क्षेत्रीय कैंसर संस्थान ने रचा इतिहास: डॉक्टरों ने पाइपेक पद्धति से किया पेट की झिल्ली के कैंसर का सफल उपचार, ओडिशा की महिला को मिला नया जीवन
रायपुर- प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार सशक्तिकरण हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के अथक प्रयासों से राज्य की जनता को सहज और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। वहीं नित नये वैज्ञानिक शोध, परीक्षण और निष्कर्ष पर आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज मनुष्य कई गंभीर बीमारी से ठीक होकर निकल रहे हैं। डॉक्टरों की उपचार प्रक्रिया और मरीज की सकारात्मक सोच की बदौलत कैंसर जैसे असाध्य रोग भी अब साध्य हो चले हैं। इसी क्रम में हाल ही में पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के आंकोसर्जरी (कैंसर सर्जरी) विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पेट की झिल्ली के (पेरिटोनियम) कैंसर से पीड़ित महिला का उपचार पाइपेक (PIPAC) पद्धति से कर महिला के बहुमूल्य जीवन को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। संभवतः मध्य भारत के किसी भी शासकीय कैंसर अस्पताल में इस पद्धति से पहली बार इलाज कर डॉक्टरों ने मरीज के पेट की झिल्ली के कैंसर का इलाज किया है। पाइपेक यानी प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी, कैंसर बीमारी में दी जाने वाली कीमोथेरेपी का ही एक प्रकार है। यह उदर गुहा में दबाव के साथ कीमोथेरेपी को पहुंचाती है जिससे कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। कैंसर सर्जन डॉ.(प्रो.) आशुतोष गुप्ता के नेतृत्व में लेप्रोस्कोपिक विधि से न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के अंतर्गत किये गये इस उपचार विधि में कीमोथेरेपी को एक मशीन के जरिये एरोसोल के रूप में दिया जाता है जिससे कैंसर उत्तकों में दवा का प्रभाव ज्यादा होता है और कैंसर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ओड़िशा की रहने वाली 54 वर्षीय महिला मरीज को उपचार के पांच दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उपचार के बाद वह अब ठीक है और फॉलोअप के लिए आ रही है।
पाइपेक एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया है। इसका मतलब है कि डॉक्टर मरीज के पेट में एक या दो छोटे छेद करके इस प्रक्रिया को पूरी करते हैं जिन्हें एक्सेस पोर्ट भी कहा जाता है।
क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के संचालक एवं पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने पहली बार इस नये विधि से किये गये सफल उपचार के लिए कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रक्रिया है जो कीमोथेरेपी के प्रभाव को बढ़ाता है। कोलोरेक्टल कैंसर, डिम्बग्रंथि का कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर जैसे कैंसर बीमारियों में कीमोथेरेपी के नये विकल्प के रूप में इसे अपनाया जा सकता है। प्रयास करेंगे कि भविष्य में कैंसर के अन्य मरीजों को भी इस उपचार सुविधा का लाभ मिल सके।
अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के उपचार हेतु किये जा रहे निष्ठापूर्ण प्रयासों ने लोगों का विश्वास इस संस्था के प्रति सदा से ही बनाये रखा है।
कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के अनुसार, प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी एक तकनीक है जो दबाव के तहत एरोसोल के रूप में उदर गुहा में कीमोथेरेपी को पहुंचाती है। एरोसोल दो शब्दों से मिलकर बना है। एयरो यानी विशेष हवा और सोल अर्थात् द्रव में अत्यंत छोटे कणों के रूप में पदार्थ का मिश्रण। दबावयुक्त एरोसोल पूरे पेट में कीमोथेरेपी को समान रूप से वितरित करता है। एडवांस पेरिटोनियम कैंसर, जीआई कैंसर और एडवांस ओविरयन कैंसर जैसी बीमारियों में उपचार की इस नई प्रक्रिया के कई संभावित लाभ हो सकते हैं। कीमोथेरेपी की उच्च सांद्रता के कारण कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है और अन्य अंगों को नुकसान कम होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त और भूख न लगना जैसी स्थितियां कम होती हैं। लीवर और किडनी जैसे अंगों को कम नुकसान होता है।
ऐसे संपन्न की जाती है प्रक्रियाडॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले प्रक्रिया के लिए एक्सेस पोर्ट बनाते हैं फिर पेरिटोनियम (पेट की परत वाली झिल्ली) को फुलाने के लिए पोर्ट का उपयोग करते हैं। एक एक्सेस पोर्ट में दबावयुक्त कीमोथेरेपी देने वाला उपकरण डालते हैं। दबावयुक्त एरोसोल कीमोथेरेपी को लगभग 30 मिनट तक पेरिटोनियम के भीतर दिया जाता है। इसके बाद मरीज के पेट से सभी उपकरणों को बाहर निकाल देते हैं और छोटे छेद/चीरे को बंद कर देते हैं। उपचार करने वाली टीम में कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के साथ डॉ. किशन सोनी, डॉ. राजीव जैन, डॉ. गुंजन अग्रवाल और एनेस्थीसिया से डॉ. शशांक शामिल रहे।

रायपुर- प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार सशक्तिकरण हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के अथक प्रयासों से राज्य की जनता को सहज और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। वहीं नित नये वैज्ञानिक शोध, परीक्षण और निष्कर्ष पर आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज मनुष्य कई गंभीर बीमारी से ठीक होकर निकल रहे हैं। डॉक्टरों की उपचार प्रक्रिया और मरीज की सकारात्मक सोच की बदौलत कैंसर जैसे असाध्य रोग भी अब साध्य हो चले हैं। इसी क्रम में हाल ही में पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के आंकोसर्जरी (कैंसर सर्जरी) विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पेट की झिल्ली के (पेरिटोनियम) कैंसर से पीड़ित महिला का उपचार पाइपेक (PIPAC) पद्धति से कर महिला के बहुमूल्य जीवन को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। संभवतः मध्य भारत के किसी भी शासकीय कैंसर अस्पताल में इस पद्धति से पहली बार इलाज कर डॉक्टरों ने मरीज के पेट की झिल्ली के कैंसर का इलाज किया है। पाइपेक यानी प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी, कैंसर बीमारी में दी जाने वाली कीमोथेरेपी का ही एक प्रकार है। यह उदर गुहा में दबाव के साथ कीमोथेरेपी को पहुंचाती है जिससे कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। कैंसर सर्जन डॉ.(प्रो.) आशुतोष गुप्ता के नेतृत्व में लेप्रोस्कोपिक विधि से न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के अंतर्गत किये गये इस उपचार विधि में कीमोथेरेपी को एक मशीन के जरिये एरोसोल के रूप में दिया जाता है जिससे कैंसर उत्तकों में दवा का प्रभाव ज्यादा होता है और कैंसर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ओड़िशा की रहने वाली 54 वर्षीय महिला मरीज को उपचार के पांच दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उपचार के बाद वह अब ठीक है और फॉलोअप के लिए आ रही है।
रायपुर- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर राज्यपाल रमेन डेका सहित केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आत्मीय स्वागत किया।
सरगुजा- रेड के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हुए सटोरियों के मुख्य सरगना सुधीर गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा कि सटोरियों का तार महादेव सट्टा एप से जुड़ा है. सटोरियों ने करीब 15 बैंकों में सैकड़ों खाते खुलवा रखे थे. अब तक पुलिस सौ करोड़ से ऊपर की लेन-देन होने का खुलासा कर चुकी है.
रायपुर- छत्तीसगढ़ में 21 आईपीएस अफसरों को नए साल में प्रमोशन का तोहफा मिला है. नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में 21 आईपीएस अफसरों को स्टार सेरेमनी हुई. जिसमें डीजीपी अशोक जुनेजा ने आईपीएस अफसरों के कंधों में सितारे लगाए और उन्हें बधाई दी. इनमें 5 डीआईजी को आईजी, 7 एएसपी को डीआईजी और 8 एसपी को एएसपी पद पर प्रमोट किया गया है. वहीं केंद्रीय प्रतनियुक्ति पर रहने की वजह से जितेंद्र सिंह मीणा को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है.



रायपुर- राजधानी रायपुर के तेलीबांधा इलाके से अपहरण कर मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुए यश शर्मा ने बीती रात मेकाहारा अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. 4 आरोपियों ने 13 अक्टूबर को यश का अपहरण कर 2 दिनों तक शगुन फार्म्स में बंधक बनाकर मारपीट की थी. जिसके बाद 3 महीने से उसका इलाज जारी था और बीती रात उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रवाना कर दिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. इस मामले में आरोपी तुषार पाहुजा गिरफ्तार है. वहीं बाकी 3 आरोपी फरार बताए जा रहे है।
जांजगीर चांपा- जमीन विवाद पर साले की हत्या करने वाले जीजा को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि एक दिसंबर 2023 को लक्ष्मी नारायण चक्रधारी दशगात्र कार्यक्रम में जांजगीर से बलौदा गया था. इस दौरान उनके जीजा राजकुमार प्रजापत ने टांगी से वारकर उनकी हत्या कर दी. पूरा मामला बलौदा थाना क्षेत्र के राम नगर का है.
रायपुर- ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस आज प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रही है. इस मामले में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, नगरीय निकाय में ओबीसी को 30% आरक्षण मिला है. क्या कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है? साव ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर आरक्षण दिया गया है. भ्रम, भय और भ्रष्टाचार कांग्रेस के राजनीति का आधार रहा है. कांग्रेस इस तरह की राजनीति करना बंद करे. अरुण साव ने कहा, कांग्रेस के भ्रम की बातों में जनता नहीं आने वाली है.
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका को धोखाधड़ी के शिकार हुई महिलाओं का पैसा वापस दिलाने पत्र लिखा है. महंत ने कहा है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों ने प्रदेश की हजारों गरीब महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है, पीड़ितों को उनकी राशि वापस दिलाएं एवं निवेश के नाम पर बैंकों से दिलवाए गए ऋण को माफ किया जाए.
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (CGPSC) की पहली राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा आगामी 9 फरवरी 2025 (CGPSC Exam Date 2025) को होगी. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन गत 1 दिसंबर से 30 दिसंबर 2024 के बीच मंगाए गए. 2 जनवरी 2025 को त्रुटि सुधार हुआ. पीएससी सूत्रों का कहना है कि 246 पदों के लिए अब तक लाखों की संख्या में आवेदन मिले हैं.
Jan 15 2025, 15:58
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0.7k