H-1B वीजा को लेकर किस लिए एलन मस्क ने खाई युद्ध तक करने की कसम, ट्रंप का भी मिला साथ

डेस्क: एलन मस्क ने एच-1 बी वीजा को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि वह एच-1बी वीजा कार्यक्रम को बचाने के लिए युद्ध तक कर सकते हैं। एलन मस्क के इस ऐलान के बाद उनको नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन भी मिल गया है। एक दिन पहले ही अरबपति कारोबारी ने कुशल विदेशी पेशेवरों को अमेरिका लाने को इस कार्यक्रम की रक्षा करने के लिए युद्ध तक करने की कसम खाई थी। ट्रंप ने अपने सरकारी दक्षता मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए मस्क को भारतीय-अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी के साथ चुना है।

मस्क ने पिछले हफ्ते तर्क दिया था कि उनकी स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए विदेशी पेशेवरों की जरूरत है। मस्क ने शुक्रवार को इस बारे में ‘एक्स’ पर एक उपयोगकर्ता को फटकार लगाई, जिसने वीजा कार्यक्रम पर उनके रुख पर हमला करने के लिए उनके ही एक वीडियो का इस्तेमाल किया था। मस्क ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं एच1बी कार्यक्रम के कारण ही स्पेसएक्स, टेस्ला और अमेरिका को मजबूत बनाने वाली सैकड़ों अन्य कंपनियों का निर्माण करने वाले कई महत्वपूर्ण लोगों के साथ अमेरिका में हूं।’’

इसके बाद शनिवार को ट्रंप ने मस्क का पक्ष लेते हुए कहा कि वह अपने कुछ समर्थकों के विरोध किए जाने वाले कार्यक्रम का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क पोस्ट अखबार से कहा, ‘‘मुझे हमेशा से वीजा पसंद रहे हैं, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं। इसलिए हमारे पास ये हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं एच-1बी वीजा में विश्वास करता रहा हूं। मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है। यह एक शानदार कार्यक्रम है।’’ एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है।

इंडियन इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, डेलॉयट का अनुमान, FY25 में 6.5 से 6.8% की दर से बढ़ेगी भारतीय GDP

डेस्क: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है। मजबूत घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी लौटेगी और चालू वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी 6.5 से 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वहीं, अगले वित्त वर्ष (2025-26) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर कुछ अधिक यानी 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच रहेगी। डेलॉयट इंडिया ने यह अनुमान लगाया है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वृद्धि दर अनुमान से कम रही है क्योंकि चुनाव को लेकर अनिश्चितताओं के बाद भारी बारिश और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से घरेलू मांग और निर्यात प्रभावित हुआ था। उन्होंने कहा, हालांकि, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत काफी जुझारू क्षमता दिखा रहा है। इनमें उपभोग का रुख या सेवाओं की वृद्धि, निर्यात में उच्च मूल्य वाले विनिर्माण की बढ़ती हिस्सेदारी और पूंजी बाजार शामिल हैं।

डेलॉयट ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटलीकरण पर ध्यान देने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के उपायों से कुल दक्षता में सुधार होगा जिससे वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। मजूमदार ने कहा कि हम सतर्क के साथ आशावादी बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी। अगले वित्त वर्ष में यह 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच रहेगी। इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था। जून में आरबीआई ने वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

इस कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में

डेलॉयट ने कहा कि उच्च मूल्य वाले खंडों मसलन इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और रसायन जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण निर्यात वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की बढ़ती मजबूत स्थिति को दर्शाता है। इस बीच, खुदरा और घरेलू संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी की वजह से स्थानीय पूंजी बाजारों में स्थिरता देखने को मिली है। हालांकि, पिछले ढाई महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली की है। आपको बता दें कि मैन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के चलते चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी। हालांकि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं अप्रैल-जून, 2024 की तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत थी।

रन-वे पर टकराते ही बम बन गया विमान, विस्फोट के बाद 50 फुट ऊपर तक उछले यात्रियों के शव

डेस्क: दक्षिण कोरिया में रन-वे पर क्रैश होने से पहले जेजू एयर का विमान हवा में एक पक्षी से भी टकराया था। इसका वीडियो भी सामने आ गया है। इसके बाद जब विमान रन-वे लैंडिंग के वक्त भी बेकाबू था। बताया जा रहा है कि लैंडिंग गियर में खराबी आ जाने से वह अचानक दीवार की फेंसिंग से तेज स्पीड में टकरा गया। फैंसिंग से टकराते ही पूरा विमान बम में तब्दील हो गया। भीषण विस्फोट के साथ उसमें बैठे यात्रियों के शव 50 फुट से भी ज्यादा ऊंचाई तक उछल कर इधर-उधर बिखर गए। हादसा इतना अधिक भयानक था कि देखकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएं। 

बता दें कि यह हादसा दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ है। इसमें अब तक 96 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कम से कम 130 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। विमान में करीब 182 यात्री सवार थे। कहा जा रहा है कि रन-वे पर फेंसिंग से टकराने से पहले यह विमान हवा में एक पक्षी से भी टकरा गया था, जिसका वीडियो भी सामने आया है। 

दक्षिण कोरियाई मीडिया ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें विमान रन-वे पर लैंडिंग से पहले पक्षी से टकराता दिख रहा है। इसके बाद उसमें हल्की आग और धुआं उठता भी दिखाई देता है। आगे जाकर विमान लैंडिंग के वक्त रनवे पर फेंसिंग से टकराते ही शक्तिशाली बम में तब्दील हो जाता है। भीषण विस्फोट के बाद लोगों के चीथड़े उड़ते दिखाई दे रहे हैं।

संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा', मन की बात कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

डेस्क : पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहे हैं। उन्होंने संविधान दिवस और महाकुंभ का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2025 में 26 जनवरी को देश में संविधान को लागू हुए 75 साल होने जा रहे हैं जो हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है वह समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट है और हमारा मार्गदर्शक है।

उन्होंने कहा कि संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है। इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं। अलग-अलग भाषाओं में संविधान को पढ़ने के साथ ही संविधान से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं। पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया वे इस वेबसाइट को जरूर देखें और इसका हिस्सा बनें।

पीएम मोदी ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी विशेषता केवल इसकी विशालता में नहीं है बल्कि इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराए, सैकड़ों संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बन सकता है। कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है। कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।

गैंगस्टर छोटा राजन को मुंबई की विशेष अदालत से मिली राहत, बिल्डर पर गोली चलवाने के मामले में बरी हुआ

डेस्क: गैंगस्टर छोटा राजन को मुंबई की विशेष अदालत ने 16 साल पुराने मामले में बरी कर दिया है। साल 2008 में एक बिल्डर पर गोली चलाई गई थी। इस मामले में छोटा राजन को आरोपी बनाया गया था, लेकिन विशेष आदालत ने उसे बरी कर दिया है। शुक्रवार मुंबई की विशेष अदालत ने 67 वर्षीय गैंगस्टर राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन को बरी कर दिया। छोटा राजन पर व्यवसायी और डेवलपर धर्मराज सिंह उर्फ बच्ची सिंह की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। कथित तौर पर राजन के गिरोह के सदस्यों ने धर्मराज पर गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में डेवलपर गंभीर रूप से घायल हो गया था।

छोटा राजन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है और कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसे पेश किया गया था। यह पूरा मामला साल 2008 का है और मुंबई के डीएन नगर पुलिस स्टेशन में केस रजिस्टर किया गया था। छोटा राजन पर आरोप था कि उसके गैंग से जुड़े हुए चार लोगों ने इस गोलीबारी को अंजाम दिया, जिसमें छोटा राजन की मुख्य भूमिका थी।

छोटा राजन फिलहाल साल 2011 में पत्रकार जे डे और 2001 में होटल व्यावसायिक जय शेट्टी की हत्या के मामले में सजा काट रहा है। छोटा राजन पर और भी कई मामले दर्ज हैं। साल 2008 में व्यापारी द्वारा दिए गए बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें छोटा राजन के चार कथित सहयोगियों, कमर रशीद उर्फ मोनू उर्फ मुन्ना अब्दुल रशीद सिद्दीकी, 22, परवेज अख्तर तजम्मुल हुसैन सिद्दीकी, 34, अनीस अनवर उल हक खान, 34, और असगर राजाबली खान, 30, पर पहले ही मुकदमा चल रहा था। 2010 में इनमें से तीन को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि चौथे, असगर खान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी अजित पवार की पार्टी, बीजेपी से अलग लड़ेगी चुनाव, इन 11 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

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दिल्ली चुनाव से पहले अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी बिगुल फूंक दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद दिल्ली में एनडीए के घटक दल एनसीपी ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।एनसीपी के संसदीय बोर्ड की मंजूरी के बाद पहले चरण में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है।

प्रत्याशियों के नाम इस प्रकार हैः-

1.बुराड़ी से रतन त्यागी

2.बादली से मुलायम सिंह

3.मंगलोपुरी से खेम चंद

4.चांदनी चौक से खालिदुर्रहमान

5.बल्लीमारान से मोहम्मद हारून

6.छतरपुर से नरेंद्र तंवर

7.संगम विहार से कमर अहमद

8.ओखला से इमरान सैफी

9.लक्ष्मीनगर से नमाहा

10. सीमापुरी से राजेश लोहिया

11. गोकुलपुरी से जगदीश भगत

पिछले दिनों एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि उनकी पार्टी पहले भी दिल्ली में चुनाव लड़ती रही है और इस बार भी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन के लिए एनडीए से भी चर्चा की जाएगी। हालांकि जिस प्रकार एनसीपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कि उससे जाहिर हो गया कि वह बीजेपी के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ रही है।

बता दें कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, जिसमे आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपनी दो उम्मीदवारों की लिस्ट में 47 उम्मीदवारों का ऐलान अबतक किया है बाकी उम्मीदवारों का ऐलान होना अभी बाकी है। वही अवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही एनसीपी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

जगजीत सिंह डल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को फटकार, 31 दिसंबर तक अस्पताल भेजने का दिया समय

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सुप्रीम कोर्ट ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई है। खनूरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई की। अदालत ने डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान नेता को चिकित्सा सहायता दी जाए। कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के अपने पूर्व आदेशों का पालन ना करने पर फटकार लगाई। किसान नेता 26 नवंबर से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है। अदालत ने डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान नेता को चिकित्सा सहायता दी जाए। हालांकि, अदालत जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के राज्य के प्रयासों से असंतुष्ट है। अदालत ने किसान नेता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मनाने के लिए 31 दिसंबर का समय दिया है।

पंजाब सरकार ने कहा कि अगर दल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित किया गया तो किसान विरोध कर सकते हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मांगों के लिए आंदोलन करना लोकतांत्रिक तरीका है लेकिन किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने के लिए आंदोलन करना कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले आप समस्याएं पैदा करते हैं और फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते।

कोर्ट ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील से कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आप हलफनामे के जरिए किसानों की बातों का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा कि हमें उन किसानों की नीयत पर शक है, जो डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में बाधा डाल रहे हैं।

डल्लेवाल के स्वास्थ्य और जीवन की चिंता करते हुए अदालत ने पंजाब सरकार को उन्हें चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना याचिका पर नोटिस भी जारी किया है। न्यायालय ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल स्थानांतरित करने के उसके निर्देशों का पालन करना होगा।

दिल्ली एलजी ने 'महिला सम्मान योजना' की जांच के दिए आदेश, आप का बीजेपी पर पलटवार

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दिल्ली में महिला सम्मान योजना को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस योजना को लेकर अब आप की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। एलजी सचिवालय ने महिला सम्मान योजना के जांच के आदेश दिए हैं। एलजी सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इस जांच में पता लगाया जाएगा कि किस आधार पर दिल्ली में रजिस्ट्रेशन का काम हो रहा है।

हाल ही में आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था. पार्टी की ये योजना विवादों में है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रूपये दिए जाएंगे। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम इस समय चल रहा है। अब उपराज्यपाल ने इसी योजना के संबंध में जांच के आदेश दे दिए हैं। उपराज्यपाल ने पूछा कि दिल्ली में महिला सम्मान योजना को लेकर जो रजिस्ट्रेशन का काम हो रहा है, वह किन नियमों के आधार पर हो रहा है। इस बात को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं। इस काम के लिए डिविजनल कमिश्नर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

केजरीवाल ने बीजेपी पर बोला हमला

अरविंद केजरीवाल ने एलजी द्वारा 'महिला सम्‍मान योजना' की जांच करने के आदेश पर बीजेपी को घेरते हुए कई आरोप लगाए। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा, बीजेपी वाले आपकी संजीवनी योजना और महिला सम्‍मान योजना को बंद करा देंगे। आपके मोहल्ला क्‍लीनिक बंद कर देंगे, स्कूलों का कबाड़ा कर देंगे। फ्री शिक्षा बंद कर देंगे। बीजेपी दिल्ली चुनाव सब कुछ बंद करने के लिए लड़ रही है। बीजेपी वाले महिला सम्मान योजना बंद करना चाहते हैं। ये नहीं चाहते कि महिलाओं का भला हो। ये सभी योजनाओं को बंद कर देगी।

रजिस्ट्रेशन कर लोगों को गुमराह करने के लगे आरोप

इससे पहले दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की महिलाओं व बुजुर्गों से जुड़ी संजीवनी और मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजनाओं से दूरी बनाते हुए लोगों को सतर्क किया था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने विज्ञापन जारी कर कहा कि ऐसी योजना नहीं हैं। रजिस्ट्रेशन कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। विज्ञापन जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि अपनी जानकारी साझा करने से बचें। दिल्ली सरकार के महिला और स्वास्थ्य विभाग ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर कहा है कि ये योजनाएं उनके पास अधिसूचित नहीं हैं। अधिसूचित होने पर दिल्ली सरकार स्वयं इसके लिए पोर्टल शुरू करेगी और पंजीकरण कराएगी।

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राजकीय सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्‍कार पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ कर दिया गया है, वह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मनमोहन सिंह की बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी। मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस के सभी वरिष्‍ठ नेता भी मौजूद रहे।

निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलामी दी गई। पीएम मोदी ने निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, जेपी नड्डा, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी।

मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को आज सुबह साढ़े आठ बजे के लगभग कांग्रेस मुख्‍यालय में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया, जहां कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्‍यालय 24 अकबर रोड से निगमबोध घाट के लिए निकली। पार्थिव शरीर के साथ मुख्‍य वाहन में राहुल गांधी भी बैठे नजर आए। कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, तो इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा' और ‘मनमोहन सिंह अमर रहें' नारे लगाते रहे।

दुख की घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए', डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के मुद्दे पर कांग्रेस को बीजेपी की नसीहत

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटन को लेकर देश में सियासी पारा बढ़ा हुआ है। कांग्रेस और सरकार आमने-सामने आ गई है। जहां, कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा ने विपक्ष पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की समाधि को लेकर जारी घमासान के बीच बीजेपी ने कांग्रेस को राजनीति से बचने की नसीहत दी है।

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद पूरा देश शोक में है। देश के आर्थिक विकास की आधारशिला रखने वाले व्यक्तित्वों को उचित सम्मान देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर कल कैबिनेट ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक स्मारक और समाधि बनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में जो भी समय लगेगा, यह बात कांग्रेस पार्टी को बता दी गई है।

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि सरकार ने स्मारक बनाने का फैसला लिया है। अब भूमि अधिग्रहण ट्रस्ट और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद, इसमें जो भी समय लगेगा, जितना भी समय लगेगा, यह काम हो जाएगा। लेकिन, यह बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी जिसने कभी भी डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में सम्मान नहीं दिया। आज उनकी मृत्यु के बाद भी उनके सम्मान का राजनीतिकरण किया जा रहा है। कम से कम आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए।

बता दें कि कांग्रेस की मांग है कि जिस जगह पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार हो, वहीं पर उनकी समाधि बनाई जाए। जब कि सरकार का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाएगा। समाधि और स्मारक स्थल के लिए भी जगह जल्द आवंटित कर दी जाएगी. जगह देने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर है।