उल्टा मास्क लगाकर खेती कर रहे किसान, देख आप भी हो जाएंगे हैरान
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गुलदारों के हमलों से गांववालों को बचाने के लिए अब वन विभाग मुखौटे बांट रहा है. किसान और मजदूर गुलदारों को चकमा देने के लिये सिर के पीछे मुखौटे पहन कर खेतों पर काम कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गुलदार घात लगा कर पीछे से हमला करता है. हमला करने वाले गुलदार के मुखौटे को देख कर भ्रम होता है कि इंसान उसे देख रहा है.
अब तक पांच हजार मुखौटे बांटे जा चुके है. वन विभाग पांच हजार मुखौटे 31 जनवरी तक और बांटेगा. मुखौटा लगाकर खेती करने के कॉन्सेप्ट को सुंदरवन मॉडल कह जाता है. इससे पहले सुंदरवन नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के आस-पास खेतों पर काम करने वाले ग्रामीण मुखौटा सिर के पीछे लगा कर खेती कर रहे हैं. जिससे टाइगर के इंसानों पर होने वाले हमलों में कमी आई है. बिजनौर में बढती गुलदारों की संख्या और ग्रामीणों पर हो रहे हमलों की वजह से बिजनौर वन विभाग ने मुखौटा कॉन्सेप्ट लागू किया है.
गन्ना खेतों में हो रहे हमले
गन्ना बाहुल्य बिजनौर जिले में गन्ने के खेतों में रह रहे गुलदारों के हमलों से दो साल में अब तक पचास से ज्यादा इंसानों की जान जा चुकी है. दौ सौ से ज्यादा लोग घायल हुऐ हैं. सौ पिंजरे गांवों में लगा कर करीब एक सौ बारह गुलदार पकड़ कर जंगलों और चिडियाघरों में छोड़े जा चुके हैं. तीस से ज्यादा गुलदारों के बच्चे भी खेतों से बरामद किये जा चुके हैं.
500 गुलदार अभी भी मौजूद
वन विभाग के आंकडों के अनुसार पांच सौ से ज्यादा गुलदार गन्ने के खेतों में डेरा डाले हुए हैं. बिजनौर के सौ गांवों को गुलदार बाहुल्य होने की वजह से संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. वन विभाग की टीमें गांव-गांव जागरूकता अभियान चला रही हैं. गाड़ियों में लाउड स्पीकर लगा कर ग्रामीणों को गुलदारों से बचाव के लिये सुझाव दिये जा रहे हैं.
जागरूक करने में जुटा वन विभाग
बिजनौर के डीएफओ ज्ञान सिंह ने बताया कि सौ वनकर्मियों और सौ वन वालेंटियर की बीस टीमें रात दिन गश्त कर रही हैं. गांवों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. बिजनौर तीन तरफ से वनों से और अमानगढ टाइगर रिजर्व पार्क, राजा जी नेशनल पार्क और जिम कार्बेट नेशनल पार्क से घिरा हुआ है. बिजनौर में गन्ने की बहुत अधिक मात्रा में खेती की जाती है. जिसमें गुलदार यहीं रहने लगते है इसीलिए गुलदारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वन विभाग ने गुलदारों से बचाव के लिये एडवायजरी भी जारी कर रखी है. किसी भी घटना-दुर्घटना के होने की सूचना पर क्विक रेस्पांस टीम मदद को पहुंच जाती है
Jan 17 2025, 17:01