यूपी में जारी रहेगा ठंड का सितम, मौसम विभाग ने 'कोल्ड डे' और 'ऑरेंज अलर्ट' की चेतावनी जारी की

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच चल रही तेज रफ्तार पछुआ हवाओं ने गलन के एहसास को बढ़ा दिया है। बुधवार को भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सर्द पछुआ हवा चली। कई जगहों पर घना कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग की ओर से बुधवार से लेकर बृहस्पतिवार के बीच प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में कोल्ड डे का अलर्ट जारी किया है। वहीं 30 से ज्यादा जिलों के लिए घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट है। राजधानी लखनऊ में बुधवार को दोपहर बाद हल्की धूप खिली लेकिन फिर सूरज बादलों के बीच छिप गया। दोपहर में गलन का अहसास कम रहा। मौसम विभाग का कहना है कि गलन भरी ठंड और घने कोहरे का सिलसिला अगले तीन से चार दिनों तक ऐसे ही जारी रहने वाला है। प्रदेश में फिलहाल तीन से चार दिन ठिठुरन भरी ठंड और घने कोहरे का सितम यूं ही जारी रहेगा।

मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील पांडेय ने बताया कि प्रदेश में ठंड और मध्यम से घने कोहरे का दौर अगले दो-तीन दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा। 11 और 12 जनवरी को प्रदेश के विभिन्न जगहों पर बूंदाबांदी के संकेत हैं।

बृहस्पतिवार को घने से अत्यंत घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट

आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर एवं आसपास इलाकों में अत्यंत घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है।

शीत दिवस होने की संभावना

बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही ,जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, जालौन, हमीरपुर एवं आसपास इलाकों में शीत दिवस होने का अलर्ट जारी किया गया है।

फिर शरद पवार की पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे अजीत पवार? महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े उलटफेर संकेत

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महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े उलटफेर संकेत मिल रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली रिपोर्ट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दोनों खेमे से आ रही है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) में फिर से फूट डालने की कोशिश कर रही है। राउत की यह टिप्पणी एनसीपी नेता अमोल मितकरी के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार नीत राकांपा के कुछ लोकसभा सदस्य महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के संपर्क में हैं।

उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि एनसीपी शरद पवार की पार्टी के सांसदों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और इसके नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का प्रलोभन दिया जा रहा है। राउत ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में दलबदल कराने का काम सौंपा गया है।

राउत ने दावा करते हे कहा है कि, एनसीपी को केंद्र सरकार में कोई पद नहीं मिलेगा, जब तक कि वे शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट से दलबदल कराने में कामयाब नहीं हो जाते। फिलहाल अजित के नेतृत्व वाली एनसीपी का केवल एक लोकसभा सदस्य (तटकरे) है, जबकि प्रतिद्वंद्वी राकांपा (एसपी) के आठ लोकसभा सदस्य हैं।

सूत्रों के अनुसार, शरद गुट के कई सांसद इसके लिए तैयार भी थे। जब इसकी भनक शरद पवार को लगी तो उन्होंने एनसीपी के कई नेताओं को फटकार लगाई। उन्होंने अजित पवार गुट के नेताओं को ऐसी हरकतें दोबारा न करने की चेतावनी भी दी, मगर वह पार्टी में विभाजन के खतरे को भांप गए। शरद पवार ने समय रहते अपने सांसदों को एकजुट कर लिया।

भाजपा ने सीएम आतिशी के घर गतिरोध पर आप पर 'अराजकता' का आरोप लगाया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा, जब उसके नेताओं ने मुख्यमंत्री के बंगले के बाहर तैनात दिल्ली पुलिस कर्मियों के साथ गतिरोध किया, और इसे "अराजकता का स्पष्ट प्रदर्शन" बताया।

"भ्रष्टाचार के स्मारक की वास्तविकता लोगों के सामने आ रही है, आज जो कुछ भी हो रहा है और आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज जो चरित्र दिखा रहे हैं, चाहे वे कुछ भी करें, वे अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार के संग्रहालय, 'शीश महल' को नहीं बचा पाएंग। आज उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह अराजकता का स्पष्ट प्रदर्शन है," एएनआई ने भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी के हवाले से कहा।

मुख्यमंत्री के घर में प्रवेश से मना किए जाने के बाद आप नेता धरने पर बैठे

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भाजपा द्वारा किए गए 'शीश महल' के दावों का खंडन करने के लिए सीएम के आधिकारिक बंगले तक मार्च किया। पुलिस कर्मियों ने उन्हें बंगले में घुसने से रोक दिया। हम यहां 'तेरा घर, मेरा घर' के इस तर्क को समाप्त करने आए हैं। हमने कहा कि लोगों को पीएम आवास और सीएम आवास दोनों दिखाए जाने चाहिए। इसलिए हम यहां आए हैं," भारद्वाज ने प्रवेश से मना किए जाने के बाद कहा। पुलिस द्वारा प्रवेश से मना किए जाने के बाद भारद्वाज और सिंह सीएम आवास के बाहर 'धरने' पर बैठ गए। बंगले के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ उनकी तीखी बहस भी हुई।

आप पर अपना हमला जारी रखते हुए त्रिवेदी ने कहा, "आज आप ने जो कुछ भी किया है, वह उनके गैरजिम्मेदाराना, पागलपन भरे और अराजक व्यवहार का एक ज्वलंत उदाहरण है।" दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने भी संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज पर निशाना साधते हुए कहा, "आप नेता नाटक कर रहे हैं और शीश महल (6, फ्लैगस्टाफ रोड, जिस पर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर काबिज हैं) के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पहले शीश महल दिखाने के बारे में क्यों नहीं सोचा और अब जब प्रशासन आदर्श आचार संहिता से बंधा हुआ है, तो वे इसे देखने पर जोर क्यों दे रहे हैं?"

दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे। मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

मंदिरों में वीआईपी कल्चर बंद हो”, उप राष्ट्रपति धनखड़ बोले-समानता के प्रतीक हैं धार्मिक स्थल

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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि हमें वीआईपी संस्कृति को खत्म करना चाहिए, खासकर मंदिरों में क्योंकि वीआईपी दर्शन का विचार ही देवत्व के खिलाफ है। वीआईपी दर्शन भक्ति और समरसता की भावना का अपमान है। साथ ही उन्होंने लोगों से विघटनकारी राजनीति से ऊपर उठने और देश को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने की अपील भी की।

श्री मंजूनाथ मंदिर में देश के सबसे बड़े प्रतीक्षा परिसर ‘श्री सानिध्य’ के उद्घाटन के मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने धार्मिक स्थलों पर होने वाली वीआईपी व्यवस्था को लेकर बयान दिया। धनखड़ ने कहा कि जब किसी को वरीयता दी जाती है और प्राथमिकता दी जाती है एवं जब हम उसे वीवीआईपी या वीआईपी कहते हैं तो यह समानता की अवधारणा को कमतर आंकना है। वीआईपी संस्कृति एक पथभ्रष्टता है। यह एक अतिक्रमण है। समानता के नजरिए से देखा जाए तो समाज में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए, धार्मिक स्थलों में तो बिल्कुल भी नहीं।

गलत सूचना के माध्यम से हमें कमजोर करने की कोशिश-धनखड़

धनखड़ ने अपने मुख्य संबोधन में मौजूदा राजनीतिक परिवेश में प्रचलित प्रवृत्ति की आलोचना की, जहां लोग संवाद करने के बजाय लोकतांत्रिक मूल्यों को बाधित करते हैं। उप राष्ट्रपति के मुताबिक भारत में हो रहे राजनीतिक परिवर्तन ‘जलवायु परिवर्तन से भी अधिक खतरनाक हैं’ जो भारतीय लोकतंत्र के विरोधी राजनीतिक ताकतों द्वारा संचालित हैं। धनखड़ ने कहा कि हमें भारत विरोधी ताकतों को बेअसर करना होगा जो विभाजन और गलत सूचना के माध्यम से हमें कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। हमें उन्हें हमारे देश के महान नाम और समावेशिता, कल्याण और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में हासिल की गई सभी उपलब्धियों को कलंकित करने से रोकना होगा।

विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होने की अपील

उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विकास के कई मोर्चों पर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि भौतिकवाद से ऊपर उठकर सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक अधिकारों को मजबूत करने पर ध्यान दें।

मनमोहन सिंह के बाद प्रणब मुखर्जी की समाधी बनाएगी केन्द्र, कांग्रेस के साथ यूं “खेला”

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक पर देश में खूब हल्ला मचा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस ने स्मारक बनाने की मांग की। इसको लेकर खूब विवाद हुआ। सियासत इतनी तेज हुई कि सरकार को इस पर खुद सफाई और सच्चाई बतानी पड़ी। इसी बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मृति क्षेत्र परिसर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी एक स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है। ऐसा तब हुआ है जब सरकार ने अभी तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए स्मारक स्थल की घोषणा नहीं की है। खास बात यह है कि प्रणब मुखर्जी के स्मारक बनाने की मांग ना तो उनके परिवार ने की और ना ही कांग्रेस पार्टी ने।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस फैसले के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, यह इसलिए भी ज्यादा खुशी की बात है क्योंकि हमने इसके लिए नहीं कहा था। प्रधानमंत्री के इस अप्रत्याशित लेकिन वास्तव में दयालु कदम से मैं बेहद प्रभावित हूं। बाबा कहा करते थे कि राजकीय सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए, बल्कि दिया जाना चाहिए। मैं बहुत आभारी हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा की याद में ऐसा किया। इससे बाबा पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब कहां हैं- सिर्फ तारीफ या आलोचना के अलावा। लेकिन उनकी बेटी के लिए, मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती।

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस की ओर से स्मारक बनाए जाने की मांग पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को जमकर खरी-खरी सुनाई थी। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की इस मांग को लेकर उसकी आलोचना की थी। शमिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर दावा किया है कि जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की थी कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित की जाए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह करने का अनुरोध किया था जहां उनका स्मारक बनाया जा सके। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त जगह क्यों नहीं ढूंढ पा रही है। रमेश ने कहा था, 'यह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जानबूझकर अपमान है।

इसके जवाब में बीजेपी ने इसके जवाब में बीजेपी ने कहा था कि यह विडंबना है कि कांग्रेस सरकार को परंपराओं की याद दिला रही है, लेकिन उसने खुद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का स्मारक नहीं बनाया। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा था, 'कांग्रेस ने 2004-2014 तक 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद उनके लिए स्मारक नहीं बनाया। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने नरसिम्हा राव जी के लिए स्मारक बनवाया और 2024 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

न‌ए साल में चार ग्रहण , भारत में भी दिखाई देगा ग्रहण

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

नए साल में चार ग्रहण लगेंगे। लेकिन, इनमें से एक ही खरग्रास चंद्रग्रहण दृश्यमान होगा। ये चंद्रग्रहण दो साल बाद सात सितंबर को लगेगा, जो कि 3:29 घंटे तक दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत समेत एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देशों में भी दिखाई देगाइस साल कम से कम दो और अधिकतम सात ग्रहण लगते हैं। इस बार चार ग्रहण लग रहे हैं। पिछले साल भी चार ग्रहण लगे थे। मगर, दो साल से कोई ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं था। इस साल सात सितंबर को आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा, जो विश्व के करीब सभी देशों में दिखेगा।

ज्योतिष की राय जान लें

ज्योतिषविद विमल जैन और आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार सात सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रात 9.57 बजे चंद्रग्रहण लगेगा जो 1:26 बजे तक रहेगा। यानी ग्रहण 3:29 घंटे तक दिखाई देगा। ग्रहण लगने के नौ घंटे पहले ही सूतक तक लग जाएगा।

इसके चलते शिवालयों व देवालयों में पूजन-अर्चन प्रभावित रहेगा। इस दिन पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र है। इसका प्रभाव कुंभ राशि पर पड़ेगा। ज्योतिषविद ने बताया कि बाकी तीन ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होंगे। पहला चंद्रग्रहण 14 मार्च, दूसरा 29 मार्च को सूर्य ग्रहण और अंतिम सूर्यग्रहण 22 सितंबर को लगेगा।

दिल्ली में सीएम आवास को लेकर बवाल, मुख्यमंत्री आवास देखने पहुंचे सौरभ-संजय को पुलिस ने रोका

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दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है। इस बीच आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले शीशमहल बनाम राजमहल की राजनीति तेज हो गई है। इस बीच आप नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज सीएम आवास देखने पहुंचे। पुलिस ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड के पास बेरिकेड्स लगा रखे हैं। पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। साथ ही आप नेताओं की पुलिस से बहस हुई। इसी के बाद दोनों नेता सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, लेकिन फिर दोनों वापस चले गए।

बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य नेता मीडिया के साथ सीएम हाउस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी, जिसे पार करने की कोशिश पर पुलिस और आप नेताओं के बीच नोकझोंक हुई। आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी सीएम हाउस में लग्जरी सुविधाओं का दावा कर रही है, जिसे दिखाने की मांग पर उन्हें रोका जा रहा है। पुलिस ने ऊपर से आदेश का हवाला देते हुए किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।

आप नेता संजय सिंह ने कहा, कल मैंने चुनौती दी थी बीजेपी जिस आवास के बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि सोने की टॉयलेट, मिनी बार और स्विमिंग पूल बना हुआ है। हम खोजेंगे कहां ये सारी चीजें। पूरे देश को पता चलना चाहिए। दूसरा, देश के पीएम जिन्होंने बड़े बड़े फैशन डिजाइनर को फेल कर दिया है उनका राजमहल भी देखने चलेंगे। उनके 6700 जोड़ी जूते देखने चलेंगे, 200 करोड़ का झूमर देखने चलेंगे, सोने के धागे से जो 300 करोड़ की कालीन बनाई गई है उसे भी देखने जाएंगे। 10-10 लाख का पेन भी देखने चलेंगे। राजा राजमहल में रहने वाले मोदी जी 8400 करोड़ के जहाज से चलते है, 2700 करोड़ के घर में रहते हैं। मुझे लगता है कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। पूरे देश के सामने सच्चाई आयेगी।

दरअसल, बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर दिल्ली के सीएम हाउस को लेकर कई आरोप लगाती रही है। इसी को लेकर उन आरोपों का खुलासा करने और सीएम हाउस में सोने का टॉयलेट, बार और स्विमिंग पूल ढूंढने के लिए आज आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे थे।

बता दें कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर बीजेपी लगातार आरोप लगाती रही है। हाल ही में बीजेपी ने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले पर हुए खर्च को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेस में सीएजी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से 17 मार्च 2020 को एक प्रपोजल दिया था कि सीएम हाउस को रीमॉडलिंग करना होगा।

इसका मतलब केवल रिनोवेशन नहीं है, इसका मतलब था कि बिल्डिंग को गिराकर उस पर एक नया फ्लोर तैयार करना है। एक दिन के अदंर ही इस प्रपोजल को मान लिया गया. प्रपोजल में सीएम हाउस की एस्टीमेट कॉस्ट 7 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। इसके बाद जो टेंडर निकाला गया तो वो 8 करोड़ 62 लाख रुपए का निकाला गया था। साथ ही संबित पात्रा ने कहा कि सीएम हाउस के लिए फाइनल पेमेंट 33 करोड़ 66 लाख रुपए दिया गया। कहां 7 करोड़ का एस्टीमेट और कहां 33 करोड़ रुपए दिए गए।

भारत ने फिर बढ़ाया शेख हसीना का वीजा, पासपोर्ट रद्द करने के बाद अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
#bangladesh_government_cancels_sheikh_hasina_passport_and_india_extend_her_visa
* बांग्लादेश और भारत के बीच पूर्व पीएम शेख हसीना को लेकर तनाव बरकार है। यूनुस सरकार किसी भी कीमत पर शेख हसीना की वतन वापसी चाहता है। बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार भारत से शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की मांग कर रही है और हसीना को जेल में डालने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. शेख हसीना पर चल रहे आपराधिक मामलों को लेकर युनूस सरकार ने पहले उनका अरेस्‍ट वारंट निकाला। इस बीच खबर आई कि बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि, भारत शेख हसीना के साथ अपनी दोस्ती पूरी शिद्दत के साथ निभा रहा है। भारत ने दिल्‍ली में रह रहीं निर्वासित पीएम हसीना का वीजा बढ़ा दिया है। बांग्लादेश ने हाल ही में 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए, जिनमें शेख हसीना का नाम भी शामिल है। इन व्यक्तियों पर आरोप है कि वे जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गायब होने और हत्याओं में शामिल थे। बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार का पासपोर्ट रद्द करने का ये फैसला इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) द्वारा शेख हसीना और अन्य 11 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के 1 दिन बाद आया है। आईसीटी ने 6 जनवरी को हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके बाद हसीना और 11 बाकी लोगों को गिरफ्तार कर फरवरी में न्यायाधिकरण के समक्ष पेश करने का आदेश दिया गया। बांग्लादेश की सबसे लंबे समय प्रधानमंत्री रहने वाली 77 वर्षीय शेख हसीना देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश से भागकर भारत आ गई थीं। 5 अगस्त, 2024 को वह दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरी थीं। इसके बाद उनको सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। बताया जाता है कि वह दिल्ली में एक सुरक्षित घर में हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है। अंतरिम सरकार बनने के बाद हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या समेत कई केस दर्ज हुए हैं। यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना को बांग्लादेश भेजा जाए ताकि उन पर मुकदमा चल सके। बांग्लादेश ने 23 दिसंबर को एक नोट भेजकर भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की है। एक तरफ बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। दूसरी तरफ भारत ने हसीना का वीजा बढ़ाकर यूनुस सरकार को संकेत दिया है कि प्रत्यर्पण अनुरोध फिलहाल ठंडे बस्ते में ही रहेगा। भारत ने शेख हसीना के वीजा को हाल ही में बढ़ाया है ताकि उनके भारत में रहन-सहन को सुगम बनाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक हसीना का वीजा विदेश मंत्रालय की ओर से बढ़ाया गया है साथ ही इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति भी शामिल थी। हालांकि अधिकारियों ने ये स्पष्ट किया कि भारत ने हसीना को शरण नहीं दी है, क्योंकि भारत में शरणार्थियों से संबंधित कोई विशेष कानून नहीं है। शेख हसीना को लेकर बांग्‍लादेश और भारत के हालिया कदम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अब शेख हसीना का भविष्य क्‍या होगा? इसे लेकर बात करें तो भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले ही कह दिया है कि शेख हसीना को अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में खुद निर्णय लेना है। वहीं बांगलादेश के राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के प्रमुख ने कहा है कि आयोग के सदस्य भारत जाने की योजना बना रहे हैं ताकि शेख हसीना से 2009 में बांगलादेश राइफल्स द्वारा 74 लोगों की हत्या के मामले में पूछताछ की जा सके। ऐसे में देखने वाली बात है कि बांग्‍लादेश हसीना का प्रत्‍यर्पण करा पाने के दावे में कितना सफल हो पाता है।
ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले ही दिखाए “खतरनाक” प्लांन, ग्रीनलैंड से लेकर मेक्सिको गल्फ तक इरादे किए साफ

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अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले ही हड़कंप मचा रखा है। ट्रंप की नजर ग्रीनलैंड से लेकर पनामा सिटी और मेक्सिको गल्फ पर गड़ गई है। वह कनाडा को भी अमेरिका का 51वां राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को खुला ऑफर दे चुके हैं। अब उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह ‘गल्फ ऑफ मेक्सिको’ का नाम बदलकर ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। शपथ लेकर बतौर राष्‍ट्रपति अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने से पहले प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके बाकायदा कई घोषणाएं कर दी हैं। ट्रंप ने अमेरिका और दुनिया से जुड़े कई अहम मामलों पर अपना एजेंडा साफ कर दिया है। इस एजेंडे में ट्रंप ने बताया है कि वह अमेरिकी सत्ता संभालने के बाद सबसे पहले किन चीजों पर फोकस करने वाले हैं। अमेरिका के फ्लोरिडा राज्‍य में ट्रंप ने अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में पत्रकारों से बातचीत की है।

मेक्सिको-कनाडा पर टैरिफ

ट्रंप ने अपनी हालिया प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में साफ कर दिया है कि वो कनाडा के साथ-साथ मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। वह अप्रवासियों को ना रोकने के कारण इन देशों से खासे नाराज हैं और इन देशों को तगड़ी आर्थिक चोट देंगे।उन्‍होंने कहा कि मेक्सिको को लाखों लोगों को हमारे देश में आने की अनुमति देना बंद करना होगा। वे उन्हें रोक सकते हैं और हम मेक्सिको और कनाडा पर बहुत गंभीर टैरिफ लगाने जा रहे हैं क्योंकि वे कनाडा के माध्यम से भी अमेरिका में आते हैं। इन देशों से जो ड्रग्स आ रहे हैं वे रिकॉर्ड संख्या में हैं।

मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलेंगे

ट्रंप ने पहले अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली का नाम बदलकर मैकिनले करने का ऐलान कर दिया था। अब उन्होंने घोषणा की है कि वह मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करेंगे। ट्रंप ने मंगलवार को कहा, हम मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करने जा रहे हैं। अमेरिका की खाड़ी कितना सुंदर नाम है और यह उचित है। मेक्सिको वास्तव में संकट में है। बहुत अधिक संकट, यह बहुत खतरनाक जगह है।

पनामा और ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?

पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं पनामा और ग्रीनलैंड पर हमारा अधिकार हो। दोनों ही अमेरिका के लिए अहम हैं और जरूरत पड़ी तो सैन्य कार्यवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। पनामा नहर हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है, पनामा नहर अमेरिका की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। चीन पनामा नहर पर अपनी मौजूदगी को लगातार बढ़ा रहा है, जो अमेरिका के लिए खतरे की घंटी है।

भारत में एच‌एमपीवी कमजोर पर पांच दूसरे वायरस सक्रिय

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

चीन में खलबली मचा रहा ह्यूमन मेटान्यूमो (एचएमपी) वायरस भारत में काफी कमजोर स्थिति में है। उससे कहीं ज्यादा प्रसार पांच तरह के वायरस का देखने को मिल रहा है जो पिछले तीन माह से अलग अलग राज्यों में फैले हैं। यह जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की सर्विलांस निगरानी रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, हर साल की तरह इस बार भी भारत में एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू, एच3एन2, विक्टोरिया, कोरोना और आरएस वायरस के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इन सभी संक्रमण के लक्षण एक जैसे हैं, जिसके चलते अस्पतालों में पहुंचने वाले सर्दी-खांसी के मरीजों में इनकी पहचान हो रही है। इन पांचों वायरस की तुलना में एचएमपी काफी सीमित स्थिति में है। एक अधिकारी ने बताया कि भारत में अलग-अलग तरह के वायरस और उनके प्रसार की निगरानी के लिए आईसीएमआर ने आईएलआई-एसएआरआई सर्विलांस नेटवर्क की स्थापना की है। इस नेटवर्क में देश के लगभग सभी बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ प्रयोगशालाएं शामिल हैं। यहां पहुंचने वाले मरीजों के नमूनों और उनकी रिपोर्ट के आधार पर हर महीने समीक्षा रिपोर्ट तैयार होती है।

26 फीसदी नमूनों में विक्टोरिया वायरस

अधिकारी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि साल 2024 के आखिरी सप्ताह में 26 फीसदी नमूनों में विक्टोरिया वायरस पाया गया, जबकि 14 फीसदी नमूने आरएसवी से संक्रमित मिले। छह फीसदी नमूनों में एच3एन2 और 12 फीसदी में एच1एन1 वायरस की पुष्टि हुई है। विक्टोरिया वायरस, इन्फ्लूएंजा बी वायरस का एक वंश है, जबकि आरएसवी को एचएमपी वायरस का वायरल चचेरा भाई कहा जाता है। ये दोनों वायरस एक ही परिवार से हैं और दोनों में मौसम संबंधी ओवरलैपिंग भी होती है। आरएसवी के मामले अक्सर शुरुआती सर्दियों के महीनों में बढ़ते हैं और एचएमपीवी के मामले सर्दियों के मध्य से शुरुआती वसंत तक बढ़ते हैं।

2024 में इन्फ्लूएंजा से 324 लोगों की मौत

बैठक के दौरान नई दिल्ली स्थित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने जानकारी दी कि एचएमपी वायरस को लेकर जितनी चर्चा हो रही है उससे कहीं अधिक ग्राउंड जीरो पर इन्फ्लूएंजा ए यानी एच1एन1 जैसे वायरस का प्रसार दिखाई दे रहा है। एक जनवरी से 30 नवंबर 2024 के बीच भारत में इस संक्रमण से 324 लोगों की मौत हुई है, जबकि 19,872 लोग संक्रमित पाए गए। यह आंकड़ा साल 2019 के बाद सबसे अधिक है। कोरोना से पहले 2019 में 28,798 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आए, जिनमें से 1,218 मरीजों ने दम तोड़ दिया।

हालिया आंकड़े बताते हैं कि अक्तूबर 2024 से पांच जनवरी 2025 के बीच देश में सर्दी, खांसी और बुखार से जुड़े 20 फीसदी से ज्यादा रोगियों के नमूनों में एच1एन1 जैसा संक्रमण पाया गया है जो एचएमपी की तुलना में करीब चार गुना अधिक है, क्योंकि साल 2001 से 2024 के बीच भारत में सालाना अधिकतम पांच फीसदी नमूने एचएमपी संक्रमित मिले हैं।