तीन सगी बहनों को एक साथ मिला नेशनल जिमनास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य पदक

कहा जाता है कि बेटियां जहमत नहीं रहमत होती हैं. यदि इन्हें इल्म और हुनर से सवांरा जाए तो केवल दो घर ही नहीं, बल्कि पूरे मुल्क का नाम रोशन होता है. उत्तर प्रदेश गाजीपुर में बारा गांव की रहने वाली तीन बेटियों ने भी कुछ ऐसा किया है कि उनके ऊपर पूरा गांव गर्व कर रहा है.ये तीनों बेटियां सगी बहनें हैं और इन्होंने जम्मू में पिछले दिनों आयोजित राष्ट्रीय जिमनास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है.

उनकी जीत पर गांव में जश्न का माहौल है. जानकारी के मुताबिक इसी महीने 10 से 13 जनवरी तक जम्मू में जिमनास्टिक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित हुई थी. इस प्रतियोगिता में देश भर से विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था. इनमें गाजीपुर के बारा गांव के रहने वाले तनवीर आलम की तीनों बेटियां आफिया जमाल, आलिया जमाल और आतिका जमाल भी शामिल हैं.

चंडीगढ़ में रहते हैं पिता

तनवीर आलम सेना की नौकरी से रिटायर होने के बाद चंडीगढ़ में रहते हैं. इस प्रतियोगिता में आफिया और आलिया ने सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता है तो आतिका ने सब जूनियर वर्ग में यह उपलब्धि हासिल की है. तनवीर आलम के मुताबिक साल 2015 में बड़ी बेटी आफिया ने जिमनास्टिक में अभ्यास शुरु किया था. उसे देखकर उसकी दोनों बहनों ने भी इस खेल में हिस्सा लेना शुरू किया.

2022 में भी जीता था पदक

आफिया और आलिया ने वर्ष 2022 में चंडीगढ़ में हुई जिमनास्टिक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. इसमें इन्होंने स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीते थे. अब एक बार फिर तीनों बहनों ने एक साथ कांस्य पदक जीता है. तीनों बेटियों की इस उपलब्धि पर गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया और तीनों बेटियों को ही लगातार आगे बढ़ते रहने की शुभकामना दी है.

दुख है, लेकिन नियति को यह मंजूर… आरजी कर रेप केस में दोषी संजय की मां ने क्या कहा

कोलकाता के आर जी कर हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संजय रॉय की मां ने कहा है कि अगर उनका बेटा अपराधी है तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए. चाहे वह सजा फांसी ही क्यों न हो. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को सजा मिलने से उन्हें दुख जरूर होगा लेकिन अदालत के फैसले को वह नियति मानकर स्वीकार करेंगी.

मालती रॉय ने कहा कि वह खुद एक महिला और तीन बेटियों की मां हैं. वह उस जूनियर डॉक्टर की मां के दर्द को महसूस कर सकती हैं. उन्होंने अपने बेटे संजय की सजा के बारे में कहा कि अगर अदालत उसे फांसी पर लटकाने का आदेश देती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय रॉय को दोषी ठहराया था. संजय की मां ने कहा कि उन्हें अदालती सुनवाई के दौरान कभी संजय से मिलने का मन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर आरोप झूठे होते तो वह अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद उससे मिलने की कोशिश करती.

दोषी है तो सजा मिलनी चाहिए

संजय रॉय की बहन ने कहा कि अगर संजय दोषी है तो उसे कानून से सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि परिवार अदालत के आदेश को चुनौती नहीं देगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने भाई पर पूरा यकीन नहीं था. यह उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल समय है. संजय रॉय की बड़ी बहन ने बताया कि उनका भाई बचपन में सामान्य था. जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ शराब का आदी हो गया.

परिवार के लिए कठिन समय

बहन ने कहा कि उन्होंने कभी अपने भाई को किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्होंने कभी नहीं देखा था. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में उनका भाई अलग इलाकों में रहने लगा था. जिसके कारण परिवार से उसका संपर्क बहुत कम था. संजय रॉय के परिवार के लिए यह बहुत कठिन समय हैं. हालांकि उनके परिवार को कानून पर पूरा भरोसा है और उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में कहा है कि वह कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देंगी बल्कि उसे नियति मानकर स्वीकार कर लेंगी.

ई रिक्शा वाले की बेटी बनी SDM, अफसर बनने पर पापा की गाड़ी में सड़क पर घूमीं

सच्ची लगन और मेहनत से काम किया जाए तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. इसे रीवा के एक ई रिक्शा वाले की बेटी ने सच कर दिखाया. उन्होंने खूब मेहनत की. उन्होंने मध्य प्रदेश पीएससी में 12वीं रैंक हासिल की और डिप्टी कलेक्टर बन गईं. उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. बेटी की कामयाबी से घर में खुशी का माहौल है. लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं.

दरअसल रीवा की बेटी आयशा अंसारी ने अपनी मेहनत और लगन से अपना और अपने माता पिता का सपना पूरा किया. आयशा ने बताया कि उनके पिता सुबह-सुबह टहलने के लिए पुलिस लाइन कॉलोनी होकर जाते थे. उस एरिया में सभी अधिकारियों के बंगले हैं, जिनकी नेम प्लेट पर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और उनके पद लिखे होते हैं. पिता जब घर लौट कर आते तो कहते कि काश हमारे घर में भी कोई ऐसा हो, जिसका नाम पद के साथ लिखा हो.

ई रिक्शा वाले की बेटी

आयशा ने बताया कि उन्होंने अपने पिता की बातों से प्रेरणा ली. इसके बाद उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी और कर भी दिखाया. आयशा अपनी कामयाबी का क्रेडिट भी माता-पिता को देती हैं. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2022 के फाइनल रिजल्ट शनिवार रात को घोषित किए. इसमें रीवा में ई रिक्शा वाले की बेटी आयशा अंसारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं.

12वीं रैंक की हासिल

आयशा ने प्रदेश में 12वीं रैंक हासिल की है. आयशा ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक प्राइवेट स्कूल से पूरी की. इसके बाद 12वीं तक की शिक्षा शासकीय प्रवीण कुमारी कन्या स्कूल से की. फिर कॉलेज की शिक्षा शासकीय आदर्श महाविद्यालय से की. उनके पिता ने खूब मेहनत कर बेटी को पढ़ाया-लिखाया और इस मुकाम तक पहुंचाया. खास बात ये है कि आयशा ने इसके लिए किसी भी कोचिंग की मदद नहीं ली और खुद से ही पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया. आयशा अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को ट्यूशन भी देती थीं.

कहानी 22 साल की नेहा की, जो स्टेशन पर माता-पिता से बिछड़ गई, 15 साल घर से दूर रही; कहां-कैसे गुजारे दिन?

हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट ने सालों से लापता एक बेटी को उसके परिवार से मिलाया. लड़की 7 साल की उम्र में अपने परिवार से बिछड़ गई थी. अब जब वह 22 साल की हुई, तब वह अपने माता-पिता से मिली. ये मामला तब शुरू हुआ, जब एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट के ASI एक आश्रम पहुंचे. वहां एक लड़की ने उनसे रोते हुए कहा कि उसे उसके माता-पिता से मिला दीजिए. इसके बाद ASI ने मामले में जांच शुरू की और बेटी को 15 साल बाद उसके परिवार से मिला दिया.

दरअसल महाराष्ट्र के वर्धा में रहने वाली नेहा, जब 7 साल की थी. तब लापता हुई थी. साल 2010 में वह अपनी मां के साथ ट्रेन से पानीपत गई. यही वह दिन था, जब नेहा 15 सालों के लिए अपने माता-पिता से अलग हो गई. रेलवे स्टेशन पर ही नेहा अपनी मां से अलग हो गई. इसके बाद वह एक कॉलोनी में पहुंच गई, जहां वह पुलिस को मिली. पुलिस ने उससे उसके घर का पता पूछा, लेकिन छोटी बच्ची होने की वजह से कुछ ठीक से नहीं बता पाई.

आश्रम पहुंचने पर अपील की

इसके बाद पुलिस ने पानीपत के एक आश्रम में नेहा को छोड़ दिया. दो साल पानीपत के आश्रम में रही, लेकिन पानीपत का भी आश्रम बंद हो गया. फिर नेहा सोनीपत के बालग्राम के आश्रम में पहुंची. वहां रहकर वह पढ़ाई करने लगी. इधर नेहा के माता पिता ने भी पुलिस में बेटी के लापता होने का केस दर्ज करा दिया था. हाल ही में बालाग्राम के आश्रम में जब एक लापता बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट के ASI पहुंचे, तो नेता ASI से उसके माता-पिता से मिलाने की अपील की

पुलिस को मिली नेहा की फाइल

इसके बाद ASI राजेश कुमार मामले की छानबीन में जुटे. नेहा से उसके घर-परिवार के बारे में पूछताछ की गई, तो उसने याद करते हुए बताया कि बचपन में उसे छबीली कहते थे. उसके यहां पर बुजुर्ग एक अलग तरह की टोपी पहनते हैं और महाराष्ट्र की खाने-पीने की चीजों के बारे में बताया. इस आधार पर पुलिस ने महाराष्ट्र में अलग-अलग इस तरह के मामलों की जांच शुरू की और आखिरकार पुलिस को नेहा की फाइल मिल गई, जो साल 2010 में दर्ज की गई थी.

परिवार को 15 साल बाद मिली बेटी

इसके बाद परिवार का पता लगाया गया. वीडियो कॉल के जरिए माता-पिता को बेटी की पहचान कराई गई. नेहा के माता-पिता और मामा-मामी ने उसकी पहचान कर ली. इसके बाद परिवार अपनी बेटी को आश्रम लेने पहुंचा. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नेहा अपने परिवार के पास वापस लौट गई. नेहा का असल नाम जो उसके माता-पिता ने उसे दिया था, वह ईशा था. ईशा अब नेहा बन गई थी और 7 साल की लापता ईशा अब 22 की हो गई. वह बीए कर रही है. इस तरह एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट की कड़ी मशक्कत से एक बेटी 15 साल बाद अपने परिवार से वापस मिल गई.

बच्चों को अकेला छोड़कर मजदूरी करने गई थी मां…तभी हादसे में 13 साल के बेटे की चली गई जान

मध्य प्रदेश के भोपाल में 13 साल के बच्चे की अपनी छोटी बहन को खिलाते हुए मौत हो गई. वह अपनी बहन को झूले में झुला रहा थे. तभी उसके गर्दन झूले में फंसी और गला दबने से बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बच्चा कक्षा चार में पढ़ता था और उसके पिता की दो साल पहले ही मौत हुई थी और मां बंगलों में काम करने जाती है. रोज की तरह जब मां काम करने गई, तभी ये हादसा हुआ.

दरअसल भोपाल के अर्जुन नगर से शुक्रवार को ये मामला सामने आया, जहां 13 साल का अर्जुन घर पर अपनी मां के न होने पर अपने छोटे बहन-भाइयों का ख्याल रख रहा था. उसकी छोटी बहन का नाम अंशिका और भाई का नाम मयंक है. जब मां काम पर गई, तो अंशिका रोने लगी, तभी अर्जुन ने बहन को चुप कराने के लिए मां की साड़ी से बने झूले में उसे लिटाया और झुलाने लगा.

साड़ी में फंदा लगने से मौत

इस बीच साड़ी को गोल-गोल घुमाते हुए अर्जुन की गर्दन साड़ी से बने झूले में फंस गई और फंदा लग गया. तभी अर्जुन की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद जब अर्जुन का दोस्त उसके घर आया तो मामले के जानकारी हुई. आसपास रहने वाले लोगों ने बच्चे की मौत की खबर रोज की तरह काम पर गई मां को दी. मां ने आकर बेटे को देखा तो रो-रोकर मां का बुरा हाल हो गया.

पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

अर्जुन के मामा शंकर ने इस हादसे की पूरी जानकारी दी. इसके अलावा परिवार वालों ने ये भी बताया कि अर्जुन के साथ जब ये हादसा हुआ. तब उसका छोटा भाई मयंक बाहर खेल रहा था. इसलिए उसके भाई को मौत की खबर नहीं हुई. अर्जुन की मौत के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के बाद अर्जुन के शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया. अब पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी.

आईआईटी बाबा ने सीएम योगी से की वाईफाई की मांग, महाकुंभ मेले में इंटरनेट की सुविधा की कमी पर जताई चिंता

आईआईटी बाबा के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल रहे हैं, जिसमें वह अपनी जीवन यात्रा के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे ही एक उनका एक नया विडियो सामने आया है. इस विडियो में आईआईटी बाबा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही वह वीडियो के जरिये सीएम से अनोखी डिमांड करते हुए नजर आ रहे हैं.

आईआईटी बाम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बाबा की इन दिनों देशभर में चर्चा हो रही है. महाकुंभ में आए बाबा अभय सिंह सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. अभय के कई वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल रहे हैं, जिसमें इंजीनियर से बाबा बने अभय सिंह अपनी जिंदगी के बारे में बताते हुए नजर आ रहे हैं. लोग भी उनकी जीवन के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं.

IIT बाबा ने की वाईफाई की मांग

आईआईटी बाबा का एक नया वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह महाकुंभ की व्यवस्था की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में वह सीएम योगी की भी तारीफ कर रहे हैं. बाबा अभय सिंह वीडियो में कहते हुए नजर आ रहे है कि महाकुंभ मेले में सभी व्यवस्थाएं बहुत बेहतर है. पानी, लाइट और खाने की अच्छी सुविधा है, लेकिन इंटरनेट की सुविधा ठीक नहीं है. वह मेले में सीएम योगी से वाईफाई सुविधा की मांग करते हुए नजर आ रहे हैं.

महाकुंभ मेले में इंटरनेट की परेशानी

उनका कहना है कि कम्युनिकेशन पर हम बहुत ज्यादा डिपेंडेंट है. इंफॉर्ममेशन कंट्रोल करके बहुत कुछ किया जा सकता है. महाकुंभ मेले में इंटरनेट की सुविधा नहीं होने से आईआईटी बाबा को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है. अभय वायरल वीडियो में इंटरनेट की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए वाईफाई की मांग करते हुए नजर आ रहे हैं.

दिल्ली की हवा ‘खतरनाक’, 25 इलाकों में AQI 300 के पार

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. अधिकतर इलाकों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे ज्यादा 393 दर्ज किया गया है. वहीं, सबसे कम AQI इहबास (दिलशाद गार्डन) का 197 दर्ज किया गया है. एक तरफ ठंड और कोहरे ने दिल्ली के लोगों की मुसीबतें बढी रखी हैं. वहीं, दूसरी तरफ AQI का बढ़ता स्तर भी लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

इन दिनों दिल्ली में भीषण ठंड पड़ रही है. ठंड और कोहरे के साथ-साथ प्रदूषण के स्तर ने भी लोगों की चिंता बढ़ा रखी है. रविवार को दिल्ली के 25 इलाके AQI के रेड अलर्ट में हैं. वहीं, 10 इलाके ऑरेंज अलर्ट में हैं. इसी के साथ केवल एक ही इलाके में AQI का येलो अलर्ट है. बढ़ते प्रदूषण की स्थिति के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानियां हो रही हैं. आज दिल्ली का ओवरऑल AQI 319 रिकॉर्ड किया गया है.

25 इलाकों में 300 के पार पहुंचा AQI

दिल्ली के 37 प्रदूषण जांच केंद्र में से 25 जांच केंद्रों का AQI 300 पार से ज्यादा दर्ज किया गया है, जिसमें अलीपुर-330, आनंद विहार-393, अशोक विहार-363, बावाना-379, बुराड़ी-312, चांदनी चौक-304, डॉ करनी शूटिंग रेंज-303, द्वारका सेक्टर 8- 351, आईटीओ-318, जहांगीरपुरी-368, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम-305, लोधी रोड़ आईआईटीएम- 316, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम-357, मंदिर मार्ग-337, मुंडका-380, नरेला-353, नेहरू नगर-376, नोर्थ केंपस- 307, ओखला फेस 2- 347, पटपड़गंज- 373, पूसा रोड-309, आरके पुरम- 349, रोहिणी-379, विवेक विहार-388 और वजीरपुर का AQI-389 दर्ज किया गया हैं.

10 इलाकों में ऑरेंज अलर्ट

इसी के साथ दिल्ली के 10 इलाकों में AQI का ऑरेंज अलर्ट रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें आया नगर-227, मथुरा रोड-255, डीटीयू-292, आईजीआई एयरपोर्ट-226, लोधी रोड-251, नजफगढ़-260, NSIT द्वारका-238, शादीपुर-296, सोनिया विहार-293 और श्री औरोबिन्दो मार्ग का AQI-221 दर्ज किया गया हैं. बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण दिल्ली के लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. आंखों में जलन हो रही है. साथ ही इन सब परेशानियों से सबसे सांस की बीमारी वाले मरीज, बच्चे और बुजुर्गों को समस्याएं उठानी पड़ रही है.

क्या WhatsApp इंडिया में बंद कर देगी अपने कुछ फीचर्स?

भारत में व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसके हर एक अपडेट्स लोगों की नजर रहती हैं. हाल ही में व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी मेटा को कॉम्पिटीशन रेगुलेशन के फैसले का सामना करना पड़ा. इसके कारण मेटा को व्हाट्सएप यूजर्स का डेटा शेयर करने से रोक दिया गया. रॉयटर्स के अनुसार, मेटा भारत में कुछ फीचर्स को वापस ले सकता है. कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने मेटा पर व्हाट्सएप के डेटा को फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर करने पर पाबंदी लगाई है. इससे मेटा को पर्सनलाइज्ड एड देने में मुश्किल हो सकती है.

गलत तरीके से यूजर्स का डेटा किया इस्तेमाल

CCI ने नवंबर में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि मेटा ने गलत तरीके से यूजर्स का डेटा इस्तेमाल किया है. मेटा ने व्हाट्सएप यूजर्स को एक नई प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट करने के लिए मजबूर किया था. इस पॉलिसी के तहत यूजर्स का डेटा मेटा के साथ ज्यादा शेयर किया जा रहा था. इसके कारण, CCI ने मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया और पांच साल तक डेटा शेयरिंग पर रोक लगा दी.

डेटा शेयरिंग पर लगाया रोक

अब मेटा इस फैसले को चुनौती दे रहा है. कंपनी ने अदालत में कहा कि व्हाट्सएप और मेटा के बीच डेटा शेयरिंग पर रोक लगाने से पर्सनलाइज्ड एड देने में दिक्कतें आएंगी. मेटा का कहना है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सही तरीके से यूजर्स को टारगेट करने में परेशानी होगी. मेटा ने यह भी कहा कि उसकी डेटा शेयरिंग पॉलिसी से डेटा कलेक्शन नहीं बढ़ा है, बल्कि यह फीचर्स को बेहतर तरीके से इंटीग्रेट करने में मदद करती है. हालांकि CCI ने इस बात से सहमति नहीं जताई.

CCI का कहना है कि व्हाट्सएप की पॉलिसी ने यूजर्स को यह शर्तें मानने के लिए मजबूर किया है. अब CCI चाहता है कि व्हाट्सएप यूजर्स को यह ऑप्शन मिले कि वे अपना डेटा मेटा के साथ शेयर करना चाहते हैं या नहीं.

आप CM हैं Women Fashion Designer नहीं… नीतीश कुमार के बयान पर तेजस्वी का तंज

राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की, जिन्होंने दावा किया था कि दो दशक पहले सत्ता संभालने के बाद राज्य में महिलाओं की पहनावे की पसंद में सुधार हुआ है. मुख्यमंत्री ने इस आशय की टिप्पणी उस समय की, जब वह राज्यव्यापी “प्रगति यात्रा” के तहत बेगूसराय जिले में थे. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं. कोई महिला फैशन डिजाइनर नहीं. महिलाओं को लेकर इस तरह की टिप्पणी करना बंद करें.

पूर्व उप मुख्यमंत्री यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें जदयू सुप्रीमो की ओर से लड़कियों के कपड़े पहनने को लेकर टिप्पणी की जा रही है.

बिहार की आधी आबादी का अपमान: तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट पर शेमऑननीतीश का हैशटैग करते हुए नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि साल 2005 से पहले भी बिहार की बेटियां कपड़ों के साथ-साथ स्वावलंबन, स्वाभिमान और सम्मान भी पहनती थीं.

उन्होंने सीएम से सचेत करते हुए कहा कि वह खुद स्त्री परिधान वैज्ञानिक नहीं बनें और वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं, कोई महिला फैशन डिजाइनर नहीं. उन्होंने कहा कि स्त्री परिधान एक्सपर्ट बनकर वह अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन करना बंद कर दें. उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार की आधी आबादी की अपमान है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो उन्हें मासिक भत्ता दिया जाएगा.

महिलाओं पर लालू की टिप्पणी से मचा था विवाद

बता दें कि नीतीश कुमार का बयान उस समय आया है, जब नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा शुरू करने का ऐलान किया था और तेजस्वी के पिता और राजद के संरक्षक लालू प्रसाद यादव ने नीतीश पर एक भद्दी टिप्पणी थी थी. उन्होंने कथित रूप से कहा था कि वह नयन सेंकने जा रहे हैं.

नीतीश की ‘महिला संवाद यात्रा’ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, “नयन सेंकने जा रहे हैं.” इस टिप्पणी की एनडीए नेताओं ने व्यापक आलोचना की थी, जिन्होंने इसे महिलाओं पर अपमानजनक हमला माना और लालू यादव से माफी की मांग की.

महाकुंभ में अव्यवस्था पर फूटा गुबार, धरने पर बैठी जूना अखाड़ा की महिला संन्यासी, लगाए ये आरोप

सेक्टर 6-7 में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया था, उन्होंने पीने का पानी नहीं होने की शिकायत की थी. अब शनिवार को जूना अखाड़ा की महिला साधु सामने आई हैं और प्रदर्शन किया है. महिला साधुओं ने आरोप लगाया है कि जहां मेला अधिकारी तक शिकायत पहुंचाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने अपने अखाड़े में प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

जानकारी के मुताबिक सन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की महिला संन्यासियों ने आज महाकुंभ मेले में अपने अखाड़े में विरोध प्रदर्शन किया है. महिला संन्यासियों का कहना है कि उनके अखाड़े में प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्थाएं नहीं उपलब्ध कराई हैं. उन्होंने कई तरह की असुविधाओं की शिकायत भी की है. महिला संन्यासियों ने बताया कि जहां पर वह रुकी हुई हैं, वहां पर उन्हें नीचे जमीन पर सोना पड़ रहा है. गद्दों की व्यवस्था नहीं की गई है.

नहीं हैं ये व्यवस्थाएं

पंच दशनाम जूना अखाड़ा की महिला संन्यासियों ने कहा कि जहां पर रह रही हैं वहां पर उन्हें जमीन पर सोना पड़ रहा है, उन्हें गद्दे की व्यवस्था नहीं की गई. साथ ही सर्दियों में लकड़ी की व्यवस्था भी नहीं है. बाथरूम की व्यवस्था भी नहीं और टीन शेड भी नहीं दिया गया जिससे ऊपर से पानी भी चू रहा है. उन्होंने कहा कि यह सारी अव्यवस्थाएं अब बर्दाश्त के बाहर हो गई हैं. पहले अमृत स्नान के दिन भी अव्यवस्था होने की वजह से कई महिला साधु स्नान के वक्त चोटिल हो गईं थीं.

अगले अमृत स्नान में नहीं लेंगी हिस्सा

महिला संन्यासियों ने कहा है कि उन्होंने इन अव्यवस्थाओं की शिकायत मेला अधिकारी विजय किरन से की है. विजय किरन ने आश्वासन तो दिया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद भी मेला अधिकारी ने उनकी सुनवाई नहीं की. महिला संन्यासियों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह अगले अमृत स्नान में हिस्सा नहीं लेंगी.