संस्कृत भाषा का महत्व एवं प्रचार प्रसार,विषयक कार्यशाला
बिसवां, सीतापुर।जन मानस को संस्कृत भाषा के प्रति संवेदनशील बनाने तथा उसे दैनिक जीवन में व्यवहार में लाने के उद्देश्य से रीता ग्रुप आफ कालेजेज बिसवां में, संस्कृत भाषा का महत्व एवं प्रचार प्रसार,विषयक कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के भाषाविज्ञान के विशेषज्ञ उपस्थित हुए इस अवसर पर कालेज के छात्र,शिक्षक एवं अभिभावक आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कालेज की प्रबंधक डाक्टर रीता मिश्रा ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह देकर स्वागत और अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक रामचन्द्र वर्मा ने किया। इस मौके पर विधालय के छात्रों ने संस्कृत भाषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ राजेश कुमार मिश्र ने कार्यशाला में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा राष्ट्र का गौरव है इसे जन -जन तक पहुंचाने तथा प्रचार -प्रसार में सभी को अपना सक्रिय योगदान करने के लिए आगे आना चाहिए। संस्कृत भाषा संसार की बहुत सी भाषाओं की जननी है। संस्कृत भाषा के अध्ययन के बिना भारतवर्ष के गौरव शाली अतीत को बेहतर ढंग से जानना सम्भव नहीं है।
वैदिक परम्पराओं तथा संस्कृत भाषा के अनमोल खजाने के कारण ही भारत विश्व गुरु कहा जाता था।हम सब का दायित्व है कि संस्कृत भाषा को स्वयं अपनाएं तथा दूसरों को भी इस पावन कार्य के लिए प्रेरित करें। वर्तमान समय में संस्कृत भाषा में शिक्षा ,चिकित्सा,विधिक, दर्शन शास्त्र आदि सभी क्षेत्रों में उच्चशिक्षा एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध है। जिसके माध्यम से बहुत सारे रोजगार प्राप्त किए जा सकते हैं।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं भाषा विज्ञान के विशेषज्ञ डाक्टर यशवंत त्रिवेदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश और समाज के निर्माण में प्राथमिक शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों को आरम्भ से ही संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षित और प्रेरित करें। संस्कृत मात्र एक भाषा ही नहीं है बल्कि चरित्र निर्माण, अनुशासन और व्यक्तित्व निर्माण का एक सशक्त माध्यम है। बेहतर समाज से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।
कार्यक्रम की संयोजक डाक्टर रीता मिश्रा ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। संस्कृत भाषा के प्रचार -प्रसार के लिए तथा इसे रोजगार से जोड़ने के लिए बहुत सी योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
देश के प्रत्येक नागरिक को देववाणी सीखने और उसे दैनिक जीवन में व्यवहार में लाने के देश और समाज के हित में पूरी क्षमता से प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर हिन्दी साहित्य परिषद के अध्यक्ष संतोष कश्यप, शिक्षक रामचन्द्र वर्मा, गुंजन तिवारी, गायत्री श्रीवास्तव,रियांशी वर्मा, प्रियंका वर्मा, अफरोज, सरोज कुमार,अजय कुमार पाण्डेय, तथा आशीष मिश्रा आरिफा,उमारमन मिश्र आदि उपस्थित थे।
Jan 06 2025, 16:34