हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक कैंसर के प्रबंधन में रोबोटिक सर्जरी की भूमिका
ब्रह्म प्रकाश शर्मा
जानसठ -मुजफ्फरनगर: हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक कैंसर, जो लिवर, गॉल ब्लैडर, बाइल डक्ट्स और पैनक्रियाज से जुड़े कैंसर हैं, के उपचार में रोबोटिक सर्जरी ने एक क्रांतिकारी तकनीक के रूप में उभरकर जटिल सर्जरी के तरीकों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस तकनीक के समावेश ने मरीजों के उपचार के परिणामों पर गहरा प्रभाव डाला है, जिसमें उच्च सटीकता, बेहतर दृश्यता और कम इनवेसिव प्रक्रिया जैसे लाभ शामिल हैं।
इन कैंसर के सर्जरी में, जटिल संरचनाओं और जीवन-संबंधी महत्वपूर्ण अंगों के पास होने के कारण पारंपरिक ओपन सर्जरी चुनौतिपूर्ण होती है। पिछले कुछ दशकों में, ओपन सर्जरी की जगह पहले लेप्रोस्कोपिक और अब रोबोटिक सर्जरी ने ली है। यह विशेष रूप से जटिल हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक ट्यूमर्स के प्रबंधन में प्रासंगिक है। पिछली शताब्दी के अंत में आई रोबोटिक्स तकनीक ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सीमाओं को पार करने में मदद की है।
इसमें 3डी एचडी विजन, सात डिग्री की स्वतंत्रता, उच्च सटीकता और नियंत्रण, बेहतर डिसेक्शन, अधिक एर्गोनॉमिक्स, उन्नत उपकरण नियंत्रण, 10 गुना मैग्नीफिकेशन और उपकरण की स्थिरता शामिल है। यह सटीक डिसेक्शन और पुनर्निर्माण को सक्षम करता है, जिससे आसपास के ऊतकों और अंगों को कम से कम नुकसान होता है।
बीएलके-मैक्स अस्पताल के रोबोटिक सर्जरी विभाग के चीफ और ऑन्कोलॉजी विभाग के वाइस चेयरमैन, डॉ. सुरेंद्र कुमार डबास ने बताया कि “हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक कैंसर में रोबोटिक सर्जरी का एक मुख्य लाभ इसकी कम इनवेसिव प्रकृति है। पारंपरिक ओपन सर्जरी में अक्सर बड़े चीरे लगते हैं, जिससे लंबे समय तक रिकवरी और ज्यादा दर्द होता है। वहीं, रोबोटिक-सहायता वाली प्रक्रियाओं में छोटे-छोटे छिद्र लगाए जाते हैं, जिससे रक्तस्राव कम होता है, अस्पताल में रहने की अवधि घटती है और मरीज तेजी से ठीक होते हैं। रोबोटिक प्लेटफॉर्म की जटिल प्रक्रियाएं करने की क्षमता तंग स्थानों में विशेष रूप से फायदेमंद होती है। यह सर्जन को जटिल शारीरिक संरचनाओं को आसानी से नेविगेट करने, ट्यूमर्स को सटीकता से निकालने और बाइपोलर और डक्ट्स की पुनर्निर्माण प्रक्रियाओं को अत्यधिक सटीकता से पूरा करने में मदद करता है। यह स्तर उच्च गुणवत्ता के कैंसर उपचार और जटिलताओं की कम दर में योगदान देता है।“
इसके अलावा, रोबोटिक सिस्टम द्वारा प्रदान की गई बेहतर दृश्यता प्रमुख संरचनाओं, जैसे कि रक्तवाहिनियों और बाइल डक्ट्स, की पहचान करने और उन्हें बचाने में अमूल्य साबित होती है। यह अंगों के कार्य को बनाए रखने और सर्जरी के बाद जटिलताओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
रोबोटिक सर्जरी का प्रभाव ऑपरेटिंग रूम से भी आगे है। टेली-सर्जरी, जिसे उन्नत रोबोटिक सिस्टम के माध्यम से संभव बनाया गया है, विशेषज्ञ सर्जनों को दूरस्थ रूप से कम अनुभव वाले सहयोगियों को जटिल प्रक्रियाओं में मार्गदर्शन करने की अनुमति देती है। यह ज्ञान स्थानांतरण को सक्षम करता है और सीमित संसाधन वाले क्षेत्रों में विशेष सर्जिकल विशेषज्ञता तक पहुंच का विस्तार करता है।
डॉ डबास ने आगे बताया कि “हालांकि, कई लाभों के बावजूद, हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक कैंसर के लिए रोबोटिक सर्जरी को व्यापक रूप से अपनाने में चुनौतियां बनी हुई हैं। रोबोटिक सिस्टम को प्राप्त करने की प्रारंभिक लागत और विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता वे कारक हैं जिन पर स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विचार करना होगा। साथ ही, पारंपरिक तरीकों की तुलना में रोबोटिक सर्जरी की दीर्घकालिक प्रभावशीलता और लागत-प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए लगातार अनुसंधान आवश्यक है।“
हेपेटोबिलरी और पैनक्रिएटिक कैंसर के प्रबंधन में रोबोटिक सर्जरी ने सटीकता, कम इनवेसिव प्रक्रिया और बेहतर परिणाम प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे तकनीक में प्रगति होती रहेगी और रोबोटिक सिस्टम के साथ अनुभव बढ़ेगा, इन जटिल सर्जरी में रोबोटिक्स की भूमिका और अधिक विस्तृत होती जाएगी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी का भविष्य आकार लेगा।
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