिए.

निषाद ने आगे कहा कि किन परिस्थितियों में घटना हुई वह अलग है, लेकिन आगे हम लोग चाहते हैं की शांति रहे और जहां मौका मिले जहां घाट हो उसी जगह पर लोग स्नान करें उन्होंने कहा यह हमारी अपील है.

योगी खुद एक्टिव, अखिलेश पर की ये टिप्पणी

संजय निषाद ने कहा कि दुखद घटना है और मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले में एक्टिव हैं. वे देख रहे हैं और तुरंत मामले को कंट्रोल कर रहे हैं. अखिलेश यादव के महाकुंभ पर दिए बयान पर बोलते हुए मंत्री संजय निषाद ने कहा कि यह उनका निजी बयान हो सकता है उसे पर उन्हें टिप्पणी नहीं करना है.

निषाद के मुताबिक महाकुंभ में जो प्रबंध है और जितनी भीड़ है. दुनिया में शायद इतना बड़ा प्रबंध इतनी बड़ी भीड़ दुनिया में कहीं नहीं होगी…जहां इतना बड़ा प्रबंध हो इतनी बड़ी भीड़ हो छोटी-मोटी कहीं ना कहीं कोई घटना हो जाती है…यह घटना हमारे लिए दुखद है और मैं चाहता हूं कि आगे ना हो इसके लिए हम लोग और पूरी की पूरी सरकार मुस्तैद है.

पंजाब में छात्रों को अब नहीं मिलेगा देसी घी का हलवा, बदल गया सरकारी स्कूलों के मिड-डे मील का मेन्यू

पंजाब के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में बड़ा बदलाव किया गया है. इस बदलाव के तहत अब बच्चों को देशी घी का हलवा नहीं परोसा जाएगा. सरकार की ओर से प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत स्कूलों में मिलने वाले साप्ताहिक भोजन मेन्यू में बदलाव के निर्देश दिए गए हैं. ये निर्देश फिलहाल 1 फरवरी से 28 फरवरी 2025 तक के लिए जारी किए गए हैं.

इस निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी स्कूलों में छात्रों को मध्याह्न भोजन बच्चों को कतार में बैठाकर ही परोसा जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्याह्न भोजन प्रभारी की होगी. सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि राज्य के सभी स्कूलों में मेन्यू के मुताबिक ही खाना बनना चाहिए. जिस किसी स्कूल में इन निर्देशों का उल्लंघन होता पाया जाएगा, संबंधित स्कूल प्रधान की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी.

फरवरी महीने के लिए व्यवस्था

बताया गया है कि ये निर्देश 1 फरवरी से लागू होंगे और 28 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे. इसी आदेश में बच्चों को मिड डे मील में हलवा नहीं परोसने की बात कही गई है. अब तक सभी स्कूलों में बच्चों को हफ्ते में एक दिन दोपहर के भोजन में देशी घी का हलवा खिलाया जाता था. राज्य शिक्षा विभाग ने मिड डे मिल का नया मेन्यू जारी किया गया है.

जारी हुआ नया मेन्यू

इस मेन्यू के मुताबिक सोमवार को दाल (मौसमी सब्जियों के साथ) और रोटी मिलेगी. वहीं मंगलवार को राजमा-चावल, बुधवार को काले चने / सफेद चने (आलू के साथ) और पूरी / रोटी और किन्नू परोसा जाएगा. इसी प्रकार गुरुवार को करी (आलू और प्याज के पकौड़े के साथ) और चावल, रोटियां मिलेंगी. वहीं शुक्रवार को मौसमी सब्जी के साथ रोटी तथा शनिवार को चना, चावल व खीर परोसा जाएगा. इस मेन्यू में यह भी कहा गया है कि दाल को हर हफ्ते बदल जाएगी.

भगदड़ नहीं थी…महाकुंभ में हुए हादसे पर कुंभ मेला SSP ने बताया ये कारण

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गई. हादसे में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ हालात पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन इन सबके बीच कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी का चौंकाने वाला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि कोई भगदड़ नहीं हुई थी. सिर्फ भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.

राजेश द्विवेदी ने कहा, कोई भगदड़ नहीं हुई थी. सिर्फ भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने आगे कहा कि कई घाट विकसित किए गए हैं और लोग आसानी से उन घाटों में डुबकी लगा रहे हैं. मेरे पास हताहतों या घायलों की संख्या नहीं है.

हादसे पर DIG ने क्या कहा?

वहीं, महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद के कारण हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके पारंपरिक जुलूसों में मदद करेगा. स्थिति नियंत्रण में है. आज सुबह की घटना के कारणों पर गौर करें तो यह 10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद की वजह से हुआ.

सीएम योगी की बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि बैरिकेड्स फांदकर आने की कोशिश में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री ने राजधानी लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रमुख सचिव तथा अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

आदित्यनाथ ने कहा, प्रातः काल से ही श्रद्धालुजन स्नान कर सकें, इसके लिए यहां पर हम लोगों की उच्च स्तरीय बैठक चल रही है. उन्होंने बताया, प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. रात में एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर जहां से अमृत स्नान की दृष्टि से बैरिकेड्स लगाए गए थे, उन बैरिकेड्स को फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उपचार की व्यवस्था की गई है. उनमें से कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं.

कितने लोग करेंगे स्नान

प्रदेश सरकार के मुताबिक, मौनी अमावस्या के लिए आठ से 10 करोड़ लोगों के स्नान करने की संभावना है. अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान) महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ हादसे पर जताया दुख, घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हादसे को लेकर अपनी व्यथा व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है यह हादसा अत्यंत दुखद है. यहां जिन श्रद्धालुओं ने अपने-अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा है मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है. इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से खुद बातचीत की है. मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं.

प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।

पीएम ने सीएम योगी को 4 बार फोन किया

हादसे के कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक करके अभी तक सीएम योगी आदित्यनाथ को चार बार फोन किया है. पीएम मोदी ने फोन पर सीएम योगी से सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सभी घायलों के बारे में जानकारी ली. वहीं सीएम योगी ने घायलों के समुचित इलाज की बात कही है. हादसे के बाद सीएम योगी ने तुरंत पुलिस प्रशासन को फोन करके अलर्ट कर दिया. और कहा कि लोग सुरक्षा के साथ गंगा के किसी भी घाट पर स्नान करें. अफवाहों पर ध्यान न दें.

पीएम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी की बात

दूसरी तरफपीएम मोदी ने श्रद्धालुओं के आने-जाने के इंतजाम को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी विस्तार से बात की है. वहीं रेल मंत्री ने भी प्रधानमंत्री को रेल व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दी. रेल मंत्री ने आश्वस्त किया कि श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है. यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा इंतजाम किया गया है.

बीती रात करीब 1-2 बजे के बीच हुआ हादसा

आपको बता दें कि रात के करीब एक से दो बजे के बीच प्रयागराज महाकुंभ में अचानक बेतहाशा भीड़ बढ़ने से धक्का-मुक्की की स्थिति हो गई. इसी दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कुछ लोगों की मौत के साथ साथ कई के जख्मी होने की खबर है. कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गये. महाकुंभ में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आए हुए हैं. आज मौनी अमावस्या होने और शाही स्नान दोनों होने की वजह से श्रद्धालु काफी संख्या में आ गए थे. 13 तारीख से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 20 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. बुधवार को 10 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है.

प्रयागराज ही नहीं, अयोध्या-बनारस का भी ऐसा हाल… गंगा-सरयू में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज (Prayagraj Mauni Amavasya) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन इसका असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि कई अन्य तीर्थ स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अभी इन तीर्थस्थलों पर न आएं. अयोध्या, काशी और कई अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला. अयोध्या की सरयू नदी और बनारस (Ayodhya-Varanasi) के घाट पर भी लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे रहे हैं.

प्रयागराज से अयोध्या 168 किलोमीटर दूर अयोध्या है. इसलिए कई श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के बाद राम नगरी अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. यहां सरयू नदी है. कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौनी अमावस्या पर प्रयागराज तो नहीं जा पा रहे, लेकिन उसकी जगह यहां सरयू नदी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह 3 बजे से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे.

ऐसा ही हाल कुछ काशी यानी बनारस का भी है. प्रयागराज से वाराणसी सिर्फ 136 किलोमीटर दूर है. दूर-दराज से महाकुंभ आए श्रद्धालु बनारस और अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. बनारस वासी और उसके आस-पास के लोग मौनी अमावस्या पर यहीं घाट (गंगा नदी) पर डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या की धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन कहा जाता है कि धरती पर पितरों का वास भी होता है. ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्त दान पुण्य का भी विधान है. शायद यही वजह है कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जैसे पवित्र नदी में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहा राम मंदिर ट्रस्ट ने

ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो 15 दिन बाद ही अयोध्या आएं. चंपत राय ने कहा- महाकुंभ और मौनी अमावस्या के चलते बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं. पिछले चार दिनों से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

15-20 दिन बाद आएं अयोध्या

उन्होंने आगे कहा- अयोध्या धाम की आबादी एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और भक्तों को परेशानी का कारण बन रहा है. परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि भक्तों को अधिक पैदल चलाना पड़ रहा है. अतः निवेदन है कि पास पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने अयोध्या पधारें. ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें. इससे सभी को सुविधा होगी. बसंत पंचमी के बाद फरवरी महीने में काफी राहत रहेगी. मौसम भी अच्छा हो जाएगा. मेरे इस निवेदन पर अवश्य विचार करें.

महाकुंभ में भगदड़ के समय क्या-क्या हुआ, चश्मदीदों ने बताई आंखोंदेखी

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महा कुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 144 साल बाद दुर्लभ ‘त्रिवेणी योग’ का संयोग बना है. इस कारण करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के कुंभ में शामिल होने का अनुमान जताया गया है. भक्ति के रस में डूबे श्रद्धालु देश-दुनिया से संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. लेकिन देर रात संगम नगरी में अचानक से भगदड़ (Stampede In Mahakumbh) मच गई. इस कारण कई श्रद्धालु घायल हो गए. 20 की मौत की आशंका जताई हई है. श्रद्धालुओं ने भगदड़ की आंखोंदेखी बताई है.

जब भगदड़ मची तो हर तरफ-चीख पुकार मच गई थी. लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे थे. पुलिस-प्रशासन ने किसी तरह स्थिति पर नियंत्रण पाया. घायलों को अस्पताल पहुंचाया. घटना के बाद मंजर का बेहद दर्दनाक दिखा. चारों तरफ श्रद्धालुओं का बिखरा सामान, जूते-चप्पल और कपड़े तितर-बितर पड़े हुए दिखे. किसी का सामान खो गया तो किसी का अपना लापता हो गया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ तब मची जब स्नान के बाद भीड़ को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला. कुछ लोग रास्ते में पड़े लोहे के कूड़ेदानों से टकरा गए, जिससे वे गिर पड़े और उनके साथ अन्य लोग भी गिरते चले गए. तो वहीं, अन्य श्रद्धालुओं का कहना है कि भीड़ में कुछ महिलाओं का दम घुटने लगा. इसके बाद वो एक दूसरे पर वह गिरने लगीं. इसी वजह से बैरिकेडिंग टूटी और देखते ही देखते भगदड़ मच गई.

एक महिला ने बताया कि सांस फूल रही है, मैं दब गई थी. बहुत दिक्कत हो रही है. वहीं एक एंबुलेंस के ड्र्राइवर ने बताया कि वो 20 चक्कर अस्पताल के लगा चुका है और अकेले आज करीब 35 मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुका है.

‘नहीं दिखे लोहे के कूड़ेदान, उसी से लोग गिरे’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भगदड़ के चश्मदीद विवेक मिश्रा ने बताया- मैं भी उस वक्त वहीं था जब भगदड़ मची. भीड़ को यह समझ नहीं आ रहा था कि स्नान के बाद कहां जाना है. जगह-जगह रखे लोहे के कूड़ेदान भी श्रद्धालुओं को दिखाई नहीं दे रहे थे, जिससे कई लोग गिर गए और उनके बैग व अन्य सामान इधर-उधर बिखर गए. मैं खुद भी गिर पड़ा और मेरे पैर में चोट लगी. मेरे माता-पिता भी गिर गए थे, जिनकी मैंने मदद की. मैंने एक अन्य महिला को भी उठाया. लेकिन तभी भीड़ में कुछ युवक घबराने लगे और एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे भगदड़ मच गई.

एक प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो, प्रशासन मैनेज नहीं कर पाया. हम बिहार के नालंदा से 50-60 लोग आए हैं. हमारे साथ बच्चे और बुजुर्ग भी थे. भगदड़ में इतनी धक्का-मुक्की हुई कि सभी लोग एक दूसरे से बिछड़ गए.

बाहर निकलने का रास्ता था जाम

एक अन्य श्रद्धालु की मानें तो, भगदड़ इसलिए मची क्योंकि बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह जाम था. उन्होंने कहा, ‘हम चार लोग थे, हमारे कुछ साथी पहले ही नंदनी द्वार पहुंच चुके थे. हम पीछे रह गए और अचानक रास्ता पूरी तरह ब्लॉक हो गया. आगे लोग गिर रहे थे और पीछे से भी भीड़ बढ़ती जा रही थी. इससे भगदड़ की स्थिति बन गई.

‘हम 14 लोग बिछड़ गए’

बलिया से संगम नगरी पहुंचे एक श्रद्धालु ने बताया- हम 14 लोग महाकुंभ के लिए आए हैं. रात को जब हम मेले के लिए जा रहे थे तो अचानक इतनी भीड़ हो गई कि लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. हम 14 लोग साथ में ही चल रहे थे. भगदड़ में कौन कहां चला गया, किसी को समझ ही नहीं आया.

दम घुट रहा था लोगों का

एक शख्स ने कहा- प्रशासन ने संगम के लिए एक ही रास्ता कर दिया था. इसलिए ये हादसा हुआ. अचानक कुछ महिलाएं गिरी. हम लोगों ने उनकी मदद की. लेकिन तब तक दूसरी ओर भी भगदड़ मच चुकी थी. संगम की ओर आने और जाने का एक ही रास्ता था. लोग इधर उधर भागने की कोशिश कर रहे थे. हालत खराब हो रही थी. दम भी घुट रहा था. लेकिन उस वक्त बस हमें जान बचाने की लगी थी कि किसी तरह हम सुरक्षित जगह पहुंच सकें.

पुलिस फोर्स पीछे हट गई थी’

एक श्रद्धालु ने बताया कि रात डेढ़ बजे के करीब भगदड़ मची. लोग सो रहे थे, और दूसरी और से भीड़ आई और भगदड़ मच गई. बैरिकेडिंग पर पुलिस फोर्स तैनात थी, लेकिन भीड़ को देखकर वो पीछे हट गए. इसके बाद भगदड़ मच गई. चीख पुकार शुरू हो गया. फिर घायलों को ले जाने के लिए एंबुलेंस मौके पर पहुंची. एक अन्य महिला श्रद्धालु ने भी कहा- भगदड़ के बाद मेरा सारा सामान खो गया है. मोबाइल तक टूट गया है. समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करना है. पिछले कई घंटे से हम एक ही जगह पर हैं. भगदड़ के वक्त लोग एक दूसरे पर चढ़ते और कूदते चले गए. पुलिस फोर्स भी पीछे हट गई थी