*यूपी दिवस क लोक कलाकारों का चयन 7 जनवरी को*

खजनी गोरखपुर।यूपी दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में "हमारी संस्कृति हमारी पहचान" के लिए सांस्कृतिक उत्सव कार्यक्रम के तहत 7 जनवरी 2025 को खजनी ब्लॉक सभागार में इलाके के लोक कलाकारों का चयन किया जाएगा।

चयन कार्यक्रम के प्रभारी भाजपा नेता विंध्याचल आजाद ने बताया कि आगामी 7 जनवरी 2025 को खजनी ब्लाॅक सभागार में उपजिलाधिकारी, तहसीलदार एवं खण्ड विकास अधिकारी की उपस्थिति और दिशा निर्देशन में विभिन्न विधाओं, गायन, वादन एवं नृत्य क्षेत्र से जुड़े लोक कलाकारों का चयन किया जाएगा। चयनित कलाकार जिला तथा मण्डल स्तरीय आयोजनों में प्रतिभाग करेंगे, इस दौरान प्रतिभावान कलाकारों को यूपी दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। सांस्कृतिक विभाग द्वारा इस कार्यक्रम का प्रभारी विंध्याचल आजाद को बनाया गया है। प्रतिभागी कलाकारों को अपने साथ अपना वाद्य यंत्र भी लाना होगा। लोक कलाकारों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है। जिसमें एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य, जातीय नृत्य और आदिवासी नृत्य तथा गायन में शास्त्रीय गायन, लोकगायन, बिरहा, लोकगीत, आल्हा, दादरा, ठुमरी, गजल, कजरी भजन इत्यादि गीत शामिल हैं।

तीस किलो अवैध गांजा के साथ दो अभियुक्तो को गीडा थाने की पुलिस ने किया गिरफ्तार

गोरखपुर। गीडा थाने की पुलिस ने तीस किलो अवैध गांजा के साथ दो अभियुक्तो को गिरफ्तार किया है जिसके सम्बध में एसपी नॉर्थ जिंतेंद्र श्रीवास्तव ने पुलिस ऑफिस में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि मुखबीर की सूचना पर दो अभियुक्तो को गिरफ्तार किया गया है जिनकी पहचान अमरनाथ जयसवाल पुत्र श्रीराम जयसवाल निवासी अतरौलिया थाना अतरौलिया जनपद आजमगढ़ दूसरा संतोष उर्फ साजन जयसवाल पुत्र अमरनाथ जयसवाल निवासी अतरौलिया थाना अतरौलिया जनपद आजमगढ़ के रूप में हुई है जिनके पास से 30 किलो अवैध गांजा बरामद किया गया है एसपी नॉर्थ ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि दो ब्यक्ति गांजे की तस्करी करते है जिसको देखते हुए दो अभियुक्तों को बाघागाड़ा फोरलेन से गांजे साथ गिरफ्तार किया गया जिनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में नौसढ़ चौकी प्रभारी शुभम श्रीवास्तव, प्रशिक्षु उपनिरीक्षक धीरेंद्र यादव, महिला प्रशिक्षु उपनिरीक्षक आँचल, हेड कांस्टेबल शैलेन्द्र यादव, प्रेम बहादुर, रमेशचंद्र जोशी, कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह शामिल रहे।

परमहंस योगानंद के जन्मस्थली मुफ्तीपुर में मनाया गया उनका जन्मदिन

गोरखपुर। पूरी दुनिया को क्रिया योग का पाठ पढ़ने वाले परमहंस योगानंद के जन्मस्थली कोतवाली थाना के पश्चिम मुफ़्तीपुर में शेखू उर्फ नवाब साहब और पार्षद समद गुफरान की मौजूदगी में उनकी मौके पर केक काटा गया और उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई इस मौके पर नवाब साहब ने लंगर वितरित किया गया जिसमे वेज बिरयानी बनवाकर सभी ने वितरण करने का कार्य किया गया हर आम वह खास ने ऐसे महान योग गुरु परमहंस योगानंद के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए कार्यक्रम में भाग लिया।

कोतवाली थाना के पश्चिम मुफ़्तीपुर मुहल्ले स्वर्गीय शेख अब्दुल रहीम उर्फ अच्छन बाबू के मकान में किराए पर रहते थे 5 जनवरी 1893 को इसी मकान में उनका जन्म हुआ था । करीब 12 साल इसी मकान में अपने परिवार के साथ रहे। इस मकान से उनकी यादें जुड़ी हुई है इस ऐतिहासिक जगह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पर्यटक स्थल घोषित किया है और बाकायदा इसके लिए 31 करोड रुपए की स्वीकृति भी हो गई है पर्यटन अधिकारी की माने तो फरवरी के पहले सप्ताह से इसका काम शुरू हो जाएगा और देश ही नहीं विदेशों से उनके अनुयाई यहां पर आएंगे।

शेखू उर्फ नवाब साहब ने बताया कि मेरे ही मकान परमहंस योगानंद जी अपने परिवार के साथ रहते थे मेरे दादा बताते हैं कि परमहंस योगानंद जी बचपन से बहुत नटखट थे, उनकी बड़ी बहन उन्हें सामने इमली के पेड़ के पास पढ़ाया करती थी, वह बहुत ही शरारती थे। ज्यादातर उनका समय मेरे परिवार के बीच ही गुजरता था क्योंकि हमारे यहां छोटे बच्चे थे उनके साथ वह खिला करते थे, आज भी उनका पेट्रोमैक्स, खड़ाऊ, पेपर बेड, छड़ी और किराए की रसीद मौजूद है। मेरे पिता स्वर्गीय शेख अब्दुल रहीम 48 सालों से उनका जन्मदिन मनाते रहे हैं हालांकि गोरखपुर में बहुत ही कम लोग उनके बारे में जानते थे लेकिन जब एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके गोरखपुर से जुड़ी यादों को साझा किया तो सभी को उनकी जन्मस्थली के बारे में जानकारी हुई और योगी सरकार ने तो इसे पर्यटक स्थल ही घोषित कर दिया है जिसकी मांग मेरी पिता स्वर्गीय शेख अब्दुल रहमान पहले से उठाते रहे हैं। आज उनके 131 वें जन्मदिन के मौके पर हम लोगों ने केक काटकर के उनके जन्मदिन को मनाया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर लंगर भी वितरित किया गया।

कार्यक्रम में मोहम्मद अलाउद्दीन उर्फ शेखू, शेख निजामुद्दीन, शेख सहाबुद्दीन, शेख सलाउद्दीन ,कलाम अहमद खान, गुड्डू खान, इमरान खान, नेहाल खान, पार्षद समद गुफरान, आकिब खान, अदीब खान, रफी, अब्दुल्ला, शोएब अहमद, ज़ैद मिर्जा, सुफियान, यासीन शेख, आसिम खान, नदीम खान, सैफ अंसारी, मंसूर आलम, गुलाम रसूल, शहजादे इरफान, अली, शीस आदि लोग मौजूद रहे

खजनी में बाइक पर आ रही महिला का बैग छीन उचक्का फरार

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के कटघर चौराहे पर पेट्रोल पंप के समीप शुक्रवार को देर शाम बाइक से जा रहे दम्पति में पीछे बैठी महिला के हांथ से झपट्टा मारकर बैग छीन बाइक सवार दो उचक्के फरार हो गए। वहीं झटके से बैग छीनने के दौरान सड़क पर चलती बाइक का बैलेंस बिगड़ने से पीछे बैठी महिला नीचे सड़क पर गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। घटना को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज कर सीसी टीवी फुटेज के आधार पर पुलिस उच्चकों की तलाश में जुटी हुई है।

बीते शुक्रवार को देर शाम सिकरीगंज थाना क्षेत्र के जयपालपार गांव के निवासी लवकुश शर्मा के दामाद और बेटी गोरखपुर की ओर जा रहे थे रास्ते में बाइक सवार उचक्कों ने खजनी के कटघर चौराहे से आगे छताईं पेट्रोल पंप के पास घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए। पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि बैग में 15 सौ रूपए नकद, मोबाइल फोन तथा अन्य सामान था।

*शादी से पहले गहने-कपड़े लेकर दुल्हन फरार, जयमाल लेकर खड़ा रह गया दूल्हा*

गोरखपुर- सीतापुर जिले से खजनी क्षेत्र के प्रसिद्ध जएश्वरनाथ शिव मंदिर भरोहियां में अपनी शादी करने पहुंचे युवक को चकमा देकर गहने, कपड़े और नगद रकम लेकर बाथरूम से लौट कर आने का बहाना बना कर दुल्हन फरार हो गई। दुल्हा अपने हाथों में जयमाल लेकर इंतजार में खड़ा रह गया लेकिन देर तक इंतजार करने के बाद भी दुल्हन वापस लौट कर नहीं आई। पहले तो युवक मंदिर परिसर तथा आसपास मेंदुल्हन और उसके साथ आई महिला जो कि खुद को दुल्हन की मां बता रही थी, अपने मोबाइल में मौजूद दोनों की फोटो दिखाकर उन्हें तलाश करता रहा लेकिन जब उनका कोई पता नहीं चला तो युवक उन दोनों को तलाश करता हुआ दो किलोमीटर दूर खजनी कस्बे तक आ पहुंचा। युवक के साथ उसका बेटा भी मौजूद था।

दुल्हन को तलाश करते हुए खजनी कस्बे में पहुंचे युवक कमलेश कुमार ने बताया कि वह सीतापुर जिले के तंबौर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव का निवासी है, गांव में रहकर खेती करता है। युवक की पहली पत्नी की मौत हो गई, जिसके बाद घर परिवार चलाने के लिए घर में किसी समझदार महिला की जरूरत थी। सोच विचार कर उसने दूसरी शादी करने का फैसला किया। सीतापुर के रहने वाले शादी करवाने वाले एक बिचौलिए से उसकी मुलाकात हुई। युवक ने अपनी समस्या बताई तो बिचौलिए ने उसे जल्द ही उसके लायक कोई रिश्ता देखकर शादी कराने का भरोसा दिलाया।

कुछ दिनों बाद एक युवती का चित्र दिखाया जिसे युवक ने पसंद कर लिया बातचीत आगे बढ़ी तो बिचौलिए ने गोरखपुर जिले में खजनी थाना क्षेत्र में स्थित भरोहियां गांव के जएश्वरनाथ शिव मंदिर में पहुंच कर जयमाल पहनाकर शादी करने के लिए दिन मुकाम तय कर दिया। युवक ने शादी कराने के बदले बिचौलिए को उसकी फीस के रूप में 30 हजार रूपए दिए। नियत तारीख पर युवक अपने बेटे के साथ भरोहियां मंदिर पर शादी करने के लिए पहुंचा था।

दुल्हन के लिए सुहाग का लाल जोड़ा श्रृंगार के सामान नई साड़ियां और चढ़ावे के लिए गहने लेकर शुक्रवार को दोपहर में मंदिर पर पहुंच कर कपड़े गहने दुल्हन और उसके साथ आई उसकी मां को सौंप दिए। खर्च के लिए नगद रूपए भी दिए शादी के लिए दोनों तैयार हो गए इस बीच दुल्हन ने बाथरूम जाने की आवश्यकता बताई तो अपने हाथों में जयमाल लेकर खड़े युवक ने इजाजत दे दी। लेकिन देर तक जब दुल्हन वापस नहीं लौटी तो युवक उसे तलाश करने लगा।

इस बीच मौका पाकर दुल्हन की मां भी निकल गई। युवक को अपने साथ हुई ठगी का एहसास होता उससे पहले ही दुल्हन अपनी मां के साथ फुर्र हो गई। बदहवास हो कर युवक दुल्हन को तलाश करता हुआ खजनी कस्बे तक आ पहुंचा।

*खजनी में अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था नहीं, कड़ाके की ठंड में गरीबों की बढ़ी परेशानी*

गोरखपुर- बीते दो दिनों से गुरूवार और शुक्रवार को दिन में हल्की धूप निकली पर गलन भरी ठंडी हवाओं के साथ पूरे दिन कोहरे और बदली के बीच गांवों कस्बों में लोग दिन भर अलाव जलाकर अपने हांथ पांव सेंकते नजर आए। कड़ाके की ठंड में स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा क्षेत्र में पर्याप्त अलाव जलाने के प्रबंध नहीं किए गए हैं। जिससे खजनी कस्बे समेत आसपास के बढ़नी,छताईं,कटघर,हरनहीं,भैंसा बाजार,बहुरीपार,रकौली, खजुरी में अलाव नहीं जलाए गए।

कड़ाके की सर्दी के बीच दोपहर बाद धुंध शुरू हो गई, आसमान में बादल छाए रहे शाम से पहले ही कोहरे ने इलाके को अपने आगोश में ले लिया। गलन और शीतलहर से ठिठुरते लोग दोपहर तक अलाव जलाकर अपने हांथ पांव सेंकते रहे। दो दिनों से ठंड बढ़ने के कारण दिनभर सर्दी से लोग ठिठुरते रहे। लोग जगह-जगह अलाव जलाकर तापते नजर आए। गलन शुरू होने के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और ठिठुरन से सभी की हालत खराब रही।

स्थानीय लोगों में शिक्षक सुरेंद्र बहादुर सिंह,राजमंगल चौरसिया, गोरख चौहान, जनार्दन तिवारी, हरिश्चंद्र गुप्ता, रामपाल यादव ने बताया कि इतनी अधिक ठंड में प्रशासन को अलाव की पर्याप्त व्यवस्था करानी चाहिए और कंबल वितरण भी होना चाहिए। वहीं पूर्वांचल व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष दीनानाथ मोदनवाल तथा खजनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामवृक्ष वर्मा ने बताया कि खजनी कस्बा नगर पंचायत क्षेत्र नहीं है और यहां पर रात्रि विश्राम के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में ठंड के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

*बूढ़े पिता को घर में नहीं रहने दे रहे बेटे, थाने में शिकायत लेकर पहुंचा बुजुर्ग*

गोरखपुर- थाना क्षेत्र के कंदराईं गांव के निवासी एक बुजुर्ग पिता को उसके अपने बेटे और बहू घर में नहीं रहने दे रहे हैं। यहां तक कि बुजुर्ग पिता को खाने पीने के लिए भी नहीं देते। अपने ही बेटों के द्वारा की जा रही बदसलूकी की शिकायत लेकर खजनी थाने में पहुंचे बुजुर्ग ने थानाध्यक्ष खजनी सदानंद सिन्हा से आप बीती बताई। उन्होंने ए कहा कि मुझे थाने में ही किसी कोने में रहने की इजाजत दे दें। मैं अपने हाथों से अपने लिए भोजन पका लूंगा। किंतु थानाध्यक्ष ने विभागीय निर्देशों का हवाला देते हुए बुजुर्ग को समझाया कि एक दो समय थाने के मेस में वो नि: शुल्क भोजन कर सकते हैं किन्तु उन्हें थाने में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

खजनी थाने में अपने बेटों की शिकायत लेकर पहुंचे कंदराईं गांव के निवासी राजनारायण सिंह ने बताया कि उनके तीन बेटे संजय सिंह, शत्रुघ्न सिंह और सुशील सिंह हैं। उनका परिवार और बहुएं हैं लेकिन बेटे और बहू उन्हें अपने ही घर में नहीं रहने दे रहे हैं,वो अपना भोजन अलग बनाते खाते हैं लेकिन अब बेटे उन्हें घर में भी नहीं रहने दे रहे हैं।

राजनारायण सिंह ने बताया कि मेहनत मजदूरी करने वाले बेटे शराब पी कर हमेशा उनके साथ विवाद करते हैं बहुएं भी कहती हैं कि परेशानी हो रही है तो घर से चले क्यों नहीं जाते। थाने में मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने बुजुर्ग को रास्ता सुझाते हुए कहा कि यदि बेटे उन्हें अपने ही घर में नहीं रहने दे रहे हैं तो घर बेच दें जैसे ही घर बिकने की बात सुनेंगे बेटे उन्हें घर से नहीं निकालेंगे।

पारिवारिक विवाद में बुजुर्ग पिता को किसी भी प्रकार से मदद करने में पुलिस ने भी असमर्थता जताई। थाने से निराश हो कर राजनारायण सिंह अपने गांव लौट गए।

*धोखाधड़ी कर छिनैती करने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

गोरखपुर- गीडा थाना क्षेत्र खानीपुर अंडर खजनी रोड पर पैसा दुना करने का लालच देकर 1 लाख रुपया छीन कर फरार हुए अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मिली जानकारी से प्रभारी निरीक्षक गीडा विजय कुमार सिंह, चौकी इंचार्ज पिपरौल कामवेंद्र सिंह, कास्टेबिल बृजेश सिंह, अनुज सिंह, पंकज कन्नौजिया, संदीप निषाद, विकास यादव संदिग्ध और वारंटियों की तलाश में गश्त पर निकले हुए थे। तभी जानकारी मिली कि पैसा दुना करने का लालच देकर छीनैती करने वाले दो बदमाश बांसपार रोड के पास खड़े है।

जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर दोनों को घेर कर पकड़ लिया। तलाशी के दौरान छीनैती किए गए 85,900 रुपया बरामद किया। जिसकी पहचान प्रेमचंद पुत्र स्व रामसमझ निवासी हरपुर थाना हरपुर बुदहट तथा दूसरे बदमाश की पहचान रोहित पुत्र दीनानाथ निवासी बेलडाड थाना खजनी के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनो बदमाशो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

*ठंड के साए में साल के पहले समाधान दिवस में पहुंचे 48 फरियादी*

गोरखपुर- तहसील में आयोजित वर्ष के पहले समाधान दिवस में ठंड के कारण फरियादियों की संख्या कम रही। उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचने वाले फरियादियों की संख्या कम रही कुल 48 फरियादी अपने शिकायतों के समाधान के लिए पेश हुए। जिनमें 4 मामलों को मौके पर निस्तारित करा दिया गया।

ज्यादातर मामले भूमि विवाद और पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए। एसडीएम ने सभी मामलों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को जांच और कार्रवाई का आदेश दिया। ठंड के कारण ज्यादातर विभागों के अधिकारी तथा धरना प्रदर्शन कर रहे लेखपाल भी अनुपस्थित रहे। मौके पर नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद, राकेश शुक्ला सीओ चकबंदी मौजूद रहे।

*भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन*

गोरखपुर- संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग में भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषयक अन्तर्राष्ट्रीय परिसंवाद की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो पूनम टण्डन ने भारतीय संस्कृति की व्यापकता को परिभाषित किया तथा कहा कि आदिकाल से अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृतिकरण भारत में हुआ है। प्राचीन काल से ही भारत के विश्वविद्यालयों में छात्रो के अध्ययन की रुचि रही। ईरान से आए प्रो. बलराम शुक्ल ने भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषय पर वक्तव्य दिया। आप ईरान के तेहरान में भारतीय दूतावास के विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक है। कृतकार्य आचार्यों का स्मरण करते हुए कहा भारतीय ज्ञान परम्परा के कारण ही भारत विश्व मे श्रेष्ठ है। इसकी तीन दुर्लभ विशेषताएं प्राचीनता, सातत्य, विपुलता हैं। अन्य सभ्यताओं के अध्ययन के लिए भी भारतीप ज्ञान परम्परा उपयोगी है, इसने भी दूसरे स्रोतों से अपने को समृद्ध किया। वि वि के ध्येय वाक्य “आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः” का प्रमाण दिया। समृद्धि का मुख्य कारण वाह्य श्रोतों के आदान से भी है।

भारत ईरान में अनेक प्रकार से प्रभावित है । हखामंशी राजवंश को सखा मनीषा बताया जो भारतीय सम्बन्धों को बताता है । पंचतन्त्र (कर्टक और दमनक )के नाम पर अनुवाद कलीलः दिमनः के नाम से प्रसिध् है तथा तीसरी शताब्दी में अनेक संस्कृत पुस्तकों का अनुवाद हुआ। अब्बासियों ने भी संस्कृत ग्रन्थों का फारसी में कराया। व्याकरण एवं दर्शन में अनेक ग्रन्थ अनूदित हुए। फारसी ने भारतीय ज्ञान परम्परा को मुख्य दो रूपों में प्रभावित किया। एक प्रचार के लिए दरवाजे का काम किया दुनिया के लिए प्रस्तुत किया। भारतीय ज्ञान की महत्ता पर फारसी मे अनेक कहानियां मिलती है। लगभग 300 पुस्तकें अनूदित हुई। अनेक मूल ग्रन्थों के न होने पर भी फारसी में अनूदित बहरूल हयात जैसी फारसी अनुवाद आयुर्वेद का ग्रन्थ है। उपनिषदों की परम्परा को बनाए रखने का श्रेय भी फारसी को है शिर्रे अकबर नाम से। जिसका तात्पर्य है महान रहस्य। नवजागरण एवं स्वतन्त्रता आन्दोलन में में भी इसकीमहती भूमिका भी है।

दूसरा, फारसी में मूल ज्ञान का उत्पादन जबाने रस्मी के कारण अनेक भारतीय लोगो ने फारसी में लिखे, जो भारत की ज्ञान परम्परा की अखण्डता के लिए आवश्यक है। हमारा भारतीय इतिहास काल से मुक्त होने का कार्य करता है। इतिहास लिखने वाले पहले मुकर्रिब ईरान से ही आए। इसके बिना हम भारतीप ज्ञान परम्परा को पूर्ण नही जान सकते। ताजुल महाशिर प्रथम भारत में लिखा जाने वाला इतिहास था। भारत में भी फारसी कविताएं महत्वपूर्व हुई। 700 भारतीय फारसी कवि थे। फारसी के सारे कोष पहले भारत में लिखे गए। फारसी को भारत में ही सम्पूर्ण सम्मान मिला। हिन्दुस्तान एक नहीं सौ देश हैं अपने आप में ऐसे फारसी के लोग कहते हैं।

विशिष्ट वक्ता, प्रो. रामवन्त गुप्त, निदेशक अन्तर्राष्टीय प्रकोष्ठ दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर, विश्वविद्यालय ने अपने वक्तव्य में वर्तमान में कैसे ईरान से जुड सकते है इस पर चर्चा की। और कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह अन्तराष्टीयकरण अत्यन्त उपादेय सिद्ध होगा।

सारस्वत वक्ता के रूप में नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ योगेन्द्र कुमार ने भी वक्तव्य दिया। विभागाध्यक्ष प्रो राजवंत राव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को सहिष्णु और समावेशी बताया। उन्होंने कहा कि हमारी आत्मसात करने की प्रवृत्ति अत्यंत महत्वपूर्ण है। आत्मसात करने में विवेक का होना आवश्यक है अन्यथा वह बौद्धिक दासता मानी जाती है। भारत की ईरान से रिश्तेदारी है। आपने बोगजगोई अभिलेख की चर्चा की। ईरान के अश्वों की चर्चा की। देवी देवताओं के स्वभाव वैदिक देवताओं से मिलते हैं। रुद्र शिव का ईरान सबसे वडा सेन्टर है। विरासत जैसे शब्दो का उदाहरण देते हुए महत्ता व्यक्त की। फिरोज शाह तुगलक के अनुवाद की चर्चा की और कहा हमारी ईरान की एक साझी संस्कृति है।

कार्यक्रम के संयोजक विभागीय समन्वयक डॉ देवेंद्र पाल ने अतिथि परिचय कराया, डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ रंजनलता ने किया, इस अवसर पर विभाग सहित उर्दू, दर्शन, इतिहास, अंग्रेजी, विधि तथा अन्य विभागों के शिक्षकों की उपस्थिति रही तथा शोधच्छात्र एवं स्नातक / परास्नातक छात्र उपस्थित रहे।