*शादी से पहले गहने-कपड़े लेकर दुल्हन फरार, जयमाल लेकर खड़ा रह गया दूल्हा*

गोरखपुर- सीतापुर जिले से खजनी क्षेत्र के प्रसिद्ध जएश्वरनाथ शिव मंदिर भरोहियां में अपनी शादी करने पहुंचे युवक को चकमा देकर गहने, कपड़े और नगद रकम लेकर बाथरूम से लौट कर आने का बहाना बना कर दुल्हन फरार हो गई। दुल्हा अपने हाथों में जयमाल लेकर इंतजार में खड़ा रह गया लेकिन देर तक इंतजार करने के बाद भी दुल्हन वापस लौट कर नहीं आई। पहले तो युवक मंदिर परिसर तथा आसपास मेंदुल्हन और उसके साथ आई महिला जो कि खुद को दुल्हन की मां बता रही थी, अपने मोबाइल में मौजूद दोनों की फोटो दिखाकर उन्हें तलाश करता रहा लेकिन जब उनका कोई पता नहीं चला तो युवक उन दोनों को तलाश करता हुआ दो किलोमीटर दूर खजनी कस्बे तक आ पहुंचा। युवक के साथ उसका बेटा भी मौजूद था।

दुल्हन को तलाश करते हुए खजनी कस्बे में पहुंचे युवक कमलेश कुमार ने बताया कि वह सीतापुर जिले के तंबौर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव का निवासी है, गांव में रहकर खेती करता है। युवक की पहली पत्नी की मौत हो गई, जिसके बाद घर परिवार चलाने के लिए घर में किसी समझदार महिला की जरूरत थी। सोच विचार कर उसने दूसरी शादी करने का फैसला किया। सीतापुर के रहने वाले शादी करवाने वाले एक बिचौलिए से उसकी मुलाकात हुई। युवक ने अपनी समस्या बताई तो बिचौलिए ने उसे जल्द ही उसके लायक कोई रिश्ता देखकर शादी कराने का भरोसा दिलाया।

कुछ दिनों बाद एक युवती का चित्र दिखाया जिसे युवक ने पसंद कर लिया बातचीत आगे बढ़ी तो बिचौलिए ने गोरखपुर जिले में खजनी थाना क्षेत्र में स्थित भरोहियां गांव के जएश्वरनाथ शिव मंदिर में पहुंच कर जयमाल पहनाकर शादी करने के लिए दिन मुकाम तय कर दिया। युवक ने शादी कराने के बदले बिचौलिए को उसकी फीस के रूप में 30 हजार रूपए दिए। नियत तारीख पर युवक अपने बेटे के साथ भरोहियां मंदिर पर शादी करने के लिए पहुंचा था।

दुल्हन के लिए सुहाग का लाल जोड़ा श्रृंगार के सामान नई साड़ियां और चढ़ावे के लिए गहने लेकर शुक्रवार को दोपहर में मंदिर पर पहुंच कर कपड़े गहने दुल्हन और उसके साथ आई उसकी मां को सौंप दिए। खर्च के लिए नगद रूपए भी दिए शादी के लिए दोनों तैयार हो गए इस बीच दुल्हन ने बाथरूम जाने की आवश्यकता बताई तो अपने हाथों में जयमाल लेकर खड़े युवक ने इजाजत दे दी। लेकिन देर तक जब दुल्हन वापस नहीं लौटी तो युवक उसे तलाश करने लगा।

इस बीच मौका पाकर दुल्हन की मां भी निकल गई। युवक को अपने साथ हुई ठगी का एहसास होता उससे पहले ही दुल्हन अपनी मां के साथ फुर्र हो गई। बदहवास हो कर युवक दुल्हन को तलाश करता हुआ खजनी कस्बे तक आ पहुंचा।

*खजनी में अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था नहीं, कड़ाके की ठंड में गरीबों की बढ़ी परेशानी*

गोरखपुर- बीते दो दिनों से गुरूवार और शुक्रवार को दिन में हल्की धूप निकली पर गलन भरी ठंडी हवाओं के साथ पूरे दिन कोहरे और बदली के बीच गांवों कस्बों में लोग दिन भर अलाव जलाकर अपने हांथ पांव सेंकते नजर आए। कड़ाके की ठंड में स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा क्षेत्र में पर्याप्त अलाव जलाने के प्रबंध नहीं किए गए हैं। जिससे खजनी कस्बे समेत आसपास के बढ़नी,छताईं,कटघर,हरनहीं,भैंसा बाजार,बहुरीपार,रकौली, खजुरी में अलाव नहीं जलाए गए।

कड़ाके की सर्दी के बीच दोपहर बाद धुंध शुरू हो गई, आसमान में बादल छाए रहे शाम से पहले ही कोहरे ने इलाके को अपने आगोश में ले लिया। गलन और शीतलहर से ठिठुरते लोग दोपहर तक अलाव जलाकर अपने हांथ पांव सेंकते रहे। दो दिनों से ठंड बढ़ने के कारण दिनभर सर्दी से लोग ठिठुरते रहे। लोग जगह-जगह अलाव जलाकर तापते नजर आए। गलन शुरू होने के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और ठिठुरन से सभी की हालत खराब रही।

स्थानीय लोगों में शिक्षक सुरेंद्र बहादुर सिंह,राजमंगल चौरसिया, गोरख चौहान, जनार्दन तिवारी, हरिश्चंद्र गुप्ता, रामपाल यादव ने बताया कि इतनी अधिक ठंड में प्रशासन को अलाव की पर्याप्त व्यवस्था करानी चाहिए और कंबल वितरण भी होना चाहिए। वहीं पूर्वांचल व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष दीनानाथ मोदनवाल तथा खजनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामवृक्ष वर्मा ने बताया कि खजनी कस्बा नगर पंचायत क्षेत्र नहीं है और यहां पर रात्रि विश्राम के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में ठंड के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

*बूढ़े पिता को घर में नहीं रहने दे रहे बेटे, थाने में शिकायत लेकर पहुंचा बुजुर्ग*

गोरखपुर- थाना क्षेत्र के कंदराईं गांव के निवासी एक बुजुर्ग पिता को उसके अपने बेटे और बहू घर में नहीं रहने दे रहे हैं। यहां तक कि बुजुर्ग पिता को खाने पीने के लिए भी नहीं देते। अपने ही बेटों के द्वारा की जा रही बदसलूकी की शिकायत लेकर खजनी थाने में पहुंचे बुजुर्ग ने थानाध्यक्ष खजनी सदानंद सिन्हा से आप बीती बताई। उन्होंने ए कहा कि मुझे थाने में ही किसी कोने में रहने की इजाजत दे दें। मैं अपने हाथों से अपने लिए भोजन पका लूंगा। किंतु थानाध्यक्ष ने विभागीय निर्देशों का हवाला देते हुए बुजुर्ग को समझाया कि एक दो समय थाने के मेस में वो नि: शुल्क भोजन कर सकते हैं किन्तु उन्हें थाने में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

खजनी थाने में अपने बेटों की शिकायत लेकर पहुंचे कंदराईं गांव के निवासी राजनारायण सिंह ने बताया कि उनके तीन बेटे संजय सिंह, शत्रुघ्न सिंह और सुशील सिंह हैं। उनका परिवार और बहुएं हैं लेकिन बेटे और बहू उन्हें अपने ही घर में नहीं रहने दे रहे हैं,वो अपना भोजन अलग बनाते खाते हैं लेकिन अब बेटे उन्हें घर में भी नहीं रहने दे रहे हैं।

राजनारायण सिंह ने बताया कि मेहनत मजदूरी करने वाले बेटे शराब पी कर हमेशा उनके साथ विवाद करते हैं बहुएं भी कहती हैं कि परेशानी हो रही है तो घर से चले क्यों नहीं जाते। थाने में मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने बुजुर्ग को रास्ता सुझाते हुए कहा कि यदि बेटे उन्हें अपने ही घर में नहीं रहने दे रहे हैं तो घर बेच दें जैसे ही घर बिकने की बात सुनेंगे बेटे उन्हें घर से नहीं निकालेंगे।

पारिवारिक विवाद में बुजुर्ग पिता को किसी भी प्रकार से मदद करने में पुलिस ने भी असमर्थता जताई। थाने से निराश हो कर राजनारायण सिंह अपने गांव लौट गए।

*धोखाधड़ी कर छिनैती करने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

गोरखपुर- गीडा थाना क्षेत्र खानीपुर अंडर खजनी रोड पर पैसा दुना करने का लालच देकर 1 लाख रुपया छीन कर फरार हुए अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मिली जानकारी से प्रभारी निरीक्षक गीडा विजय कुमार सिंह, चौकी इंचार्ज पिपरौल कामवेंद्र सिंह, कास्टेबिल बृजेश सिंह, अनुज सिंह, पंकज कन्नौजिया, संदीप निषाद, विकास यादव संदिग्ध और वारंटियों की तलाश में गश्त पर निकले हुए थे। तभी जानकारी मिली कि पैसा दुना करने का लालच देकर छीनैती करने वाले दो बदमाश बांसपार रोड के पास खड़े है।

जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर दोनों को घेर कर पकड़ लिया। तलाशी के दौरान छीनैती किए गए 85,900 रुपया बरामद किया। जिसकी पहचान प्रेमचंद पुत्र स्व रामसमझ निवासी हरपुर थाना हरपुर बुदहट तथा दूसरे बदमाश की पहचान रोहित पुत्र दीनानाथ निवासी बेलडाड थाना खजनी के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनो बदमाशो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

*ठंड के साए में साल के पहले समाधान दिवस में पहुंचे 48 फरियादी*

गोरखपुर- तहसील में आयोजित वर्ष के पहले समाधान दिवस में ठंड के कारण फरियादियों की संख्या कम रही। उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचने वाले फरियादियों की संख्या कम रही कुल 48 फरियादी अपने शिकायतों के समाधान के लिए पेश हुए। जिनमें 4 मामलों को मौके पर निस्तारित करा दिया गया।

ज्यादातर मामले भूमि विवाद और पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए। एसडीएम ने सभी मामलों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को जांच और कार्रवाई का आदेश दिया। ठंड के कारण ज्यादातर विभागों के अधिकारी तथा धरना प्रदर्शन कर रहे लेखपाल भी अनुपस्थित रहे। मौके पर नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद, राकेश शुक्ला सीओ चकबंदी मौजूद रहे।

*भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन*

गोरखपुर- संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग में भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषयक अन्तर्राष्ट्रीय परिसंवाद की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो पूनम टण्डन ने भारतीय संस्कृति की व्यापकता को परिभाषित किया तथा कहा कि आदिकाल से अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृतिकरण भारत में हुआ है। प्राचीन काल से ही भारत के विश्वविद्यालयों में छात्रो के अध्ययन की रुचि रही। ईरान से आए प्रो. बलराम शुक्ल ने भारतीय ज्ञान परम्परा में फारसी का अवदान विषय पर वक्तव्य दिया। आप ईरान के तेहरान में भारतीय दूतावास के विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक है। कृतकार्य आचार्यों का स्मरण करते हुए कहा भारतीय ज्ञान परम्परा के कारण ही भारत विश्व मे श्रेष्ठ है। इसकी तीन दुर्लभ विशेषताएं प्राचीनता, सातत्य, विपुलता हैं। अन्य सभ्यताओं के अध्ययन के लिए भी भारतीप ज्ञान परम्परा उपयोगी है, इसने भी दूसरे स्रोतों से अपने को समृद्ध किया। वि वि के ध्येय वाक्य “आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः” का प्रमाण दिया। समृद्धि का मुख्य कारण वाह्य श्रोतों के आदान से भी है।

भारत ईरान में अनेक प्रकार से प्रभावित है । हखामंशी राजवंश को सखा मनीषा बताया जो भारतीय सम्बन्धों को बताता है । पंचतन्त्र (कर्टक और दमनक )के नाम पर अनुवाद कलीलः दिमनः के नाम से प्रसिध् है तथा तीसरी शताब्दी में अनेक संस्कृत पुस्तकों का अनुवाद हुआ। अब्बासियों ने भी संस्कृत ग्रन्थों का फारसी में कराया। व्याकरण एवं दर्शन में अनेक ग्रन्थ अनूदित हुए। फारसी ने भारतीय ज्ञान परम्परा को मुख्य दो रूपों में प्रभावित किया। एक प्रचार के लिए दरवाजे का काम किया दुनिया के लिए प्रस्तुत किया। भारतीय ज्ञान की महत्ता पर फारसी मे अनेक कहानियां मिलती है। लगभग 300 पुस्तकें अनूदित हुई। अनेक मूल ग्रन्थों के न होने पर भी फारसी में अनूदित बहरूल हयात जैसी फारसी अनुवाद आयुर्वेद का ग्रन्थ है। उपनिषदों की परम्परा को बनाए रखने का श्रेय भी फारसी को है शिर्रे अकबर नाम से। जिसका तात्पर्य है महान रहस्य। नवजागरण एवं स्वतन्त्रता आन्दोलन में में भी इसकीमहती भूमिका भी है।

दूसरा, फारसी में मूल ज्ञान का उत्पादन जबाने रस्मी के कारण अनेक भारतीय लोगो ने फारसी में लिखे, जो भारत की ज्ञान परम्परा की अखण्डता के लिए आवश्यक है। हमारा भारतीय इतिहास काल से मुक्त होने का कार्य करता है। इतिहास लिखने वाले पहले मुकर्रिब ईरान से ही आए। इसके बिना हम भारतीप ज्ञान परम्परा को पूर्ण नही जान सकते। ताजुल महाशिर प्रथम भारत में लिखा जाने वाला इतिहास था। भारत में भी फारसी कविताएं महत्वपूर्व हुई। 700 भारतीय फारसी कवि थे। फारसी के सारे कोष पहले भारत में लिखे गए। फारसी को भारत में ही सम्पूर्ण सम्मान मिला। हिन्दुस्तान एक नहीं सौ देश हैं अपने आप में ऐसे फारसी के लोग कहते हैं।

विशिष्ट वक्ता, प्रो. रामवन्त गुप्त, निदेशक अन्तर्राष्टीय प्रकोष्ठ दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर, विश्वविद्यालय ने अपने वक्तव्य में वर्तमान में कैसे ईरान से जुड सकते है इस पर चर्चा की। और कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह अन्तराष्टीयकरण अत्यन्त उपादेय सिद्ध होगा।

सारस्वत वक्ता के रूप में नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ योगेन्द्र कुमार ने भी वक्तव्य दिया। विभागाध्यक्ष प्रो राजवंत राव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को सहिष्णु और समावेशी बताया। उन्होंने कहा कि हमारी आत्मसात करने की प्रवृत्ति अत्यंत महत्वपूर्ण है। आत्मसात करने में विवेक का होना आवश्यक है अन्यथा वह बौद्धिक दासता मानी जाती है। भारत की ईरान से रिश्तेदारी है। आपने बोगजगोई अभिलेख की चर्चा की। ईरान के अश्वों की चर्चा की। देवी देवताओं के स्वभाव वैदिक देवताओं से मिलते हैं। रुद्र शिव का ईरान सबसे वडा सेन्टर है। विरासत जैसे शब्दो का उदाहरण देते हुए महत्ता व्यक्त की। फिरोज शाह तुगलक के अनुवाद की चर्चा की और कहा हमारी ईरान की एक साझी संस्कृति है।

कार्यक्रम के संयोजक विभागीय समन्वयक डॉ देवेंद्र पाल ने अतिथि परिचय कराया, डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ रंजनलता ने किया, इस अवसर पर विभाग सहित उर्दू, दर्शन, इतिहास, अंग्रेजी, विधि तथा अन्य विभागों के शिक्षकों की उपस्थिति रही तथा शोधच्छात्र एवं स्नातक / परास्नातक छात्र उपस्थित रहे।

*विजलेंस टीम की ट्रैपिंग के खिलाफ लेखपालों का धरना प्रदर्शन, साजिशन फंसाए जाने का आरोप*

गोरखपुर- लेखपालों को रंगे हाथों घूस लेते पकड़े जाने की बढ़ती घटनाओं को सुनियोजित साजिश बताते हुए लेखपाल संघ के आह्वान पर खजनी तहसील के सभी लेखपालों और पदाधिकारियों ने हड़ताल पर रह कर धरना प्रदर्शन किया। लेखपालों ने साजिशन जबरन फंसाए जाने का विरोध करते हुए संघ के आह्वान पर विरोध करते हुए नारे लगाए और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग करते हुए जिले और प्रदेश में लगातार बढ़ रही लेखपालों को एण्टी करप्शन टीम द्वारा साजिशन फंसाए जाने के मामलों में प्रभावी कार्रवाई, नियंत्रण, अंकुश लगाने, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की।

इस दौरान लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष रामरेखा पूर्व जिलाध्यक्ष विवेक सिंह तहसील अध्यक्ष गगन जायसवाल मंत्री हर्षित सिंह पूर्व अध्यक्ष अश्वनी सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग राय कनिष्ठ उपाध्यक्ष उपेश कुमार उप मंत्री प्रदीप कुमार यादव कोषाध्यक्ष सतीश सिंह प्रशांत तिवारी, बृजभूषण श्रीवास्तव, बलिराम सिंह, संजय सिंह, अविनाश दीक्षित, अमिताभ, श्याम कन्हैया आय व्यय निरीक्षक सहित दर्जनों लेखपालों ने प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन से साजिशन फंसाए जाने की पूर्व में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए।

*शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका गोरख पथ के पांचवें संस्करण का विमोचन*

गोरखपुर- दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका गोरख पथ के द्वितीय वर्ष के चतुर्थ अंक का विमोचन प्रो. पूनम टण्डन, मा. कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने पिछले वर्ष से लगातार प्रकाशित हो रही इस पत्रिका की सराहना करते हुए कहा कि यह पत्रिका शोधपीठ की गतिविधियों का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। शोधपीठ के उपनिदेशक डा. कुशलनाथ मिश्र ने बताया कि इस अंक में अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर माह में शोधपीठ में हुये कार्यक्रमों को विस्तार से समेटा गया है। शोधपीठ के शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों से युक्त इस पत्रिका को विश्वविद्यालय एवं शोधपीठ के आधिकारिक वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

इस अवसर पर ई-पत्रिका के सम्पादक महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र, सह सम्पादक शोधपीठ के सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह, रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार एवं वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ. हर्षवर्धन सिंह उपस्थित रहे।

*महाकुंभ 2025 तथा खिचड़ी मेला पर्व की तैयारियों को मॉक ड्रिल कर परखी गई*

गोरखपुर- रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 01 पर स्थापित पश्चिम पुल (फुट ओवर ब्रिज) के समीप मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 13 जनवरी से आयोजित होने वाले महाकुंभ तथा खिचड़ी मेला पर्व के दौरान रेल मार्ग से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसके दृष्टिगत रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो तथा सभी विभागों के मध्य समन्वय स्थापित रहे, हेतु मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम को तीन चरणों में संपादित किया गया: -

प्रथम चरण: यह प्रदर्शित किया गया कि एक ही समय में स्टेशन पर भारी संख्या में लोग आ गए हैं जिसके कारण प्लेटफार्म संख्या एक पर स्थापित फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है जिसमें कई व्यक्ति घायल हो गए हैं। फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें 15 लोग दबे हुए हैं जिनको निकालने के लिए रेलवे की टेक्निकल टीम कटर मशीन आदि अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सुरक्षित बाहर निकालने की कार्रवाई को प्रदर्शित करती है। सुरक्षित बाहर निकालने की पश्चात उन्हें प्राथमिक उपचार प्रदान कर जिला अस्पताल रेफर किया जाता है।

द्वितीय चरण: दूसरे चरण में यह प्रदर्शित किया जाता है कि लगभग 175 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 75 व्यक्तियों को रेलवे स्टेशन पर ही स्थापित किए गए वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार प्रदान कर रवाना किया जाता है और शेष 100 व्यक्ति जो गंभीर रूप से घायल है उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रेलवे चिकित्सालय, ए.आई.आई.एम.एस. आदि स्थलों पर रेफर किया जाता है। रेफर किये जा रहे घायलों का विवरण रेलवे हेल्प डेस्क पर अंकित किया जाता है जिससे कि परिजनों को सही सूचना उपलब्ध कराई जा सके।

तृतीय चरण: इसस्थिति में यह प्रदर्शित किया जाता है कि भगदड़ के दौरान किन्हीं कारण वर्ष अग्निकांड की घटना घटित होती है जिस पर रेलवे में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र तथा अग्निशमन विभाग की रेस्क्यू टीम आग पर काबू पाने का प्रदर्शन करती है।

मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए इनर कार्डन एवं आउटर कार्डन में स्थल को विभाजित किया गया। इनर कार्डन जहां पर घटना घटित हुई है वहां पर वही व्यक्ति प्रवेश कर रहे थे जो प्रशिक्षित थे और सुरक्षित रूप से लोगों को बाहर निकालने में सहयोग प्रदान कर रहे थे। आउटर कार्डन में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस आदि बल तैनात थे जो भीड़ को नियंत्रित करने तथा बाहर निकाले जा रहे को घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रहे थे।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ई.ओ.सी) को क्रियाशील किया गया और रेलवे द्वारा प्राप्त प्राथमिक सूचना के आधार पर सभी डिपार्टमेंट को घटनास्थल पर पहुंचने तथा आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु सूचना का प्रसारण ई.ओ.सी. के माध्यम से किया गया।

मॉक कार्यक्रम के साथ-साथ रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कोई कमी ना रहे इस हेतु रेलवे प्रशासन द्वारा प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर के नेतृत्व में निम्नांकित अधिकारीगणों को तैनात किया गया:

सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, स्टेशन डायरेक्टर, असिस्टेंट कमांडेंट आर.पी.एफ., सीओ जी.आर.पी., डिवीजनल मेकेनिकल इंजीनियर आदि अन्य अधिकारी तैनात रहे।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) एवं पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) के नेतृत्व में अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम), डिप्टी कमांडेंट एन.डी.आर.एफ., अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, दल नायक एसडीआरएफ, फायर स्टेशन ऑफीसर, आपदा मित्र, मास्टर प्रशिक्षक, आदि अन्य विभागों के अधिकारीगण अपनी पूरी टीम के साथ तैनात रहे। मॉक ड्रिल कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ गोरखपुर ने किया।

*शिक्षकों कि निलंबन एवं बर्खास्तगी को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा ने की प्रेस वार्ता

गोरखपुर- निलंबन एवं बर्खास्तगी को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि द्वारा गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब पहुंचकर प्रेस वार्ता किया गया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अगस्त 2023 में भंग होने के पश्चात प्रदेश भर चल रहे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के निलम्बन एवं वर्खास्तगी से सम्पूर्ण 'शैक्षक समाज आतंकित, एवं चिंतित है। शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों का प्रबन्धकों ‌द्वारा उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। यह सिलसिला गोरखपुर में सर्वाधिक है। जहां 3-4 प्रधानाचार्यों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया। वर्तमान में एक ही संस्था श्री राम रेखा सिंह इण्टर कालेज उरुवा बाजार गोरखपुर के प्रधानाचार्य एवं द्वय प्रवक्तागण को निलम्बित करते हुए निलम्बन का अनुमोदन भी कर दिया गया है। शिक्षक वं शिक्षा के सरंक्षण के लिए बना शिक्षा विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में अधिकांश निर्धन एवं कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसा माहौल सृजित कर न केवल यह इन प्रधानाचार्यों एवं शिक्षको का उत्पीड़न वल्कि निर्धन एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय है। इस तरह की हो रही आये दिन की कार्यवाहियां लोक कल्याण के पावन उद्देश्य से स्थापित वि‌द्यालयों को पूंजीवाद के मूल सिद्धांत की ओर ले जाने का षड्यंत्र है। जो लाभ के सिद्धांत पर आधारित होता है। वह लाभ भी श्रमिकों व उपभोक्ताओं के मिलने के वजाय पूंजीपति को प्राप्त होता है। आज़ के इस पूंजीवादी दौर में समाज शवा की भावना से कार्य करने वाली प्रबन्ध समिति अब पूंजीवादी सिद्धांत पर कार्य करने के लिए उद्यत प्रतीत हो रही हैं। उत्त्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा मांग करता है कि गरीब एवं कमजोर वर्ग के छात्र छात्राओं के हित में प्रबन्धकीय उत्पीड़न एवं अत्याचार से प्रधानाचार्य/शिक्षकों को मुक्ति दिलाने के लिए गोरखपुर मण्डल में निलम्बित एवं वर्खास्तगी को समाप्त किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाय कि भविष्य में किसी भी शिक्षक / कर्मचारी के विरूद्ध ऐसी पुनरावृत्ति न हो।