भारत के साथ दुनिया ने ऐसे किया New Year 2025 का स्वागत

नए साल-2025 का आगाज भारत में हो चुका है. उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है. धार्मिक स्थलों से लेकर पर्यटन स्थलों तक जश्न का माहौल है. लोग अपने-अपने तरीके से नए साल का स्वागत कर रहे हैं. भारत से पहले 41 देशों में नए साल का आगाज हो चुका है. आइए तस्वीरों और वीडियो में देखें देश में कहां और किस तरह मनाया जा रहा है नए साल का जश्न.

हिमाचल प्रदेश के मनाली में जश्न का माहौल है. पर्यटकों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. स्थानीय लोगों के साथ ही 50 हजार से ज्यादा पर्यटक मनाली में नया साल मना रहे हैं. हरियाणा के गुरुग्राम में युवाओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. क्लब और अन्य स्थानों पर लोग जश्न मना रहे हैं. किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस मुस्तैद है.

सिंगापुर में नए साल का आगाज

सिंगापुर में नए साल का आगाज हो चुका है. लोगों ने आतिशबाजी और जश्न के साथ 2025 का स्वागत कर रहे हैं.

चीन में भी हुआ नए साल का आगाज

भारत से पहले चीन, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस में नए साल का आगाज हो चुका है. लाखों लोग बीजिंग से लेकर कुआलालंपुर तक इकट्ठा हुए और 2024 को विदाई देते हुए 2025 का स्वागत किया.

जापान और साउथ कोरिया में हुआ नए साल का आगाज

इससे पहले जापान और दक्षिण कोरिया ने 2025 का स्वागत किया. टोक्यो के टोकुदाई-जि मंदिर में लोग घंटी बजाने की परंपरा में शामिल हुए. दक्षिण कोरिया में सादगी से नया साल मनाया गया. 29 दिसंबर को हुए विमान हादसे में 179 लोगों की मौत की वजह से लोगों ने सादगी से नया साल मनाया.

नए साल की शुरुआत पर मंदिरों में उमड़ी भीड़: उज्जैन के महाकालेश्वर से लेकर वाराणसी के अस्सी घाट तक श्रद्धालुओं का जनसैलाब!

नए साल के पहले दिन धर्म स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन सुबह लाखों भक्त विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. मंदिर में 3 बजे से बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ लेने के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध नजर आ रहे थे. भस्म आरती की शुरुआत होते ही श्रद्धालु जय श्री महाकाल का उद्घोष करते हुए बैरिकेट्स में पहुंचे.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नववर्ष 2025 के पहले दिन अस्सी घाट पर गंगा आरती की गई. आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी. वहीं, राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जायरीन पहुंचे. उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर पर चलित भस्म आरती के माध्यम से बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप के दर्शन किए और नववर्ष पर अपने इष्ट देव बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के साथ ही सुख समृद्धि की कामना भी की.

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि बुधवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे. भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए. जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर पंचामृत अभिषेक और फिर केसर युक्त जल अर्पित किया गया.

भक्तों ने लिया चलित भस्म आरती का लाभ

नववर्ष के पहले दिन बाबा महाकाल का अलग ही स्वरुप में श्रृंगार किया गया, जिसे देखकर भक्त बाबा महाकाल की भक्ति में लीन हो गए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे, जिसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई. नववर्ष का पहला दिन होने के कारण महाकालेश्वर मंदिर में हजारों भक्तों ने चलित भस्म आरती के माध्यम से बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया. इस दौरान पूरे देश भर से बाबा महाकाल के श्रद्धालु भगवान के दर्शनों के लिए उज्जैन पहुंचे.

सिर्फ बाबा महाकाल की होती है भस्म आरती

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अर्पित गुरु ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में सिर्फ बाबा महाकाल का दरबार ही एक ऐसा स्थान है जहां पर प्रतिदिन सुबह भगवान की भस्म आरती की जाती है, जिसमें बाबा महाकाल भस्म से स्वयं का श्रृंगार करते हैं. यह आरती प्रतिदिन सुबह चार बजे भस्म से की जाती है. इसके दौरान सुबह चार बजे भगवान का जलाभिषेक किया जाता है.

बेहतर दिखी व्यवस्थाएं

पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी प्रशासन को पूरी उम्मीद है कि लाखों श्रद्धालु आज शाम तक बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लेंगे. इसीलिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन करने में कोई भी असुविधा न हो इसी, मुताबिक मंदिर में व्यवस्थाएं जुटाई है. आज बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने ठीक से बाबा महाकाल के दर्शन होने पर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की जमकर तारीफ की.

खोला गया जन्नती दरवाजा

नया साल पर अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ पर स्थित जन्नती दरवाजा खोला गया. नए साल के पहले दिन दरगाह शरीफ पर जायरीनों की भीड़ उमड़ पड़ी. जियारत के लिए दूर-दूर से जायरीन दरगाह श्त्रीफ पहुंचे. सुबह फज्र की नमाज के बाद दरगाह शरीफ में स्थित जन्नती दरवाजे को खोला गया.

नए साल की शुरुआत: दिल्ली के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, कालकाजी और हनुमान मंदिर में लगी लंबी कतारें!

साल 2025 की शुरुआत हो गई है. नए साल की शुरुआत कई लोगों ने मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन कर की. नए साल के मौके पर लोग सुबह-सुबह मंदिरों में पहुंचे, जहां भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला. दिल्ली के भी कई मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लोगों ने कतारों में लगकर भगवान के दर्शन किए. उनकी तस्वीरें भी सामने आई हैं.

दिल्ली के कालकाजी मंदिर पर नए साल के पहले दिन सुबह-सुबह श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे. कालकाजी मंदिर का वीडियो भी सामने आया है. इसमें देखा जा रहा है कि देवी काली का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है. लोग प्रसाद चढ़ा रहे हैं और दर्शन कर रहे हैं. दिल्ली की कालकाजी मंदिर काफी मशहूर है और यहां आम दिनों में भी भक्तों की भीड़ दिखती है.

हनुमान मंदिर-छतरपुर मंदिर

इसके अलावा दिल्ली के हनुमान मंदिर में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. नए साल के पहले दिन दिल्ली के हनुमान मंदिर पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ नजर आ रही है. लोग साल की शुरुआत भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके दर्शन के साथ कर रहे हैं. यही नहीं दिल्ली की छतरपुर मंदिर में भी नए साल के पहले दिन भक्तों का ऐसा ही जन सैलाब नजर आया.

बिड़ला मंदिर में भी उमड़ी भीड़

कालकाजी मंदिर, हनुमान मंदिर और छतरपुर मंदिर के साथ दिल्ली की बिड़ला मंदिर में भी कई श्रद्धालुओं दर्शन करने पहुंचे और सुबह की आरती में शामिल हुए. नए साल के पहले दिन दिल्ली की झंडेवालान मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लोगों ने खूब जयकारे लगाए. दिल्ली में नए साल पर होने वाले जश्न को लेकर पुलिस ने पहले ही सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए थे.

क्या 2025 में Google की बढ़ेगी मुसीबत, खुद सुंदर पिचाई ने दिया संकेत

साल 2024 खत्म होने में एक दिन और बचा है. पूरी दुनिया न्यू ईयर को लेकर एक्साइटेड है. गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी के एम्प्लॉइज आने वाले साल 2025 की जरूरी चीजों पर डिसकशन किया है. उन्होंने कहा कि नया साल कई मामलों में महत्वपूर्ण रहने वाला है. उन्होंने अपने एम्प्लॉइज को कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते कंपटीशन और बाकी चैलेंजों से निपटने के लिए जमकर काम करना होगा.

सुंदर पिचाई की मीटिंग में इन मामलों पर रहा फोकस

सुंदर पिचाई कंपनी की स्ट्रैटजी मीटिंग का हिस्सा बने थे. इस मीटिंग में सुंदर पिचाई ने नए साल और चुनौतियों को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है साल 2025 महत्वपूर्ण होगा. नए साल में बदलाव के मौके हैं, साल 2025 में नई टेक्नोलॉजी पर काम करने की जरूरत है. इसे और ज्यादा बेहतर बनाने और यूजर्स की प्रॉब्लम सॉल्व करने पर फोकस करने की जरूरत है.

Gemini AI पर कंपनी?

गूगल अपने Gemini AI मॉडल और ऐप्लिकेशन पर लंबे टाइम से काम कर रही है. इसको बढ़ाने के लिए कंपनी की लगातार कोशिश जारी है. कंपनी को लगता है कि गूगल प्रोडक्ट्स के जरिए 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को Gemini AI का बेनिफिट मिलेगा. पिचाई ने मीटिंग में ये भी कहा कि अगला साल हमारा सबसे ज्यादा फोकस Gemini के नए यूजर्स लाने पर होगा.

बाकी सर्च इंजन से होगी कड़ी टक्कर

गूगल भले ही दुनिया की सबसे बड़ा सर्च इंजन हो लेकिन समय के साथ इसे टक्कर देने वाले मार्केट में एंट्री ले रहे हैं. अब AI-पावर्ड ऑप्शन इंटरनेट स्पेस का हिस्सा बन रहे हैं.

OpenAI अपना ChatGPT सर्च इंजन लेकर आ गया है और Perplexity ने भी 50 करोड़ डॉलर की फंडिंग रेज की है. ऐसे में अब गूगल दबाव बन गया है. गूगल के लिए अपने AI इनोवेशंस पर काम करना जरूरी हो गया है.

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान: "सनातन के साथ चलने वाला ही देश पर राज करेगा!"

मध्य प्रदेश में छतरपुर के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस देश पर वही राज करेगा जो सनातन को साथ लेकर चलेगा और सनातन के साथ चलेगा. उन्होंने कहा कि अब देश का हिन्दू जाग रहा है. युवा जाग रहा है. पूरे देश में क्रांति की लहर चल रही है. महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने टीवी 9 भारतवर्ष से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि समूचा देश एक नई क्रांति की ओर जा रहा है.

हिन्दुत्व की लहर है और देश हिन्दू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ चला है. समूचे देश में हिन्दू जाग गया और देश का युवा भी. अब तो इस देश पर वही राज करेगा, जो सनातन को साथ लेकर चलेगा. उसी के हाथ में सत्ता रहेगी जो सनातन के साथ रहेगा. इस मौके पर उन्होंने देश में बढ़ रहे अपराध को लेकर भी टिप्पणी की. कहा कि इंसान तो पैदा हो रहे हैं, लेकिन इंसानियत मरती जा रही है. यह मरती हुई इंसानियत ही अपराध की वजह है. छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं.

अपराधियों का हो सामाजिक बहिष्कार

यह बेहद शर्मनाक है. इसका एक ही इलाज है कठोर सजा. समय रहते अपराधी को कठोर से कठोर सजा मिले तो ही इस तरह के अपराध रुकेंगे. इसके अलावा जनजागृति भी करनी होगी. इसमें अपराधियों के सामाजिक बहिष्कार का भी निर्णय लेना होगा. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह सही समय कि कथाओं और मंदिरों के माध्यम से लोगों में सामाजिक जन जागृति पैदा की जाए. लोगों में इंसानियत पैदा होगी तो ही लोग एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार बन सकेंगे.

हिन्दुओं का बुरा ना होने की अपेक्षा

उन्होंने अपनी बात कहने के बाद आखिर में फिर दोहराया कि जो सनातन के साथ होगा, वही देश पर राज करेगा. बाकी सब ठीक है. कहा कि वह राजनीति पर ज्यादा कुछ नहीं बोलते, लेकिन वह अपेक्षा रखते हैं कि किसी भी हाल में इस देश के अंदर हिन्दुओं का बुरा ना हो. इसी लक्ष्य को लेकर वह चल रहे हैं और सनातन को जगाने की कोशिश कर रहे हैं.

महाकुंभ: सीमेंट नहीं… गुड़, दाल और मेथी से बन रही हैं 150 साल पुरानी धरोहर का दीवार; अनोखा है इतिहास

महाकुंभ भारत की सनातन परम्परा का धार्मिक और सांस्कृतिक महापर्व है. जनवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे इस महापर्व को दिव्य और भव्य स्वरूप देने में जुटी प्रदेश की योगी सरकार इसकी परंपराओं का संरक्षण करते हुए कुंभ नगरी की सांस्कृतिक धरोहरों का भी संरक्षण कर रही है.

प्रयागराज शहर की एक धार्मिक पहचान होने के साथ ही कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ भी इसका नाम जुड़ा है. इसी के अंतर्गत आता है नगर निगम परिसर स्थित भवन जिसके जीर्णोद्धार का कार्य प्रयागराज नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा है. ब्रिटिश काल में सन् 1865 के करीब संगम नगरी में बने सबसे पुराने ग्रेट नॉर्दर्न होटल और बाद में नगर निगम कार्यालय में तब्दील इस 150 वर्ष से अधिक पुराने भवन का 9 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है.

नगर निगम ने की है पहल

कायाकल्प के बाद प्रयागराज वासियों समेत महाकुंभ में आने वाले पर्यटक भी यह ऐतिहासिक भवन देख सकेंगे. नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग का कहना हैं कि यह भवन प्रयागराज की धरोहर है, इसे संरक्षित रखने की पहल नगर निगम ने की है. महाकुंभ से पहले इस भवन के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो जाएगा. अपने नए रंग रूप में यह भवन पर्यटकों को आकर्षित करेगा. इस ऐतिहासिक इमारत में आजादी के पूर्व देश की आजादी में हिस्सा लेने वाले बुद्धिजीवी समाज की बैठक होती थीं.

1930 के दशक में ब्रिटिश सरकार ने इस भवन को प्रशासनिक भवन में तब्दील कर दिया था. प्रयागराज नगर निगम के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सलाहकार सूरज वीएस ने बताया कि दिसंबर 2020 में नगर निगम के भवन में एक कमरे की छत गिर गई थी, जिसके बाद इस पूरे भवन को गिराकर नया भवन बनाने पर विचार किया गया था. इस डेढ़ सौ साल से अधिक पुराने भवन को गिराने से पहले पुरातत्व विभाग से राय ली गई. एएसआई, एमएनआईटी प्रयागराज और आईआईटी मुम्बई से इस भवन के विषय में परामर्श लिया गया. 2020-21 में एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम की इस बिल्डिंग को धरोहर बताते हुए इसका संरक्षण करने की सलाह दी गई.

प्राकृतिक सामग्री का किया जा रहा इस्तेमाल

150 वर्ष पहले इस भवन का निर्माण ईको फ्रेंडली चीजों से करवाया गया था, इसलिए अब इसका कायाकल्प इन्हीं चीजों से करवाया जा रहा है. इस भवन में पहले मरम्मत के दौरान जो भी नई चीजें लगाई गई थीं, जैसे सीमेंट का प्लास्टर, फर्श की टाइलें, खिड़कियां-दरवाजे, उन्हें अब हटाया जा रहा है, जिससे भवन को असली स्वरूप में वापस लाया जा सके. इससे भवन का तापमान प्राकृतिक रूप से ठंडा रहेगा और गर्मी में भी एयर कंडीशनर का कम इस्तेमाल किया जाएगा. यह तरीका पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुंबई की सवानी हेरिटेज जीर्णोद्धार का काम कर रही है, जो दिसंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद इस भवन में फसॉड लाइटिंग भी लगवाई जाएंगी. महाकुंभ में आने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक भवन को एक नए कलेवर में देखेंगे.

सवानी हेरिटेज के जितेश पटेल ने बताया कि नगर निगम के इस पुराने भवन का जीर्णोद्धार, पुराने जमाने में निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से किया जा रहा है. निर्माण सामग्री के लिए लाइम मध्य प्रदेश कटनी से और बाकी चीजें अलग-अलग राज्यों और लोकल मार्केट से मंगवाई जा रही हैं. सीमेंट बालू की जगह चूना, सुरखी, बालू, बेल गिरि, गुड़, उड़द की दाल, गुगुल और मेथी के मिश्रण से निर्माण सामग्री तैयार की जा रही है. इस बिल्डिंग के विषय में रोचक बात यह भी है कि एक समय में इसी बिल्डिंग में प्रयागराज म्यूजियम हुआ करता था. म्यूजियम से जुड़े साक्ष्य अब भी इस बिल्डिंग में मौजूद हैं.

दिल्ली: सीएम आतिशी की बड़ी घोषणा, बस ड्राइवर को महिलाओं को देखकर बस नहीं रोकने पर होगी सख्त कार्रवाई!

दिल्ली की सीएम आतिशी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार को और मुझे व्यक्तिगत तौर पर शिकायत मिल रही है कि डीटीसी और कलस्टर बस ड्राइवर महिलाओं को देखकर बस नहीं रोकते हैं. दिल्ली सरकार महिलाओं को आश्वस्त करना चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं यात्रा करें. दिल्ली सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. अगर कोई ड्राइवर या कंडक्टर महिलाओं को देखकर बस नहीं रोकेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

सीएम आतिशी ने कहा कि महिलाएं काम पर जाएंगी, लड़कियां स्कूल और कॉलेज जाएंगी. महिलाओं के कामकाजी होने से अर्थव्यवस्था का विकास होता है. हमने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से आदेश निकलवाया है और इंस्ट्रक्शन निकलवाया है, अगर कोई ड्राइवर या कंडक्टर महिलाओं को देखकर बस नहीं रोकेगा तो कार्रवाई होगी.

जब हम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं…

उन्होंने कहा कि ऐसे बस ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड किया जाएगा. इस मामले को लेकर महिलाएं सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए शिकायत कर सकती हैं. इन शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया जाएगा. जब हम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं तो इस दौरान ऐसी शिकायतें मिलती हैं. इसलिए हमने ऐलान किया है कि ऐसे ड्राइवर पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

महिलाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार

सीएम आतिशी ने कहा, आम आदमी पार्टी की सरकार महिलाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली में महिलाएं और बेटियां नौकरी और पढ़ाई के लिए बस से सफर करें, इसके लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने बस यात्रा मुफ्त की हुई है. अगर कोई भी बस निर्धारित स्टॉप पर नहीं रुकती है तो महिलाएं उसकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें.

बरेली: लड़की ने रील बनाने के लिए जाम की सड़क, अब दर्ज हो गया मुकदमा… हो सकती है जेल

आजकल लोग सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए कुछ भी करते हैं. अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर रील बनाते हुए लोगों को देखा गया है. अब ऐसा ही एक मामला यूपी के बरेली से सामने आया है, जहां एक लड़की ने बीच सड़क पर डांस करते हुए रील बनाई. उसकी इस हरकत से आने-वाले लोगों को परेशानी हुई. अब लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दरअसल पूरा मामला बरेली के थाना कैंट क्षेत्र के छावनी परिसर रोड़ का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए एक लड़की ने बीच सड़क पर डांस करते हुए रील बनाई. ऐसे में रोड़ पर जाम लग गया. इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. अब लड़की का वीडियो एक शख्स ने एक्स पर शेयर करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है.

इनफ्लुएंसर नीलम का वीडियो

वायरल वीडियो बरेली की एक इनफ्लुएंसर नीलम उर्फ नीलू का है, जो इंस्टाग्राम पर ‘dreamgirls 84’ नाम से अकाउंट चलाती हैं. उन्होंने बरेली के कैंट इलाके में बीच सड़क पर डांस करते हुए रील बनाई. वहां मौजूद एक व्यक्ति ने नीलू के डांस का वीडियो एक्स पर पोस्ट कर पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की. शिकायतकर्ता का आरोप हैं कि इस तरह से बीच सड़क पर डांस करना लोगों का ध्यान भटकाता है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है और लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है.

मामले में कार्रवाई के दिए आदेश

हाल ही में कुछ युवाओं ने सैकड़ों कारों के साथ टोल प्लाजा पर कार में खड़े होकर रील बनाई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. अब तक उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उस वायरल वीडियो के बाद यह दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि इस मामले में बरेली पुलिस ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक्स पर ही वीडियो को रीपोस्ट किया और कैंट पुलिस को जांच कर जरूरी कार्रवाई के आदेश दिए.

हरियाणा में महंगी होगी प्रॉपर्टी, सरकार के इस फैसले का दिखेगा असर

हरियाणा सरकार एक ऐसा फैसला लिया है जिससे प्रॉपर्टी के दाम में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है. सरकार ने राज्य में विभिन्न संभावित रियल एस्टेट इलाकों के एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्च को 2025 तक 20 फीसदी और 2026 से हर साल 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस फैसले से रियल एस्टेट डेवलपमेंट की कॉस्ट बढ़ने की संभावना है, जिससे खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी महंगी हो सकती हैं. वहीं दूसरी ओर इस ज्यादा ईडीसी कलेक्शन से हरियाणा के में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को फंड करने में मदद मिल सकती है और हरियाणा के डेवलपमेंट करने में काफी ​मदद मिल सकती है.

सरकार ने लिया बड़ा फैसला

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कैबिनेट ने 1 जनवरी, 2025 से 20 फीसदी की एकमुश्त वृद्धि को मंजूरी दी. उसके बाद हर साल 1 जनवरी से 10 फीसदी इजाफे पर मुहर लगाई है. ईडीसी एक प्रोजेक्ट की बाउंड्री के बाहर सड़क, नालियां, बिजली के बुनियादी ढांचे, पानी और सीवेज लाइनों जैसी बाहरी बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स से कलेक्ट किया गया शुल्क है. ईडीसी की कैलकुलेशन टाउन और कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (डीटीसीपी) द्वारा एरिया-वाइज की जाती है, जो किसी विशेष हाउसिंग, कमर्शियल, इंडस्ट्रीयल या मिक्स्ड-यूज्ड वाले इलाके की वृद्धि की संभावना पर निर्भर करता है. दरों को आखिरी बार 2015 में रिवाइज्ड किया गया था.

बढ़ेगा बायर्स पर बोझ

नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल), हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने कहा कि 10 फीसदी सालाना ईडीसी वृद्धि से पूरे राज्य और विशेष रूप से गुरुग्राम में डेवलपर्स और एंड यूजर्स पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2015-2016 के आसपास, डेवलपर्स ने लाइसेंस लेना लगभग बंद कर दिया था क्योंकि ईडीसी दरें बहुत अधिक थीं जिसके बाद सरकार ने इसे धीमा कर दिया और शुल्क नहीं बढ़ाया. 10 फीसदी वृद्धि अव्यावहारिक होगी, और सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा, शहर में सड़कों सहित मौजूदा बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया गया है, जबकि डेवलपर और घर खरीदारों ने ईडीसी में हजारों करोड़ रुपए का भुगतान किया है.

आ सकती है रियल एस्टेट में मंदी

गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट विशेषज्ञ विनोद बहल मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि ईडीसी दरें बढ़ने से रियल एस्टेट इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित होगा क्योंकि दरें पहले से ही ऊंची हैं और रियल्टी मार्केट में सामर्थ्य कम है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में सर्कल रेट में वृद्धि की थी और शहर में संपत्ति की कीमतें पहले ही आसमान पर पहुंच गई हैं. उच्च ब्याज दर और संपत्तियों की हाई कॉस्ट की वजह से रियल एस्टेट मार्केट में 2025 में मंदी देखने को मिल सकती है.

8 सालों से ईडीसी में नहीं हुआ इजाफा

विशेषज्ञों के मुताबिक, गुरुग्राम में किसी प्रोजेक्ट में ईडीसी की मौजूदा लागत पूरी प्रोजेक्ट लागत का 7-8 फीसदी है. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा ईडीसी दरें एक इंडेक्सेशन पॉलिसी पर आधारित थीं, जिसमें 2015 की ईडीसी दरों को आधार माना गया था और पिछले आठ वर्षों में इनमें वृद्धि नहीं की गई थी. 2015 की इंडेक्सेशन पॉलिसी से पहले, EDC दरें हर साल बढ़ाई जाती थीं.

मामले से अवगत अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने 2018 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली से गुरुग्राम और रोहतक के लिए ईडीसी दरें निर्धारित करने और फरीदाबाद, पंचकुला और हिसार के लिए आईआईटी-रुड़की से अनुरोध किया था. हालांकि, दोनों संस्थानों ने काम करने में असमर्थता व्यक्त की जिसके कारण इंडेक्सेशन पॉलिसी और पिछली ईडीसी दरें आज तक जारी रहीं. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य फैसले में, स्टेट कैबिनेट ने भविष्य में इंडेक्सेशन दरें निर्धारित करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, तो ईडीसी रेट तिय करेगा.

राजस्थान: बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने की जंग, 8 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

राजस्थान के कोटपूतली में आठ दिन से बोरवेल में एक साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना फंसी हुई है. उसे बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम भी लगातार कोशिश कर रही हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. अब चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. NDRF के अधिकारी ने कहा कि वह जल्द ही बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लेंगे.

बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन ठोस चट्टान को काटने में कठिनाइयों के बावजूद भी लगातार चल रहा है. एनडीआरएफ अधिकारियों के मुताबिक सोमवार तक काम पूरा होने की उम्मीद है. एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीना ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन का आठवां दिन है. बोरवेल में फंसी चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठोस चट्टान की वजह हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. चट्टान को काटना बहुत मुश्किल है, लेकिन बचाव कार्य चल रहा है.

सुरंग के तापमान में अंतर

उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही चेतना को बचा लेंगे. लगभग आधा काम हो चुका है और हम इसे जल्द ही पूरा करने की कोशिश करेंगे. वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि चेतना तक पहुंचने के लिए सुरंग के निर्माण में सुरंग मार्ग के चट्टानी इलाकों की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, सुरंग के ऊपरी और निचले तापमान में काफी अंतर भी मुश्किलें पैदा कर रहा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में प्लान-बी लागू

कल्पना ने कहा कि हम सुरंग का निर्माण कर रहे हैं. चुनौती बढ़ गई है क्योंकि सुरंग का रास्ता काफी पथरीला है. सुरंग के ऊपर और नीचे के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर है. हमारे पास जितने भी ऑप्शन हैं. उन पर विचार किया जा रहा है और चर्चा की जा रही है. सबसे अच्छे औजार मुहैया कराए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात यानी 26 दिसंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन एक अहम पॉइंट पहुंचा, जिसमें बी-प्लान को लागू किया गया और बोरवेल के पास में छेद में एक पाइप उतारा गया.

बोरवेल में कब गिरी थी बच्ची?

NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमों समेत अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. एनडीआरएफ के एक कर्मी ने कहा था कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद लड़की को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. दरअसल 23 दिसंबर को चेतना अपने पिता के खेत पर खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. तब से ही वह इस बोरवेल में फंसी हुई है. इसी बीच मध्य प्रदेश के गुना में भी एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. उसे 18 घंटे बाद बोरवेल से तो बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उसने दम तोड़ दिया था