सावित्रीबाई फुले के नाम पर हर राज्य में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना करें केंद्र सरकार: विनय कुशवाहा
गया। महात्मा ज्योतिबा क्रांतिकारी संघ के बैनर तले गया के गांधी मंडप में देश की प्रथम महिला शिक्षिका महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का जयंती समारोह मनाया गया। जयंती समारोह का अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने किया।
जयंती समारोह को संबोधित करते हुए संघ के राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता विनय कुशवाहा ने कहा कि सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम शिक्षिका थी। सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम बहादुर महिला थी जिन्होंने जात-पात, छुआछूत, बाल विवाह, विधवा विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़कर इस देश की महिलाओं के लिए क्रांतिकारी काम किया।
विनय कुशवाहा ने कहा कि 18वीं सदी में महिलाओं को पढ़ने लिखने की आजादी नहीं थी महिलाओं को दासी समझा जाता था उन्हें घर से बाहर निकालने की आजादी नहीं थी। उसे समय सावित्रीबाई फुले अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर महज 17 साल की उम्र में महिलाओं के पढ़ाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाई।
सावित्रीबाई फुले ने जब महिलाओं के पढ़ने पढ़ाने की बात कही तो उन्हें घर से निकाल दिया गया लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं हारी उसे समय फातिमा शेख के साथ मिलकर महिलाओं के पढ़ने के लिए स्कूल की स्थापना की और महिलाओं को पढ़ाना शुरू किया है। इस देश की महिलाएं अगर शिक्षित हैं तो उन्हें सरस्वती की पूजा नहीं बल्कि सावित्रीबाई फुले की पूजा करनी चाहिए क्योंकि सावित्रीबाई फुले का देन है कि आज इस देश की महिलाएं शिक्षित हैं।
सावित्रीबाई फुले जब पढ़ाने जाती थी तो धर्म के ठेकेदार इन पर गोबर मैला कीचड़ फेंका करते थे गालियां देते थे तरह-तरह के अलाक्षणा लगते थे, लेकिन बहादुर सावित्रीबाई फुले ने इन तमाम प्रताड़ना से लड़कर आगे बढ़ते रही और महिलाओं को पढाने का काम करते रही। महज 3 साल में अनेको महिलाओं के पढ़ाने के लिए स्कूल की स्थापना की जो इस देश के लिए वरदान साबित हुआ। इतना ही नहीं समाज सुधार की दिशा में क्रांतिकारी काम किया विधवा महिलाओं को समाज में तिरस्कार के रूप में देखा जाता था लेकिन सावित्रीबाई फुले ने उनका अधिकार दिलाने के लिए समाज के ठेकेदारों से दिन निर्णायक लड़ाई लड़ी और कामयाब रही आज हम सभी लोग इस बहादुर महान महिला को जन्म दिवस के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और इस देश की केंद्र की सरकार से सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग करते हैं।
विनय कुशवाहा ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि इस देश के महिलाओं में सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का प्रेरणा मिले। देश के हर जिला में सावित्रीबाई के नाम से एक महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हो जिसमें कमजोर गरीब वर्ग के महिलाओं के पढ़ने की पूरी व्यवस्था हो। इस मौके पर सत्येंद्र प्रसाद सुमन, निशांत कुशवाहा, गयाजी, शुशील कुमार कुशवाहा, रवि कुशवाहा, विक्रमादित्य सिंह कुशवाहा, केदार कुशवाहा, रणधीर यादव, उपेंद्र नारायण यादव, पंकज यादव, संजीव कुशवाहा सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Jan 03 2025, 22:23