*महाकुंभ 2025 तथा खिचड़ी मेला पर्व की तैयारियों को मॉक ड्रिल कर परखी गई*
गोरखपुर- रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 01 पर स्थापित पश्चिम पुल (फुट ओवर ब्रिज) के समीप मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 13 जनवरी से आयोजित होने वाले महाकुंभ तथा खिचड़ी मेला पर्व के दौरान रेल मार्ग से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसके दृष्टिगत रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो तथा सभी विभागों के मध्य समन्वय स्थापित रहे, हेतु मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल कार्यक्रम को तीन चरणों में संपादित किया गया: -
प्रथम चरण: यह प्रदर्शित किया गया कि एक ही समय में स्टेशन पर भारी संख्या में लोग आ गए हैं जिसके कारण प्लेटफार्म संख्या एक पर स्थापित फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है जिसमें कई व्यक्ति घायल हो गए हैं। फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें 15 लोग दबे हुए हैं जिनको निकालने के लिए रेलवे की टेक्निकल टीम कटर मशीन आदि अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सुरक्षित बाहर निकालने की कार्रवाई को प्रदर्शित करती है। सुरक्षित बाहर निकालने की पश्चात उन्हें प्राथमिक उपचार प्रदान कर जिला अस्पताल रेफर किया जाता है।
द्वितीय चरण: दूसरे चरण में यह प्रदर्शित किया जाता है कि लगभग 175 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 75 व्यक्तियों को रेलवे स्टेशन पर ही स्थापित किए गए वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार प्रदान कर रवाना किया जाता है और शेष 100 व्यक्ति जो गंभीर रूप से घायल है उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रेलवे चिकित्सालय, ए.आई.आई.एम.एस. आदि स्थलों पर रेफर किया जाता है। रेफर किये जा रहे घायलों का विवरण रेलवे हेल्प डेस्क पर अंकित किया जाता है जिससे कि परिजनों को सही सूचना उपलब्ध कराई जा सके।
तृतीय चरण: इसस्थिति में यह प्रदर्शित किया जाता है कि भगदड़ के दौरान किन्हीं कारण वर्ष अग्निकांड की घटना घटित होती है जिस पर रेलवे में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र तथा अग्निशमन विभाग की रेस्क्यू टीम आग पर काबू पाने का प्रदर्शन करती है।
मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए इनर कार्डन एवं आउटर कार्डन में स्थल को विभाजित किया गया। इनर कार्डन जहां पर घटना घटित हुई है वहां पर वही व्यक्ति प्रवेश कर रहे थे जो प्रशिक्षित थे और सुरक्षित रूप से लोगों को बाहर निकालने में सहयोग प्रदान कर रहे थे। आउटर कार्डन में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस आदि बल तैनात थे जो भीड़ को नियंत्रित करने तथा बाहर निकाले जा रहे को घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रहे थे।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ई.ओ.सी) को क्रियाशील किया गया और रेलवे द्वारा प्राप्त प्राथमिक सूचना के आधार पर सभी डिपार्टमेंट को घटनास्थल पर पहुंचने तथा आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु सूचना का प्रसारण ई.ओ.सी. के माध्यम से किया गया।
मॉक कार्यक्रम के साथ-साथ रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कोई कमी ना रहे इस हेतु रेलवे प्रशासन द्वारा प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर के नेतृत्व में निम्नांकित अधिकारीगणों को तैनात किया गया:
सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, स्टेशन डायरेक्टर, असिस्टेंट कमांडेंट आर.पी.एफ., सीओ जी.आर.पी., डिवीजनल मेकेनिकल इंजीनियर आदि अन्य अधिकारी तैनात रहे।
मॉक ड्रिल कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) एवं पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) के नेतृत्व में अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम), डिप्टी कमांडेंट एन.डी.आर.एफ., अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, दल नायक एसडीआरएफ, फायर स्टेशन ऑफीसर, आपदा मित्र, मास्टर प्रशिक्षक, आदि अन्य विभागों के अधिकारीगण अपनी पूरी टीम के साथ तैनात रहे। मॉक ड्रिल कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ गोरखपुर ने किया।
Jan 04 2025, 18:35